100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal April 24, 2025 04:05 7 0

स्टील पर 12% सुरक्षा शुल्क

हाल ही में भारत सरकार ने पाँच स्टील उत्पाद श्रेणियों पर 12% अनंतिम सुरक्षा शुल्क आरोपित किया है।

अधिसूचना के संबंध में मुख्य विवरण

  • उद्देश्य: आयात में वृद्धि के विरुद्ध भारतीय घरेलू उद्योग की रक्षा करना।
  • परिणाम
    • यह भारतीय निर्माताओं को अनुचित आयात से बचाएगा, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगा एवं आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर होगा।
    • अतिरिक्त शुल्क से कच्चे माल की कीमतें भी बढ़ेंगी, जिससे स्टील उत्पाद निर्यात प्रभावित होगा क्योंकि यह कम प्रतिस्पर्द्धी हो जाएगा।

सुरक्षा शुल्क (Safeguard Duty) के बारे में

  • शुल्क या मात्रात्मक प्रतिबंधों के रूप में सुरक्षा उपाय, विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों के लिए उपलब्ध व्यापार उपाय हैं।
  • कारण: घरेलू उद्योग को गंभीर नुकसान पहुँचाने की क्षमता वाले किसी उत्पाद के आयात में अचानक एवं महत्त्वपूर्ण वृद्धि के मामले में घरेलू हितधारकों को समान अवसर प्रदान करने के लिए इन्हें आरोपित किया जाता है।
    • ये शुल्क एंटी-डंपिंग शुल्क के विपरीत एक समान शुल्क दर वाले सभी देशों पर लागू होते हैं।

पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन

पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन को 17वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर नवाचार श्रेणी के तहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए वर्ष 2024 का प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 

पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन के बारे में

  • पोषण ट्रैकर बच्चों में स्टंटिंग, वेस्टिंग एवं कम वजन की व्यापकता की गतिशील पहचान एवं पोषण सेवा वितरण की अंतिम-मील ट्रैकिंग के लिए एक मोबाइल-आधारित एप्लीकेशन है।
  • प्राथमिक उपयोगकर्ता: ऐप का उपयोग आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) द्वारा बच्चों एवं माताओं के स्वास्थ्य तथा पोषण की निगरानी एवं ट्रैक करने के साथ-साथ आंगनवाड़ी केंद्रों (AWCs) गतिविधियों के प्रयोग हेतु किया जाता है। 
  • नोडल मंत्रालय: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय। 
  • उद्देश्य: AWWs की क्षमता बढ़ाना एवं बेहतर सेवा वितरण के लिए वास्तविक समय आधारित डेटा प्रदान करना। 
  • पंजीकृत लाभार्थी: ऐप निम्नलिखित लाभार्थियों का विवरण पंजीकृत करेगा, अर्थात्, 
    • गर्भवती महिलाएँ; स्तनपान कराने वाली माताएँ; 14-18 वर्ष की किशोरियाँ (आकांक्षी जिलों के लिए)।
  • विशेषताएँ
    • वास्तविक समय डेटा: ऐप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी केंद्रों एवं लाभार्थियों की वास्तविक समय ट्रैकिंग की अनुमति देता है, जिससे समय पर हस्तक्षेप तथा सुधार संभव हो पाता है।
    • डेटा विजुअलाइजेशन: ऐप में प्रगति को ट्रैक करने के लिए डैशबोर्ड, चार्ट, हीटमैप एवं अन्य डेटा विज़ुअलाइजेशन टूल हैं।
    • ट्रैकिंग सेवाएँ: ऐप ‘टेक होम राशन’ (Take Home Ration- THR), ‘हॉट कुक्ड मील’ (Hot Cooked Meal- HCM), टीकाकरण एवं ग्रोथ मॉनिटरिंग जैसी सेवाओं को ट्रैक करने में मदद करता है।
    • जियो-टैगिंग: ऐप आंगनवाड़ी केंद्रों का पता लगाने एवं उनकी निगरानी करने के लिए जियो-टैगिंग का उपयोग करता है।
    • भाषाएँ: यह ऐप 24 भाषाओं में उपलब्ध है।
    • वृद्धि चार्ट एवं BMI चार्ट: ऐप लाभार्थियों की वृद्धि एवं पोषण संबंधी स्थिति को ट्रैक करने के लिए उपकरण प्रदान करता है, जिसमें ऊँचाई, वजन तथा BMI के चार्ट शामिल हैं।

‘HEALD’ पहल

इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (Institute of Liver and Biliary Sciences- ILBS) ने विश्व यकृत दिवस (World Liver Day) के अवसर पर ‘HEALD पहल’ की शुरुआत की।

‘HEALD’ पहल के बारे में

  • HEALD का अर्थ है:- स्वस्थ यकृत शिक्षा और शराब से संबंधित यकृत रोग की रोकथाम (Healthy Liver Education and Alcohol-associated Liver Disease Prevention)।
  • यह यकृत की बीमारियों, विशेष तौर पर शराब के सेवन से जुड़ी बीमारियों को रोकने एवं उनका प्रबंधन करने के लिए भारत की पहली राष्ट्रव्यापी पहल है।
  • उद्देश्य: यकृत की बीमारियों के बारे में जागरूकता, रोकथाम एवं उपचार को बढ़ावा देना।
    • इस संदेश पर जोर देना: ‘प्रत्येक ‘फेल लिवर’ के पीछे एक खोया हुआ अवसर छिपा होता है।’

HEALD की मुख्य विशेषताएँ

  • बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण: सार्वजनिक शिक्षा, प्रारंभिक जाँच, शराब के सेवन संबंधी विकार के लिए चिकित्सा एवं मनोवैज्ञानिक उपचार तथा लिवर रोग प्रबंधन को जोड़ता है।
  • जागरूकता एवं रोकथाम: जागरूकता फैलाने, लिवर की बीमारियों को रोकने एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए नीतियों को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • पुनर्वास एवं सहायता: इसमें मानसिक स्वास्थ्य सहायता, सामुदायिक आउटरीच एवं शराब पर निर्भरता के बारे में उपेक्षा को कम करने के लिए नीति सुधार शामिल हैं।

मध्य प्रदेश में बफर जोन

मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने ‘बाघ अभयारण्यों में बफर जोन का विकास’ (Development of Buffer Zones in its Tiger Reserves) नामक नई योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

बफर जोन के बारे में

  • यह एक ऐसा क्षेत्र है, जो राष्ट्रीय उद्यानों एवं बाघ अभयारण्यों जैसे वन्यजीव क्षेत्रों को कवर करता है-
    • रिजर्व के सख्त संरक्षित कोर क्षेत्र। 
    • आस-पास की मानव बस्तियों के बीच संक्रमण के रूप में कार्य करता है।
  • कोर जोन
    • यह एक संरक्षित क्षेत्र है, जहाँ वन्यजीवों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए मानवीय गतिविधियों की अनुमति नहीं है या उन्हें सख्ती से विनियमित किया जाता है।
    • कोर जोन में अनुमत मानवीय गतिविधियाँ: वैज्ञानिक अध्ययन, वन्यजीव निगरानी एवं अवैध शिकार को रोकने के लिए गश्त।

‘बाघ अभयारण्यों में बफर जोन के विकास’ योजना के बारे में

  • यह पहल सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देते हुए वन्यजीव विरासत को संरक्षित करने से संबंधित है।
  • नोडल मंत्रालय: केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (भारत सरकार)।
  • इस कार्यक्रम को वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2027-28 तक लागू किया जाएगा।
  • योजना की मुख्य विशेषताएँ
    • बाड़ लगाना: पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील बफर जोन की सुरक्षा के लिए चेन युक्त बाड़ लगाई जाएगी।
    • वन्यजीव संरक्षण: वन्यजीव सुरक्षा एवं आग की रोकथाम के उपाय लागू किए जाएँगे।
    • चरागाह एवं जल विकास: चरागाह बनाने एवं वन्यजीवों के लिए उचित जल स्रोत सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
    • पशु स्वास्थ्य: जंगली जानवरों के स्वास्थ्य के लिए निगरानी एवं उपचार कार्यक्रम चलाए जाएँगे।
    • सामुदायिक विकास: स्थानीय समुदायों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा।

ताजमहल पर काँच उद्योग का प्रभाव

सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (National Environmental Engineering Research Institute-NEERI) को ताजमहल पर काँच उद्योगों के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए कहा है।

ताजमहल पर काँच उद्योगों का प्रभाव

  • वायु प्रदूषण: काँच के कारखाने सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOₓ) एवं पार्टिकुलेट मैटर जैसे प्रदूषक उत्सर्जित करते हैं, जो नमी के साथ अभिक्रिया करके अम्लीय वर्षा की स्थिति उत्पन्न करते हैं।
  • संगमरमर का पीला पड़ना: अम्लीय वर्षा एवं सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर ताजमहल के सफेद संगमरमर के पीले होने एवं जंग लगने में योगदान करते हैं।

ताज ट्रेपेजियम जोन (Taj Trapezium Zone- TTZ)

  • पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र: TTZ ताजमहल के चारों ओर लगभग 10,400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है, जिसे स्मारक को वायु प्रदूषण एवं पर्यावरणीय गिरावट से बचाने के लिए स्थापित किया गया है।
  • कई जिले शामिल हैं: यह उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है, जिसमें आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा एवं भरतपुर जैसे शहर शामिल हैं।
  • सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश (1996): भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 1996 में TTZ में औद्योगिक उत्सर्जन को कम करने के लिए निर्देश जारी किए, जिसमें प्रदूषणकारी उद्योगों को स्थानांतरित करना या बंद करना शामिल था।
  • वायु गुणवत्ता पर ध्यान: ताजमहल के सफेद संगमरमर को संरक्षित करने के लिए वाहनों, कारखानों एवं अन्य स्रोतों से उत्सर्जन को सीमित करने के लिए TTZ में सख्त नियम लागू किए गए हैं।

राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI)

  • NEERI वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के तहत एक प्रमुख शोध संस्थान है, जो पर्यावरण विज्ञान एवं इंजीनियरिंग पर केंद्रित है।
  • स्थापना: वर्ष 1958 में।
  • मुख्यालय: नागपुर।
  • मुख्य कार्य: NEERI वायु एवं जल प्रदूषण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन तथा पर्यावरणीय प्रभाव आकलन जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान करता है एवं समाधान प्रदान करता है।

नैनो-सल्फर भारत में सरसों की पैदावार बढ़ा सकता है: TERI वैज्ञानिक

ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (The Energy and Resources Institute- TERI) के वैज्ञानिकों ने नैनो सल्फर तकनीक विकसित की है, जो भारत में सरसों की पैदावार एवं तेल की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकती है।

नैनो सल्फर क्या है?

  • नैनो सल्फर एक उर्वरक है, जो पोषक तत्त्वों के अवशोषण एवं मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सल्फर के छोटे कणों (आकार में 1-100 नैनोमीटर) का उपयोग करता है।

मुख्य शोध निष्कर्ष

  • उपज में वृद्धि: नैनो सल्फर ने सरसों की उपज को 1,156 किलोग्राम/एकड़ से बढ़ाकर 1,559 किलोग्राम/एकड़ कर दिया, जो लगभग 30-40% की वृद्धि है।
  • तेल सामग्री: नैनो सल्फर के प्रयोग से तेल की मात्रा में 28-30% तक सुधार हुआ।
  • GM सरसों (DMH-11) के साथ तुलना: GM सरसों ने परीक्षणों में उपज में 10-40% की वृद्धि दिखाई।

सरसों की खेती में नैनो सल्फर के लाभ

  • पौधों की वृद्धि में सुधार: पौधे की ऊँचाई, शाखाओं, क्लोरोफिल की मात्रा एवं समग्र जैविक उपज में वृद्धि होती है।
  • किसानों के लिए आर्थिक लाभ: 50% पारंपरिक सल्फर उर्वरकों को नैनो सल्फर से बदलने से प्रति एकड़ ₹12,000 की आय बढ़ सकती है।
  • सल्फर की कमी को दूर करता है: भारत में पाई जाने वाली मृदा का 45% हिस्सा सल्फर की कमी वाला है, विशेषकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात एवं आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख तिलहन उगाने वाले राज्यों में।
  • बेहतर पोषक तत्त्व उपलब्धता: नैनो सल्फर पौधों को 90-100% उपलब्धता सुनिश्चित करता है, जबकि पारंपरिक सल्फर केवल 10-15% ही उपलब्ध कराता है।
  • निक्षालन को रोकता है: इसका डिजाइन पौधों की जड़ों द्वारा बेहतर प्रतिधारण और अवशोषण सुनिश्चित करता है।

विश्व पृथ्वी दिवस 2025

22 अप्रैल, 2025 को, दुनिया भर के लोगों ने 55वाँ विश्व पृथ्वी दिवस मनाया, जो पर्यावरण संबंधी खतरों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है।

संबंधित तथ्य

  • इस वर्ष, पृथ्वी दिवस ‘अवर पॉवर, अवर प्लैनेट’ (Our Power, Our Planet) की थीम के तहत मनाया जा रहा है, जिसमें सभी पक्षों से नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एकजुट होने और वर्ष 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा की मात्रा को तीन गुना करने का प्रयास करने का आह्वान किया गया है।

पृथ्वी दिवस की उत्पत्ति

  • पृष्ठभूमि: पृथ्वी दिवस की अवधारणा का पता 1960 के दशक के उत्तरार्द्ध में लगाया जा सकता है, जब पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर सार्वजनिक बहस में वृद्धि देखी गई थी।
    • राहेल कार्सन की पुस्तक साइलेंट स्प्रिंग (1962) एवं सांता बारबरा तेल रिसाव (1969) ने पर्यावरण विनाश के बारे में जागरूकता बढ़ाई।
  • पहला पृथ्वी दिवस वर्ष 1970 में मनाया गया था, जब विस्कॉन्सिन से संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय प्रदर्शन का आयोजन किया था।
  • वर्ष 2009 में, संयुक्त राष्ट्र ने 22 अप्रैल को ‘अंतरराष्ट्रीय मातृ पृथ्वी दिवस’ (International Mother Earth Day) के रूप में नामित किया।
  • पृथ्वी दिवस का वैश्विक समन्वय EARTHDAY.ORG द्वारा किया जाता है, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है। 
    • इसे पहले ‘अर्थ डे नेटवर्क’ के नाम से जाना जाता था।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.