हाल ही में NGC 3785 आकाशगंगा से जुड़ी टाइडल टेल (Tidal Tail) के अंत में बनने वाली एक नई अति-विसरित आकाशगंगा की खोज की गई है।
खोज: राष्ट्रीय रेडियो खगोलभौतिकी केंद्र (NCRA) पुणे एवं भारतीय खगोलभौतिकी संस्थान (IIA) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने NCG 3785 गैलेक्सी की टाइडल टेल का विस्तृत फोटोमेट्रिक विश्लेषण किया।
NGC 3785 आकाशगंगा: आकाशगंगा पृथ्वी से लगभग 430 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर सिंह तारामंडल (Leo Constellation) में स्थित है।
प्रकाशित: यहअध्ययन यूरोपीय जर्नल, एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स लेटर्स में प्रकाशित हुआ था।
एक अल्ट्रा-डिफ्यूज गैलेक्सी का गठन: NGC 3785 की टाइडल टेल के अंत में, खगोलविदों ने एक नवजात अल्ट्रा-डिफ्यूज गैलेक्सी (UDG) के निर्माण को देखा है।
अल्ट्रा-डिफ्यूज गैलेक्सी: इनकी विशेषता इनका कम चमकीला होना है, जो प्रायः पारंपरिक सर्वेक्षणों में पता नहीं चल पाती है।
इन आकाशगंगाओं का निर्माण NGC 3785 एवं एक पास की आकाशगंगा के बीच गुरुत्वाकर्षण संपर्क से प्रेरित है।
महत्त्व
आकाशगंगा विकास को समझना: यह समझने के लिए नए रास्ते खोलेगा कि विशाल ब्रह्मांड में आकाशगंगाएँ कैसे विकसित होती हैं एवं कैसे परस्पर क्रिया करती हैं।
नई ब्रह्मांडीय संरचनाओं की खोज: यह शोध आकाशगंगाओं की परस्पर क्रिया एवं ब्रह्मांड में नई संरचनाओं के निर्माण में शामिल प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालता है।
टाइडल टेल के बारे में
टाइडल टेल तारों एवं अंतरतारकीय गैस की एक लंबी, पतली धारा है, जिसका निर्माण तब होता है, जब दो आकाशगंगाएँ आपस में एक-दूसरे से निकटता से जुड़ती हैं और प्रत्येक आकाशगंगा से सामग्री को दूर खींचती हैं।
गठन: आकाशगंगाओं के बीच गुरुत्वाकर्षण संबंधी अंतःक्रियाएँ टकराव या विलय के दौरान हो सकती हैं, जहाँ गैस और तारों को अक्सर आकाशगंगाओं के बाहरी क्षेत्रों से अलग करके दो टाइडल टेल बनती हैं।
प्रत्येक आकाशगंगा में एक अनुगामी एवं एक पूर्ववर्ती टाइडल टेल का निर्माण होता है।
सबसे लंबी टाइडल टेल: गैलेक्सी NGC 3785 की टाइडल टेल आश्चर्यजनक रूप से 1.27 मिलियन प्रकाश वर्ष तक फैली हुई है, जो इसे अब तक खोजी गई सबसे लंबी टाइडल टेल है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, सिंगापुर ने विश्व के सबसे शक्तिशाली पासपोर्टों में शीर्ष स्थान पुनः प्राप्त कर लिया है, जिसके द्वारा विश्वभर में 227 में से 195 स्थानों पर वीजा-मुक्त पहुँच प्राप्त की जा सकती है।
भारत की रैंकिंग:
वर्ष 2025 रैंक: 85वीं।
57 देशों में वीजा-मुक्त पहुँच।
हालिया रुझान: 90वीं रैंक (वर्ष 2021) से 80वीं रैंक (वर्ष 2024) तक सुधार लेकिन गिरकर 85वें (वर्ष 2025) पर आ गया।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2024
बिना किसी पूर्व वीजा के सुलभ गंतव्यों के आधार पर विश्व पासपोर्ट की मूल, आधिकारिक रैंकिंग।
वर्ष 2006 में हेनले एंड पार्टनर्स वीजा प्रतिबंध सूचकांक (Henley & Partners Visa Restrictions Index- HVRI) के रूप में शुरू किया गया।
अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (International Air Transport Association-IATA) और ‘हेनले एंड पार्टनर्स’ की शोध टीम के डेटा का उपयोग करता है।
डेटा एवं कवरेज: सूचकांक में 199 पासपोर्ट और 227 यात्रा गंतव्य शामिल हैं।
पासपोर्ट का वीजा-मुक्त ‘स्कोर’ उन देशों की संख्या से निर्धारित होता है, जहाँ यह बिना वीजा के पहुँच प्रदान करता है।
सूचकांक प्राधिकरण: पासपोर्ट रैंकिंग और वैश्विक गतिशीलता का आकलन करने में वैश्विक नागरिकों और संप्रभु राज्यों के लिए मानक संदर्भ उपकरण माना जाता है।
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