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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal February 25, 2025 03:04 13 0

यूरोपीय सुरक्षा पर ट्रंप की टिप्पणियों के बीच NATO का भविष्य

जर्मनी के नवनिर्वाचित चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन के हालिया बयानों के बाद नाटो के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की है।

NATO के बारे में

  • यह ‘नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन’ को संदर्भित करता है।
  • यह अपने सदस्यों के बीच सामूहिक सुरक्षा एवं रक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थापित एक राजनीतिक एवं सैन्य गठबंधन है।
  • नाटो में सामूहिक जिम्मेदारी का सिद्धांत संदर्भित करता है कि एक सदस्य देश पर हमला सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा
    • यह सिद्धांत उत्तरी अटलांटिक संधि के अनुच्छेद-5 में निहित है।
  • स्थापना (वर्ष 1949): द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सोवियत विस्तार को रोकने के लिए उत्तरी अटलांटिक संधि (वाशिंगटन संधि) पर हस्ताक्षर के साथ गठित।
  • मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है।
  • सदस्यता: प्रारंभ में 12 संस्थापक सदस्य देश थे, वर्तमान में यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका के 32 देश शमिल हैं।
    • हाल ही में इसमें फिनलैंड (वर्ष 2023) को भी शामिल किया गया है।

पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन

पंजाब एवं हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसान 23 फरवरी को स्वतंत्रता सेनानी अजीत सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में पगड़ी संभाल दिवस के रूप में मनाते हैं।

  • पगड़ी संभाल दिवस वर्ष 2021 से मनाया जा रहा है, जब किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर 3 कृषि कानूनों का विरोध किया था जो अब रद्द कर दिए गए है।

पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन 

  • अर्थ: ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ का शाब्दिक अर्थ है ‘अपनी पगड़ी संभालो, ओ किसान’ बांके दयाल (एक राष्ट्रवादी कवि) द्वारा गढ़ा गया एक नारा है एवं यह आत्मसम्मान तथा सम्मान का आह्वान करते हुए प्रतिरोध का प्रतीक बन गया।
  • तिथि: इस आंदोलन की शुरुआत अजीत सिंह ने वर्ष 1907 में की थी।
    • भारत माता सोसाइटी: अजीत सिंह एवं किशन सिंह (भगत सिंह के पिता) ने किसानों के लिए एक क्रांतिकारी समूह भारत माता सोसाइटी का गठन किया था।
  • कारण: अंग्रेजों द्वारा लगाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध करना। ये तीन कानून थे:-
    • पंजाब भूमि हस्तांतरण अधिनियम, 1900: इसने किसानों को अपनी भूमि को स्वतंत्र रूप से बेचने या गिरवी रखने के अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया एवं साहूकारों तथा जमींदारों को तरजीह दी, जिससे किसानों के लिए कर्ज से बच पाना मुश्किल हो गया।
    • पंजाब भूमि उपनिवेशीकरण अधिनियम, 1906: इसने नव विकसित चिनाब कॉलोनी में भूमि के स्वामित्व पर अंग्रेजों को नियंत्रण दे दिया, जिसमें मृत्यु के बाद भूमि उनके उत्तराधिकारियों को देने के बजाय ब्रिटिश सरकार को हस्तांतरित कर दी जाती थी।
    • दोआब बारी अधिनियम, 1907: इसने किसानों से उनकी भूमि पर मालिकाना हक छीन लिया, जिससे वे प्रभावी रूप से मजदूर बन गए।
  • प्रभाव: यह पंजाब में ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहले बड़े किसान आंदोलनों में से एक था।
    • इस आंदोलन के कारण बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।
    • कानूनों की कुछ दमनकारी धाराओं को वापस लिया गया।
    • इसने गदर आंदोलन एवं भगत सिंह की क्रांतिकारी गतिविधियों सहित भविष्य के विरोध आंदोलनों को प्रेरित किया।

अजीत सिंह के बारे में

  • अजीत सिंह एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी एवं राष्ट्रवादी नेता तथा भगत सिंह के चाचा थे।
  • जन्म: वर्ष 1881 में पंजाब के ‘खटकर कलां गाँव’ में (अब शहीद भगत सिंह नगर जिले का हिस्सा)।
  • निर्वासन: अजीत सिंह वर्ष 1907 (गिरफ़्तार एवं म्यांमार में निर्वासित) से वर्ष 1947 तक निर्वासन में रहे।
    • उन्होंने यूरोप में क्रांतिकारियों के साथ मिलकर कार्य किया एवं लाला हरदयाल तथा मैडम कामा से जुड़े रहे।

टोंकिन की खाड़ी

वियतनाम के विदेश मंत्रालय ने टोंकिन की खाड़ी में अपने आधार रेखा दावे को परिभाषित करते हुए एक मानचित्र प्रकाशित किया, जहाँ यह चीन के साथ समुद्री सीमा साझा करता है। 

  • इन रेखाओं को अपतटीय ‘क्वांग निन्ह’ प्रांत से ‘क्वांग त्रि’ प्रांत तक 14 बिंदुओं के साथ मैप किया गया था। 
  • आधार रेखाएँ (Baselines): इनका उपयोग प्रादेशिक जल एवं अनन्य आर्थिक क्षेत्रों की सीमाएँ निर्धारित करने के लिए किया जाता है। 
  • कानूनी आधार: यह संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन तथा वर्ष 2000 में वियतनाम और चीन के बीच हस्ताक्षरित टोंकिन की खाड़ी के परिसीमन समझौते के प्रावधानों के अनुसार है।
    • आधार रेखाएँ वियतनाम के समुद्री क्षेत्रों की सीमाओं एवं दायरे को निर्धारित करने का आधार हैं। 
  • महत्व: वियतनाम की संप्रभुता, उसके अधिकार क्षेत्र की रक्षा और उसे लागू करने के लिए अतिरिक्त कानूनी आधार तैयार करना, आर्थिक विकास, समुद्री प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।

टोंकिन की खाड़ी

  • यह दक्षिण चीन सागर के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित एक अर्द्धचंद्राकार खाड़ी है, जो टोंकिन (उत्तरी वियतनाम) एवं दक्षिण चीन के तटों पर स्थित है।
  • स्थानीय नाम: इस खाड़ी को चीनी में ‘बेइबू खाड़ी’ एवं स्थानीय वियतनामी में ‘बैक बो खाड़ी’ के नाम से जाना जाता है।
  • क्षेत्र: यह खाड़ी प्रशांत महासागर का एक उथला हिस्सा है, जिसका कुल सतही क्षेत्रफल 126,250 वर्ग किमी. (48,750 वर्ग मील) है।
  • पड़ोसी: यह पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम में वियतनाम के उत्तरी तट से कोन को (Con Co) जिले तक विस्तृत है। उत्तर में चीन के गुआंग्शी झुआंग स्वायत्त क्षेत्र तथा पूर्व में लीझोउ प्रायद्वीप एवं हैनान द्वीप अवस्थित हैं।
  • नदी: लाल नदी, खाड़ी में मुहाना बनाती है।
  • बंदरगाह: खाड़ी के मुख्य बंदरगाहों में हाइफोंग, बेन थुय एवं बेइहाई शामिल हैं।
  • संघर्ष स्थल: यह वर्ष 1964 में टोंकिन की खाड़ी की घटना का स्थल था।
    • अमेरिकी नौसेना ने दक्षिण वियतनाम का समर्थन करने के लिए टोंकिन की खाड़ी में जहाज भेजे थे।
  • टोंकिन की खाड़ी वर्ष 1972 में नौसेना की बढ़ी हुई गतिविधि का स्थल भी थी, जब अमेरिकी नौसेना ने उत्तरी वियतनामी बंदरगाहों के प्रवेश द्वारों पर बारूदी सुरंगें लगा दी थीं।

बेराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक एवं क्वार्ट्ज को प्रमुख खनिजों के रूप में वर्गीकृत किया गया

केंद्रीय खनन मंत्रालय ने 20 फरवरी, 2025 को एक राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से बैराइट्स, फेल्सपार, मीका एवं क्वार्ट्ज को प्रमुख खनिजों (Major Minerals) के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया है।

प्रमुख एवं गौण खनिज क्या हैं?

  • खनिजों को उनके आर्थिक महत्त्व के आधार पर प्रमुख एवं गौण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
  • प्रमुख खनिज उच्च आर्थिक मूल्य के होते हैं।
  • यह स्टील, सीमेंट एवं ऊर्जा उत्पादन जैसे भारी उद्योगों में प्रमुख भूमिका निभाता है।
  • शासित: केंद्रीय स्तर पर खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957
  • गौण खनिज
    • इन खनिजों का कम आर्थिक मूल्य होता है।
    • मुख्य रूप से उपयोग: निर्माण, सजावटी एवं स्थानीय उद्योग।
    • विनियमित: यह राज्य सरकार द्वारा शासित है।

पुनर्वर्गीकरण का कारण

  • पेग्माटाइट चट्टानों में क्रिटिकल मिनरल 
    • क्वार्ट्ज, फेल्सपार एवं मीका पेग्माटाइट चट्टानों में पाए जाते हैं, जिनमें लिथियम, बेरिलियम, नियोबियम तथा टंगस्टन जैसे क्रिटिकल मिनरल भी होते हैं।
    • ये खनिज नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं एयरोस्पेस उद्योगों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
  • अंडर-रिपोर्टिंग और अपव्यय
    • पहले, छोटे खनिजों के रूप में, पट्टेधारक केवल निर्माण या सिरेमिक के लिए क्वार्ट्ज, अभ्रक आदि के खनन पर ध्यान केंद्रित करते थे, क्रिटिकल मिनरल की अनदेखी करते थे।
    • लिथियम जैसे क्रिटिकल मिनरल का निष्कर्षण नहीं किया गया, जिससे इसकी बर्बादी हुई।
  • बैराइट का प्रछन्न मूल्य
    • बैराइट (तेल की ड्रिलिंग, चिकित्सा एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग किया जाता है) प्रायः तांबा, चांदी तथा एंटीमनी जैसी धातुओं के साथ पाया जाता है।
    • बैराइट या संबंधित धातुओं के खनन से अनिवार्य रूप से अन्य खनिज प्राप्त होते हैं, लेकिन इनका पहले उपयोग नहीं किया जाता था।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्वीकृत औषधि संयोजन के निर्यात पर रोक लगाई

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पश्चिमी अफ्रीकी देशों को टैपेंटाडोल एवं कैरीसोप्रोडोल के अस्वीकृत संयोजन के निर्यात के लिए मुंबई स्थित एवियो फार्मास्यूटिकल्स के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की है।

‘कॉम्बिनेशन ड्रग’ या ‘फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन’ (FDC) क्या है?

  • इस प्रकार की दवा में एकल खुराक के रूप में दो या अधिक सक्रिय दवा सामग्री (API) शामिल होती हैं।
  • उदाहरण: फेंसेडिल एवं कोरेक्स जैसे खाँसी के सिरप।

कार्रवाई

  • तत्काल प्रतिबंध एवं लाइसेंस रद्द करना
    • सरकार ने एवियो फार्मास्यूटिकल्स को गतिविधि रोकने का आदेश जारी किया है।
    • महाराष्ट्र FDA ने उत्पादन रोकने का आदेश जारी किया है
  • नियामक निष्कर्ष
    • टैपेंटाडोल: भारत में 50, 75 एवं 100 मिलीग्राम की टैबलेट फॉर्म तथा 100, 150 एवं 200 मिलीग्राम की विस्तारित-रिलीज टैबलेट के रूप में स्वीकृत।
    • कैरीसोप्रोडोल: व्यक्तिगत रूप से स्वीकृत, लेकिन टैपेंटाडोल के साथ संयोजन में नहीं।
  • विनियामक प्रक्रियाएँ
    • भारतीय विनियामक प्राधिकरण (CDSCO) अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्यात NoC चेकलिस्ट को अपडेट कर रहा है।

भवानी नदी

हाल ही में, तमिलनाडु के सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं निवारक चिकित्सा विभाग ने पाया कि जदयामपलायम ग्राम पंचायत के पलायुर गांव में भवानी नदी का जल, प्रदूषण के कारण पीने के लिए असुरक्षित है। 

भवानी नदी के बारे में

  • भवानी नदी का उद्गम: पश्चिमी घाट में नीलगिरी के ऊपरी क्षेत्रों से इसका उद्गम होता है एवं यह तमिलनाडु में बहने से पहले केरल में साइलेंट वैली नेशनल पार्क में प्रवेश करती है। 
  • तमिलनाडु में प्रवाह: नदी तमिलनाडु के तीन जिलों नीलगिरी, कोयंबटूर एवं इरोड से होकर प्रवाहित होती है। 
  • कावेरी नदी की प्रमुख सहायक नदी: भवानी नदी कावेरी नदी की एक महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है एवं इसके जल प्रवाह में योगदान करती है। 
  • कावेरी नदी के साथ संगम: भवानी नदी इरोड में संगमेश्वर मंदिर के पास भवानी कुडुथुरई में कावेरी नदी में विलीन हो जाती है। 
  • अपवाह बेसिन वितरण: भवानी नदी का अपवाह बेसिन तीन राज्यों में विस्तृत है:
    • तमिलनाडु में 87%
    • केरल में 9%
    • कर्नाटक में 4%
    • भवानी नदी की सहायक नदियाँ: भवानी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदियाँ पश्चिम वरगर एवं पूर्वी वरगर हैं, जो नीलगिरी से निकलती हैं।
    • भवानीसागर बाँध: भवानी नदी पर निर्मित, विश्व के सबसे बड़े मृदा के बाँधों में से एक है, जो सिंचाई एवं जल आपूर्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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