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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal June 23, 2025 02:43 14 0

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

योग के शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक लाभों को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga- IDY) प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बारे में

अंतरराष्ट्रीय मान्यता

  • भारत द्वारा प्रस्तावित एक प्रस्ताव के माध्यम से 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा अपनाया गया।
  • पहला उत्सव: 21 जून, 2015 (दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए) सबसे बड़ा योग सत्र एवं सबसे अधिक राष्ट्रों की भागीदारी।

21 जून को क्यों चुना गया?

  • ग्रीष्म संक्रांति (उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबा दिन) को चिह्नित करता है।
  • प्रकाश, ऊर्जा एवं संतुलन का प्रतीक है, जो मन-शरीर-आत्मा के सामंजस्य के योग के उद्देश्य के साथ संरेखित है।

उद्देश्य

  • योग के समग्र लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • एक स्थायी एवं सामंजस्यपूर्ण जीवन शैली को बढ़ावा देना।

वर्ष 2025 के लिए थीम

  • ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’।

यू.के. सांसदों ने सहायता प्राप्त मृत्यु विधेयक को मंजूरी दी

यू.के. हाउस ऑफ कॉमन्स ने एक विधेयक पारित किया है, जो गंभीर रूप से बीमार वयस्कों के लिए सहायता प्राप्त मृत्यु को वैध बनाता है, जो जीवन के अंत के कानून में एक बड़ा बदलाव है।

सहायता प्राप्त मृत्यु क्या है?

  • सहायता प्राप्त मृत्यु से तात्पर्य पीड़ा से राहत पाने के लिए जानबूझकर जीवन समाप्त करना है, जिसमें आमतौर पर दो रूप शामिल होते हैं:-
    • सहायता प्राप्त आत्महत्या: जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को अपना जीवन समाप्त करने में मदद करना।
    • इच्छा मृत्यु: एक तीसरा पक्ष (आमतौर पर एक चिकित्सा पेशेवर) सक्रिय रूप से रोगी के जीवन को समाप्त करता है।
      • सक्रिय इच्छा मृत्यु: प्रत्यक्ष हस्तक्षेप (जैसे- घातक इंजेक्शन)।
      • निष्क्रिय इच्छा मृत्यु: प्राकृतिक मृत्यु की अनुमति देने के लिए जीवन-रक्षक उपचार को वापस लेना।
  • इच्छा मृत्यु दो प्रकार की होती है-
    • स्वैच्छिक इच्छा मृत्यु जहाँ रोगी द्वारा सहमति दी जाती है।
    • गैर-स्वैच्छिक जहाँ रोगी सहमति नहीं दे सकता है, जैसे- वे कोमा में हैं।

यू.के. असिस्टेड डाइंग बिल के मुख्य प्रावधान

पात्रता

  • 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का होना चाहिए, मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए।
  • कम-से-कम 12 महीने तक इंग्लैंड या वेल्स में रहना चाहिए।
  • 6 महीने के भीतर मृत्यु का कारण बनने वाली लाइलाज बीमारी होनी चाहिए।
  • केवल मानसिक बीमारी या विकलांगता वाले व्यक्तियों को छोड़कर।

भारत में स्थिति

  • कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (2018) के बाद से निष्क्रिय इच्छा मृत्यु अनुच्छेद- 21 (गरिमा के साथ मृत्यु का अधिकार) के तहत वैध है।
  • सक्रिय इच्छा मृत्यु एवं सहायता प्राप्त आत्महत्या अवैध बनी हुई है।

वैश्विक स्थिति

  • कानूनी (शर्तों के साथ): कनाडा, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड, न्यूजीलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया तथा अमेरिका के कुछ हिस्से।
  • स्विट्जरलैंड विदेशी नागरिकों को भी अनुमति देता है, जिससे सहायता प्राप्त मृत्यु के लिए चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।

लेनाकापाविर (Lenacapavir)

हाल ही में, यू.एस. खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration- FDA) ने प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (Pre-Exposure Prophylaxis- PrEP) के तहत HIV की रोकथाम के लिए लंबे समय तक कार्य करने वाली इंजेक्शन योग्य दवा के रूप में लेनाकापाविर (Lenacapavir- LEN) को मंजूरी दी है।

  • यह WHO प्रीक्वालिफिकेशन का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो राष्ट्रीय विनियामक अनुमोदन में तेजी ला सकता है।
  • यह वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में LEN तक न्यायसंगत, किफायती पहुँच सुनिश्चित करेगा।
  • भारत जेनेरिक ARV विनिर्माण में एक वैश्विक नेता है, जो भारतीय कंपनियों के माध्यम से वैश्विक ART आवश्यकताओं का 92% पूरा करता है।

लेनाकापाविर (LEN) के बारे में

  • प्रकार: यह एक लंबे समय तक कार्य करने वाली एंटीरेट्रोवायरल दवा (Antiretroviral Drug- ARV) एवं HIV-1 कैप्सिड अवरोधक है।
  • उपयोग: वायरस के संक्रमण के जोखिम वाले HIV-निगेटिव व्यक्तियों में HIV को रोकने के लिए प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) के लिए स्वीकृत।
  • खुराक: द्विवार्षिक (दो बार-वर्ष) इंजेक्शन योग्य, दैनिक मौखिक PrEP पर एक बड़ा लाभ प्रदान करता है।
  • प्रभावकारिता: अध्ययनों से पता चलता है कि नैदानिक ​​परीक्षणों में 99.9% रोकथाम दर है।
  • अन्य दवाएँ: डेपीविरिन वजाइनल रिंग एवं लंबे समय तक कार्य करने वाला इंजेक्शन कैबोटेग्राविर (CAB-LA)।

किंग कोबरा

मध्य प्रदेश में सर्पदंश से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार किंग कोबरा के पुनर्स्थापन की योजना बना रही है तथा विषैले साँपों की संख्या का आकलन करने के लिए साँपों की गणना की जाएगी।

मध्य प्रदेश की योजनाओं की अव्यावहारिकता के कारण

  • मध्य प्रदेश में किंग कोबरा का कोई ऐतिहासिक या पुष्ट रिकॉर्ड नहीं है, क्योंकि इसके गर्म, शुष्क वन एवं जल स्रोतों की कमी है।
  • जंगल में साँपों की गिनती के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं है क्योंकि किसी ने कभी इसे संभव या आवश्यक नहीं माना।
  • किंग कोबरा को स्थानांतरित करने से संकरण हो सकता है, जिससे उनकी आनुवंशिक अखंडता खतरे में पड़ सकती है।

किंग कोबरा के बारे में

  • नई टैक्सोनॉमिक अंतर्दृष्टि (वर्ष 2021 का अध्ययन): किंग कोबरा को कभी एक ही प्रजाति [ओफियोफैगस हन्ना (Ophiophagus Hannah)] माना जाता था। अब भौगोलिक रूप से चार अलग-अलग वंशों की पहचान की गई है:-
    • वेस्टर्न घाट लीनिएज [ओफियोफैगस कालिंगा (Ophiophagus Kaalinga)]
    • एशियन मेनलैंड लीनिएज: उत्तर एवं पूर्वी भारत से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया तक पाया जाता है।
    • मलय प्रायद्वीप एवं सुंडा द्वीप तथा फिलीपींस की प्रजाति।
  • शारीरिक विशेषताएँ
    • आकार: दुनिया का सबसे लंबा विषैला साँप जो 15 फीट तक बढ़ सकता है।
    • अनोखा गुण: एकमात्र साँप, जो अपने अंडों के लिए घोंसला बनाता है।
    • कैप्टिव प्रजनन संबंधी चुनौतियाँ: कैप्टिव प्रजनन इनके अनुकूल नहीं होता है।
  • अनुकूल आवास: आर्द्र, छायादार एवं ठंडा वातावरण, घने सदाबहार/अर्द्ध-सदाबहार वन, दलदल तथा बाँस के घने जंगल, मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र।
  • भारत में भौगोलिक सीमा: पश्चिमी घाट (केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र), पूर्वी घाट, पूर्वोत्तर भारत, उत्तर भारतीय तराई क्षेत्र, ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के मैंग्रोव तट, अंडमान तथा निकोबार द्वीपसमूह।
  • पोषण से संबंधित भूमिका: शीर्ष शिकारी।
  • आहार: मुख्य रूप से अन्य साँपों का शिकार करता है (इसलिए इसका नाम ओफियोफैगस है, जिसका अर्थ है ‘साँप खाने वाला’)।
  • प्रजनन: यह वैकल्पिक पार्थेनोजेनेसिस में सक्षम है।
    • पार्थेनोजेनेसिस अलैंगिक प्रजनन का एक प्राकृतिक रूप है, जिसमें भ्रूण निषेचन की आवश्यकता के बिना सीधे अंडे से विकसित होता है।
  • संरक्षण स्थिति
    • अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) श्रेणी: सुभेद्य।
    • CITES: परिशिष्ट II
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: इसे WPA, 1972 की अनुसूची II के अंतर्गत रखा गया है।

भारत की इलेक्ट्रिक कार विनिर्माण क्षमता

अनुमान है कि भारत वर्ष 2030 तक चीन, यूरोपीय संघ एवं अमेरिका के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक कार निर्माता बन जाएगा।

इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्या है?

  • इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पेट्रोल या डीजल पर चलने वाले पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर के माध्यम से विद्युत से संचालित होते हैं।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में गैसोलीन टैंक के बजाय बैटरी एवं ICE के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर होती है।

अध्ययन के मुख्य बिंदु

  • भारत की EV उत्पादन क्षमता वर्ष 2030 तक 2.5 मिलियन यूनिट तक पहुँचने की उम्मीद है, जो वर्ष 2024 में 0.2 मिलियन है।
  • घरेलू EV की माँग वर्ष 2030 तक 0.4-1.4 मिलियन यूनिट तक पहुँचने का अनुमान है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1.1-2.1 मिलियन यूनिट का उत्पादन अधिशेष होगा, जिससे निर्यात की संभावनाएँ उत्पन्न होंगी।
  • भारत में वर्ष 2030 तक कुल कार बिक्री में EV का हिस्सा 7-23% होने की उम्मीद है।
  • स्थानीय निर्माताओं की सुरक्षा के लिए भारत पूरी तरह से निर्मित EV पर उच्च आयात शुल्क (70-100%) बनाए रखता है।
  • भारत का लगभग 100% EV उत्पादन वर्तमान में घरेलू बाजार में होता है।
  • भारत की बैटरी सेल उत्पादन क्षमता वर्ष 2030 तक दक्षिण कोरिया, जापान एवं मलेशिया से आगे निकल जाएगी।
  • भारत में EV का विस्तार वर्ष 2024 में केवल 2% तक पहुँच गई, जबकि वियतनाम में EV विस्तार 3% (2022) से बढ़कर वर्ष 2024 में 17% हो गई।

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