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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal April 14, 2025 04:04 18 0

सनबर्ड

सनबर्ड एक परमाणु संलयन-संचालित रॉकेट है, जिसे U.K. स्थित स्टार्टअप पल्सर फ्यूजन द्वारा विकसित किया जा रहा है।

सनबर्ड के बारे में

  • इसका उद्देश्य अंतरग्रहीय यात्रा के समय को महत्त्वपूर्ण रूप से कम करके अंतरिक्ष यात्रा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • ऊर्जा स्रोत: परमाणु संलयन वही ऊर्जा प्रक्रिया है, जो हमारे सूर्य जैसे तारों को शक्ति प्रदान करती है।
    • अनुमानित गति: 805,000 किमी./घंटा तक।
    • नासा के पार्कर सोलर प्रोब से भी तेज, जो अब तक निर्मित सबसे तेज (अधिकतम गति 692,000 किमी./घंटा) वस्तु है।
    • नियोजित कक्षीय परीक्षण: वर्ष 2027

प्रयुक्त प्रौद्योगिकी

  • ड्यूल डायरेक्ट फ्यूजन ड्राइव (DDFD): यह एक उन्नत प्रणोदन प्रणाली है, जो आवेशित कणों से सीधे थ्रस्ट उत्पन्न करने के लिए हीलियम-3 एवं ड्यूटेरियम संलयन का उपयोग करती है।
  • कार्यप्रणाली 
    • सनबर्ड और इसी प्रकार के संलयन संचालित रॉकेटों को उनकी अत्यधिक शक्ति के कारण पृथ्वी से प्रक्षेपित करने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है।
    • उनका प्राथमिक कार्य अंतरिक्ष में है, जहाँ वे अंतरिक्ष यान को रोक सकते हैं एवं अंतरग्रहीय यात्रा में सहायता कर सकते हैं।
    • सनबर्ड पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष यान को कैप्चर कर सकता है एवं उन्हें चंद्रमा, मंगल या उससे आगे के गंतव्यों तक पहुँचा सकता है।
    • उन्हें सबसे पहले अंतरिक्ष में कार्गो परिवहन उपग्रहों पर लगाया जाएगा।
  • चुनौतियाँ: संलयन रिएक्टर बड़े एवं भारी होते हैं, इसलिए उन्हें हल्का बनाना तथा अंतरिक्ष उड़ान के लिए उन्हें छोटा करना एक बड़ी बाधा है।

शिपिंग उद्योग पर पहला ग्लोबल कार्बन टैक्स

भारत एवं 62 अन्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) द्वारा शिपिंग उद्योग पर लगाए गए विश्व के पहले ‘ग्लोबल कार्बन टैक्स के पक्ष में मतदान किया। 

शिपिंग पर ‘ग्लोबल कार्बन टैक्स’ के बारे में

  • शिपिंग पर ‘ग्लोबल कार्बन टैक्स’ एक संपूर्ण उद्योग पर लगाया गया पहला अंतरराष्ट्रीय कार्बन कर है। 
  • उद्देश्य: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना एवं स्वच्छ समुद्री प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना। 
  • आवश्यकता: वर्ष 2028 से शुरू होने वाले जहाजों को या तो निम्न-उत्सर्जन ईंधन पर स्विच करना होगा अथवा उनके द्वारा उत्पन्न प्रदूषण के आधार पर शुल्क का भुगतान करना होगा।
  • समर्थन करने वाले एवं विरोध करने वाले देश: इस समझौते का भारत, चीन एवं ब्राजील सहित 63 देशों ने समर्थन किया, लेकिन सऊदी अरब, UAE, रूस तथा वेनेजुएला जैसे तेल समृद्ध देशों ने इसका विरोध किया।

कर की मुख्य विशेषताएँ

  • कार्यान्वयन समयरेखा: वर्ष 2028 से प्रारंभ  
  • क्रमिक दंड
    • जीवाश्म ईंधन के उपयोग, जिसमें (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) LNG शामिल है, पर धीरे-धीरे जुर्माना लगाया जाएगा। 
    • उत्सर्जन तीव्रता के आधार पर जहाजों पर टैक्स लगाया जाएगा। 
  • राजस्व अपेक्षाएँ
    • वर्ष 2030 तक 40 बिलियन डॉलर तक का राजस्व उत्पन्न होने का अनुमान है।
    • सभी निधियों का उपयोग शिपिंग उद्योग में उत्सर्जन में कमी लाने के लिए किया जाएगा।

लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम (LRGB) ‘गौरव’

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सुखोई विमान से  लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम (LRGB)  ‘गौरव’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

‘गौरव’ क्या है?

  • गौरव (Gaurav) एक हवाई ग्लाइड बम है जिसका वजन 1,000 किलोग्राम है।
  • नोडल मंत्रालय: रक्षा मंत्रालय।
  • यह लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर उच्च परिशुद्धता के साथ लंबी दूरी पर लक्ष्य को भेद सकता है।
  • हाइब्रिड नेविगेशन सिस्टम का उपयोग करता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
    • जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (Inertial Navigation System- INS)
    • ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (Global Positioning System- GPS) डेटा
  • इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा विकसित किया गया है।

इंडियन जायंट फ्लाइंग स्क्वरल

उत्तराखंड के रानीखेत में पहली बार ‘इंडियन जायंट फ्लाइंग स्क्वरल’ की जानकारी मिली है। 

 इंडियन जायंट फ्लाइंग स्क्वरल 

  • आकार: यह सबसे बड़ी फ्लाइंग स्क्वरल में से एक है, जिसके शरीर की लंबाई 30-45 सेमी. एवं पूँछ 60 सेमी. तक होती है। 
  • विशेषताएँ: इसमें लाल-भूरे रंग का कोट, ग्रे अंडरपार्ट्स और रात में देखने के लिए अनुकूलित बड़ी, गोल आँखें हैं।
    • एक विशेष ग्लाइडिंग मेम्ब्रेन (पैटेगियम) इसकी कलाई से टखनों तक फैली हुई है, जो इसे पेड़ों के बीच सरकने में सक्षम बनाती है। 
  • निवास स्थान: मध्य एवं दक्षिणी भारत में उष्णकटिबंधीय तथा उपोष्णकटिबंधीय वनों में निवास करती है। 
    • सदाबहार, अर्द्ध-सदाबहार एवं पर्णपाती वनों में पाई जाती है। 
  • आहार: विभिन्न प्रकार के फल, मेवे, पत्ते एवं छाल का सेवन करती है। 
  • व्यवहार: रात में सक्रिय एवं वृक्षवासी, अधिकतर रात में सक्रिय तथा पेड़ों पर अपना जीवन व्यतीत करती है। 
    • अपने नाम के बावजूद, इंडियन जायंट फ्लाइंग स्क्वरल वास्तव में उड़ती नहीं है, बल्कि पेड़ों के बीच सरकती है।
    • खतरे को भाँपते समय अलार्म कॉल देने के लिए जानी जाती है, विशेष रूप से उल्लू की आवाज के जवाब में।
    • एक प्रमुख प्रजाति मानी जाती है, जो वन पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य एवं संतुलन को बनाए रखने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
    • यह वर्ष में केवल एक बार प्रजनन करती है, एक बार में 1-3 बच्चों को जन्म देती है।
    • बीज प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे वन पुनर्जनन में सहायता मिलती है।
  • संरक्षण स्थिति: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची II में सूचीबद्ध।
  • IUCN रेड लिस्ट: “कम चिंताजनक” (Least Concern) के रूप में वर्गीकृत।

फैक्टरी उत्पादन वृद्धि में मंदी

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) द्वारा मापी गई फैक्टरी उत्पादन वृद्धि फरवरी 2025 में छह महीने के निचले स्तर 2.9% पर आ गई, जो पूरे क्षेत्र में मंदी को दर्शाता है।

IIP प्रवृत्ति की मुख्य विशेषताएँ

  • धीमी वृद्धि: विनिर्माण उत्पादन जनवरी में 5.8% से फरवरी में 2.9% पर आ गया।
    • खनन वृद्धि भी पिछले महीने के 4.4% की तुलना में 1.6% पर आ गई, जबकि विद्युत उत्पादन में 2.4% से 3.6% की मामूली वृद्धि देखी गई।
  • पूँजीगत वस्तु उत्पादन (Capital good Output): समग्र मंदी के बावजूद, पूँजीगत वस्तु उत्पादन फरवरी में 8.2% बढ़ा, जो निरंतर निवेश की माँग को दर्शाता है।
    • बुनियादी ढाँचे में  वस्तु उत्पादन ने भी 6.6% की मजबूत वृद्धि बनाए रखी।
  • कमजोर खपत प्रवृत्तियाँ: उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन जनवरी में 7.2% से फरवरी में 3.8% पर आ गया, जबकि उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन 2.1% कम हुआ, जो खपत माँग में निरंतर कमजोरी को दर्शाता है।
  • उच्च आधार प्रभाव एवं क्षेत्रीय अस्थिरता का प्रभाव: मंदी का कारण आंशिक रूप से पिछले वर्ष के उच्च आधार एवं अस्थिर क्षेत्रीय प्रदर्शन हैं। विशेषज्ञों ने लगातार पाँच महीनों की वृद्धि के बाद औद्योगिक उत्पादन में सुस्ती देखी।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के बारे में

  • IIP एक निश्चित अवधि में औद्योगिक उत्पादों के उत्पादन की मात्रा में परिवर्तन को मापता है।
  • यह देश के औद्योगिक क्षेत्र के प्रदर्शन को मापने के लिए एक प्रमुख आर्थिक संकेतक के रूप में कार्य करता है।
  • घटक: IIP में तीन व्यापक क्षेत्र शामिल हैं, विनिर्माण (77.6% भार), खनन (14.4%), एवं बिजली (8%)।
  • प्रकाशितकर्ता: IIP को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा मासिक रूप से संकलित एवं जारी किया जाता है।
  • आर्थिक स्वास्थ्य के लिए प्रमुख संकेतक
    • IIP रुझान नीति निर्माताओं, विश्लेषकों एवं व्यवसायों को औद्योगिक गतिविधियों, निवेश माँग तथा उपभोग प्रवृत्तियों की वर्तमान स्थिति का आकलन करने में सहायता करते हैं।
    • IIP रुझान नीतिगत निर्णयों एवं आर्थिक पूर्वानुमानों को प्रभावित करते हैं।

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