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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal May 28, 2025 04:16 48 0

दक्षिण अफ्रीका में भूमि उत्थान

‘जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च: सॉलिड अर्थ’ में प्रकाशित वर्ष 2025 के एक अध्ययन के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका में भूमि प्रति वर्ष 2 मिमी. की दर से उत्थानित हो रही है, जो वर्ष 2012 एवं वर्ष 2020 के बीच 6 मिमी. उत्थान के बराबर है। 

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष

  • उत्थान का कारण: यह उत्थान मैग्मा गतिविधियों या भूकंपीय संचलन के कारण नहीं, बल्कि मुख्य रूप से सूखे के दौरान जल के द्रव्यमान की हानि के कारण होता है।
  • तंत्र: सूखे के दौरान जल के द्रव्यमान की हानि के कारण पृथ्वी की सतह एक लोचदार प्रतिक्रिया के रूप में उत्थानित हो सकती है, जब अतिरिक्त जल (भूजल, मिट्टी की नमी, सतही जल) को हटा दिया जाता है। 
    • पृथ्वी की पर्पटी को दबाने वाले जल का द्रव्यमान कम हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पर्पटी उत्थानित होती है। 

उत्थान बनाम अवतलन के बारे में

  • भूमि उत्थान: यह तब होता है, जब सतह का जल समाप्त हो जाता है, जिससे पृथ्वी की पर्पटी पर भार कम हो जाता है। इससे पर्पटी उत्थानित होती है।
  • भूमि अवतलन: यह तब होता है जब भूजल का अत्यधिक दोहन किया जाता है, जिससे जलभृत सूख जाते हैं।
  • उत्थान या अवतलन प्रभावी है या नहीं, यह जल की हानि के प्रकार (सतही बनाम भूजल) एवं स्थानीय भू-वैज्ञानिक स्थितियों पर निर्भर करता है।

PY-3 अपतटीय कावेरी क्षेत्र

अपतटीय स्थित तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (Oil and Natural Gas Corporation- ONGC) लिमिटेड द्वारा कावेरी बेसिन में PY-3 क्षेत्र से उत्पादन पुनः आरंभ कर दिया गया है। 

कावेरी बेसिन में PY-3 क्षेत्र के बारे में

  • इस क्षेत्र को मूल रूप से वर्ष 1997 में प्रारंभ किया गया था। 
  • बंद: इसे शुरू में मरम्मत के लिए वर्ष 2009 में बंद कर दिया गया था, अनुबंध विस्तार एवं हितधारकों के बीच लागत साझा करने के विवादों के कारण इसे और देरी का सामना करना पड़ा। 
    • जुलाई 2011 से यह क्षेत्र स्थायी रूप से बंद था। 

कावेरी बेसिन के बारे में

  • कावेरी बेसिन दक्षिण भारत में एक प्रमुख नदी बेसिन है, जिसमें कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल एवं केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के कुछ हिस्से शामिल हैं। 
    • कावेरी नदी कर्नाटक के कोडागु जिले के पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरी श्रेणी से निकलती है। 
  • विकास: कावेरी बेसिन गोंडवाना भूमि के विखंडन के दौरान निर्मित एक ‘पेरिक्रेटोनिक रिफ्ट बेसिन’ है। 
  • क्षेत्र: कावेरी बेसिन लगभग 85,626.23 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.7% है।
  • क्षेत्रीय विभाजन: बेसिन को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है,
    • पश्चिमी घाट क्षेत्र, मैसूर पठार एवं उपजाऊ डेल्टा क्षेत्र।
  • हाइड्रोकार्बन क्षमता: इसमें 700 MMT का स्थापित हाइड्रोकार्बन संभावित संसाधन आधार है।

BRICS उद्योग मंत्रियों की बैठक

भारत ने इटामारती पैलेस, ब्रासीलिया में आयोजित 9वीं ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। 

  • विषय: अधिक समावेशी एवं सतत् शासन के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग को मजबूत करना। 
  • सदस्य: बैठक में ब्रिक्स देशों के उद्योग मंत्री एवं प्रतिनिधि शामिल हुए।
    • ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया, सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात।
  • संयुक्त घोषणा: इसने तेजी से हो रहे वैश्विक परिवर्तनों के मध्य एक मुक्त, निष्पक्ष और लचीले वैश्विक वातावरण को बढ़ावा देने, बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने एवं आर्थिक तथा सामाजिक लचीलापन बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की। 
  • BRICS स्टार्टअप नॉलेज हब: यह पहल भारत द्वारा ब्रिक्स स्टार्ट-अप फोरम के तत्त्वावधान में शुरू की गई है।
    • यह BRICS देशों के लिए एक समर्पित मंच है, जिसका उद्देश्य सीमा पार सहयोग को बढ़ाना एवं सदस्य देशों में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।

तियानवेन-2 मिशन

चीन पृथ्वी के निकट स्थित क्षुद्रग्रह 469219 कामोआलेवा का सर्वेक्षण एवं नमूना लेने के लिए अपना पहला क्षुद्रग्रह अन्वेषण मिशन, तियानवेन-2 लॉन्च करने वाला है। 

कामोआलेवा क्या है? 

  • यह वर्ष 2016 में हवाई में हेलेकाला पर Pan-STARRS 1 क्षुद्रग्रह सर्वेक्षण दूरबीन द्वारा खोजा गया एक छोटा क्षुद्रग्रह है। 
  • यह अर्द्ध-उपग्रह नामक एक दुर्लभ समूह का हिस्सा है, जिसका अर्थ है कि यह सूर्य की परिक्रमा करता है, लेकिन पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होता है।
  • अर्द्ध-उपग्रह समय के साथ अपनी कक्षाएँ बदलने के लिए जाने जाते हैं। 
    • अपनी अनूठी कक्षा के कारण यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी के साथ-साथ चलता हुआ प्रतीत होता है। 

चीन इस क्षुद्रग्रह का अध्ययन क्यों कर रहा है? 

  • वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि अर्द्ध-उपग्रह समय के साथ कैसे निर्मित होते हैं। 
  • कुछ शोधकर्ताओं का सुझाव है कि कामोआलेवा चंद्र पदार्थ से बना पहला ज्ञात क्षुद्रग्रह हो सकता है।
    • क्षुद्रग्रह का अन्वेषण करने से यह सिद्ध करने में मदद मिल सकती है कि चंद्रमा का निर्माण पृथ्वी के किसी अन्य छोटे ग्रह से टकराने से हुआ था।

चीन नमूने कैसे एकत्रित करेगा? 

  • मिशन नमूने एकत्र करने के लिए दो तकनीकों का उपयोग करेगा 
  1. टच-एंड-गो विधि: इस तकनीक में, अंतरिक्ष यान क्षुद्रग्रह की सतह के करीब संचलन करता है, जबकि एक रोबोटिक हैंड, एक वस्तु या गैस के विस्फोट को एक संग्रह कक्ष में टुकड़ों को गिराने के लिए कार्य करता है। 
  2. एंकर-एंड-अटैच विधि: रोबोटिक हैंड सामग्री संग्रह के लिए सतह में ड्रिल करेंगे।

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS)

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (Indian National Centre for Ocean Information Services- INCOIS) ने अपेक्षित समुद्री विक्षोभ के कारण कई तटीय क्षेत्रों में ऊंची तरंगों की चेतावनी जारी की है।

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) के बारे में

  • यह पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन (Earth System Science Organization- ESSO) की एक इकाई है।
  • स्थापना: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences- MoES) के तहत वर्ष 1999 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में।
  • उद्देश्य: मानसून पूर्वानुमान एवं महासागरीय अनुसंधान के लिए गणितीय मॉडल और अवलोकनों का उपयोग करके प्रतिदिन वैश्विक महासागर विश्लेषण डेटा तैयार करना।

पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन (ESSO) क्या है?

  • ESSO विभिन्न अनुसंधान एवं सेवा इकाइयों के लिए एक आभासी संगठन है।
  • स्थापना: वर्ष 2007।
  • नोडल मंत्रालय: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences- MoES), भारत सरकार।
  • उद्देश्य: पृथ्वी की प्रक्रियाओं का अध्ययन करना एवं सामाजिक आर्थिक लाभों हेतु संसाधन अन्वेषण के लिए महासागर संबंधी जानकारी प्रदान करना।
  • प्रमुख शाखाएँ: महासागर विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वायुमंडलीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा भू-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।

पीरियड पॉवर्टी

अमेजन इंडिया ने बंगलूरू के सिंघाली सामुदायिक केंद्र में महिला स्वास्थ्य पहल के अगले चरण का शुभारंभ किया।

पीरियड्स पॉवर्टी के बारे में

  • इसका तात्पर्य मासिक धर्म उत्पादों, स्वच्छता सुविधाओं, शिक्षा एवं मासिक धर्म को सुरक्षित तथा गरिमा के साथ प्रबंधित करने के लिए आवश्यक जागरूकता की कमी से है।
  • पीरियड्स पॉवर्टी के कारण
    • मासिक धर्म उत्पाद महंगे हैं – कई लड़कियाँ एवं महिलाएँ सैनिटरी पैड या टैम्पोन नहीं खरीद सकती हैं।
    • स्वच्छ शौचालय एवं जल की कमी – उचित स्वच्छता सुविधाओं के बिना, मासिक धर्म का प्रबंधन बहुत मुश्किल हो जाता है।
    • सामाजिक उपेक्षा एवं मिथक – कुछ स्थानों पर, लोग मासिक धर्म के बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं, जिससे गलत सूचनाएँ प्रसारित होती हैं।
    • शिक्षा की कमी – कई लड़कियाँ अपने पहले मासिक धर्म से पूर्व इसके बारे में अधिक नहीं जानती हैं, जिससे उनमें डर एवं भ्रम पैदा होता है।

डार्क पैटर्न

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ बैठक में डार्क पैटर्न के बारे में उपभोक्ताओं की चिंताओं को संबोधित किया।

डार्क पैटर्न के बारे में

  • ये भ्रामक यूजर इंटरफेस डिजाइन हैं, जो उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं या उन्हें अनपेक्षित विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करते हैं।
  • इसे वर्ष 2010 में यूजर एक्सपीरियंस (User Experience- UX) डिजाइनर हैरी ब्रिग्नुल ने प्रस्तुत किया था।
  • प्रकार: ई-कॉमर्स में 13 प्रमुख डार्क पैटर्न हैं, जिनमें शामिल हैं,
    • बास्केट स्नीकिंग, कन्फर्म शेमिंग, जबरन कार्रवाई, सब्सक्रिप्शन ट्रैप, इंटरफेस इंटरफेरेंस, बैट एंड स्विच, ड्रिप प्राइसिंग, प्रच्छन्न विज्ञापन, सता, ट्रिक प्रश्न, सॉस बिलिंग एवं मैलवेयर।
  • आवश्यकता: ये प्रथाएँ उपभोक्ता के विश्वास को समाप्त करती हैं, निष्पक्ष बाजार गतिशीलता को विकृत करती हैं एवं डिजिटल कॉमर्स की अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करती हैं।
  • सरकारी पहल
    • ई-कॉमर्स में 13 प्रमुख डार्क पैटर्न को पहचानते हुए डार्क पैटर्न की रोकथाम पर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
    • डार्क पैटर्न बस्टर हैकाथॉन 2023 में IIT (BHU) के सहयोग से डार्क पैटर्न का पता लगाने एवं उससे लड़ने के लिए तकनीकी समाधान तैयार किए जाएँगे।
    • राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2024 पर, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने तीन ऐप लॉन्च किए हैं- जागो ग्राहक जागो, जागृति एवं जागृति डैशबोर्ड।

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