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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal May 31, 2025 03:31 31 0

नोमैडिक एलीफेंट अभ्यास

हाल ही में भारतीय सेना की टुकड़ी भारत-मंगोलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलीफेंट के 17वें संस्करण के लिए रवाना हुई।

अभ्यास के बारे में

  • 17वां संस्करण मंगोलिया के उलानबटार में आयोजित किया जा रहा है।
  • भारतीय दल का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से अरुणाचल स्काउट्स की बटालियन द्वारा किया जाएगा।
  • आयोजन: वार्षिक रूप से, भारत एवं मंगोलिया द्वारा बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।
  • अंतिम संस्करण: जुलाई 2024 (उमरोई, मेघालय, भारत)।
    • पहली बार वर्ष 2006 में आयोजित किया गया।
  • उद्देश्य एवं लक्ष्य
    • संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के तहत अर्द्ध-पारंपरिक अभियानों में अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना।
    • अर्द्ध-शहरी/पहाड़ी इलाकों में युद्ध पर ध्यान केंद्रित करना।
    • भारत एवं मंगोलिया के बीच संयुक्त कार्य बल संचालन को मजबूत करना।

सुगंध के पीछे का विज्ञान

एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ अध्ययन कर रहा है कि माइक्रोबायोम अनुसंधान लोगों को सही परफ्यूम चुनने में कैसे मदद कर सकता है।

त्वचा माइक्रोबायोम क्या है?

  • त्वचा माइक्रोबायोटा हमारी त्वचा पर रहने वाले छोटे जीवों के समुदाय को संदर्भित करता है।
  • इसमें बैक्टीरिया, कवक, वायरस, प्रोटोजोआ एवं यहाँ तक ​​कि घुन भी शामिल हैं।
  • यह शब्द विशेष रूप से इन सभी सूक्ष्म जीवों के आनुवंशिक पदार्थ (जीनोम) को संदर्भित करता है।

त्वचा माइक्रोबायोम परफ्यूम के प्रभाव को कैसे प्रभावित करता है?

परफ्यूम प्रत्येक व्यक्ति पर अलग-अलग प्रतिक्रिया करते हैं, क्योंकि उनकी त्वचा माइक्रोबायोम के प्रति अद्वितीय व्यवहार प्रदर्शित करती है, जिसमें लाखों बैक्टीरिया होते हैं, जो त्वचा के रसायन को प्रभावित करते हैं।

कुछ परफ्यूम अलग-अलग लोगों पर भिन्न-भिन्न गंध क्यों उत्पन्न करते हैं?

  • किसी भी दो लोगों की त्वचा माइक्रोबायोम एक जैसी नहीं होती।
  • बैक्टीरिया परफ्यूम के अवयवों के साथ अंतर्संबंध स्थापित कर खुशबू का निर्धारण करता है।
  • चुनौती: गलत परफ्यूम का उपयोग करने या इसका अधिक उपयोग करने से त्वचा संबंधी समस्याएँ, हृदय संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं या हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने की संभावना भी हो सकती है।

शरीर की गंध में त्वचा के बैक्टीरिया की भूमिका

गंध उत्पादन में तीन मुख्य प्रकार के बैक्टीरिया शामिल होते हैं:

  • क्यूटीबैक्टीरियम एक्नेस – तैलीय क्षेत्रों (चेहरे, पीठ, छाती, आदि) पर पाया जाता है, जो कस्तूरी जैसी गंध पैदा करता है।
  • कोरीनेबैक्टीरियम – नम क्षेत्रों (बगल, कमर) में पाया जाता है, जो तेज गंध पैदा करता है।
  • स्टैफिलोकोकस एपिडर्मिडिस – शरीर के विभिन्न हिस्सों पर मौजूद होता है, जो गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को संतुलित करने में मदद करता है।

कुंभकोणम वेत्रिलाई

कुंभकोणम वेत्रिलाई को भारत सरकार द्वारा भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया है।

तमिलनाडु में GI उत्पाद

  • इसके साथ ही, तमिलनाडु में अब 62 GI-टैग युक्त उत्पाद हैं।

कुंभकोणम वेत्रिलाई के बारे में

  • इसे सुपारी के पत्ते के रूप में जाना जाता है।
  • इन्हें तंजावुर के कावेरी नदी बेसिन में उगाया जाता है, जो इनके विशिष्ट स्वाद एवं सुगंध को बढ़ाता है।
  • पत्ते दिल के आकार के, गहरे से हल्के हरे रंग के होते हैं एवं इनका स्वाद तीखा होता है।
  • इसमें पहली बार पत्तियाँ रोपण के 20-25 दिन बाद निकलती हैं।
  • पहली फसल, जिसे मारुवेथलाई कहा जाता है, 7वें एवं 12वें महीने के बीच होती है, जिसमें बड़े, लंबे समय तक चलने वाले पत्ते मिलते हैं, जिनकी कीमत अधिक होती है।
  • दूसरे एवं तीसरे वर्ष की फसल- केलावेथलाई तथा कट्टावेथलाई- कम उपज देती है।
  • प्रमुख खेती वाले क्षेत्रों में थिरुवैयारु, पापनासम, थिरुविदैमरुदुर, कुंभकोणम एवं राजगिरी शामिल हैं।
  • पान के पत्तों के स्वास्थ्य लाभ
    • पान के पत्ते पाचन में सहायता करते हैं एवं एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।
    • इनमें चैविकोल होता है, जो एक सूजनरोधी यौगिक है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है एवं मधुमेह जैसी स्थितियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

तेल उत्पादन बढ़ाने की OPEC की रणनीति एवं अमेरिकी शेल ड्रिलर्स

तेल उत्पादन बढ़ाने की OPEC की रणनीति अमेरिकी शेल ड्रिलर्स को प्रभावित कर रही है, जिससे उन्हें परिचालन धीमा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

OPEC क्या है?

  • OPEC पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन को संदर्भित करता है।
  • स्थापना: इसका गठन वर्ष 1960 में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब एवं वेनेजुएला द्वारा किया गया था।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य वैश्विक तेल की कीमतों को स्थिर करने एवं अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए तेल आपूर्ति को नियंत्रित करना है।
  • मुख्यालय: वियना, ऑस्ट्रिया।
  • सदस्य देश- वर्तमान में, अल्जीरिया, इक्वेटोरियल गिनी, गैबॉन, ईरान, इराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात एवं वेनेजुएला जैसे 12 सदस्य देश हैं।
    • अंगोला, इक्वाडोर, इंडोनेशिया एवं कतर पहले OPEC के सदस्य थे, लेकिन अब वे ओपेक से बाहर हो गए हैं।

OPEC+ क्या है?

  • OPEC प्लस उन गैर-ओपेक देशों (10) को संदर्भित करता है, जो 12 ओपेक सदस्य देशों के अलावा कच्चे तेल का निर्यात करते हैं।
  • सदस्यता: OPEC प्लस देशों में अजरबैजान, बहरीन, ब्रुनेई, कजाकिस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, ओमान, रूस, दक्षिण सूडान एवं सूडान शामिल हैं।
  • OPEC+ में प्रमुख अभिकर्त्ता
    • सऊदी अरब एवं रूस: सऊदी अरब एवं रूस दोनों ने पिछले तीन वर्षों से OPEC प्लस गठबंधन में केंद्रीय भूमिका निभाई है।
    • गठबंधन का उद्देश्य: गठबंधन, जिसमें शुरू में 11 ओपेक सदस्य एवं 10 गैर-OPEC  देश शामिल थे, का उद्देश्य समन्वित उत्पादन कटौती के माध्यम से तेल की कीमतों को स्थिर करना है।

वन-पॉइंट डैशबोर्ड ‘ECINET’ 

चुनाव आयोग का वन-पॉइंट डैशबोर्ड ‘ECINET’ बिहार चुनाव से पहले चालू हो जाएगा।

ECINET के बारे में

  • वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म: ECINET एक एकीकृत डिजिटल इंटरफेस है, जिसे भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India- ECI) द्वारा मतदाताओं, चुनाव अधिकारियों, राजनीतिक दलों एवं नागरिक समाज के लिए विकसित किया जा रहा है।
  • उद्देश्य: हितधारकों (मतदाताओं, अधिकारियों, राजनीतिक दलों) के लिए सेवाओं को एक स्थान पर समेकित करके चुनाव प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना।
  • 40 से अधिक ऐप्स का एकीकरण: यह वोटर हेल्पलाइन ऐप, cVIGIL, सुविधा 2.0, ESMS, सक्षम एवं KYC ऐप जैसे 40 से अधिक मौजूदा मोबाइल तथा वेब ऐप को एकीकृत एवं प्रतिस्थापित करेगा।
  • सटीक एवं अधिकृत डेटा प्रविष्टि: सटीकता सुनिश्चित करने के लिए केवल अधिकृत ECI अधिकारी ही ECINET पर डेटा दर्ज कर सकते हैं।
  • व्यापक लाभार्थी आधार: लगभग 100 करोड़ मतदाताओं एवं  BLOs, BLAs, मतदान अधिकारियों, AEROs, EROs तथा DEOs सहित पूरे चुनावी कार्यबल की सेवा करने की उम्मीद है।
  • क्रॉस-डिवाइस संगतता: प्लेटफॉर्म कंप्यूटर एवं स्मार्टफोन दोनों पर उपलब्ध होगा।
  • कानूनी अनुपालन: जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (1950, 1951), प्रासंगिक चुनावी नियमों (1960, 1961) एवं ECI द्वारा जारी निर्देशों के साथ पूरी तरह से संरेखित।
  • चरणबद्ध रोलआउट: कुछ मॉड्यूल 19 जून, 2025 को पाँच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के दौरान चालू रहेंगे, जबकि पूरा डैशबोर्ड बिहार विधानसभा चुनावों के लिए उपलब्ध होगा।

ग्राम रक्षा गार्ड (VDG)

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, सीमा सुरक्षा बल ने पाकिस्तान के साथ जम्मू सीमा पर ग्राम रक्षा गार्ड (Village Defence Guards- VDGs) के लिए हथियार प्रशिक्षण शुरू किया है। 

ग्राम रक्षा गार्ड पहल के बारे में 

  • पृष्ठभूमि: VDG पहल मूल रूप से वर्ष 1995 में आतंकवादियों द्वारा लक्षित हिंदू नागरिकों की रक्षा के लिए शुरू की गई थी; वे .303 राइफलों से लैस थे।
    • बाद में 1990 के दशक के दौरान सदस्यों द्वारा आपराधिक कदाचार (जैसे- अपहरण, दुष्कर्म) के आरोपों के कारण इसे बंद कर दिया गया। 
  • पुनरुद्धार: आतंकवादी गतिविधियों में पुनरुत्थान के कारण 20 से अधिक वर्षों के अंतराल के बाद वर्ष 2022 में जम्मू क्षेत्र में इसे पुनर्जीवित किया गया।
  • वर्तमान प्रशिक्षण एवं आयुध: पहली बार, सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force- BSF) जम्मू सीमा पर VDG के लिए हथियार प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है। 
  • प्रशिक्षण में शामिल हैं
    • फायरिंग अभ्यास 
    • सामरिक ज्ञान साझा करना 
    • परिस्थितिजन्य जागरूकता 
    • अब ग्रामीणों को पुरानी बोल्ट-एक्शन राइफलों के बजाय अर्द्ध-स्वचालित हथियारों से लैस किया जा रहा है। 
  • भूमिका एवं रणनीतिक महत्त्व: VDG को “रक्षा की दूसरी पंक्ति” एवं आतंकवादी हमलों के लिए संभावित प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में देखा जाता है। 
    • VDG “बल गुणक” के रूप में कार्य करते हैं: 
      • घुसपैठ को रोकने में मदद करते हैं। 
      • आतंकवादियों के भागने को रोकते हैं। 
      • जमीन से वास्तविक समय की खुफिया जानकारी प्रदान करते हैं। 
  • VDG जिला पुलिस अधीक्षक (Superintendent Of Police- SP)/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (Senior Superintendent Of Police- SSP) की देख-रेख में भी काम करते हैं।

राज्य-विशिष्ट आपदाएँ

केरल सरकार ने कोच्चि जहाज दुर्घटना को राज्य विशिष्ट आपदा घोषित किया है।

संबंधित तथ्य

  • हाल ही में एक मालवाहक जहाज, MSC ELSA-3 केरल के तट से 14.6 समुद्री मील दूर डूब गया।
  • यह जहाज दुर्घटना केरल के तट के लिए पर्यावरणीय, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से संभावित रूप से गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

राज्य-विशिष्ट आपदाएँ

  • परिभाषा: ऐसी आपदाएँ, जो किसी राज्य की स्थानीय होती हैं एवं गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित आपदाओं के रूप में सूचीबद्ध नहीं होती हैं।
  • घोषणा: राज्य सरकार द्वारा घोषित।
  • वित्तपोषण तंत्र: तत्काल राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (State Disaster Response Fund- SDRF) से 10% तक धन का उपयोग करता है।
  • उत्तरदायी प्राधिकरण: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (State Disaster Management Authority- SDMA), जिसे वर्ष 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत स्थापित किया गया है।
  • SDMA की संरचना: मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एवं इसमें मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त आठ से अधिक सदस्य शामिल नहीं होते हैं। 
  • SDMA की भूमिका: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना के अनुरूप राज्य आपदा प्रबंधन योजना तैयार करना एवं उसका क्रियान्वयन करना।

विकसित कृषि संकल्प अभियान

हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित ICAR-CIFA में विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp Abhiyan) (VKSA-2025) का शुभारंभ किया। 

  • यह अभियान आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है एवं प्रौद्योगिकी प्रसार तथा जमीनी स्तर पर भागीदारी के माध्यम से भारतीय कृषि को बदलने का प्रयास करता है।
  • ICAR-CIFA  द्वारा मछलियों में परजीवी संक्रमण से निपटने, मत्स्यन संबंधी सुधार लाने एवं आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए एक नवीन मछली वैक्सीन ‘CIFA Argu VAX–I’ विकसित की गई है।

विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे में

विशेषता

विवरण

लक्ष्य उन्नत कृषि एवं मत्स्यपालन प्रौद्योगिकियों के साथ 1.5 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुँचना
उद्देश्य पूरे भारत में प्रौद्योगिकी प्रसार, क्षमता निर्माण एवं किसान सहभागिता
फोकस क्षेत्र कृषि एवं मत्स्य पालन (खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका के प्रमुख स्तंभ के रूप में)
कार्य योजना वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, अधिकारियों एवं प्रगतिशील किसानों की टीमें 700 से अधिक जिलों का दौरा कर किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में जानकारी प्रदान करेंगी।

भारत का पहला AI SEZ

हाल ही में छत्तीसगढ़ ने नवा रायपुर में ₹1,000 करोड़ के निवेश के साथ भारत के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence- AI) आधारित विशेष आर्थिक क्षेत्र की घोषणा की।

AI SEZ के बारे में

  • रैकबैंक डेटासेंटर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित।
  • बुनियादी ढाँचा: आधुनिक सर्वर एवं कंप्यूटर सिस्टम से लैस, SEZ में 80 मेगावाट क्षमता के चार भविष्य के डेटा सेंटर शामिल करने की योजना है।
    • यह 1.5 लाख वर्ग फुट के उन्नत डेटा सेंटर के साथ 6 एकड़ में फैला होगा।
  • ये केंद्र अंतर-राज्यीय डिजिटल नेटवर्क एवं उच्च घनत्व वाले डेटा संचालन को सँभालेंगे।
  • सरकारी सहायता: राज्य ने AI एवं कंप्यूटर डेटा से संबंधित तकनीकी नवाचार को तेज करने के लिए कर तथा कानूनी छूट प्रदान की है।
  • नीतिगत ढाँचा: SEZ मौजूदा SEZ नीति के तहत काम करेगा, जिसे SEZ अधिनियम 2005 के माध्यम से पेश किया गया था।
    • SEZ एक विशेष रूप से चित्रित शुल्क-मुक्त एन्क्लेव है, जिसे व्यापार संचालन, शुल्क एवं टैरिफ के उद्देश्यों के लिए एक विदेशी क्षेत्र माना जाता है।

महत्त्व

  • डिजिटल इंडिया विजन को बढ़ावा: डिजिटल इंडिया एवं मेक इन इंडिया लक्ष्यों के साथ संरेखित।
  • रोजगार एवं कौशल: SEZ IT इंजीनियरों, डेटा विशेषज्ञों, साइबर सुरक्षा अधिकारियों एवं अन्य के लिए रोजगार पैदा करेगा।
    • उद्योग-विशिष्ट कौशल के लिए ITI, इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएँगे।

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