पिछले चार दशकों में चक्रवातों की तीव्रता में बढ़ोत्तरी: डेटा
अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस के अनुसार, पिछले 40 वर्षों में प्रत्येक वर्ष उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की संख्या निरंतर बनी हुई है, लेकिन उनकी तीव्रता में वृद्धि हुई है।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
चक्रवातों की तीव्रता
औसत पवन की अधिकतम गति 182 किमी./घंटा (1981-2010) से बढ़कर 192 किमी./घंटा (पिछले दशक) तक पहुँच गई।
जलवायु परिवर्तन से श्रेणी 4 एवं श्रेणी 5 के चक्रवातों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
समुद्र का तापमान बढ़ने से चक्रवात की तीव्रता में वृद्धि की संभावना है।
हालिया चक्रवात डेटा
सर्वाधिक शक्तिशाली चक्रवात
तूफान मिल्टन अमेरिकी तट को क्षतिग्रस्त करते हुए 278 किमी./घंटा की गति तक पहुँच गया था।
त्रिनिदाद एवं टोबैगो
आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण त्रिनिदाद एवं टोबैगो में आपातकाल की घोषणा की गई है।
त्रिनिदाद एवं टोबैगो के बारे में
त्रिनिदाद एवं टोबैगो कैरेबियन क्षेत्र में स्थित द्वीपीय देश है।
यह वेनेजुएला के उत्तर-पूर्व एवं ग्रेनाडा के दक्षिण में स्थित है।
अवस्थिति: उत्तरी गोलार्द्ध एवं पश्चिमी गोलार्द्ध।
राजधानी: पोर्ट ऑफस्पेन।
उपनाम: हमिंगबर्ड की भूमि।
सबसे बड़ा शहर: चगुआनास।
सीमावर्ती क्षेत्र: द्वीप उत्तर में कैरेबियन सागर से, दक्षिण एवं पूर्व में अटलांटिक महासागर तथा पश्चिम में पारिया की खाड़ी से घिरा हुआ है।
इनके साथ समुद्री सीमाएँ साझा करने वाले देश:
बारबाडोस: उत्तर-पूर्व में।
गुयाना: दक्षिण-पूर्व में।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
उच्चतम बिंदु: एल सेरो डेल अरिपो।
प्रमुख नदी: कारोनी नदी।
अर्थव्यवस्था
आर्थिक आधार: मुख्य रूप से औद्योगिक, तेल एवं गैस के महत्त्वपूर्ण भंडार पर आधारित है।
पर्यटन: अधिकांश कैरेबियाई देशों के विपरीत, पर्यटन की अर्थव्यवस्था में अल्प भूमिका है।
प्राकृतिक लाभ: दक्षिण में स्थित होने के कारण अन्य कैरेबियाई क्षेत्रों की तुलना में कम चक्रवात आते हैं।
टी.एम. कृष्णा को ‘संगीत कलानिधि’ से सम्मानित किया गया
चेन्नई में संगीत अकादमी द्वारा आयोजित 98वें वार्षिक सम्मेलन एवं संगीत कार्यक्रम में टी.एम. कृष्णा को प्रतिष्ठित ‘संगीत कलानिधि’ 2024 पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
‘संगीत कलानिधि’पुरस्कार
इसे कर्नाटक संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है।
पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक एवं एक उद्धरण-पत्र शामिल है।
अन्य पुरस्कार विजेता
संगीत कालाचार्य टाइटल: पारसला रवि एवं गीता राजा।
संगीतज्ञ पुरस्कार 2024: डॉ. मार्गरेट बास्टिन।
टीटीके पुरस्कार: तिरुवैयारु ब्रदर्स (एस. नरसिम्हन एवं एस. वेंकटेशन) तथा वायलिन वादक एच.के. नरसिम्हामूर्ति।
टी.एम. कृष्णा के बारे में
टी.एम. कृष्णा एक प्रशंसित भारतीय कर्नाटक गायक, लेखक, कार्यकर्ता, लेखक एवं रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता हैं।
पुरस्कार एवं सम्मान
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (2016)
संगीत कलानिधि पुरस्कार (2024)
राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार (2017)
स्वाति संगीत पुरस्कार (2019): संगीतकारों के लिए केरल राज्य सरकार का सर्वोच्च सम्मान।
टी.एम. कृष्णा का साहित्यिक कार्यों में योगदान
एक दक्षिणी संगीत-द कर्नाटक स्टोरी (2013), एमएस अंडरस्टूड, रीशेपिंग आर्ट (2018), सेबेस्टियन एंड संस (2020)।
ब्राजीलियन वेलवेट एंट (चींटी)
वैज्ञानिकों ने पाया कि रोएँदार ‘अल्ट्रा-ब्लैक’ ततैया की एक प्रजाति के शरीर पर उपस्थित काले निशान 1 प्रतिशत से भी कम प्रकाश को परावर्तित करते हैं।
ब्राजीलियन वेलवेट एंट (Brazilian Velvet Ant)
अन्य नाम: वेलवेट एंट कहे जाने के बावजूद, ये कीट वास्तव में एक ततैया हैं, न की चींटियाँ।
पर्यावास: ब्राजीलियन वेलवेट एंट (चींटी) आमतौर पर ब्राजील के उष्णकटिबंधीय सवाना एवं शुष्क रेगिस्तान में पाई जाती हैं।
विशेषता: वे अपने आकर्षक काले एवं सफेद चिह्नों के लिए प्रसिद्ध हैं।
हालिया खोज: मादा वेलवेट एंट में अल्ट्राकाले भाग होते हैं, जो लगभग सभी दृश्यमान प्रकाश को अवशोषित करते हैं।
रेगुलर ब्लैक से तुलना
साधारण ब्लैक: यह मेलेनिन के कारण होता है एवं प्रकाश की कुछ मात्रा को परावर्तित करता है, जैसे कौवे के पंख।
अल्ट्राब्लैक: सूक्ष्म संरचनाओं के माध्यम से प्राप्त किया जाता है, जो सतह से टकराने वाले लगभग सभी प्रकाश को अवशोषित करता है, जिससे यह रेगुलर ब्लैक रंग की तुलना में काफी गहरा हो जाता है।
अल्ट्राब्लैक रंग के कार्य
रक्षा तंत्र: अल्ट्राब्लैक रंग लगभग सभी पराबैंगनी प्रकाश को अवशोषित करता है, जो UV-संवेदनशील दृष्टि वाले शिकारियों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
छद्मवेश: हालांँकि शिकारियों से छिपने में इसकी भूमिका स्पष्ट नहीं है, ब्राजीलियन वेलवेट एंट में अन्य अच्छी तरह से विकसित विशेषताएँ पाई जाती हैं, जिनमें डंक, कठोर बाह्यकंकाल एवं चिल्लाने या चीखने की आवाज शामिल हैं।
मधुमक्खी, चींटी एवं ततैया के बीच अंतर
स्वरूप: मधुमक्खियाँ मोटे शरीर वाली रोएँदार होती हैं, चींटियाँ पतली एवं चिकनी होती हैं, जबकि ततैया का चमकदार शरीर होता है।
व्यवहार: मधुमक्खियाँ सामाजिक परागणकर्ता हैं, चींटियाँ स्वच्छक/अपमार्जक होती हैं, एवं ततैया शिकारी या परजीवी होती हैं।
घोंसला बनाना: मधुमक्खियाँ मोम का छत्ता बनाती हैं, चींटियाँ भूमिगत बस्तियाँ बनाती हैं एवं ततैया कागज जैसे घोंसले बनाती हैं।
आहार: मधुमक्खियाँ रस एवं पराग खाती हैं, चींटियाँ विविध खाद्य पदार्थ (शर्करा, प्रोटीन) खाती हैं तथा ततैया कीड़े एवं पराग खाती हैं।
डंक: मधुमक्खियाँ डंक मारने के बाद मर जाती हैं, चींटियों के डंक कमजोर होते हैं एवं ततैया कई बार डंक मार सकती है।
पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका: मधुमक्खियाँ महत्त्वपूर्ण परागणकर्ता हैं, चींटियाँ मृदा के वातन में मदद करती हैं एवं ततैया कीटों की आबादी को नियंत्रित करने में सहायक हैं।
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