हाल ही में कपड़ा मंत्रालय ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) द्वारा ‘विजियोनेक्स्ट’ (VisioNxt) पहल प्रारंभ की है।
‘विजियोनेक्स्ट’: एक ट्रेंड्स अंतर्दृष्टि एवं पूर्वानुमान पहल
‘विजियोनेक्स्ट’ भारत की पहली फैशन ट्रेंड पूर्वानुमान पहल है। यह सेवा भारत को वैश्विक फैशन क्षेत्र में अग्रणी के रूप में स्थापित करेगी।
यह पहल भारतीय फैशन एवं खुदरा बाजार के लिए ट्रेंड्स संबंधी अंतर्दृष्टि और पूर्वानुमान प्रदान करने पर केंद्रित है।
यह विभिन्न प्रवृत्ति संबंधी परामर्श सेवाएँ, शैक्षणिक पाठ्यक्रम, कार्यशालाएँ आदि भी प्रदान करता है।
‘विजियोनेक्स्ट’ का महत्त्व
पहला AI एवं EI सक्षम फैशन पूर्वानुमान: यह एक अद्वितीय स्वदेशी डीप लर्निंग AI मॉडल एवं 50+ भारतीय उत्पादों की भारतीय टैक्सोनॉमी के साथ पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तथा इमोशनल इंटेलिजेंस (EI) सक्षम फैशन ट्रेंड विश्लेषण एवं पूर्वानुमान पहल है।
वैश्विक एजेंसियों पर निर्भरता कम: भारत की पूर्वानुमान प्रणाली भारतीय फैशन उपभोक्ताओं के अनुरूप अद्वितीय अंतर्दृष्टि प्रदान करके अंतरराष्ट्रीय फैशन एजेंसियों पर निर्भरता कम करती है।
द्विभाषी पोर्टल: विजियोनेक्स्ट पोर्टल हिंदी एवं अंग्रेजी में उपलब्ध है।
‘डीपविजन’ AI मॉडल: डीपविजन मॉडल उन्नत AI आर्किटेक्चर का उपयोग करके शैली, रंग एवं पैटर्न जैसी विशेषताओं की पहचान करके भारतीय फैशन ट्रेंड्स को डिकोड करता है।
PCIM&H ने प्रमुख ISO/SO IMS प्रमाणन हासिल किया
भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया आयोग (PCIM&H) ने भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (IMS) प्रमाणन हासिल कर लिया है।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
PCIM&H, आयुष मंत्रालय के तत्त्वावधान में, भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी के लिए मानकों की स्थापना तथा रखरखाव के लिए समर्पित एक संस्थान है।
प्रमाण-पत्र वैश्विक मान्यता बढ़ाने एवं भारतीय चिकित्सा तथा होम्योपैथी में उत्कृष्टता के लिए एक नया मानक स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
PCIM&H को निम्नलिखित के लिए IS/ISO प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया है:
गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (QMS)
पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (EMS)
व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (OHSMS)
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) एवं एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (IMS)
BIS भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है, जो उत्पाद की गुणवत्ता, सुरक्षा एवं प्रमाणन मानकों को विकसित करने तथा लागू करने के लिए उत्तरदायी है।
IMS एक एकीकृत ढाँचा है, जो एक संगठन के भीतर प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने एवं समग्र दक्षता में सुधार करने के लिए गुणवत्ता, पर्यावरण तथा सुरक्षा जैसी कई प्रबंधन प्रणालियों को जोड़ता है।
पोषण ट्रैकर पहल
(Poshan Tracker Initiative)
केंद्रीयमहिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण 2.0 के तहत पोषण ट्रैकर पहल के लिए ई-गवर्नेंस, 2024 (गोल्ड) का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया।
पोषण ट्रैकर पहल
पोषण ट्रैकर एक अत्याधुनिक ICT एप्लिकेशन है, जो पोषण संबंधी स्थिति का मूल्यांकन करने एवं अपेक्षित विकास प्रक्रिया से किसी भी विचलन का पता लगाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कार्यक्रम WHO के विकास चार्ट के आधार पर बच्चों के विकास पैटर्न (0-6 वर्ष) का आकलन करने के लिए रियल टाइम डेटा का उपयोग करता है।
यह ऊँचाई एवं वजन की तुलना उम्र तथा लैंगिक मानकों पर निर्भर करता है।
यह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) को विकास कार्यो को पहचानने एवं बेहतर पोषण तथा स्वास्थ्य परिणामों के लिए समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित करने में सक्षम बनाता है।
पोषण 2.0
पोषण 2.0 बच्चों एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण, बौनापन तथा एनीमिया को कम करने के लिए वर्ष 2018 में प्रारंभ किए गए राष्ट्रीय पोषण मिशन का एक भाग है।
योजना के तहत प्रमुख पहल आंगनवाड़ी सेवाएँ, किशोर लड़कियों के लिए योजना एवं पोषण अभियान हैं।
यह मिशन मातृ पोषण, शिशु एवं छोटे बच्चे के आहार, मध्यम तीव्र कुपोषण (MAM ) तथा गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) के उपचार एवं AYUSH के माध्यम से कल्याण पर केंद्रित है।
लास्ट चांस टूरिज्म
(Last Chance Tourism)
यूरोप के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों की एक बर्फ की गुफा में जमे हुए मेहराब के ढहने से दो पर्यटकों की मौत हो गई, जिसने लास्ट चांस टूरिज्म के खतरों को उजागर किया है।
लास्ट चांस टूरिज्म
लास्ट चांस टूरिज्मएक प्रकार की यात्रा है, जहाँ लोग लुप्तप्राय प्राकृतिक स्थलों की यात्रा करते हैं, जिससे उन्हें वह स्थल लुप्त होने या परिवर्तित होने से पहले उसे देखने का मौका मिलता है।
यह चलन बढ़ रहा है, क्योंकि विश्व भर में कई गंतव्यों को जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षति या मानवीय गतिविधियों से खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
यह प्रथा चिंताएँ बढ़ा रही है क्योंकि बढ़ता पर्यटन सुभेद्य वातावरण को और नुकसान पहुँचा सकता है एवं कार्बन उत्सर्जन में योगदान दे सकता है।
आइसलैंड, आर्कटिक एवं अंटार्कटिक क्षेत्र जैसे क्षेत्र अपने पिघलते ग्लेशियरों के कारण लास्ट चांस टूरिज्म के लिए लोकप्रिय हैं।
उत्पाद नवाचार, विकास एवं विकास के लिए MeitY के स्टार्टअप एक्सेलेरेटर (SAMRIDH)
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने संभावित एक्सेलेरेटर के माध्यम से 125 स्टार्टअप का चयन तथा समर्थन करने के लिए समृद्धि (SAMRIDH) पोर्टल लॉन्च किया है।
समृद्धि (SAMRIDH) पोर्टल
समृद्धि (SAMRIDH) सॉफ्टवेयर उत्पादों पर राष्ट्रीय नीति-2019 के तहत स्टार्टअप एक्सेलेरेटर के लिए MeitY का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
SAMRIDH कार्यक्रम को 4 वर्षों की अवधि में ₹99 करोड़ के परिव्यय के साथ 300 सॉफ्टवेयर उत्पाद स्टार्टअप का समर्थन करने के उद्देश्य से अगस्त 2021 में लॉन्च किया गया था।
SAMRIDH उत्पादों को बाजार के अनुकूल बनाने, व्यवसाय योजना, निवेशक संपर्क एवं स्टार्टअप्स के लिए अंतरराष्ट्रीय विस्तार के साथ-साथ MeitY द्वारा ₹40 लाख तक की मैचिंग फंडिंग जैसी सेवाएँ प्रदान करता है।
यह योजना MeitY स्टार्ट-अप हब (MSH), डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (DIC) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
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