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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal June 26, 2025 03:17 72 0

‘कैंडिडा ट्रॉपिकलिस’ (Candida Tropicalis)

हाल ही में PLoS बायोलॉजी में प्रकाशित एक हालिया शोधपत्र में बताया गया है कि किस प्रकार ‘कैंडिडा ट्रॉपिकलिस’ (Candida Tropicalis) गुणसूत्र परिवर्तनों का उपयोग करके फ्लुकोनाजोल (Fluconazole) और वोरिकोनाजोल (Voriconazole) जैसी सामान्य एंटी-फंगल दवाओं के प्रति प्रतिरोध प्रदर्शित कर रहा है।

  • कारण: कृषि में ट्राइजोल एंटीफंगल (Triazole Antifungals) के अंधाधुंध उपयोग ने रोगजनक प्रजातियों के उद्भव को बढ़ावा दिया, जो नैदानिक ​​महत्त्व के एजोल्स (Azoles) के प्रति क्रॉस-प्रतिरोध प्रदर्शित करते हैं।

कैंडिडा ट्रॉपिकलिस के बारे में

  • कैंडिडा ट्रॉपिकलिस कैंडिडा जीनस में खमीर की एक प्रजाति है।
  • सी. ट्रॉपिकलिस, सी. एल्बिकेंस (C. Albicans) के बाद दूसरी सबसे अधिक विषैली कैंडिडा प्रजाति है।
  • कैंडिडा ट्रॉपिकलिस, न्यूट्रोपेनिया (Neutropenia) एवं घातक बीमारी वाले रोगियों में सबसे अधिक देखा जाता है।
  • विषाक्तता कारक: इसमें बुक्कल एपिथेलियल (Buccal Epithelial) और एंडोथेलियल सेल (Endothelial Cells), लिटिक एंजाइमों का स्राव (प्रोटीनेज, फॉस्फोलिपेज, हेमोलिसिन) और फेनोटाइपिक स्विचिंग (Phenotypic Switching) शामिल हैं।
  • प्रतिरोध: कैंडिडा ट्रॉपिकलिस आमतौर पर एजोल्स के प्रति प्रतिरोध दर्शाता है एवं विशेष रूप से फ्लूकोनाजोल के प्रति उच्च प्रतिरोध दिखाता है। 
    • सी. ट्रॉपिकलिस हालाँकि इचिनोकैन्डिन्स (Echinocandins) के प्रति कम प्रतिरोध दिखाता है।
  • विशेषताएँ
    • सी. ट्रॉपिकलिस को एक बहुत मजबूत बायोफिल्म उत्पादक के रूप में पहचाना जाता है।
    • ऑस्मोटोलरेंट (Osmotolerant): सी. ट्रॉपिकलिस एक ऑस्मोटोलरेंट सूक्ष्मजीव है एवं इस प्रकार उच्च लवण सांद्रता वाले खारे वातावरण में जीवित रह सकता है।
  • संभावित अनुप्रयोग: सी. ट्रॉपिकलिस का संभावित रूप से जैव प्रौद्योगिकी प्रक्रियाओं में उपयोग किया जा सकता है जैसे कि मक्का फाइबर से जाइलिटोल का उत्पादन एवं समुद्री शैवाल से इथेनॉल।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB)

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services- DFS) से डिजिटल भुगतान पुरस्कार 2024-25 प्राप्त हुआ।

भुगतान बैंकों में शीर्ष प्रदर्शन

  • IPPB ने वित्त वर्ष 2024-25 के प्रदर्शन सूचकांक में भारत के सभी भुगतान बैंकों में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

IPPB (भारत की डिजिटल बैंकिंग दिग्गज) के बारे में

  • IPPB संचार मंत्रालय के डाक विभाग के तहत 100% सरकारी स्वामित्व वाला बैंक है।
  • 1 सितंबर, 2018 को बैंकिंग सेवाओं से वंचित एवं कम बैंकिंग सेवाओं वाले लोगों तक पहुँचने के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया।
  • मिशन: भारत में सामान्य लोगों के लिए सबसे सुलभ, वहनीय एवं विश्वसनीय बैंक का निर्माण करना।
  • बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों तक पहुँचना: IPPB का मुख्य लक्ष्य व्यापक डाक नेटवर्क का उपयोग करके उन लोगों के लिए बाधाओं को दूर करना है जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं या जो कम सेवा प्राप्त करते हैं।

प्रौद्योगिकी एवं सेवाएँ

  • इंडिया स्टैक एकीकरण: IPPB ग्राहकों के घरों पर सरल एवं सुरक्षित बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने के लिए ‘इंडिया स्टैक’ (पेपरलैस, कैशलेस तथा उपस्थिति रहित बैंकिंग) का उपयोग करता है। इसमें स्मार्टफोन एवं बायोमेट्रिक डिवाइस का उपयोग करना शामिल है।
  • ग्राहक आधार: IPPB भारत के 5.57 लाख गाँवों एवं कस्बों में 11 करोड़ (110 मिलियन) ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है।
  • बहुभाषी समर्थन: बैंकिंग समाधान 13 भाषाओं में उपलब्ध हैं, जो सभी के लिए उपयोग में आसानी पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC)

इस्तांबुल में इस्लामिक सहयोग संगठन (Organisation of Islamic Cooperation- OIC) के विदेश मंत्रियों की परिषद के 51वें सत्र में, सदस्य देशों ने ईरान, सीरिया एवं लेबनान में इजराइल की वर्तमान सैन्य कार्रवाइयों की निंदा की।

इस्तांबुल घोषणा

  • घोषणा में अंतरराष्ट्रीय कानून एवं राष्ट्रीय संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में इजराइल के हवाई हमलों की कड़ी आलोचना की गई।
  • इस्तांबुल घोषणा में फिलिस्तीनी अधिकारों के लिए समर्थन की पुष्टि की गई, गाजा एवं पश्चिमी तट में इजराइल की कार्रवाइयों की निंदा नरसंहार तथा प्रणालीगत उत्पीड़न के रूप में की गई।
  • इसने स्थायी युद्धविराम एवं गाजा के पुनर्निर्माण के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी प्रस्तावों के पूर्ण कार्यान्वयन का आह्वान किया।
  • इस घोषणा में दक्षिण एशिया पर चिंता जताई गई, पाकिस्तान एवं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर हालिया सैन्य हमलों की निंदा की गई।
  • OIC ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया एवं सिंधु जल संधि (IWT) सहित मौजूदा संधियों का सम्मान करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC)

  • यह वर्ष 1969 में स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसमें 57 सदस्य देश शामिल हैं।
  • यह संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है।
  • इस संगठन का कहना है कि यह ‘मुस्लिम देशों का सामूहिक प्रतिनिधित्त्व’ है एवं ‘अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सद्भाव को बढ़ावा देने की भावना से मुस्लिम देशों के हितों की रक्षा एवं सुरक्षा’ के लिए कार्य करता है।
  • इस्लामिक सहयोग संगठन के पास संयुक्त राष्ट्र एवं यूरोपीय संघ में स्थायी प्रतिनिधिमंडल हैं।
  • स्थायी सचिवालय: जेद्दा, सऊदी अरब।
  • आधिकारिक भाषाएँ: अरबी, अंग्रेजी एवं फ्रेंच।
  • OIC निम्नलिखित मुख्य निकायों से बना है:-
    • इस्लामिक शिखर सम्मेलन (Islamic Summit Conference- ISC)
    • विदेश मंत्रियों की परिषद (Council of Foreign Ministers- CFM)
    • सामान्य सचिवालय (General Secretariat)

डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म

डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के बीच, RBI एवं प्रमुख सार्वजनिक तथा निजी बैंक डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (Digital Payment Intelligence Platform- DPIP) विकसित कर रहे हैं। 

डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DPIP) क्या है? 

  • DPIP को डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के रूप में देखा जाता है, जिसे भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में धोखाधड़ी के जोखिम प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है। 
  • यह वास्तविक समय में खुफिया जानकारी एकत्र करने एवं संस्थानों के बीच साझा करने में सक्षम बनाएगा, ताकि धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाया जा सके तथा उन्हें होने से पहले ही रोका जा सके।
  • यह परियोजना NPCI के पूर्व MD एवं CEO ए. पी. होता की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर आधारित है। 

मुख्य विशेषताएँ 

  • विसंगतियों एवं खतरों का पता लगाने के लिए कई स्रोतों से वास्तविक समय डेटा विश्लेषण।
  • सार्वजनिक एवं निजी दोनों बैंकों को शामिल करने वाला सहयोगी प्लेटफॉर्म। 
  • 5-10 प्रमुख बैंकों के परामर्श से रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) के नेतृत्व में प्रोटोटाइप विकास किया गया। 

अभी क्यों? 

RBI की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 

  • वित्त वर्ष 2025 में बैंक धोखाधड़ी लगभग तीन गुना बढ़कर 36,014 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष 12,230 करोड़ रुपये थी। 
  • निजी क्षेत्र के बैंकों ने कार्ड/इंटरनेट भुगतान खंड में सबसे अधिक धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए।

एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4)

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एवं पोलैंड, हंगरी तथा अमेरिका के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन को फ्लोरिडा में NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया। 

  • इस मिशन ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की 28 घंटे की यात्रा शुरू की, जो वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में एक ऐतिहासिक क्षण था। 

मिशन का मुख्य आकर्षण

  • शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा के 40 वर्ष बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बने।
  • वे ISS की यात्रा करने वाले पहले भारतीय भी बने। 
  • वे ISRO के नेतृत्व वाले गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं।

एक्सिओम-4 के बारे में

  • एक्सिओम-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है।
  • लक्ष्य: माइक्रोग्रैविटी बायोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सतत् कृषि एवं मैटेरियल साइंस जैसे क्षेत्रों में ISS पर 60 से अधिक अत्याधुनिक वैज्ञानिक प्रयोग किए जा रहे हैं।

भारत के लिए महत्त्व

  • यह मिशन ISRO के आगामी गगनयान मिशन के लिए भारत की तैयारियों को मजबूत करता है।
  • यह भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष प्रयासों के लिए बहुमूल्य तकनीकी विशेषज्ञता एवं अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करता है।
  • यह ISRO एवं NASA के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग को भी मजबूत करता है।

किर्स्टी कोवेंट्री IOC अध्यक्ष बनीं

क्रिस्टी कोवेंट्री (Kirsty Coventry) अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympic Committee- IOC) की पहली महिला एवं अफ्रीकी अध्यक्ष बनीं।

क्रिस्टी कोवेंट्री के बारे में

  • पृष्ठभूमि: वह तैराकी में जिम्बाब्वे की दो बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं एवं अध्यक्ष चुने जाने से पहले IOC सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं।
  • वह IOC की अध्यक्षता करने वाली पहली महिला एवं पहली अफ्रीकी हैं, जो एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है जो IOC के नेतृत्व तथा समावेशिता के प्रति विकसित दृष्टिकोण को दर्शाता है।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के बारे में

  • IOC ओलंपिक खेलों की देखरेख के लिए जिम्मेदार शासी निकाय है।
  • इसका कार्य यह सुनिश्चित करना है कि ओलंपिक मूवमेंट खेल के माध्यम से शांति, एकता एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के अपने मूल मूल्यों के प्रति सच्चा रहे।
  • मेजबान शहर का चयन: IOC का एक महत्त्वपूर्ण कार्य ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन ओलंपिक के लिए मेजबान शहर का चयन करना है।
  • IOC मुख्यालय: लॉजेन, स्विट्जरलैंड।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की संरचना

  • अध्यक्ष: IOC के संचालन की देखरेख करने एवं ओलंपिक मूवमेंट का प्रतिनिधित्व करने के लिए जिम्मेदार सर्वोच्च प्राधिकारी।
  • सत्र: सभी IOC सदस्यों द्वारा निर्मित सर्वोच्च शासी निकाय, जो राष्ट्रपति का चुनाव करने एवं ओलंपिक खेलों के लिए मेजबान शहरों का चयन करने जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णयों के लिए जिम्मेदार है।
  • कार्यकारी बोर्ड: सत्र द्वारा लिए गए निर्णयों के दैनिक प्रशासन एवं कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार, जिसमें ओलंपिक खेलों के संगठन की देखरेख करना शामिल है।
  • IOC सदस्य: निर्वाचित व्यक्ति जो विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं एवं IOC में निर्णय लेने में योगदान देते हैं।
  • राष्ट्रीय ओलंपिक समितियाँ (NOCs): संगठन जो ओलंपिक को बढ़ावा देते हैं एवं अपने-अपने देशों में एथलीटों का समर्थन करते हैं।

दुर्लभ प्राचीन दीपक

कर्नाटक के उडुपी जिले में अनंतपद्मनाभ मंदिर में शैव एवं वैष्णव परंपराओं का मिश्रण पर आधारित 15वीं सदी का एक दुर्लभ प्राचीन दीपक खोजा गया है।

दीपक के बारे में

  • बसवन्नारस बंगा द्वारा 1456 ई. में दान की गई इस कलाकृति की पुष्टि मंदिर के आंतरिक प्राकार में लगे एक पत्थर के शिलालेख से होती है।

मुख्य विशेषताएँ

शैव मुख

  • भगवान शिव के प्रलय तांडव (विनाशकारी नृत्य) को दर्शाता है।
  • केंद्रीय आकृति: नटराज (नृत्य मुद्रा में शिव) पार्वती, गणपति, भृंगी, खड्ग रावण (तलवार, हल, खोपड़ी और कटे हुए सिर के साथ) और मोर पर सवार कुमार से घिरे हुए हैं।
  • मूर्तिकला में पौराणिक कथा को दर्शाता है, शैव अनुष्ठानों एवं मान्यताओं को प्रदर्शित करता है।

वैष्णव मुख

  • इसमें अनंतपद्मनाभ (विष्णु) को ब्रह्मा, इंद्र, अग्नि एवं वरुण के साथ शिव के विनाशकारी नृत्य से सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हुए दिखाया गया है।
  • विष्णु को एक उद्धारण (अनुष्ठान चम्मच), शंख (शंख) पकड़े हुए दिखाया गया है, जिसमें कुछ तत्व विलुप्त हैं जो संभवतः एक बार पूर्ण चित्रण का हिस्सा थे। 
  • दीपक के आधार पर गरुड़ एवं अंजलि मुद्रा में शांत शिव दिखाई देते हैं, जो दिव्य सामंजस्य का प्रतीक है। 

सांस्कृतिक महत्त्व 

  • देवताओं का दोहरा चित्रण धार्मिक समन्वय एवं परस्पर संबंधित पूजा पद्धतियों का प्रतीक है।
  • खड्ग रावण एवं देवी मारी की पूजा आज भी बाहरी प्राकार में की जाती है, जो अतीत को वर्तमान अनुष्ठान अभ्यास से जोड़ती है।

कतर

ईरान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हवाई हमलों के प्रतिशोध में कतर में अमेरिकी अल-उदीद एयर बेस एवं इराक में ऐन अल-असद बेस पर मिसाइल हमले किए।

  • अल-उदीद एयर बेस: कतर में स्थित, यह इस क्षेत्र में सबसे बड़ा अमेरिकी एयर बेस है।

कतर

  • पश्चिम एशिया में एक छोटा प्रायद्वीपीय राष्ट्र है।
  • स्थान: अरब प्रायद्वीप का उत्तरपूर्वी तट, जो अरब की खाड़ी (फारस की खाड़ी) में विस्तृत हुआ है
  • भौगोलिक विशेषताएँ
    • मुख्य रूप से समतल एवं शुष्क रेगिस्तान।
    • कोई नदी या झील नहीं; जल वर्षा एवं भूमि से प्राप्त होता है।
    • दक्षिणी क्षेत्र: रेत के टीले अवस्थित हैं (विशेष रूप से खोर अल अदैद, ‘अंतर्देशीय सागर’)।
    • उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्र: चूना पत्थर की चोटियों से थोड़ा ऊंचा (जैसे- दुखान)।
    • वाडी (Wadis): सूखी नदी घाटियाँ जो कभी-कभी बारिश के दौरान पानी लाती हैं।

अंबुबाची मेला

उत्तर-पूर्व भारत में सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक, कामाख्या मंदिर के वार्षिक अंबुबाची मेला के लिए हजारों भक्त असम पहुँचे हैं।

अंबुबाची मेले के बारे में

  • अंबुबाची नाम का अर्थ है ‘बहता हुआ जल’। यह त्यौहार मानसून के दौरान, आमतौर पर जून में गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में मनाया जाता है, जो देवी कामाख्या का मंदिर है एवं तांत्रिक शक्तिवाद के सबसे महत्त्वपूर्ण केंद्रों में से एक है।
  • अंबुबाची की अवधि देवी के वार्षिक मासिक धर्म की अवधि मानी जाती है, एवं इस दौरान मंदिर बंद रहता है।
  • यह त्योहार न केवल प्रजनन क्षमता और मानसून के आगमन से जुड़ा है, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों में पृथ्वी को एक नारी के प्रतीक रूप में देखने की ऐतिहासिक धारणा से भी इसका संबंध है।

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)

हाल ही में भारत सरकार ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 22,000 से अधिक ‘जन सेवा’ शिविर आयोजित किए। 

  • जनजातीय गौरव दिवस प्रत्येक वर्ष बिरसा मुंडा की जयंती पर आदिवासी समुदायों के योगदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। 

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) के बारे में 

  • वर्ष 2023 में केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लॉन्च किया गया। 
  • मुख्य विशेषता: आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव वर्ष के उत्सव का हिस्सा। 
  • उद्देश्य: व्यापक हस्तक्षेपों के माध्यम से आदिवासी बहुल गाँवों में सरकारी योजनाओं का पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करना। 
  • मुख्य घटक
    • 25 हस्तक्षेप: इसमें 17 प्रमुख मंत्रालयों के लगभग 25 अलग-अलग सरकारी हस्तक्षेप शामिल हैं। 
    • लक्ष्य समूह: 68,000 गाँवों में अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय। 
    • दायरा: ST समुदायों के 53 लाख से अधिक व्यक्तियों तक पहुँचने का लक्ष्य। 
    • भौगोलिक फोकस: 550 से अधिक जिले, जिनमें विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के निवास वाले क्षेत्र शामिल हैं।

संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (ABP)

गुजरात संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (ABP) को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है, जो ग्रामीण डिजिटल सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

  • इस पहल का उद्देश्य गुजरात की सभी 14,654 ग्राम पंचायतों में हाई-स्पीड, विश्वसनीय डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करना एवं ग्रामीण डिजिटल बुनियादी ढाँचे को बढ़ाना है।

संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (Amended BharatNet Program- ABP) के बारे में 

  • लॉन्च: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त 2023 में ABP को मंजूरी दी। 
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य माँग-आधारित आधार पर 2.64 लाख ग्राम पंचायतों एवं 3.8 लाख गैर-GP गाँवों में ऑप्टिकल फाइबर (OF) कनेक्टिविटी पहुँचाना है।
  • नोडल एजेंसी: सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए BSNL को परियोजना प्रबंधन एजेंसी (Project Management Agency- PMA) के रूप में नियुक्त किया गया है। 

कार्यक्रम की विशेषताएँ

  • कुल लागत: ₹1,39,579 करोड़, जिसमें ₹42,847 करोड़ का पूँजीगत व्यय (CAPEX) एवं ₹48,717 करोड़ का 10 वर्षों का परिचालन व्यय (OPEX) शामिल है। 
    • उन्नयन एवं विस्तार: 1.64 लाख ग्राम पंचायतों का उन्नयन एवं सैटेलाइट ग्राम पंचायतों सहित 47,000 नई ग्राम पंचायतों का निर्माण।
    • IP-MPLS नेटवर्क: ब्लॉकों एवं ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड लिंक प्रदान करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल मल्टी-प्रोटोकॉल लेबल स्विचिंग (IP-MPLS) नेटवर्क का प्रयोग।
    • अंतिम-मील नेटवर्क: भारतनेट उद्यमी मॉडल के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।
    • FTTH कनेक्शन: यह कार्यक्रम पाँच वर्षों में ग्रामीण घरों एवं संस्थानों में 1.5 करोड़ फाइबर टू द होम (FTTH) कनेक्शन प्रदान करेगा, जिसमें प्रत्येक ग्राहक के लिए न्यूनतम 25 Mbps डाउनलोड स्पीड होगी।
  • कार्यान्वयन समयरेखा: भारतनेट बुनियादी ढाँचे का उन्नयन एवं नई ग्राम पंचायतों का निर्माण मार्च 2027 तक पूरा होने वाला है।

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