इस प्रतिबंध का उद्देश्य बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण को रोकना एवं स्थानीय भूमि संसाधनों की सुरक्षा करना है।
कुछ जिलों के लिए विशेष छूट
हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर जिले कृषि भूमि खरीद प्रतिबंध से मुक्त हैं।
कानून इन जिलों में विशिष्ट शर्तों के तहत भूमि खरीद की अनुमति देता है।
पूर्व के भूमि खरीद संबंधी नियम
इससे पहले, कोई भी भारतीय नागरिक उत्तराखंड में 12.5 एकड़ तक कृषि भूमि खरीद सकता था।
औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए, अलग से अनुमति की आवश्यकता थी।
आवासीय उपयोग के लिए, पूरे राज्य में आकार प्रतिबंध के बिना भूमि खरीदी जा सकती थी।
ग्रीन बजट
राजस्थान कीउपमुख्यमंत्री ने वर्ष 2025-26 के लिए राजस्थान का ₹5.37 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत किया, जिसमें बिजली, सड़क, जल, स्वास्थ्य एवं कृषि पर जोर दिया गया है।
बजट में राज्य का पहला “ग्रीन बजट” शामिल है एवं इसका लक्ष्य 2.75 लाख नौकरियाँ (1.25 लाख सरकारी, 1.5 लाख निजी) सृजित करना है।
ग्रीन बजट क्या है?
ग्रीन बजट का तात्पर्य सरकारी बजट में पर्यावरण एवं जलवायु संबंधी पहलुओं को शामिल करना है।
यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक निधियों का आवंटन इस तरह से किया जाए कि स्थिरता को बढ़ावा मिले एवं जलवायु चुनौतियों का समाधान हो।
ग्रीन बजट की मुख्य विशेषताएँ
पर्यावरण प्रभाव आकलन: यह जाँच करता है कि नीतिगत निर्णय पर्यावरण को कैसे प्रभावित करते हैं।
ग्रीन बजट टैगिंग: पर्यावरण के अनुकूल पहलों पर सरकारी खर्च की निगरानी करता है।
कार्बन आकलन: विश्लेषण करता है कि सार्वजनिक व्यय कार्बन उत्सर्जन को कैसे प्रभावित करता है।
ग्रीन बजटिंग पर पेरिस सहयोग
यह आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) की एक पहल है।
12 दिसंबर, 2017 को पेरिस में वन प्लैनेट शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया गया।
उद्देश्य: यह पर्यावरणीय परियोजनाओं पर सरकारी खर्च की निगरानी करता है।
यह रिपोर्टिंग में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है कि बजट कैसे हरित नीतियों में योगदान करते हैं एवं स्थिरता तथा उत्सर्जन में कमी का समर्थन करते हैं।
द्वितीय खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन
द्वितीय संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन, ‘स्टॉकटेक’ 28-30 जुलाई, 2025 को अदीस अबाबा, इथियोपिया में होने वाला है।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन स्टॉकटेक के बारे में
संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन स्टॉकटेक एक महत्त्वपूर्ण आयोजन है, जिसका उद्देश्य सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने के लिए वैश्विक खाद्य प्रणालियों को परिवर्तित करना है।
खाद्य प्रणाली परिवर्तन का महत्त्व
वर्ष 2021 के संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन ने खाद्य प्रणालियों के लिए एक नए वैश्विक दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की, जिसमें निम्नलिखित प्रयासों को एकीकृत किया गया:
गरीबी एवं भुखमरी को समाप्त करना।
असमानता को कम करना।
जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता हानि को संबोधित करना।
वैश्विक खाद्य प्रणालियों में एक प्रमुख देश के रूप में, भारत सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने के लिए खाद्य प्रणालियों को परिवर्तित के उद्देश्य से चर्चाओं एवं पहलों में सक्रिय रूप से शामिल है।
हितधारक पहलों एवं प्रतिबद्धताओं का मूल्यांकन करते हैं।
प्रतिबद्धताओं एवं उनके प्रभाव को ट्रैक करने पर जोर दिया जाता है।
द्वितीय संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन के बारे में
सह-मेजबान: इटली, संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली समन्वय केंद्र एवं अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के सहयोग से।
पिछला सम्मेलन वर्ष 2023 में हुआ था।
दूसरे स्टॉकटेक के उद्देश्य
निवेश जुटाना: खाद्य प्रणाली परिवर्तन का समर्थन करने के लिए धन एवं संसाधनों को आकर्षित करना।
प्रगति समीक्षा: वर्ष 2023 स्टॉकटेक के बाद से हुई प्रगति का दस्तावेजीकरण करते हुए एक रिपोर्ट जारी की जाएगी।
राष्ट्रीय खाद्य प्रणाली मार्गों को मजबूत करना: देश अपनी खाद्य प्रणाली रणनीतियों की समीक्षा करेंगे ताकि उन्हें SDG लक्ष्यों के साथ संरेखित किया जा सके।
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