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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal May 21, 2025 03:11 7 0

मोसुरा फेंटोनी (Mosura Fentoni)

60 से अधिक जीवाश्म खोजों की सहायता से जीवाश्म वैज्ञानिकों ने मोसुरा फेंटोनी (Mosura fentoni) नामक तीन आँखों वाले जीव की खोज की, जो 506 मिलियन वर्ष पूर्व महासागरों में पाया जाता था।

  • यह खोज ‘रॉयल सोसायटी ओपन साइंस’ (Royal Society Open Science) में प्रकाशित हुई।

मोसुरा फेंटोनी (Mosura fentoni) के बारे में 

  • वर्गीकरण: रेडियोडोंट्स (Radiodonts) नामक समूह से संबंधित है, जो कैंब्रियन काल के दौरान का एक जीव था।
    • रेडियोडोंट्स, आर्थ्रोपोड्स (Arthropods) का एक प्राचीन समूह है, जो आधुनिक कीटों, मकड़ियों और क्रस्टेशियंस के पूर्वज हैं।
  • उपनाम: पतंगे के समान शरीर और अँगुली के आकार की लंबाई के कारण इसे ‘समुद्री पतंगा’ (Sea Moth) उपनाम दिया गया।
  • शारीरिक संरचना: मोसुरा के उदर में 16 ‘बॉडी सेगमेंट’ और गलफड़ों जैसी संरचनाएँ थीं, जो संभवतः श्वसन क्षमता को बढ़ाने के लिए थीं।
    • ये संरचनाएँ आधुनिक हॉर्सशू केकड़ों (Horseshoe Crabs) और वुडलिस (Woodlice) थीं, जो विकासवादी अभिसरण तंत्र की संकेतक हैं, वह तंत्र जिसके द्वारा असंबंधित समूहों में स्वतंत्र रूप से शारीरिक समानताएँ विकसित होती हैं।
  • “तीसरी आँख” (Third Eye): इसके सिर के केंद्र में एक प्रमुख तीसरी आँख थी, जो जल के नीचे अभिविन्यास में सहायता करती थी।
  • तैराकी की क्षमता: ‘स्टिंगरे’ के समान जल के नीचे संचलन के लिए कई तैराकी ‘फ्लैप’ का उपयोग करती थीं।
  • भोजन: मुँह एक ‘पेंसिल शार्पनर’ के समान था, जिस पर दाँतेदार प्लेट लगी हुई थीं।
  • शिकारी अनुकूलन: मोसुरा के पंजे काँटेदार, जोड़दार थे, जो अन्य रेडियोडोंट से अलग थे, जो संभवतः शिकार को पकड़ने और मार्गदर्शन करने के लिए थे।
  • विजन: आँखों के पास स्थित तंत्रिका समूहों से पता चलता है कि मोसुरा में दृष्टि प्रसंस्करण क्षमताएँ (vision processing abilities) भी थीं।

भारत ने बर्लिन में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में प्रमुख सैन्य योगदानकर्ता भारत ने बर्लिन में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मंत्रिस्तरीय बैठक में महत्त्वपूर्ण संसाधन देने का वचन दिया।

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के बारे में

  • संयुक्त राष्ट्र, शांति अभियान विभाग (Department of Peace Operations) के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना, सैनिकों, पुलिस और नागरिकों को तैनात करके संघर्ष से शांति की ओर संक्रमण में देशों का समर्थन करती है।
  • मुख्य सिद्धांत: पक्षों की सहमति, निष्पक्षता, और आत्मरक्षा और अधिदेश की रक्षा के अलावा बल का प्रयोग न करना।

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मंत्रिस्तरीय बैठक, 2025 में भारत की नई प्रतिज्ञाएँ 

  • एक त्वरित प्रतिक्रिया बल (Quick Reaction Force) कंपनी, एक महिला नेतृत्व वाली संगठित पुलिस इकाई (FPU), एक काउंटर-IED और विस्फोटक आयुध निपटान यूनिट, एक के-9 (Canine) यूनिट, एक SWAT पुलिस यूनिट और एक मिश्रित सशस्त्र पुलिस यूनिट या सशस्त्र पुलिस सहायता प्रदान करना। 

भारत और शांति स्थापना प्रयास

  • भारत वर्तमान में 10 संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों (सितंबर 2024 तक) में 153 महिलाओं सहित 5,384 कर्मियों का योगदान देता है।
  • यह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक सैन्य योगदान देने वाले देशों में से एक है।
  • भारत ने वर्ष 2007 में लाइबेरिया में पहली महिला FPU तैनात की थी।
  • सेवा के दौरान लगभग 180 भारतीय शांति सैनिकों की मृत्यु हो चुकी है, जो योगदान देने वाले सभी देशों में सबसे अधिक संख्या है।

बर्लिन संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मंत्रिस्तरीय बैठक, 2025 के बारे में

  • बर्लिन मंत्रिस्तरीय बैठक उच्च स्तरीय बैठकों की शृंखला का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक समर्थन को बढ़ावा देना और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सुधार के लिए ठोस प्रतिबद्धताएँ उत्पन्न करना है।
  • यह अकरा (वर्ष 2023), सियोल (वर्ष 2021), न्यूयॉर्क (वर्ष 2019) वैंकूवर (वर्ष 2017) और लंदन (वर्ष 2016) में आयोजित पिछली मंत्रिस्तरीय बैठकों का अनुसरण करती है।
  • वर्ष 2025 की मंत्रिस्तरीय बैठक संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगाँठ और शांति स्थापना पर नेताओं के शिखर सम्मेलन की 10वीं वर्षगाँठ के साथ संरेखित  है।

e-जीरो FIR पहल

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उच्च मूल्य वाले साइबर अपराधों को स्वतः पंजीकृत करने के लिए e-जीरो FIR पहल शुरू की है।

 e-जीरो FIR पहल के बारे में

  • e-जीरो FIR 1930 हेल्पलाइन या राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज साइबर वित्तीय अपराध शिकायतों को स्वचालित रूप से FIR में बदल देगी। 
    • सीमा: 10 लाख रुपये से अधिक के साइबर अपराध की शिकायतें स्वचालित रूप से FIR में बदल जाएँगी। 
    • पायलट प्रोजेक्ट: इस पहल को शुरू में दिल्ली के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है।
  • विजन: ‘साइबर-सुरक्षित भारत’ बनाने के लिए साइबर सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करना।
  • कार्यान्वयन एजेंसी: गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cyber Crime Coordination Centre- I4C)।
  • एकीकृत दृष्टिकोण: e-FIR  प्रक्रिया I4C की NCRP प्रणाली, दिल्ली पुलिस की e-FIR प्रणाली एवं NCRB के अपराध तथा आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम को एकीकृत करेगी। 
  • कानून: e-FIR  भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 (1) एवं 1 (ii) के नए प्रावधानों के अनुसार पंजीकृत की जाएँगी। 
  • महत्त्व: e-जीरो FIR अपराध के भौगोलिक क्षेत्राधिकार की परवाह किए बिना पंजीकृत की जाएगी, जिससे नौकरशाही देरी के बिना त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होगी।

कैलिफोर्निया के सैन जोकिन घाटी में तुलारे झील

कैलिफोर्निया की सैन जोकिन घाटी में स्थित तुलारे झील 130 वर्ष बाद फिर से अस्तित्त्व में आई है।

पुनः अस्तित्त्व में आने के कारण

प्राकृतिक एवं मानव-प्रेरित कारकों के संयोजन के कारण तुलारे झील 130 वर्ष बाद पुनः अस्तित्त्व में आई है।

  • अत्यधिक हिमपात एवं वर्षा: वर्ष 2023-24 में सिएरा नेवादा से भारी हिमपात, रिकॉर्ड बर्फबारी एवं तीव्र वायुमंडलीय नदियों की एक शृंखला के कारण अत्यधिक जल संचय हुआ।
  • कोई प्राकृतिक आउटलेट नहीं: तुलारे झील में कोई प्राकृतिक जल निकासी नहीं है, जिससे जल जमा हो जाता है।

तुलारे झील के बारे में

  • तुलारे झील कभी मिसिसिपी नदी के पश्चिम में सबसे बड़ी मीठे पानी की झील थी।
  • यह 19वीं सदी के अंत में कृषि जल निकासी एवं सिंचाई परियोजनाओं के कारण लुप्त हो गई।
  • इसे “घोस्ट लेक ” कहा जाता है।
  • यह स्थानीय स्वदेशी समुदायों के लिए जल का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है, जैसे ताची योकुट जनजाति के लोग “पाशी” कहते थे।
  • इस झील का उपयोग परिवहन के लिए भी किया जाता था, जहाँ स्टीमर जहाज बेकर्सफील्ड से सैन फ्राँसिस्को तक सामान ले जाते थे।

सैन जोकिन घाटी के बारे में

  • सैन जोकिन घाटी कैलिफोर्निया की सेंट्रल वैली का दक्षिणी भाग है।
  • यह पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।
  • इसे एक प्रमुख कृषि केंद्र के रूप में जाना जाता है, जिसे प्रायः बड़े पैमाने पर खाद्य उत्पादन के कारण अमेरिका का अन्न भंडार कहा जाता है।
  • घाटी उत्तरी कैलिफोर्निया से आठ एवं दक्षिणी कैलिफोर्निया से एक काउंटी को शामिल करती है।
    • संपूर्ण सैन जोकिन एवं किंग्स काउंटी।
    • स्टैनिस्लॉस, मर्सिड एवं फ्रेस्नो काउंटी का अधिकांश भाग।
    • मैडेरा एवं तुलारे काउंटी के कुछ हिस्से।
    • केर्न काउंटी (दक्षिणी कैलिफोर्निया) का एक बड़ा हिस्सा।

भौगोलिक विशेषताएँ

  • यह उत्तर में: सैक्रामेंटो-सैन जोकिन नदी डेल्टा से विस्तृत है।
  • दक्षिण में: तेहाचापी पर्वत।
  • पश्चिम में: कैलिफोर्निया तटीय पर्वतमाला (डियाब्लो एवं टेंबलर)।
  • पूर्व में: सिएरा नेवादा पर्वत।
  • घाटी दो प्रमुख घाटियों में विभाजित है:
    • सैन जोकिन बेसिन (उत्तर): सैन जोकिन नदी एवं उसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित।
    • तुलारे बेसिन (दक्षिण): एक अंतर्देशीय बेसिन (समुद्र तक कोई निकास नहीं), तुलारे झील पर केंद्रित।

के. वीरास्वामी बनाम भारत संघ एवं अन्य निर्णय

हाल ही में उपराष्ट्रपति ने ‘के. वीरस्वामी बनाम भारत संघ’ में वर्ष 1991 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर फिर से विचार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जो बिना पूर्व अनुमोदन के न्यायाधीशों के खिलाफ आपराधिक जाँच को प्रतिबंधित करता है। 

के. वीरास्वामी बनाम भारत संघ एवं अन्य निर्णय (1991) की मुख्य विशेषताएँ

  • यह ऐतिहासिक निर्णय न्यायिक जवाबदेही एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत न्यायाधीशों के अभियोजन से संबंधित मुद्दों से निपटता है। 
  • उच्च न्यायालयों एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोक सेवक माना जाता है। 
    • लोक सेवक वह व्यक्ति होता है, जिसे सरकार या सरकारी एजेंसी द्वारा जनता की सेवा के लिए नियुक्त किया जाता है। 
  • भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की पूर्व स्वीकृति के बिना उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के विरुद्ध कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है।
  • इस निर्णय  ने उच्च न्यायपालिका के सदस्यों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच के लिए एक विशेष प्रक्रिया स्थापित की।

नया OCI पोर्टल

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने एक संशोधित ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) पोर्टल लॉन्च किया।

OCI पोर्टल के बारे में

ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) पोर्टल एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसे भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIOs) के लिए OCI कार्डधारकों के रूप में पंजीकरण करने के लिए डिजाइन किया गया है।

  • नए OCI पोर्टल की विशेषताएँ
    • बढ़ी हुई कार्यक्षमता, उन्नत सुरक्षा एवं उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस।

OCI योजना

  • OCI योजना को वर्ष 2005 में नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था।
    • यह पात्र व्यक्तियों को OCI कार्ड प्राप्त करने की अनुमति देता है, जिससे उन्हें भारत में वीजा-मुक्त प्रवेश एवं कुछ विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं, जैसे कि संपत्ति का स्वामित्व तथा आर्थिक भागीदारी।
  • पात्रता मानदंड: पात्र व्यक्ति निम्नलिखित होने चाहिए:
    • 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद भारत के नागरिक, अथवा
    • उस तिथि को भारतीय नागरिकता के लिए पात्र।
  • अपवर्जन: वे व्यक्ति, जो पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिक हैं या रहे हैं, वे आवेदन नहीं कर सकते।
    • इसके अलावा, यदि उनके माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी इन दोनों देशों के नागरिक थे, तो वे भी अयोग्य हैं। 
    • हालाँकि, किसी भारतीय नागरिक या OCI कार्ड धारक का विदेशी मूल का जीवनसाथी OCI कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है, यदि उनका विवाह कानूनी रूप से पंजीकृत हो एवं कम-से-कम दो वर्ष तक चला हो।

OCI कार्ड धारकों के लिए लाभ

  • OCI कार्ड धारकों को भारत आने के लिए बहु-प्रवेश एवं बहुउद्देश्यीय आजीवन वीजा मिलता है।
  • वे देश में रहने के लिए स्थानीय अधिकरणों के साथ पंजीकरण नहीं कराने के लिए स्वतंत्र हैं।

सीमाएँ

  • OCI कार्ड धारक मतदान नहीं कर सकते हैं एवं विधानसभा या विधान परिषद अथवा संसद के सदस्य नहीं बन सकते हैं।
  • वे राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जैसे भारतीय संवैधानिक पदों के लिए भी पात्र नहीं हैं।

न्यू जनरेशन  बारकोड

GS1 डेटामैट्रिक्स वर्ष 2027 से QR कोड (2D बारकोड) के रूप में ‘न्यू जनरेशन’ बारकोड प्रस्तुत करेगा।

  • विशेषता
    • बारकोड GS1 एवं GS1 डेटामैट्रिक्स द्वारा संचालित होंगे।
    • नए कोड में बिक्री की तिथि, उत्पाद निर्देश, एलर्जी एवं कंटेंट, साथ ही कीमतों जैसी नई जानकारी होगी।

बारकोड के बारे में

  • बारकोड मशीन द्वारा पढ़े जाने वाले प्रतीक हैं, जो डेटा, आमतौर पर संख्यात्मक या अल्फान्यूमेरिक जानकारी का प्रतिनिधित्व करने के लिए अलग-अलग चौड़ाई की समानांतर रेखाओं एवं रिक्त स्थान का उपयोग करते हैं।
  • उत्पत्ति: पहला बारकोड, जो वुडलैंड द्वारा तैयार किया गया था एवं इसे चेकआउट लाइन तथा स्टॉकटेकिंग को गति देने के लिए जून 1974 में ओहियो सुपरमार्केट में कूटरचित किया गया था।

बारकोड के प्रकार

  • 1D बारकोड: ये रैखिक बारकोड हैं, जैसे- UPC एवं EAN, जो समानांतर बार तथा रिक्त स्थान की एक शृंखला का उपयोग करते हैं।
  • 2D बारकोड: ये QR कोड के रूप में होते हैं, जो डेटा को वर्गों, बिंदुओं या अन्य आकृतियों के द्वि-आयामी ग्रिड में एनकोड करते हैं।
  • अनुप्रयोग
    • इन्वेंट्री प्रबंधन: स्टॉक स्तर एवं इन्वेंट्री मूवमेंट की त्वरित तथा सटीक ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करना।
    • पॉइंट ऑफ सेल (POS): यह चेकआउट के दौरान उत्पादों की तीव्र एवं कुशल स्कैनिंग सक्षम बनाता है।
    • स्वास्थ्य सेवा: बारकोड सिस्टम दवा की इन्वेंट्री एवं उपयोग को ट्रैक करने में मदद करते हैं।
    • उत्पाद ट्रैकिंग: ये निर्माताओं को उत्पादन प्रक्रिया के दौरान उत्पादों की निगरानी करने में सक्षम बनाते हैं।
    • आपूर्ति शृंखला संचालन: वे मूल से गंतव्य तक शिपमेंट की ट्रैकिंग को सक्षम करते हैं, ऑर्डर पूर्ति की सटीकता में सुधार करते हैं।
    • सरकारी कार्यक्रम: GS1 मानकों का उपयोग भारतीय राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे कि FASTag, आयुष्मान भारत एवं ROHINI (एक अस्पताल रजिस्ट्री) में किया जाता है।

बारकोड मानकों के बारे में

  • ये नियमों के समूह हैं, जो परिभाषित करते हैं कि बारकोड कैसे बनाए जाते हैं, मुद्रित किए जाते हैं एवं पढ़े जाते हैं, जिन्हें मुख्य रूप से संगठनों द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जैसे कि,
    • अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (International Organization for Standardization-ISO)
      • उदाहरण: ISO/IEC 15416: यह मानक आयाम, स्पेसिंग एवं वर्ण सेट सहित रैखिक बारकोड की विशेषताओं को परिभाषित करता है।
    • GS1 (वैश्विक मानक 1): यह वैश्विक बारकोड मानकों संबंधित एक गैर-लाभकारी संगठन है।
      • उदाहरण: GTIN (वैश्विक व्यापार आइटम नंबर): GS1 उत्पादों को अद्वितीय GTIN प्रदान करता है, बारकोड दोहराव को रोकता है एवं उत्पाद प्रमाणीकरण सुनिश्चित करता है।

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