भारतीय परमाणु इकाइयों से अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाया गया
संयुक्त राज्य प्रशासन ने हाल ही में नागरिक परमाणु ऊर्जा में गहन सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए तीन प्रमुख भारतीय परमाणु संस्थाओं पर प्रतिबंध हटा दिया है।
मुख्य तथ्य
तीन संस्थान जिनसे प्रतिबंध हटाया गया हैं
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)
इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR)
इंडियन रेअर अर्थ (IRE)।
अमेरिकी इकाई सूची क्या है?
यह सूची विदेशी व्यक्तियों, व्यवसायों और संगठनों की सूची है, जो निर्दिष्ट वस्तुओं के निर्यात, पुनः निर्यात /या हस्तांतरण के लिए विशिष्ट लाइसेंसिंग आवश्यकताओं के अधीन हैं।
प्रकाशन: उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो (BIS)।
उद्देश्य: यह सूची उन वस्तुओं के अनधिकृत व्यापार को रोकती है।
साथ ही ये अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है एवं संवेदनशील प्रौद्योगिकियों तथा सामग्रियों के हस्तांतरण को नियंत्रित करती है।
उदाहरण: सामूहिक विनाश के हथियार (WMD) कार्यक्रम, या अन्य गतिविधियाँ।
इकाई सूची में होने का अर्थ पूर्ण प्रतिबंध या निषेध नहीं है।
यह सिर्फ एक नियामक बाधा के रूप में कार्य करता है।
नए कदम के उद्देश्य
भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करना, असैनिक परमाणु समझौता एवं असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने का मार्ग प्रशस्त करना।
परमाणु ऊर्जा से संबंधित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान, विकास तथा सहयोग को बढ़ावा देना।
लचीले महत्त्वपूर्ण खनिजों एवं स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ावा देना।
भार्गवास्त्र माइक्रो मिसाइलें
भारत ने अपनी पहली स्वदेशी माइक्रो-मिसाइल प्रणाली, भार्गवस्त्र का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिसे स्वार्म (SWARM) ड्रोन के खतरे का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है।
भार्गवास्त्र माइक्रो मिसाइलों के बारे में
विवरण: भारत की पहली स्वदेशी सूक्ष्म-मिसाइल प्रणाली स्वार्म ड्रोन खतरों को बेअसर करने के लिए विकसित की गई।
विकास: इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड।
भार्गवास्त्र की प्रमुख विशेषताएँ
पहचान और निर्देशित युद्ध सामग्री: 6 किमी. की रेंज में आने वाले छोटे ड्रोन का पता लगाती है एवं खतरों को निष्क्रिय करने के लिए निर्देशित सूक्ष्म युद्धक प्रणाली को सक्रिय करती है।
तीव्र परिनियोजन: मोबाइल प्लेटफॉर्म पर त्वरित परिनियोजन के लिए डिजाइन किया गया।
मल्टी-टार्गेट एंगेजमेंट: एक साथ 64 लक्ष्यों को ट्रैक एवं संलग्न करता है।
परिचालन क्षमता: सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूर्ण करते हुए, ऊँचाई वाले क्षेत्रों सहित सभी इलाकों में प्रभावी ढंग से कार्य करती है।
स्वार्म (SWARM) ड्रोन क्या हैं?
परिभाषा:स्वार्म (Smart War-Fighting Array of Reconfigured Modules) का अर्थ है ‘स्मार्ट वॉर-फाइटिंग एरे ऑफ रीकॉन्फिगर मॉड्यूल्स’, जिसमें समन्वय में कार्य करने वाले कई ड्रोन शामिल हैं।
क्षमताएँ: सामूहिक निर्णय लेना, अनुकूल उड़ान एवं मानवीय हस्तक्षेप के बिना पुनः सक्रिय हो जाना।
अनुप्रयोग: अग्निशमन, क्षति आकलन, तथा अग्निशमन तरल पदार्थों का उपयोग करके दमन जैसे कार्यों में सहायता कर सकता है।
काशी तमिल संगमम 3.0
काशी तमिल संगमम् का तीसरा संस्करण 15 फरवरी को प्रारंभ होगा एवं 24 फरवरी को समाप्त होगा।
संगमम के बारे में
यह सरकार के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत युवा संगम’ कार्यक्रम का हिस्सा है।
मेजबान शहर: संगमम् कुंभ मेले की पृष्ठभूमि में वाराणसी के नमो घाट पर आयोजित किया जाएगा।
थीम: तीसरा संस्करण महर्षि अगस्त्य की विरासत एवं दर्शन पर आधारित होगा।
आयोजक: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक होगा।
कार्यान्वयन एजेंसियाँ: IIT मद्रास एवं BHU।
उद्देश्य: तमिलनाडु एवं काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों पुनर्स्थापना एवं पुनः पुष्टि करना।
भागीदारी
छात्र, शिक्षक एवं लेखक, किसान तथा कारीगर, पेशेवर एवं छोटे उद्यमी, महिलाएँ तथा स्टार्ट-अप, नवाचार, शिक्षा-तकनीक एवं अनुसंधान संस्थान।
आयोजन के दौरान तमिलनाडु में अगस्त्य मंदिरों पर एक दस्तावेज एवं सिद्ध चिकित्सा पर एक तथा दस्तावेज जारी किया जाएगा।
महर्षि अगस्त्य
अगथियार मुनिवर 18 सिद्धों में से एक हैं, जो योग एवं आध्यात्मिक ज्ञान के स्वामी थे।
महर्षि अगस्त्य भारतीय इतिहास एवं पौराणिक कथाओं में प्रचलित व्यक्ति हैं, जिन्हें अगस्त्य, अगथियार सिद्ध तथा अगस्त्य मुनिवर जैसे कई नामों से भी जाना जाता है।
योगदान
उन्हें तमिल व्याकरण का जनक माना जाता है एवं उन्होंने पहली तमिल व्याकरण पुस्तक “अगट्टियम” लिखी थी।
उन्होंने ऋग्वेद में कई भजनों का भी योगदान दिया।
सिद्ध चिकित्सा: अगथियार मुनिवर ने हर्बल चिकित्सा एवं उपचार पद्धतियों में योगदान दिया, जो सिद्ध चिकित्सा परंपरा का हिस्सा हैं, जो अभी भी दक्षिण भारत में प्रचलित हैं।
लेखक: अगस्त्य गीता का उल्लेख वराह पुराण में किया गया है, अगस्त्य संहिता स्कंद पुराण में एवं द्वैध-निर्णय तंत्र पाठ में सन्निहित है।
स्वच्छ शौचालय तक पहुँच एक बुनियादी अधिकार: सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने हालिया आदेश में कहा है कि सभी के लिए स्वच्छ सार्वजनिक शौचालयों तक आसान पहुँच एक बुनियादी अधिकार एवं मानवीय गरिमा का एक अनिवार्य हिस्सा है।
निर्णय की मुख्य विशेषताएँ
रिट याचिका: देश भर की न्यायालयों एवं न्यायाधिकरणों के परिसरों में स्वच्छ तथा लैंगिक-संवेदनशील शौचालयों की कमी को उजागर करने वाली एक रिट याचिका पर यह निर्णय आया।
राज्य का कर्तव्य: यह राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों का कर्तव्य है कि वे पूरे वर्ष सभी को स्वच्छ शौचालय तथा पेयजल तक आसान पहुँच एवं रखरखाव प्रदान करें।
कोई राज्य/केंद्रशासित प्रदेश कल्याणकारी राज्य होने का दावा नहीं कर सकता, यदि वह तीनों लिंगों को स्वच्छ शौचालय सुविधाएँ प्रदान नहीं कर सकता है।
आदेश: सर्वोच्च न्यायालय ने लैंगिक-संवेदनशील शौचालयों के लिए अलग शौचालय सुविधाओं के निर्माण एवं उपलब्धता को सुनिश्चित करने तथा चार माह में एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को कई निर्देश जारी किए।
मौलिक अधिकार: उचित स्वच्छता तक पहुँच को संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत एक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है:
अधिकार में सभी व्यक्तियों के लिए एक सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना शामिल है।
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