भारत में मोंटेलुकास्ट (Montelukast) दवाओं की बिक्री अनियमित है और इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है।
मोंटेलुकास्ट के बारे में
अस्थमा के कारण होने वाली गले की घरघराहट, साँस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न और खाँसी को रोकने के लिए मौखिक रूप से दी जाने वाली दवा और व्यायाम के दौरान साँस लेने में कठिनाई को रोकने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
वर्गीकरण: मोंटेलुकास्ट एक एंटीहिस्टामाइन (Antihistamine) नहीं है।
एंटीहिस्टामाइंस सामान्य दवाएँ हैं, जिन्हें बिना डॉक्टर के पर्चे के खरीदा जा सकता है और इनका उपयोग अल्पकालिक एलर्जी प्रतिक्रियाओं, जैसे छींकने या खुजली के इलाज के लिए किया जाता है।
अनुमोदन: इसे वर्ष 1998 में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा अनुमोदित किया गया था और इसे ‘सिंगुलेयर’ ब्रांड नाम के तहत विपणन किया गया था।
इसे मौसमी और बारहमासी एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic Rhinitis) के लक्षणों से राहत दिलाने के लिए भी अनुमोदित किया गया है।
युद्ध अभ्यास-2024
(YUDH ABHYAS-2024)
हाल ही में भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास-2024’ का 20वाँ संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विदेशी प्रशिक्षण नोड में आयोजित किया गया।
युद्ध अभ्यास के बारे में
वार्षिक संयुक्त अभ्यास: यह वर्ष 2004 से भारत और अमेरिका के बीच बारी-बारी से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
उद्देश्य: संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत उप-परंपरागत परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना।
महत्त्व
सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना: यह दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा।
अंतरसंचालनीयता: इससे दोनों सेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता और सौहार्द विकसित करने में सहायता मिलेगी।
सहयोग में वृद्धि: संयुक्त अभ्यास से रक्षा सहयोग में भी वृद्धि होगी तथा दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और बढ़ोतरी होगी।
आतंकवाद का मुकाबला: आतंकवादी कार्रवाई के लिए एक संयुक्त अभ्यास, संयुक्त योजना और संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास तैयार करना, जो वास्तविक दुनिया के आतंकवाद विरोधी मिशनों का अनुकरण करता हो।
भारत-अमेरिका संयुक्त अभ्यास
सैन्य प्रशिक्षण: युद्ध अभ्यास, वज्र प्रहार और टाइगर ट्रायम्फ
अभ्यास टाइगर ट्रायम्फ दोनों देशों के बीच पहला त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास है।
इसका पहला संस्करण वर्ष 2019 में आयोजित किया गया था।
वायु सेना: कॉप इंडिया (Cope India)
नौसेना अभ्यास (जापान के साथ): मालाबार (Malabar)
मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR): सितंबर 2022 में, क्वाड देशों (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) ने ‘इंडो-पैसिफिक में HADR पर क्वाड साझेदारी के लिए दिशा-निर्देश’ पर हस्ताक्षर किए।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (Additional Solicitor Generals)
हाल ही में भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए छह वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) नियुक्त किया है।
भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल
भूमिका: अपर SGI एक विधि अधिकारी होता है, जो SGI और भारत के महान्यायवादी की सहायता करता है।
SGI और अपर SGI सरकार को सलाह देते हैं और कानूनी मामलों में भारत संघ का प्रतिनिधित्व करते हैं।
नियुक्ति
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC), SGI और अपर SGI की सिफारिश करती है और आधिकारिक तौर पर उनकी नियुक्ति करती है।
नियुक्ति का प्रस्ताव आमतौर पर विधि मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव या विधि सचिव द्वारा किया जाता है।
स्थिति: SGI और अपर SGI वैधानिक पद हैं, जबकि भारत के अटॉर्नी जनरल का पद संवैधानिक पद नहीं है।
शासी नियम: अपर SGI विधि अधिकारी (सेवा की शर्तें) नियम, 1987 द्वारा शासित है।
भारत के सॉलिसिटर जनरल
सॉलिसिटर जनरल भारत के अटॉर्नी जनरल का अधीनस्थ कार्यालय है। वह देश का द्वितीयक विधि अधिकारी है।
सहायता: सॉलिसिटर जनरल को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरलों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, जो न्यायालयों में भारत संघ का प्रतिनिधित्व करते हैं।
INS माल्पे और INS मुल्की
भारतीय नौसेना ने 8 एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट परियोजना के चौथे एवं पाँचवें जहाज माल्पे (Malpe) और मुल्की (Mulki) को लॉन्च किया।
INS माल्पे और INS मुल्की भारतीय नौसेना के लिए विकसित किए गए दो नवीनतम स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटरक्राफ्ट (ASW SWC) हैं।
ये जहाज नौसेना द्वारा कमीशन किए गए ASWSWC की शृंखला में चौथे और पाँचवें जहाज हैं।
इन्हें कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) द्वारा निर्मित किया गया है।
रक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) और CSL के बीच 30 अप्रैल, 2019 को आठ ऐसे जहाजों के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
माहे श्रेणी (Mahe Class) के रूप में वर्गीकृत ये जहाज अंततः वर्तमान में सेवा में मौजूद अभय श्रेणी के ASW कॉर्वेट का स्थान लेंगे।
विशेषताएँ
इन जहाजों को विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए डिजाइन किया गया है, जिनमें तटीय जल में पनडुब्बी रोधी युद्ध, जल की सतह के नीचे निगरानी, खोज एवं बचाव तथा कम तीव्रता वाले समुद्री मिशन शामिल हैं।
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF)
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) द्वारा भारत के पारस्परिक मूल्यांकन (Mutual Evaluation) संबंधी रिपोर्ट 19 सितंबर को जारी किए जाने की उम्मीद है, जिसे सिंगापुर में जून 2024 के पूर्ण अधिवेशन में अपनाया गया था।
FATF के बारे में
FATF एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1989 में पेरिस में विकसित देशों की G7 बैठक के दौरान की गई थी।
सचिवालय: पेरिस में OECD मुख्यालय में स्थित, यह वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) सदस्यता और वैश्विक नेटवर्क के मूलभूत कार्यों का समर्थन करता है।
अधिदेश का विकास: मूल रूप से धन शोधन से निपटने के लिए गठित इस संगठन ने 9/11 के हमलों के बाद अपने अधिदेश का विस्तार करते हुए इसमें आतंकवादियों के वित्तपोषण के विरुद्ध प्रयासों को भी शामिल कर लिया।
इसके बाद, वर्ष 2012 में सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) के वित्तपोषण का मुकाबला करने के प्रयास भी इसमें जोड़े गए।
सामूहिक विनाश के हथियार (WMD) वे हथियार हैं, जो बड़े पैमाने पर भारी विनाश और मानव जीवन की हानि का कारण बन सकते हैं।
ग्रे और ब्लैक सूची
ग्रे सूची: इसमें वे देश शामिल हैं, जिन्हें आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है तथा यह एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है।
ब्लैक सूची: इसमें ऐसे गैर-सहकारी देश या क्षेत्र (NCCT) शामिल हैं, जो ऐसी गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
सत्र और निर्णयन प्रक्रिया: वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) एक निर्णयन प्रक्रिया वाला निकाय है, जो देशों की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट (MER) पर चर्चा करने के लिए प्रति वर्ष तीन बार बैठक करता है।
जिन देशों में धन शोधन निरोधक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (Anti-Money Laundering/Combating the Financing of Terrorism-AML/CFT) व्यवस्था में बड़ी खामियाँ हैं, उन्हें ‘अधिक निगरानी वाले क्षेत्राधिकार’ (ग्रे सूची) या ‘उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार’ (ब्लैक सूची) के अंतर्गत सूचीबद्ध किया जाता है।
सदस्यता: वर्तमान में, यह 40 सदस्यीय निकाय है, जो विश्व भर के प्रमुख वित्तीय केंद्रों का प्रतिनिधित्व करता है।
इसमें दो क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं: यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद।
भारत का संघ: भारत वर्ष 2006 में पर्यवेक्षक के रूप में इसमें शामिल हुआ तथा वर्ष 2010 में पूर्ण सदस्य बन गया।
इसके अतिरिक्त, भारत इसके क्षेत्रीय साझेदारों, एशिया प्रशांत समूह (APG) और यूरेशियन समूह (EAG) का हिस्सा है।
भारत की स्थिति: ‘नियमित अनुवर्ती’ (Regular Follow-up) श्रेणी (इसमें फ्राँस, इटली, रूस और यूके शामिल हैं)।
पर्यवेक्षक: 31 अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठन हैं, जो FATF के सहयोगी सदस्य या पर्यवेक्षक हैं और इसके कार्यों में भाग लेते हैं।
पर्यवेक्षक दर्जा प्राप्त संगठनों में एशियाई विकास बैंक (ADB), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), इंटरपोल और विश्व बैंक आदि शामिल हैं।
यह धन शोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार से निपटने के लिए किसी देश के उपायों का मूल्यांकन है।
मूल्यांकन टीम: ये रिपोर्ट सहकर्मी समीक्षाएँ हैं, जहाँ विभिन्न देशों के सदस्य दूसरे देश का मूल्यांकन करते हैं।
पूर्वाग्रह रहित: पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट उस स्थिति या औचित्य के प्रति पूर्वाग्रह रहित होती है, जिसके कारण किसी इकाई को आतंकवादी या आतंकवादी समूह या संगठन के रूप में नामित किया गया।
पारस्परिक मूल्यांकन के दो मुख्य घटक हैं:-
प्रभावशीलता
तकनीकी अनुपालन
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G)
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत ‘स्वचालित बहिष्करण’ (Automatic Exclusion) मानदंड में ढील दी है।
संबंधित तथ्य
नए पात्र परिवार: ऐसे परिवार जिनके पास दोपहिया वाहन, मोटर चालित मछली पकड़ने वाली नावें, रेफ्रिजरेटर और लैंडलाइन फोन हों।
15,000 रुपये प्रति माह तक आय वाले परिवार।
अतिरिक्त मुख्य बहिष्करण मानदंड
पक्की छत और/या पक्की दीवारों वाले घर।
दो से अधिक कमरों वाले घरों में रहने वाले परिवार।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के बारे में
उद्देश्य: उन ग्रामीण परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के मकान उपलब्ध कराना, जो बेघर हैं या कच्चे या जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे हैं।
लाभार्थी: सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC), 2011 का उपयोग करके पहचाना गया।
लागत साझाकरण
मैदानी क्षेत्रों के लिए केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 का अनुपात।
पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और जम्मू-कश्मीर के लिए 90:10 अनुपात।
अन्य संघ शासित प्रदेशों के लिए 100% लागत केंद्र द्वारा वहन की जाएगी।
विशेषताएँ
वित्तीय सहायता: मैदानी इलाकों में लाभार्थियों को 1.2 लाख रुपये तक की सहायता मिलती है।
एकीकृत कार्य योजना (IAP) के अंतर्गत पहाड़ी राज्यों, दुर्गम क्षेत्रों और जनजातीय/पिछड़े जिलों में 1.3 लाख रुपये तक।
निर्माण: लाभार्थी सरकारी तकनीकी सहायता से मकान का निर्माण करते हैं।
अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण: शौचालय निर्माण और मजदूरी रोजगार के लिए स्वच्छ भारत मिशन (SBM) और मनरेगा जैसी योजनाओं के साथ समन्वय को प्रोत्साहित करता है।
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