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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal January 16, 2025 04:29 37 0

भारत क्लाइमेट फोरम 

हाल ही में भारत को स्वच्छ तकनीक विनिर्माण में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए भारत क्लाइमेट फोरम लॉन्च किया गया था।

भारत क्लाइमेट फोरम 

  • यह एक राष्ट्रीय फोरम है, जो भारत में क्लीनटेक विनिर्माण में तेजी लाने के लिए नीति, उद्योग, वित्त एवं अनुसंधान से हितधारकों को एकजुट करने के लिए समर्पित है।
  • मेजबानी: ‘सेंटर फॉर इंडिजिनस इकोनॉमिक अंडरस्टैंडिंग’ (CIEU) एवं ‘डलबर्ग एडवाइजर्स’
  • समर्थन: फोरम को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), नीति आयोग तथा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सहित प्रमुख संस्थानों द्वारा समर्थित किया गया है।
  • उद्देश्य: स्वच्छ तकनीक विनिर्माण में भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करना, नेट-जीरो लक्ष्य एवं विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
  • थीम: फोरम छह मूलभूत विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो भारत की नेट-जीरो लक्ष्य को पूरा करने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
    • स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन एवं भंडारण।
    • नेट-जीरो के लिए विनिर्माण क्षेत्र को तैयार करना।
    • E-मोबेलिटी  एवं हरित परिवहन।
    • जलवायु वित्त एवं निवेश जुटाना।
    • औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन एवं स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण।
    • जलवायु कार्रवाई एवं नेतृत्व के लिए साझेदारी बनाना।

दृष्टि-10 स्टारलाइनर

अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस द्वारा विकसित दृष्टि-10 स्टारलाइनर ड्रोन, गुजरात के पोरबंदर तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

दृष्टि-10 स्टारलाइनर 

  • दृष्टि-10 स्टारलाइनर एक उन्नत मानव रहित हवाई वाहन (UAV) है। 
  • विकास: अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने इजरायली फर्म एल्बिट सिस्टम्स के सहयोग से विकसित किया है। 
  • आमतौर पर हर्मीस-900 के नाम से जाना जाता है। 
  • यह एक ‘मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस’ (MALE) आधारित ड्रोन है। 
  • स्वदेशी सामग्री: लगभग 70% ड्रोन भारत में निर्मित होते हैं।
  • पेलोड क्षमता: 450 किलोग्राम तक का पेलोड वहन क्षमता है।
  • विशेषताएँ
    • इंटेलिजेंस, निगरानी एवं टोही (ISR): ड्रोन को उन्नत ISR संचालन के लिए डिजाइन किया गया है।
    • ओवर-द-टॉप क्षमताएँ: बड़े समुद्री क्षेत्रों पर लगातार निगरानी प्रदान करती है।

ओडिशा: आयुष्मान भारत PM-JAY लागू करने वाला 34वां राज्य

हाल ही में ओडिशा सरकार ने राज्य में ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ (AB-PMJAY) को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

ओडिशा में AB PM-JAY कार्यान्वयन के बारे में

  • GJAY के साथ अभिसरण: PM-JAY को ओडिशा में मौजूदा गोपबंधु जन आरोग्य योजना (GJAY) के साथ एकीकृत किया जाएगा।  
  • कवरेज
    • वित्तीय: प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का कवर प्रदान करता है, जिसमें महिला सदस्यों के लिए अतिरिक्त 5 लाख रुपये शामिल हैं।  
    • जनसंख्या: लगभग 1.03 करोड़ परिवारों को कवर किया जाएगा, जिसमें 67.8 लाख परिवार केंद्र सरकार द्वारा समर्थित होंगे।  

आयुष्मान भारत  प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PMJAY)

  • मंत्रालय: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
  • प्रारंभ: 23 सितंबर, 2018
  • उद्देश्य: सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) प्रदान करना एवं सभी के लिए किफायती स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना।
  • आयुष्मान भारत के घटक
    • स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (HWCs): रोकथाम, प्रचार एवं चलन संबंधी देखभाल जैसी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं।
    • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY): पात्र परिवारों को माध्यमिक एवं तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती लाभ प्रदान करती है।
  • PM-JAY की मुख्य विशेषताएँ
    • विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना।
    • प्रति परिवार प्रति वर्ष ₹5 लाख का स्वास्थ्य कवरेज।
    • महिला सदस्यों के लिए अतिरिक्त 5 लाख रुपये प्रदान करता है।
    • 10.74 करोड़ परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों) को लक्षित करता है, जो भारतीय जनसंख्या का 40% हिस्सा है।
    • परिवार के आकार या परिवार के सदस्यों की आयु पर कोई सीमा नहीं है।
    • नामांकन के पहले दिन से ही पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करता है।

गोपबंधु जन आरोग्य योजना (GJAY)

  • यह ओडिशा सरकार द्वारा प्रारंभ  की गई एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा योजना है।
  • इसका नाम ओडिशा के प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी एवं समाज सुधारक गोपबंधु दास के नाम पर रखा गया है।
  • उद्देश्य: समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।
  • प्रबंधन: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, ओडिशा।
  • आयुष्मान भारत से तुलना
    • उद्देश्य एवं दायरे में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के समान है।
    • GJAY ओडिशा के लिए विशिष्ट है एवं महिला लाभार्थियों के लिए उच्च वित्तीय कवरेज प्रदान करता है।
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ
      • माध्यमिक एवं तृतीयक स्तर के उपचारों के लिए निःशुल्क चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।
      • इसमें सरकारी एवं सूचीबद्ध निजी अस्पताल दोनों शामिल हैं।
  • पात्रता मापदंड
    • सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के आधार पर परिवारों को शामिल किया गया है।
    • आर्थिक रूप से कमजोर समूहों, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे वाले समूहों को लक्षित करता है।

भारत रणभूमि दर्शन परियोजना

रक्षा मंत्री ने 15 जनवरी को 77वें सेना दिवस के अवसर पर ‘भारत रणभूमि दर्शन‘ की शुरुआत की है।

भारत रणभूमि दर्शन 

  • यह देश की सीमाओं के उन अग्रिम स्थलों पर ‘युद्धक्षेत्र पर्यटन’ को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना की एक पहल है, जहाँ अतीत में कुछ सैन्य कार्रवाई देखी गई है।
  • स्थल: सेना ने 77 साइटों को शॉर्टलिस्ट किया है, जिनमें से अधिकांश साइटें चीन एवं पाकिस्तान के साथ भारत की सीमाओं पर आती हैं, जिनमें शामिल हैं,
    • लद्दाख: गलवान, डोकलाम, द्रास, कारगिल, सियाचिन बेस कैंप।
    • राजस्थान: लोंगेवाला, थार रेगिस्तान।
    • अरुणाचल प्रदेश: बोमला एवं किबिथु।
    • सिक्किम: नाथुला।
  • मंत्रालय: भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय की  सहभागिता में ।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य जनता को देश के सैन्य इतिहास के बारे में शिक्षित करना है।
    • बुनियादी ढाँचे, संचार, पर्यटन एवं शिक्षा के स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देना।

युद्धक्षेत्र पर्यटन 

  • युद्धक्षेत्र पर्यटन ऐतिहासिक अध्ययन या दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए युद्ध से संबंधित स्थलों पर जाने का अभ्यास है।
    • इन स्थलों में युद्धक्षेत्र, समाधिस्थल, स्मारक एवं संग्रहालय शामिल हैं।
  • उद्देश्य: युद्धक्षेत्र पर्यटन इतिहास के बारे में जानने एवं संघर्ष के भावनात्मक प्रभाव का अनुभव करने का एक तरीका है।
  • उल्लेखनीय उदाहरण
    • संयुक्त राज्य अमेरिका में गेटिसबर्ग युद्धक्षेत्र एवं पेंटागन, भारत में कारगिल युद्ध स्मारक।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड

हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (NTB) का उद्घाटन किया है।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड

  • उद्देश्य: राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड देश में हल्दी क्षेत्र के समग्र विकास एवं वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेगा।
  • मुख्यालय: निजामाबाद, तेलंगाना।
  • प्रतिनिधि: बोर्ड में निम्नलिखित के प्रतिनिधि शामिल होंगे:
    • केंद्रीय मंत्रालय: AYUSH मंत्रालय, फार्मास्यूटिकल्स विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा वाणिज्य विभाग।
    • राज्य: महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं मेघालय (लकाडोंग हल्दी) के प्रतिनिधि।
      • राज्यों को रोटेशन के आधार पर बोर्ड में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
    • अन्य: विभिन्न राज्यों के निर्यातक, उत्पादक निकाय एवं किसान।
  • महत्त्व
    • केंद्र सरकार बजट में NTB को विशेष धनराशि आवंटित करेगी।
    • मूल्य स्थिरीकरण कोष स्थापित किया जाएगा। 
    • प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान की स्थिति में फसल बीमा सुनिश्चित किया जाएगा।
  • कार्य
    • नए हल्दी उत्पादों के अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना।
    • विदेशों में विपणन के लिए हल्दी से संबंधित उत्पादों का मूल्यवर्द्धन प्रदान करना।
    • हल्दी के आवश्यक एवं चिकित्सीय गुणों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना।
    • इसकी उपज बढ़ाने एवं नए बाजारों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लॉजिस्टिक्स तथा आपूर्ति शृंखला को बढ़ावा देने के तरीके ढूँढना।
    • हल्दी उत्पादन एवं निर्यात की गुणवत्ता तथा सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना।

हल्दी के बारे में

  • वानस्पतिक नाम: करकुमा लोंगा 
  • परिवार: हल्दी अदरक परिवार जिगिबेरासी  का एक फूल वाला पौधा है। 
  • क्षेत्र: यह भारतीय उपमहाद्वीप एवं दक्षिण-पूर्व एशियाई मूल का एक बारहमासी, प्रकंद, जड़ी-बूटी वाला पौधा है।
  • भारत में 
    • भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देश  है, जहाँ’ हल्दी की 30 से अधिक किस्मों का उत्पादन किया जाता है। 
    • राज्य: हल्दी भारत में लगभग 20 राज्यों में उगाई जाती है।
      • महाराष्ट्र सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है एवं तेलंगाना में खेती का क्षेत्रफल सबसे अधिक है। 
    • उत्पादन: भारत ने 3.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 10.74 लाख टन या वैश्विक हल्दी का 70% से अधिक उत्पादन किया।
    • निर्यात: वर्ष 2023-24 के दौरान, 226.5 मिलियन डॉलर मूल्य के 1.62 लाख टन हल्दी एवं हल्दी उत्पादों का निर्यात किया गया, जो विश्व व्यापार का 62% से अधिक हिस्सा है।

परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC)

हाल ही में भारत सरकार ने परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) का पुनर्गठन किया है।

परमाणु ऊर्जा आयोग 

  • स्थापना: परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) की स्थापना अगस्त 1948 में वैज्ञानिक अनुसंधान विभाग के रूप में  की गई थी।
  • AEC की स्थापना भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के एक प्रमुख व्यक्ति डॉ. होमी जे. भाभा के नेतृत्व में की गई थी।
  • बाद में इसे परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के अधिकार क्षेत्र में लाया गया।
  • AEC की संरचना
    • कुल सदस्य: परमाणु ऊर्जा आयोग में 13 सदस्य हैं, जिनमें पदेन सदस्य एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
    • पदेन सदस्य: आयोग में 6 पदेन सदस्य हैं, जिनमें परमाणु ऊर्जा, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं वित्त जैसे विभागों के प्रमुख सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
    • पदेन अध्यक्ष: परमाणु ऊर्जा विभाग में भारत सरकार के सचिव आयोग के पदेन अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
  • कार्य
    • AEC परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के लिए नीतियाँ तैयार करने के लिए उत्तरदायी है।
    • इसकी प्राथमिक भूमिका भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विकास एवं विस्तार की देखरेख तथा मार्गदर्शन करना है।
  • AEC पाँच प्रमुख अनुसंधान केंद्रों की देखरेख करता है:
    • इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR), कलपक्कम (तमिलनाडु)।
    • राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (RRCAT), इंदौर।
    • भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), मुंबई।
    • वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर (VECC), कोलकाता।
    • परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (AMD), हैदराबाद।

परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) 

  • स्थापना: DAE की स्थापना 3 अगस्त, 1954 को राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से प्रधानमंत्री के सीधे प्रभार के तहत की गई थी।
  • अधिदेश
    • DAE को भारत में परमाणु ऊर्जा के विस्तार के लिए उपायों की योजना बनाने एवं उन्हें लागू करने का कार्य सौंपा गया है।
    • यह परमाणु ऊर्जा से संबंधित नीतियाँ बनाने के लिए भी उत्तरदायी है।

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