7वाँ राष्ट्रीय पोषण माह 2024 (7th Rashtriya Poshan Maah 2024)
हाल ही में पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाने पर जोर देने के साथ 7वें राष्ट्रीय पोषण माह (7th Rashtriya Poshan Maah) का उद्घाटन किया गया।
राष्ट्रीय पोषण माह के बारे में
राष्ट्रीय पोषण माह प्रत्येक वर्ष सितंबर महीने के दौरान मनाया जाता है।
यह पोषण अभियान (समग्र पोषण के लिए प्रधानमंत्री की व्यापक योजना) के तहत मनाया जाता है, जिसे वर्ष 2018 में शुरू किया गया था।
पोषण अभियान के बारे में
अवलोकन: यह 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी परिणामों में सुधार करने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम है।
नोडल मंत्रालय: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD)।
मिशन POSHAN 2.0 (सक्षम आंगनवाड़ी एवं POSHAN 2.0): इसे पोषण सामग्री, वितरण, आउटरीच एवं परिणामों को मजबूत करने के लिए एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम के रूप में लॉन्च किया गया है।
यह उन प्रथाओं को विकसित करने पर केंद्रित है, जो स्वास्थ्य, कल्याण एवं रोग तथा कुपोषण के प्रति प्रतिरक्षा का पोषण करती हैं।
एग्रीश्योर फंड एवं कृषि निवेश पोर्टल
(AgriSURE Fund & Krishi Nivesh Portal)
हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री ने PUSA, नई दिल्ली में एग्रीश्योर फंड एवं कृषि निवेश पोर्टल (AgriSURE Fund & Krishi Nivesh Portal) लॉन्च किया।
स्टार्ट-अप एवं ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि निधि (Agri Fund for Start-Ups & Rural Enterprises- AgriSURE) के बारे में
लॉन्च किया गया: क्षेत्र-विशिष्ट एवं ऋण वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) में निवेश के माध्यम से स्टार्ट-अप तथा कृषि उद्यमियों का समर्थन करने के लिए, साथ ही कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप को प्रत्यक्ष इक्विटी समर्थन के लिए लॉन्च किया गया है।
उद्देश्य:750 करोड़ रुपये की श्रेणी-II वैकल्पिक निवेश निधि (AIF) की स्थापना के माध्यम से भारत के कृषि क्षेत्र में नवाचार एवं स्थिरता को बढ़ावा देना।
यह फंड इक्विटी एवं ऋण दोनों समर्थन प्रदान करेगा, विशेष रूप से कृषि मूल्य श्रृंखला में उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों को लक्षित करेगा।
मंत्रालय: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (भारत सरकार)।
नाबार्ड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ‘NABVENTURES’, एग्रीश्योर (AgriSURE) के फंड मैनेजर के रूप में कार्य करेगी।
कृषि निवेश पोर्टल (Krishi Nivesh Portal) के बारे में
उद्देश्य: देश में कृषि निवेश को बढ़ावा देना।
विकसित: विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभ प्राप्त करने के लिए सभी कृषि निवेशकों के लिए एक एकीकृत, केंद्रीकृत वन स्टॉप पोर्टल के रूप में।
ई श्रम पोर्टल (eShram Portal)
ई श्रम पोर्टल (eShram Portal) के लॉन्च के बाद से तीन वर्ष की छोटी सी अवधि में, ई श्रम पोर्टल (eShram Portal) में 30 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों पंजीकृत हुए है।
ई श्रम पोर्टल के बारे में
ई-श्रम पोर्टल: यह असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस (NDUW) है, जो आधार से जुड़ा है।
लॉन्च:श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (MoLE) ने अगस्त 2021 में ई श्रम पोर्टल लॉन्च किया।
उद्देश्य: इसमें श्रमिकों का व्यापक विवरण होगा ताकि उनकी रोजगार क्षमता का अधिकतम लाभ उठाया जा सके एवं उन तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुँचाया जा सके।
असंगठित श्रमिक: कोई भी श्रमिक जो घर-आधारित श्रमिक, स्व-रोजगार श्रमिक या असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाला वेतनभोगी श्रमिक है एवं ESIC या EPFO का सदस्य नहीं है, उसे असंगठित श्रमिक कहा जाता है।
महत्त्व: यह प्रवासी श्रमिकों, निर्माण श्रमिकों, गिग एवं प्लेटफॉर्म श्रमिकों आदि सहित असंगठित श्रमिकों का पहला राष्ट्रीय डेटाबेस है।
सेमीकंडक्टर चिप निर्माण (Semiconductor Chip Manufacturing)
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3,300 करोड़ रुपये की लागत से कायन्स सेमीकॉन (Kaynes Semicon) द्वारा स्थापित किए जा रहे सेमीकंडक्टर असेंबली एवं परीक्षण संयंत्र को मंजूरी दे दी है।
भारत में चिप विनिर्माण
चिप हब: भारत की संयुक्त राज्य अमेरिका, ताइवान एवं दक्षिण कोरिया की तर्ज पर एक प्रमुख चिप हब बनने की महत्त्वाकांक्षा है।
पिछली परियोजनाएँ
देश ने ताइवान की पॉवर चिप के साथ साझेदारी में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा स्थापित किए जा रहे 11 बिलियन डॉलर के फैब्रिकेशन प्लांट को मंजूरी दे दी है।
जापान की रेनेसा (Renesas) के साथ साझेदारी में टाटा, अमेरिका स्थित माइक्रोन टेक्नोलॉजी (Micron Technology) एवं मुरुगप्पा समूह (Murugappa Group) की सीजी पॉवर (CG Power) द्वारा तीन अलग-अलग चिप असेंबली प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।
सब्सिडी: भारत की महत्त्वाकांक्षी 76,000 करोड़ रुपये की चिप विनिर्माण प्रोत्साहन योजना के तहत स्वीकृत।
सेमीकंडक्टर के बारे में
सेमीकंडक्टर: यह एक ऐसी सामग्री है, जो इन्सुलेटर एवं कंडक्टर दोनों के गुणों को प्रदर्शित करती है।
रचना: आमतौर पर सिलिकॉन से बना होता है।
डोपिंग प्रक्रिया: अर्द्ध-चालकों की चालकता एवं अन्य गुणों को अशुद्धियाँ प्रस्तुत करके संशोधित किया जा सकता है।
सामान्य उपयोग: कंप्यूटर, स्मार्टफोन, उपकरण, गेमिंग हार्डवेयर, चिकित्सा उपकरण आदि सहित उत्पादों की एक विस्तृत शृंखला का अभिन्न अंग।
अगली पीढ़ी का अनुक्रमण (Next-Generation Sequencing)
राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NIAB) स्वदेशी मवेशियों के आनुवंशिक प्रिंट के लिए अगली पीढ़ी के अनुक्रमण (Next-Generation Sequencing) का उपयोग कर रहा है।
आनुवंशिक अनुक्रमण के बारे में
आनुवंशिक अनुक्रमण: यह चार रासायनिक निर्माण खंडों या न्यूक्लियोटाइड्स के क्रम को निर्धारित करने की प्रक्रिया है, जो किसी जीव के DNA का निर्माण करते हैं।
आनुवंशिक अनुक्रमण के तरीके: सेंगर सीक्वेंसिंग (Sanger Sequencing), नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग (Next-Generation Sequencing- NGS), एवं एकल अणु वास्तविक समय (Single Molecule Real Time- SMRT) अनुक्रमण शामिल हैं।
अगली पीढ़ी की अनुक्रमण (Next-Generation Sequencing- NGS) के बारे में
NGS: यह बीमारियों या अन्य जैविक घटनाओं से जुड़ी आनुवंशिक भिन्नता का अध्ययन करने के लिए DNA या RNA के अनुक्रम को निर्धारित करने की एक तकनीक है।
इसे उच्च-थ्रूपुट अनुक्रमण के रूप में भी जाना जाता है।
महत्त्व: पहले इस्तेमाल किए गए सेंगर सीक्वेंसिंग की तुलना में DNA एवं RNA के अनुक्रमण को अधिक तेजी से तथा कम लागत में करने की अनुमति देता है।
NGS के लाभ
यह एकल-न्यूक्लियोटाइड रिजॉल्यूशन प्रदान करता है, जिससे संबंधित जीन, एलीलिक जीन वेरिएंट (Allelic Gene Variants) आदि का पता लगाना संभव हो जाता है।
सिग्नल की उच्च गतिशील रेंज।
इनपुट के रूप में कम DNA/RNA की आवश्यकता होती है।
प्रोजेक्ट भेड़िया (Project Bhediya)
उत्तर प्रदेश सरकार ने भेड़ियों के झुंड को पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन भेड़िया’ (Operation Bhediya) शुरू किया, जिसने कई लोगों को मार डाला था।
ऑपरेशन भेड़िया के बारे में
उद्देश्य: उत्तर प्रदेश के बहराइच में बच्चों एवं ग्रामीणों को निशाना बनाने वाले भेड़ियों को पकड़ना।
भारतीय भेड़िया (Indian Wolf) के बारे में
वैज्ञानिक नाम: कैनिस ल्यूपस पल्लिप्स (Canis Lupus Pallipes)
विवरण: आकार में मध्यम, तिब्बती एवं अरब भेड़िये से मिलती जुलती समानताएँ।
पर्यावास: झाड़ियों, घास के मैदानों एवं अर्द्ध-शुष्क ग्रामीण कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र वाले क्षेत्रों में पाया जाता है।
वितरण:भारतीय उपमहाद्वीप से इजरायल तक व्यापक रूप से पाया जाता है।
संरक्षण की स्थिति
IUCN की रेड लिस्ट में: निकट संकटग्रस्त (Least Concern)
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972: अनुसूची I (Schedule I)
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