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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal June 04, 2025 03:50 116 0

जिला नशामुक्ति केंद्र (DDACs)

केंद्र सरकार 30 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 291 जिलों में नशीली दवाओं की माँग में कमी के लिए अपनी राष्ट्रीय कार्य योजना के हिस्से के रूप में जिला नशा मुक्ति केंद्र (District De-Addiction Centres- DDACs) स्थापित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित कर रही है।

DDAC क्या हैं?

  • जिला नशा मुक्ति केंद्र (DDAC) सरकार द्वारा समर्थित सुविधाएँ हैं, जिनका उद्देश्य लोगों को मादक द्रव्यों के सेवन से उबरने में मदद करना है।
  • सर्वाधिक प्रभावित जिले
    • इन जिलों को “गैप डिस्ट्रिक्ट” कहा जाता है क्योंकि इनमें नशीली दवाओं या शराब के आदि लोगों के उपचार या मदद के लिए कोई मौजूदा सरकार समर्थित सुविधा नहीं है।
    • छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक “गैप डिस्ट्रिक्ट” हैं (33 में से 31)।
  • ये DDAC “प्राथमिक रोकथाम गतिविधियाँ संचालित करेंगे”
    • इसमें संवेदनशील एवं प्रभावित समुदाय के बीच जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।
    • मादक द्रव्यों के सेवन के जोखिम वाले बच्चों/किशोरों/युवाओं की पहचान करना एवं उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करना।

DDAC क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?

  • भारत में नशीली दवाओं की लत की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं।
  • वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि:
    • 1.18 करोड़ बच्चे एवं किशोर शराब, भांग, ओपिओइड तथा मतिभ्रम जैसी दवाओं का उपयोग करते हैं।
    • भारत में सात करोड़ वयस्क मनोविकार रोधी पदार्थों का उपयोग करते हैं।

नशीली दवाओं के पुनर्वास के लिए अन्य सरकारी पहल

  • सामाजिक न्याय मंत्रालय निम्नलिखित का समर्थन करता है:
    • नशे की लत से ग्रस्त लोगों के लिए 350 एकीकृत पुनर्वास केंद्र (Integrated Rehabilitation Centres for Addicts- IRCAs)।
    • 74 आउटरीच एवं ड्रॉप-इन केंद्र (Outreach and Drop-in Centres- ODICs)।
    • 46 समुदाय आधारित सहकर्मी नेतृत्व वाली पहल (Community-based Peer Led Initiatives- CPLIs)।
  • इसके अतिरिक्त, सरकारी अस्पतालों में 142 व्यसन उपचार केंद्र चल रहे हैं।

नशीली दवाओं की माँग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के बारे में

  • यह पहल वर्ष 2018 (2018-2025) में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
  • उद्देश्य: शिक्षा, पुनर्वास एवं समुदाय आधारित सेवा के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को कम करना।

ऐड-वाशिंग

इजरायल द्वारा तीन महीने की नाकाबंदी के बाद, गाजा में गाजा मानवतावादी फाउंडेशन (Gaza Humanitarian Foundation- GHF) के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सहायता के संदर्भ में ऐड-वाशिंग (Aid Washing) पर बहस छिड़ गई है।

ऐड-वाशिंग क्या है?

  • ऐड-वाशिंग से तात्पर्य सहायता वितरण का उपयोग किसी देश की छवि को बेहतर बनाने के लिए करना है, जबकि मानवीय आवश्यकताओं को पूरी तरह से संबोधित नहीं किया जाता है।
  • ऐड-वाशिंग के लाभ
    • राजनीतिक प्रभाव: सरकारें संघर्ष क्षेत्रों पर नियंत्रण पाने के लिए सहायता वितरण का उपयोग कर सकती हैं।
    • अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा: यह विवादास्पद नीतियों या कार्यों से ध्यान हटाने में मदद करता है।

गाजा मानवतावादी फाउंडेशन (GHF)

  • यह अमेरिका एवं इजरायल द्वारा समर्थित एक नवगठित सहायता संगठन है, जिसे गाजा में मानवीय सहायता वितरित करने के लिए बनाया गया है।
  • फरवरी 2025 में स्थापित, GHF का उद्देश्य गाजावासियों को भोजन एवं आवश्यक आपूर्ति प्रदान करना है।
  • यह केंद्रीकृत वितरण केंद्र संचालित करता है, जिसमें सहायता केंद्रों का विस्तार करने की योजना है।

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