हाल ही में बोंडा जनजाति के छात्र मंगला मुदुली ने चिकित्सा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
बोंडा जनजाति के बारे में
बोंडा: यह ओडिशा में पाया जाने वाला 13 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) में से एक है।
ओडिशा में पाए जाने वाले अन्य 12 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) हैं:- बिरहोर, चुक्तिया भुंजिया (Chuktia Bhunjia), दिदायी (Didayi), डोंगरिया कोंध (Dongria Kondh), हिल खरिया (Hill Kharia), जुआंग, कुटिया कोंध (Kutia Kondh), लांजिया सौरा (Lanjia Soura), लोढ़ा (Lodha), मनकिर्डिया (Mankirdia), पौडी भुइयाँ (Paudi Bhuyan) एवं सौरा (Soura)।
स्थान: मलकानगिरि (पूर्वी घाट क्षेत्र)।
मलकानगिरी में चार ग्राम पंचायतों के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत 33 बस्तियों में लगभग 12,000 बोंडा रहते हैं।
भाषा: ऑस्ट्रो-एशियाटिक/मुंडा।
कृषि व्यवसाय: स्थानांतरित कृषक।
धर्म: बोंडा बहुदेववादी हैं। वे अधिकतर प्रकृति के देवताओं की पूजा करते हैं।
सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताएँ
बोंडा पुरुष लंगोटी जैसे वस्त्र की एक संकीर्ण पट्टी पहनते हैं।
किंवदंतियों द्वारा समर्थित निषेध के कारण बोंडा महिलाएँ अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को नहीं ढकती हैं। बोंडा महिलाएँ मोतियों एवं पीतल के भारी हार पहनकर अपने शरीर को ढँकती हैं।
महिलाएँ लंगोटी जैसे वस्त्र की एक छोटी पट्टी पहनती हैं, जिसे ‘नाडी’ (Nadi) कहा जाता है।
सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने में पारंपरिक पदाधिकारियों की प्रमुख भूमिका होती है:नाइक (ग्राम प्रधान), चालान (ग्राम बैठकों के आयोजक), एवं बारिक (ग्राम दूत)।
शी-बॉक्स पोर्टल
(SHe-Box Portal)
भारत सरकार ने महिलाओं के लिए कार्यस्थल सुरक्षा बढ़ाने के लिए शी-बॉक्स पोर्टल (SHe-Box Portal) लॉन्च किया है।
शी-बॉक्स पोर्टल की विशेषताएँ
केंद्रीकृत मंच: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों को दर्ज करने और निगरानी करने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा।
शिकायतों की ट्रैकिंग करना: यह पोर्टलमहिलाओं को शिकायत दर्ज करने एवं उनकी स्थिति को ट्रैक करने की अनुमति देता है।
समय पर निवारण: आंतरिक समितियों द्वारा शिकायतों का समयबद्ध निवारण सुनिश्चित करता है।
महत्त्व
कार्यस्थल से संबंधित यौन उत्पीड़न को कुशलतापूर्वक एवं सुरक्षित रूप से संबोधित करना।
महिलाओं के लिए सुरक्षित एवं अधिक समावेशी कार्य वातावरण तैयार करना।
व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हुए बिना भी शिकायतें सुरक्षित रूप से दर्ज की जा सकती हैं।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक
पाकिस्तान ने अक्टूबर 2024 में इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शासनाध्यक्षों की बैठक में भाग लेने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है।
SCO की अध्यक्षता
अध्यक्षता: SCO काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की अध्यक्षता रोटेशन पर आधारित है, इस बार इसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के पास है।
भारत की अध्यक्षता: भारत ने पिछले वर्ष SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जो वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया था, एवं इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भाग लिया था।
हालाँकि, पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने मई 2023 में गोवा में SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया।
लगभग 12 वर्षों में भारत का दौरा करने वाले वह पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री थे।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बारे में
स्थापना: 15 जून, 2001 को शंघाई में।
सदस्य: बेलारूस, भारत, ईरान, कजाखस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान एवं उज्बेकिस्तान।
पर्यवेक्षक की स्थिति: अफगानिस्तान एवं मंगोलिया।
वधावन बंदरगाह
(Vadhvan Port)
भारतीय प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के पालघर में लगभग ₹76,000 करोड़ की वाधवन बंदरगाह (Vadhvan Port) परियोजना की आधारशिला रखी।
वधावन बंदरगाह परियोजना (Vadhvan Port Project)
उद्देश्य: विश्व स्तर पर शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल होना।
क्षमता: इसकी हैंडलिंग क्षमता 23.2 मिलियन ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स (TEUs) होगी।
डिजाइन: भारत के व्यापार एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक विश्व स्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार के रूप में इसे तैयार किया जाएगा।
मुख्य विशेषताएँ
बड़े कंटेनर जहाजों एवं अति-बड़े मालवाहक जहाजों की आपूर्ति करने में सक्षम।
पारगमन समय एवं लागत को कम करते हुए अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के लिए गहन ड्राफ्ट तथा सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एवं बुनियादी ढाँचे से सुसज्जित, बंदरगाह में गहरी बर्थ, कुशल कार्गो हैंडलिंग सुविधाएँ तथा आधुनिक बंदरगाह प्रबंधन प्रणाली शामिल होंगी।
कड़े पारिस्थितिकी मानकों का पालन करते हुए सतत् विकास प्रथाओं को शामिल करता है।
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