100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal August 05, 2025 03:04 9 0

पिंगली वेंकैया

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने श्री पिंगली वेंकैया को उनकी 149वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।

पिंगली वेंकैया के बारे में

  • प्रारंभिक जीवन एवं कॅरियर
    • 2 अगस्त, 1876 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के पास भाटलापेनुमरु में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ।
    • प्रारंभिक जीवन: 19 वर्ष की आयु में ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हुए, दक्षिण अफ्रीका में द्वितीय बोअर युद्ध (वर्ष 1899-1902) में भाग लिया।
    • आंध्र राष्ट्रीय महाविद्यालय में अध्यापन (वर्ष 1918-1921)।
  • राष्ट्रीय ध्वज में योगदान
    • एकता एवं स्वतंत्रता के प्रतीक भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की रचना के लिए उन्हें तिरंगा के जनक” के रूप में जाना जाता है।
    • वर्ष 1916 मेंभारत के लिए एक राष्ट्रीय ध्वज” (भारत देशानिकी ओका जातीय पताकम) शीर्षक से लगभग 30 डिजाइनों वाली एक पुस्तिका प्रकाशित की।
    • मूल डिजाइन में केसरिया एवं हरा (हिंदू तथा मुस्लिम) शामिल थे, बाद में इसमें सफेद एवं चरखा को शामिल करके संशोधन किया गया।
    • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशनों में ध्वज की अवधारणा को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया।
  • स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी
    • वंदे मातरम आंदोलन एवं स्वशासन आंदोलन में भाग लिया।
    • पूर्णकालिक सक्रियता में लौटने से पूर्व कुछ समय के लिए प्लेग अधिकारी के रूप में कार्य किया।
  • स्वतंत्रता के बाद के योगदान
    • भारत सरकार के खनिज अनुसंधान विभाग के सलाहकार के रूप में कार्य किया।
    • खनिजों एवं हीरों पर एक महत्त्वपूर्ण कृतिद मदर ऑफ डायमंड्स” (वर्ष 1955) प्रकाशित की।
  • उपाधियाँ एवं सम्मान
    • झंडा वेंकैया’: राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन में उनकी भूमिका के लिए।
    • जापान वेंकैया’: बापटला (वर्ष 1913) में जापानी भाषा में पूरा भाषण दिया।
    • डायमंड वेंकैया’: भू-विज्ञान एवं हीरा खनन में कार्य के लिए।
    • पट्टी वेंकैया’ (कॉटन वेंकैया): कपास की किस्मों, विशेष रूप से कंबोडिया कॉटन पर शोध के लिए।
      • पट्टी वेंकैया’ (कॉटन वेंकैया) भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने मुख्य कपास की किस्मों, विशेष रूप से कंबोडिया कॉटन पर शोध किया।
  • सम्मान एवं सम्मान
    • वर्ष 2009: स्मारक डाक टिकट जारी किया गया।
    • वर्ष 2021: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया।

AI-संचालित आंगनवाड़ी 

भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence-AI) संचालित आंगनवाड़ी का शुभारंभ जिला परिषद द्वारा मिशन बाल भरारी पहल के तहत महाराष्ट्र के नागपुर जिले के वधमना गाँव में किया गया।

भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संचालित आंगनवाड़ी के बारे में

AI एवं तकनीकी एकीकरण

  • उपकरणों में VR हेडसेट, AI-सक्षम स्मार्ट बोर्ड, टैबलेट एवं इंटरैक्टिव डिजिटल सामग्री शामिल हैं।
  • पारदर्शिता के लिए कक्षा को Wi-Fi-सक्षम CCTV से सुसज्जित किया गया है।
  • तकनीकी साझेदार: कोलाबा, (Qolaba) केंद्र सरकार के इंडिया AI मिशन’ के तहत कार्य कर रहा है।
  • प्रशिक्षण एवं शिक्षण
    • VR एवं स्मार्ट बोर्ड के साथ प्रतिदिन 1 घंटे की स्मार्ट लर्निंग।
    • आंगनवाड़ी सप्ताह में 6 दिन (सुबह 9:30 से दोपहर 2:30 बजे तक) संचालित होती है।
    • AI उपकरण प्रतिक्रिया समय, सटीकता को ट्रैक करते हैं एवं जेमिनी तथा पेरप्लेक्सिटी जैसे मॉडलों का उपयोग करके शिक्षार्थियों की गति के आधार पर कठिनाई को समायोजित करते हैं।
  • पूर्व की पहल:बिल्ड ऑन फन इन द आंगनवाड़ी’ (Fun in the Anganwadi- FITA) में उपयोग किए गए गीतों/खेलों से संबंधित तकनीकी शिक्षा इसी पर आधारित है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के माध्यम से स्वास्थ्य एवं पोषण निगरानी
    • पोषण, शारीरिक एवं संज्ञानात्मक विकास की निगरानी के लिए पोषण ट्रैकर के साथ एकीकरण, अपलोड की गई इमेज के माध्यम से भोजन पर रियल-टाइम फीडबैक।
    • भविष्य के कार्य: गर्भधारण ट्रैकिंग, सरकारी आदेशों को ऑडियो में परिवर्तित करना।
  • महत्त्व: पोषण निगरानी एवं तकनीक-एकीकृत शिक्षा के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्य 2 (भुखमरी को समाप्त करना) तथा सतत् विकास लक्ष्य 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) में योगदान देता है।

आंगनवाड़ियाँ क्या हैं?

  • परिभाषा: वर्ष 1975 में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना के तहत प्रारंभ की गई आंगनवाड़ियाँ, समुदाय-आधारित केंद्र हैं, जो 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण, स्वास्थ्य सेवा तथा स्कूल-पूर्व शिक्षा प्रदान करती हैं एवं मातृ एवं शिशु कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • मंत्रालय: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) द्वारा कार्यान्वित।
  • योजना का प्रकार: केंद्र प्रायोजित योजना, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा क्रियान्वित।
  • पोषण वितरण एवं सेवा गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए इसका नाम बदलकर सक्षम आंगनवाड़ी तथा पोषण 2.0 कर दिया गया है।
  • कार्यान्वयन: ग्राम स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) एवं आंगनवाड़ी सहायकों (AWHs) के विशाल नेटवर्क के माध्यम से सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।

अपना घर

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने लंबी दूरी की यात्राओं के दौरान ट्रक चालकों की सुरक्षा एवं कल्याण को बढ़ाने के लिएअपना घर’ नामक एक महत्त्वाकांक्षी पहल प्रारंभ की है।

पहल के बारे में

  • लाभार्थी: लंबी यात्राओं के दौरान सुरक्षित एवं सुविधाजनक सुविधाएँ प्रदान करके चालकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • उद्देश्य: देश के प्रमुख राजमार्गों पर ट्रक चालकों के लिए आरामदायक एवं स्वच्छ विश्राम स्थल प्रदान करना।
  • नोडल मंत्रालय: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय।
  • कार्यान्वयन: खुदरा ईंधन स्टेशनों पर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा निर्मित एवं प्रबंधित।

मुख्य विशेषताएँ

  • कवरेज: प्रमुख राजमार्गों पर 4,611 बिस्तरों वाली 368 इकाइयाँ कार्यरत हैं।
  • प्रमुख सुविधाएँ: छात्रावास, रेस्टोरेंट या ढाबे, स्वच्छ शौचालय एवं समर्पित स्नान क्षेत्र, स्वयं खाना पकाने की जगह तथा शुद्ध पेयजल तक पहुँच।
  • तकनीकी एकीकरण: एक समर्पितअपना घर’ मोबाइल एप्लिकेशन बुकिंग, उपयोगकर्ता पंजीकरण एवं चालक इंटरैक्शन का समर्थन करता है।
  • उपयोगकर्ता-केंद्रित डिजाइन: ट्रक चालकों की आवश्यकताओं के अनुरूप, उनकी प्रतिक्रिया एवं मोबाइल ऐप डेटा विश्लेषण से प्राप्त जानकारी के आधार पर।
  • लक्ष्य: मार्च 2027 तक, सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर बड़े ईंधन स्टेशनों पर 1000 इकाइयाँ स्थापित करने की योजना बना रही है।

नए UPI नियम

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 1 अगस्त, 2025 से UPI प्रणाली में बड़े नियमों में बदलाव किए हैं, ताकि लेन-देन की दक्षता में सुधार, सर्वर लोड कम करने एवं उपयोगकर्ता सुरक्षा को बढ़ाया जा सके।

एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) नियम में परिवर्तन

  • बैलेंस चेक: उपयोगकर्ता प्रति UPI ऐप प्रतिदिन केवल 50 बार ही अपने खाते की शेष राशि की जाँच कर सकते हैं।
  • ऑटो-पे लेन-देन: निर्धारित लेन-देन केवल गैर-व्यस्त घंटों में ही अनुमत हैं – सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच एवं रात 9:30 बजे के बाद।
  • बैंक खाता विवरण देखने की सीमा: लिंक किए गए बैंक खातों को एक ऐप से प्रतिदिन केवल 25 बार ही देखा जा सकता है।
  • लेन-देन स्थिति जाँच सीमा: लंबित लेन-देन की स्थिति केवल 3 बार जाँची जा सकती है, प्रयासों के बीच 90 सेकंड का अनिवार्य अंतराल होगा।
  • लाभार्थी का नाम प्रदर्शित: धोखाधड़ी को कम करने के लिए भुगतान की पुष्टि करने से पूर्व प्राप्तकर्ता का बैंक नाम प्रदर्शित किया जाएगा।

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बारे में

  • इसका अर्थ है: एक ऐसी प्रणाली, जो किसी भी सहभागी बैंक के एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों को संचालित करती है।
  • लॉन्च: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा वर्ष 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एवं भारतीय बैंक संघ (IBA) के सहयोग से।
  • वर्तमान में, भूटान, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, फ्राँस, मॉरीशस आदि सहित कई देश UPI भुगतान का समर्थन करते हैं।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI)

  • यह भारत में खुदरा भुगतान एवं निपटान प्रणालियों के संचालन हेतु एक ‘अम्ब्रेला’ संगठन है।
  • प्रवर्तक: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एवं भारतीय बैंक संघ (IBA)।
  • कानूनी ढाँचा: भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत।
  • प्रकृति: कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के अंतर्गत गैर-लाभकारी कंपनी।
  • NPCI के प्रमुख उपकरण
    • रुपे कार्ड।
    • UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस)।
    • BHIM ऐप, BHIM आधार।
    • भारत बिलपे।

भारत का पहला हरित हाइड्रोजन संयंत्र

भारत ने गुजरात के कांडला स्थित दीनदयाल बंदरगाह पर अपना पहला स्वदेशी मेगावाट-स्तरीय हरित हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र प्रारंभ किया है, जो हरित बंदरगाह अवसंरचना में एक उल्लेखनीय प्रगति  है।

भारत के पहले हरित हाइड्रोजन संयंत्र के बारे में

  • भारत ने गुजरात के कांडला बंदरगाह पर अपना पहलामेक-इन-इंडिया’ मेगावाट-स्तरीय हरित हाइड्रोजन संयंत्र का उद्घाटन किया है, जिसे केवल चार महीनों में विकसित किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत, सतत बंदरगाह अवसंरचना एवं वर्ष 2070 तक भारत के नेट जीरो लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  • क्षमता: इस संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता 140 मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन है एवं यह 10 मेगावाट की एक बड़ी परियोजना का हिस्सा है।

हरित हाइड्रोजन उत्पादन के बारे में

  • संदर्भ: एक ऐसी सुविधा, जो इलेक्ट्रोलिसिस नामक प्रक्रिया के माध्यम से सौर या पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करती है।
    • इस प्रक्रिया में, स्वच्छ, गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से उत्पन्न विद्युत का उपयोग करके जल (H₂O) को हाइड्रोजन (H₂) एवं ऑक्सीजन (O₂) में विभाजित किया जाता है।
    • इस विधि से शून्य कार्बन उत्सर्जन होता है, जिससे हरित हाइड्रोजन उद्योगों, परिवहन एवं ऊर्जा भंडारण के लिए एक स्वच्छ तथा सतत् ईंधन का निर्माण होता है।

राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन

  • परिचय: इसे भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 में एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।
  • इस मिशन का उद्देश्य है:-
    • जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना।
    • कार्बन उत्सर्जन कम करना।
    • भारत को हरित हाइड्रोजन उत्पादन एवं निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना।

बिम्सटेक (BIMSTEC) पारंपरिक संगीत महोत्सव

भारत ने 4 अगस्त, 2025 को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में पहली बार बिम्सटेक (BIMSTEC) पारंपरिक संगीत महोत्सव का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य संगीत के माध्यम से क्षेत्रीय सांस्कृतिक एकता का उत्सव मनाना था।

बिम्सटेक (BIMSTEC) पारंपरिक संगीत महोत्सव के बारे में

  • इस कार्यक्रम में सभी सात बिम्सटेक (BIMSTEC) देशों के कलाकारों द्वारा पारंपरिक संगीत प्रस्तुतियाँ दी गईं।
  • आयोजक: भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council for Cultural Relations- ICCR)
  • थीम: इस महोत्सव की थीम सप्तसुर: सात राष्ट्र, एक राग’ है, जो साझा संगीत विरासत के माध्यम से विविधता में एकता का प्रतीक है।
  • सांस्कृतिक महत्त्व: अप्रैल 2025 में थाईलैंड में आयोजित छठे बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा क्षेत्रीय सांस्कृतिक संबंधों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा के पश्चात, यह BIMSTEC सांस्कृतिक सहयोग की दिशा में एक प्रमुख उपलब्धि है।
  • शिखर सम्मेलन में बैंकॉक विजन 2030 को भी अपनाया गया, जो संवर्द्धित सांस्कृतिक सहयोग, युवा आदान-प्रदान एवं क्षेत्रीय एकीकरण पर जोर देता है।

बिम्सटेक (BIMSTEC) के बारे में

  • बिम्सटेक (BIMSTEC) का अर्थ है बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल, जो दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में सहयोग को बढ़ावा देने वाला एक क्षेत्रीय संगठन है।
  • सदस्य देश: बिम्सटेक में सात देश शामिल हैं:
    • दक्षिण एशिया: भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका
    • दक्षिण-पूर्व एशिया: म्याँमार एवं थाईलैंड।
  • वर्ष 1997 में स्थापित (बैंकॉक घोषणा)।
  • उद्देश्य: बिम्सटेक (BIMSTEC) का उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के साझा संसाधनों एवं विरासत का लाभ उठाते हुए सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय संपर्क, आर्थिक सहयोग तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाना है।

शहरी वन: ‘मातृ वन’

भारत का पहला 750 एकड़ क्षेत्र में विस्तृत थीम-आधारित शहरी वन, ‘मातृ वन’, दिल्ली-NCR  के हरित आवरण एवं पारिस्थितिकी स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए गुरुग्राम में स्थापित किया गया।

मातृ वन के बारे में

  • परिचय: ‘मातृ वन’ एक थीम-आधारित शहरी वन परियोजना है, जिसे ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत अरावली पर्वतीय क्षेत्र में गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर विकसित किया गया है।
    • यह अभियान भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2024 में माताओं के सम्मान में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभ किया गया था।
  • ‘मातृ वन’ का उद्देश्य दिल्ली-NCR का हार्ट  एंड लंग्स” बनना, जैव विविधता को बढ़ाना तथा ग्लोबल वार्मिंग को कम करना है।

मुख्य विशेषताएँ एवं घटक

  • देशी वृक्षारोपण: काबुली कीकर जैसी आक्रामक प्रजातियों को हटाकर उनकी जगह बरगद, पीपल, नीम, अमलताश, बेल-पत्र जैसे देशी वृक्ष तथा सालार एवं कुल्लू जैसी अरावली में पाई जाने वालीं विशिष्ट वृक्ष जातियाँ लगाई जाएँगी।
  • विशेष उपवन एवं थीम वाले क्षेत्र
    • बोधि वाटिका, बाँस वाटिका, पुष्प वाटिका एवं सुगंध वाटिका।
    • औषधीय पादप उद्यान, नक्षत्र वाटिका, तितली उद्यान एवं कैक्टस उद्यान।
  • बहु-हितधारक भागीदारी: इस पहल में समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) भागीदार, RWAs , गैर-सरकारी संगठन, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ, स्कूल एवं सरकारी निकाय शामिल होंगे।
  • पर्यावरण-अनुकूल अवसंरचना: इसमें प्राकृतिक पगडंडियाँ, योग स्थल, साइकिल ट्रैक, जलाशय एवं वनीकरण में सहायता तथा बाढ़ को रोकने के लिए उपचारित जल सिंचाई प्रणाली शामिल हैं।

जिला बाढ़ गंभीरता सूचकांक (DFSI)

हाल ही में IIT दिल्ली एवं IIT गांधीनगर के शोधकर्ताओं ने एक जिला बाढ़ गंभीरता सूचकांक (District Flood Severity Index- DFSI) विकसित किया है।

  • उद्देश्य: एक व्यापक बाढ़ गंभीरता सूचकांक तैयार करना, जो बाढ़ की तीव्रता एवं मानवीय प्रभाव दोनों को ध्यान में रखे।

DFSI क्यों?

  • बार-बार आने वाली बाढ़ के कारण विस्थापन, चोट एवं मौतें होने के बावजूद, भारत में डेटा-आधारित बाढ़ गंभीरता सूचकांक का अभाव है।
  • मौजूदा सूचकांक केवल बाढ़ की तीव्रता/जलप्लावन पर केंद्रित हैं, मानवीय प्रभाव पर नहीं।
  • भारत में बाढ़ प्रबंधन के लिए जिला बुनियादी प्रशासनिक इकाइयाँ हैं।

DFSI में प्रयुक्त मानदंड

  • बाढ़ की घटनाओं की औसत अवधि (दिनों में)।
  • ऐतिहासिक रूप से बाढ़ग्रस्त जिला क्षेत्र का प्रतिशत।
  • बाढ़ के कारण कुल मौतें।
  • घायलों की संख्या।
  • जिले की जनसंख्या (सापेक्ष प्रभाव का आकलन करने के लिए)।

सूचकांक से मुख्य निष्कर्ष

  • तिरुवनंतपुरम्: बाढ़ की घटनाओं की सबसे अधिक संख्या (231), लेकिन बाढ़ की गंभीरता वाले शीर्ष जिलों में नहीं।
  • पटना: गंभीरता सूचकांक में सर्वोच्च स्थान पर, यह दर्शाता है कि बाढ़ का प्रभाव आवृत्ति से परे है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.