वन्यजीव शोधकर्ता क्रिस केटोला (Chris Ketola) ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें जाॅम्बी फंगस (Zombie Fungus) से संक्रमित एक टारेंटुला (Tarantula) दिखाया गया है।
जाॅम्बी फंगस के बारे में
जाॅम्बी फंगस,कवकों (Fungus) के एक समूह [मुख्यतः कॉर्डिसेप्स (Cordyceps) और ओफियोकॉर्डिसेप्स (Ophiocordyceps)] को संदर्भित करता है।
यह कीटों को संक्रमित करता है तथा उनके मस्तिष्क एवं प्रक्रियात्मक कार्यों पर नियंत्रण कर लेता है, जिससे अंततः मेजबान की मृत्यु हो जाती है।
प्रमुख प्रजातियाँ
कॉर्डिसेप्स (Cordyceps): कवकों की एक प्रजाति जो अपनी परजीवी प्रकृति के लिए जानी जाती है तथा मुख्य रूप से कीटों एवं आर्थ्रोपोडा को अपना निशाना बनाती है।
ओफियोकोर्डिसेप्स यूनीलेटरलिस (Ophiocordyceps Unilateralis): कोर्डिसेप्स परिवार की एक विशिष्ट प्रजाति, जिसे अक्सर ‘जॉम्बी फंगस’ के रूप में संदर्भित किया जाता है, जो चींटियों और अन्य कीटों को संक्रमित करती है।
संक्रमण का तंत्र
मस्तिष्क पर नियंत्रण: कवक अपने मेजबान को संक्रमित करता है, उसके मस्तिष्क और प्रक्रियात्मक कार्यों पर नियंत्रण कर लेता है तथा मेजबान को कवक के प्रजनन के लिए इष्टतम स्थान पर जाने के लिए बाध्य करता है।
पोषक तत्त्वों की निकासी: कवक पोषक तत्त्वों की निकासी कर देता है, जिससे समय के साथ यह कमजोर हो जाता है।
प्रजनन: कवक मेजबान के शरीर को बीजाणुओं से भर देता है, जो अंततः मेजबान से बाहर निकलकर उसे मार देते हैं और बीजाणुओं को नए मेजबानों में फैला देते हैं।
पारिस्थितिक भूमिका
जनसंख्या नियंत्रण: चुनिंदा प्रजातियों को संक्रमित करके और मारकर कीट जनसंख्या संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
जैव विविधता: खाद्य शृंखला में भूमिका निभाती है, पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य में योगदान देती है।
कोन्याक जनजातियाँ
(Konyak Tribes)
कोन्याक समुदाय की शीर्ष संस्था कोन्याक यूनियन ने गूगल मैप पर राज्य के मोन जिले और असम के चराइदेव जिले के बीच ‘गलत’ सीमा रेखा को सुधारने के लिए नागालैंड सरकार से हस्तक्षेप की माँग की है।
कोन्याक जनजाति के बारे में
यह एक नागा नृजातीय समूह है, जो मुख्य रूप से नागालैंड के मोन जिले में स्थित है तथा इसकी कुछ उपस्थिति अरुणाचल प्रदेश, असम और म्याँमार में भी है।
विशेषताएँ
टैटू: चेहरे और हाथ के टैटू के लिए जाने जाते हैं, जो ऐतिहासिक रूप से अपने दुश्मनों के सिर लेकर बनाए जाते थे।
सिर का शिकार: वे भयंकर योद्धा और सिर का शिकार करने वाले के रूप में प्रसिद्ध थे, जो सिर को ट्रॉफी के रूप में लेते थे।
नाम की उत्पत्ति: ‘व्हाओ’ (सिर) और ‘न्याक’ (काला) से व्युत्पन्न, जिसका अर्थ है ‘काले बाल वाले पुरुष।’
मंगोल मूल: कोन्याक मंगोल वंश से संबंधित हैं।
समूह: ‘थेंडू’ (टैटू वाला चेहरा) और ‘थेनथो’ (सफेद चेहरा) में विभाजित।
सांस्कृतिक पहलू
पितृसत्तात्मक समाज: सबसे बड़े पुत्र को पारिवारिक संपत्ति विरासत में मिलती है; पारिवारिक निर्णय लेने की शक्ति पुरुषों के पास होती है।
पारंपरिक कौशल: बंदूक बनाने, लोहा गलाने, पीतल का कार्य, बारूद बनाने, जांग्लाउ (Janglau) माचे (Machetes) और लकड़ी की मूर्तियाँ बनाने में विशेषज्ञता।
पारंपरिक नृत्य एवं मोरंग (Morung): उनके पास नृत्य की एक समृद्ध परंपरा है और शिक्षण संस्थान हैं, जिन्हें मोरंग (Morung) के नाम से जाना जाता है।
भाषा: कोन्याक भाषा, सिनो-तिब्बती के ‘साल’ (Sal) उप-परिवार की उत्तरी नागा उप-शाखा से संबंधित है।
धर्म: मूलतः एनिमिस्ट (Animists), लगभग 95% कोन्याक अब ईसाई हैं।
नेतृत्व: अंग/वांग (Anghs/Wangs) उनके समुदाय के प्रमुख हैं।
विषाणु युद्ध अभ्यास
(Vishanu Yuddh Abhyas)
नेशनल वन हेल्थ मिशन (NOHM) के तत्त्वावधान में, महामारी की तैयारियों का आकलन करने के लिए राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में ‘विषाणु युद्ध अभ्यास’ (Vishanu Yuddh Abhyas) आयोजित किया गया।
विषाणु युद्ध अभ्यास के बारे में
नेशनल वन हेल्थ मिशन(NOHM) के तहत एक व्यापक राष्ट्रीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
उद्देश्य: जूनोटिक रोग के प्रकोप का अनुकरण करके महामारी की तैयारी का आकलन करना और राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया दल (NJORT) की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करना।
अभ्यास घटक
जाँच और पहचान: मॉक ड्रिल का ध्यान नकली प्रकोप के लिए जिम्मेदार वायरस की जाँच और पहचान पर केंद्रित था।
नियंत्रण कार्रवाई: मानव और पशु आबादी में बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उपाय शुरू करने पर जोर दिया गया।
निगरानी: स्वतंत्र पर्यवेक्षकों ने प्रतिक्रिया की निगरानी की, जो अधिकांशतः शीघ्र और उचित पाई गई।
नेशनल वन हेल्थ मिशन (NOHM)
स्थापना: जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC) द्वारा समर्थित।
उद्देश्य: मानव स्वास्थ्य, पशुपालन, वन्यजीवन और पर्यावरणीय स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदा वन हेल्थ परियोजनाओं को व्यवस्थित, समर्थित और एकीकृत करना।
मिशन का उद्देश्य ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण को संस्थागत बनाना है।
वन हेल्थ इस बात पर जोर देता है कि लोगों का स्वास्थ्य पशुओं और हमारे साझा पर्यावरण के स्वास्थ्य से निकटता से जुड़ा हुआ है।
अंतर-क्षेत्रीय सहयोग: इसमें भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी, पर्यावरण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय शामिल हैं।
एकीकृत रोग निगरानी: मानव, पशु और पर्यावरण क्षेत्रों में रोगों की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसका उद्देश्य महामारी संबंधी तैयारियों में सुधार करना और संचारी तथा जूनोटिक रोगों को नियंत्रित करना है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) 2024
जापान के फिल्म निर्माता हयाओ मियाजाकी (Hayao Miyazaki) को प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) से सम्मानित किया गया है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के बारे में
उत्पत्ति और महत्त्व: वर्ष 1957 में स्थापित, यह एशिया का सर्वोच्च सम्मान है।
यह उन व्यक्तियों का सम्मान करता है, जिन्होंने अपनी पृष्ठभूमि से परे, एशिया के लोगों की सेवा के लिए असाधारण प्रतिबद्धता दिखाई है।
वार्षिक पुरस्कार: यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 31 अगस्त को, फिलीपींस के तीसरे राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे के जन्मदिन पर प्रदान किया जाता है।
मान्यता और पुरस्कार: विजेताओं को एक प्रमाण-पत्र, मैग्सेसे जैसा एक पदक और एक मौद्रिक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
इस पुरस्कार को आमतौर पर एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जाता है।
यह पुरस्कार छह श्रेणियों के अंतर्गत प्रदान किया जाता है:-
सरकारी सेवा
सार्वजनिक सेवा
सामुदायिक नेतृत्व
शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ
उभरता हुआ नेतृत्व
पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला।
इस वर्ष के लिए यह पुरस्कार केवल उभरते नेतृत्व श्रेणी के लिए दिया जा रहा है।
हयाओ मियाजाकी के कार्य
उनके द्वारा बनाए गए दृश्य, गहरे विषय से संबंधित होते हैं। इसमें शांतिवाद, पर्यावरणवाद और प्रभावी महिला किरदार शामिल हैं।
अपनी फिल्मों के माध्यम से मियाजाकी ने पर्यावरणवाद और शांति जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों को उठाया है, जिससे दुनिया भर के दर्शकों पर प्रभाव पड़ा है और जागरूकता बढ़ी है।
अन्य प्राप्तकर्ता
इंडोनेशिया से फरविजा (Farwiza)
वियतनाम से गुयेन थी नोक फुओंग (Nguyen Thi Ngoc Phuong)
भूटान से कर्मा फुंटशो (Karma Phuntsho)
थाईलैंड से ग्रामीण चिकित्सक आंदोलन (Rural Doctors Movement-RDM)।
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