100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal February 15, 2025 03:33 57 0

स्मार्ट एवं सतत् शहरीकरण पर चौथा भारत-यूरोपीय संघ शहरी फोरम

चौथा भारत-यूरोपीय संघ शहरी फोरम नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें सतत् शहरी विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।

चौथे भारत-यूरोपीय संघ शहरी फोरम  

  • यह भारत एवं यूरोपीय संघ (EU) के मध्य स्मार्ट तथा सतत् शहरीकरण के लिए साझेदारी पर वर्ष 2017 के संयुक्त घोषणा-पत्र पर आधारित है।
  • मुख्य लक्ष्य: सतत् शहरी विकास के लिए भारत-यूरोपीय संघ सहयोग को मजबूत करना।
  • मुख्य विषय
    • शहरी गठबंधन एवं एकीकृत दृष्टिकोण: भारतीय शहरों में समन्वित शहरी विकास को बढ़ावा देना।
    • नवाचार: शहर के स्तर पर सतत् प्रथाओं को प्रोत्साहित करना।
    • समावेशी शहरी गतिशीलता: सामाजिक समावेश के लिए एक उपकरण के रूप में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना।
  • भारत-यूरोपीय संघ सहयोग का महत्त्व
    • शहरी प्रभाव: शहरी क्षेत्र वैश्विक ऊर्जा उपयोग, उत्सर्जन एवं प्रदूषण का दो-तिहाई भाग हैं।
      • सहयोग इन महत्त्वपूर्ण मुद्दों को लक्षित करता है, सतत् शहरी विकास को बढ़ावा देता है।
    • उपलब्धियाँ
      • स्थायी शहरी मॉडल एवं जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा दिया।
      • जलवायु-स्मार्ट विकास में 40 से अधिक भारतीय नगरपालिकाओं को शामिल किया गया।
      • शहरी गतिशीलता, अपशिष्ट प्रबंधन एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण का समर्थन किया गया। 
  • सरकारी कार्यक्रमों के लिए समर्थन: यह सहयोग स्मार्ट, सतत् एवं समावेशी शहरी विकास के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) की पहलों के साथ संरेखित है।

काशी तमिल संगमम 3.0

तमिलनाडु के राज्यपाल ने चेन्नई के डॉ. एम.जी.आर. सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर प्रतिनिधियों के पहले समूह को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

काशी तमिल संगमम 3.0

  • काशी तमिल संगमम 3.0 दिनांक 15 से 24 फरवरी, 2025 तक चलने वाला 10 दिवसीय कार्यक्रम है।
  • यह सरकार के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम कार्यक्रम’ का हिस्सा है।
  • उद्देश्य: तमिलनाडु एवं काशी के बीच ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक संबंधों को मान्यता देना।
    • विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों एवं अन्य प्रतिभागियों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को सुगम बनाना।
    • नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना एवं भारतीय ज्ञान प्रणालियों की समझ को बढ़ाना।
  • आयोजन: शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, अन्य मंत्रालयों एवं उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से।
  • IIT मद्रास प्रेषक संस्थान है एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) प्राप्तकर्ता संस्थान है।
  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
    • काशी तमिल संगमम का आयोजन पहले दो बार वर्ष 2022 एवं वर्ष 2023 में किया जा चुका है।
      • पहले के संस्करणों में तमिलनाडु से लगभग 4,000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
  • केंद्रीय विषय
    • इस संस्करण का विषय महर्षि अगस्त्यर एवं महाकुंभ है, जिसकी पृष्ठभूमि श्री अयोध्या धाम है।
    • इसका उद्देश्य तमिलनाडु एवं काशी के सांस्कृतिक तथा सभ्यतागत संबंधों को उजागर करना है।

भारत के पाम ऑयल आयात में भारी गिरावट

जनवरी वर्ष 2025 में भारत के पाम ऑयल आयात में वार्षिक रूप से 65% की गिरावट आई, जो 13 वर्ष के निचले स्तर पर पहुँच गया।

पाम ऑयल के बारे में

  • पाम ऑयल अफ्रीकी ऑयल पाम ट्री (एलाइस गुनीनेसिस) के फल से प्राप्त किया जाता है।
  • विश्व भर में सबसे अधिक प्रयोग किए जाने वाले वनस्पति तेलों में से एक है।
  • पाम ऑयल के प्रकार
    • कच्चा पाम ऑयल (Crude Palm Oil- CPO): फलों के गूदे से निकाला जाता है; मुख्य रूप से खाना पकाने एवं खाद्य प्रसंस्करण के लिए उपयोग किया जाता है।
    • पाम कर्नेल ऑयल: बीज से निकाला जाता है एवं सौंदर्य प्रसाधन, फार्मास्यूटिकल्स एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है।
    • दोनों रंगहीन, गंधहीन एवं अपेक्षाकृत स्वादहीन होते हैं।

  • वैश्विक उत्पादन
    • इंडोनेशिया एवं मलेशिया वैश्विक उत्पादन का 85% हिस्सा हैं।
    • अन्य उत्पादक: थाईलैंड, कोलंबिया, नाइजीरिया, पापुआ न्यू गिनी।
  • भारत में पाम ऑयल उत्पादन
    • प्रमुख उत्पादक राज्य: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल (कुल उत्पादन का 98%)।
    • भारत घरेलू माँग को पूरा करने के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है।

राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – ऑयल पाम (NMEO-OP)

  • प्रारंभ: वर्ष 2021
  • उद्देश्य: घरेलू ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देना एवं आयात पर निर्भरता कम करना।
  • लक्ष्य: वर्ष 2025-26 तक ऑयल पाम की खेती का क्षेत्रफल 3.70 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 10.00 लाख हेक्टेयर करना।

भारतीय मूल की गाय ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

हाल ही में ओंगोल नस्ल की गाय वियाटिना-19 ने ब्राजील में $4.82 मिलियन (₹41 करोड़) में विक्रय के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया, जिसने जापान की वाग्यू एवं भारत की ब्राह्मण प्रजाति की गायों  को पीछे छोड़ दिया।

ओंगोल मवेशी नस्ल के बारे में

  • मूल नस्ल: ओंगोल मवेशी भारत की मूल निवासी बोस इंडिकस नस्ल है, जो अपनी शक्ति, रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं गर्मी सहन करने की क्षमता के लिए जानी जाती है।
  • ऐतिहासिक उपयोग: पारंपरिक रूप से कृषि, डेयरी एवं प्रजनन उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है, जो पशुधन अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
  • वैकल्पिक नाम: नेल्लोर जिले के साथ अपने ऐतिहासिक जुड़ाव के कारण इसे नेल्लोर नस्ल के रूप में भी जाना जाता है।

भौगोलिक वितरण

  • मूल क्षेत्र: भारत के आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिला (पूर्व में नेल्लोर जिले का हिस्सा) इसका मूल क्षेत्र  है।
  • क्षेत्र: गुंटूर, विनुकोंडा, नरसारावपेट, ओंगोल एवं कंदुकुर के आसपास के गाँव।
      • गुंडलकम्मा एवं अल्लुरू नदियों के किनारे के क्षेत्र।

शारीरिक लक्षण

  • कूबड़: नर में पृथक एवं अच्छी तरह से विकसित कूबड़।

प्रमुख विशेषताएँ

  • ऊष्मा प्रतिरोध: उष्णकटिबंधीय जलवायु के अनुकूल है, जो इसे सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाता है।
  • रोग प्रतिरोध: खुरपका एवं मुँहपका रोग जैसे रोग के प्रतिरोध के साथ मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली।
  • आनुवांशिक शुद्धता: आनुवंशिक शुद्धता एवं अनुकूलनशीलता बनाए रखने के लिए जानी जाती है।
  • A2 दूध उत्पादन: A2 दूध का उत्पादन करती है, जो बीटा-कैसीन के A2 एलील में समृद्ध है एवं A1 दूध की तुलना में अधिक स्वस्थ माना जाता है।

सांस्कृतिक एवं आर्थिक महत्त्व

  • वर्ष 2002 के राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर: वीरा, एक ओंगोल बैल, भारत के वर्ष 2002 के राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर था।
  • वैश्विक माँग: स्थानीय मवेशियों की नस्लों को बेहतर बनाने के लिए ब्राजील, USA एवं ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में क्रॉसब्रीडिंग के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।
  • उदाहरण: वर्ष 2025 में विश्व की सबसे महंगी गाय के रूप में रिकॉर्ड बनाने वाली ब्राजील की ओंगोल गाय वियाटिना-19 ने रिकॉर्ड बनाया।

ब्रह्मगिरी वन्यजीव अभयारण्य

ब्रह्मगिरी वन्यजीव अभयारण्य के बफर जोन में आदिवासियों के लिए एक गाँव बनाने के राज्य सरकार के निर्णय पर आपत्ति जताई गई।

बफर जोन

  • बफर जोन वन्यजीव अभयारण्य के आसपास का एक निर्दिष्ट क्षेत्र है, जो अभयारण्य की जैव विविधता एवं पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने में मदद करता है।

ब्रह्मगिरी वन्यजीव अभयारण्य 

  • अवस्थिति: यह कोडगु जिले (कर्नाटक) में पश्चिमी घाट के केंद्र में स्थित है।
  • अभयारण्य को इसका नाम इसके सर्वोच्च पॉइंट (ब्रह्मगिरी चोटी) से मिला है, जिसकी ऊँचाई 1,607 मीटर है।
  • नदियाँ: लक्ष्मण तीर्थ नदी अभयारण्य से प्रवाहित होती है एवं कावेरी नदी की एक सहायक नदी है।
  • वनस्पतियाँ: अभयारण्य की प्राथमिक वनस्पति में सदाबहार एवं अर्द्ध-सदाबहार वन, घास के मैदान और बाँस शामिल हैं।
    • इसमें कॉफी एवं इलायची के बागान मुख्य रूप से पाए जाते है।
  • जीव-जंतु: लायन टेल्ड मकाक (IUCN  रेड लिस्ट में लुप्तप्राय) का आवास स्थल।

ब्रह्मोस-NG

ब्रह्मोस-NG के नाम से जानी जाने वाली अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइल का  पहला परीक्षण वर्ष 2026 में किये जाने की संभावना है।

अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइल (ब्रह्मोस-NG)

  • विकास: ब्रह्मोस-NG मिसाइल प्रणाली विकास के उन्नत चरणों में है।
  • सहयोग: भारत-रूस संयुक्त उद्यम के तहत विकसित।

ब्रह्मोस-NG की मुख्य विशेषताएँ

  • डिजाइन
    • कॉम्पैक्ट: छोटे डिलीवरी सिस्टम के साथ संगत होने के लिए डिजाइन किया गया।
  • प्रदर्शन
    • रेंज: 290 किमी. (पुराने संस्करण के समान)।
    • गति: मैक 3.5 (सुपरसोनिक गति) तक।
    • रडार क्रॉस-सेक्शन: पुराने संस्करण की तुलना में कम।
    • सीकर (Seeker): एक होममेड एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार से लैस।
  • अनुकूलता: सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान एवं तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) पर फिट किया जा सकता है।

रणनीतिक महत्त्व

  • रक्षा आधुनिकीकरण: भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाता है।
    • वायु रक्षा एवं सटीक हमला क्षमताओं को मजबूत करता है।
  • निर्यात क्षमता
    • फिलीपींस: 375 मिलियन डॉलर के सौदे (वर्ष 2022) के तहत पहले ही तीन ब्रह्मोस मिसाइल बैटरियों की आपूर्ति की जा चुकी हैं।
      • ब्रह्मोस मिसाइलों का पहला विदेशी खरीदार।
    • इंडोनेशिया: 450 मिलियन डॉलर के सौदे के लिए इंडोनेशिया से वार्ता प्रक्रिया चल रही है।
    • अफ्रीकी एवं पश्चिम एशियाई देशों की रुचि।
  • स्वदेशी विकास: भारत की बढ़ती रक्षा विनिर्माण एवं निर्यात क्षमताओं को दर्शाता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.