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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal August 06, 2025 06:27 28 0

भारत विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा विमानन बाजार बनकर उभरा

अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) द्वारा जारी नवीनतम विश्व वायु परिवहन सांख्यिकी (World Air Transport Statistics- WATS) के अनुसार, भारत वर्ष 2024 में विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा विमानन बाजार बनकर उभरा है।

भारत का विमानन बाजार: मुख्य विशेषताएँ (वर्ष 2024)

  • वैश्विक रैंकिंग: भारत अब 24.1 करोड़ कुल यात्रियों के साथ जापान (20.5 करोड़) को पीछे कर विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा विमानन बाजार है।
  • शीर्ष 5 विमानन बाजार: अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, स्पेन एवं भारत।
  • यात्री यातायात एवं वृद्धि: घरेलू यात्री: 21.1 करोड़, जो वर्ष 2023 की तुलना में 11.1% की वृद्धि दर्शाता है।
    • यह मजबूत सुधार, बढ़ती घरेलू कनेक्टिविटी एवं उच्च यात्रा माँग का संकेत देता है।
  • सबसे व्यस्त हवाई मार्ग: मुंबई-दिल्ली मार्ग, 59 लाख यात्रियों के साथ विश्व का सातवाँ सबसे व्यस्त हवाई मार्ग है।
    • जेजू-सियोल (दक्षिण कोरिया) 1.32 करोड़ यात्रियों के साथ विश्व का सबसे व्यस्त मार्ग है।
    • शीर्ष 10 व्यस्ततम हवाई मार्गों में एशिया-प्रशांत का प्रभुत्व रहा, इस क्षेत्र के बाहर केवल जेद्दा-रियाद ही शामिल था।
  • श्रेणीवार यात्री: प्रीमियम अंतरराष्ट्रीय यात्रा (बिजनेस + प्रथम श्रेणी) में वर्ष-दर-वर्ष  11.8% की वृद्धि हुई एवं यात्रियों की संख्या 116.9 मिलियन हो गई।
    • प्रीमियम यात्रियों में 22.8% की वृद्धि के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र सबसे आगे रहा।
    • 28.6% की वृद्धि के साथ इकोनॉमी क्लास ने प्रीमियम को पीछे छोड़ दिया।
    • यूरोप का सबसे बड़ा प्रीमियम बाजार (39.3 मिलियन) था, मध्य पूर्व में प्रीमियम हिस्सेदारी सबसे अधिक (14.7%) थी।
  • विकास के संरचनात्मक एवं नीतिगत कारक
    • सरकारी पहल: उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना एवं राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति जैसी प्रमुख योजनाएँ टियर-2 एवं टियर-3 शहरों के लिए क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ा रही हैं।
      • नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016 में शुरू की गई उड़ान योजना का उद्देश्य हवाई यात्रा को किफायती बनाना एवं क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देना है। इसे सार्वजनिक-निजी-भागीदारी तथा व्यवहार्यता अंतर निधि (Viability Gap Funding- VGF) के माध्यम से कार्यान्वित किया गया है।
    • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) एवं निवेश वातावरण: ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के लिए स्वचालित मार्ग से 100% FDI की अनुमति, वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
    • बुनियादी ढाँचे का विस्तार: परिचालन हवाई अड्डों में तीव्र वृद्धि।
    • नोएडा एवं नवी मुंबई जैसी प्रमुख ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा परियोजनाएँ कार्यान्वयनाधीन हैं।
    • बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए केंद्रों का निरंतर आधुनिकीकरण।
    • फ्लीट एवं एयरक्राफ्ट उपयोग: भारतीय एयरलाइनों द्वारा विमानों के बड़े ऑर्डर दीर्घकालिक विकास में विश्वास का संकेत देते हैं।
      • विश्व स्तर पर सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले विमान: बोइंग 737, एयरबस A320 एवं एयरबस A321

अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के बारे में

  • यह एयरलाइन उद्योग के लिए एक वैश्विक व्यापार संघ है। यह एयरलाइनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, मानक विकसित करके एवं उद्योग के हितों की वकालत करके एयरलाइन उद्योग का प्रतिनिधित्व, नेतृत्व तथा सेवा करता है।
  • स्थापना: वर्ष 1945, हवाना, क्यूबा में।
  • मुख्यालय: मॉन्ट्रियल, कनाडा।

अफ्रीका का जलवायु अनुकूलन

उप-सहारा अफ्रीका के सबसे शुष्क देशों में से एक, नामीबिया स्थानीय नवाचार, नवीकरणीय ऊर्जा एवं जलवायु-अनुकूल उपायों के माध्यम से सूखे तथा मरुस्थलीकरण का मुकाबला कर रहा है।

शमन एवं नवीकरणीय ऊर्जा

  • नामीबिया का लक्ष्य वर्ष 2030 तक उत्सर्जन में 91% की कमी लाना है (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान)।
  • राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा नीति द्वारा समर्थित, सौर एवं पवन ऊर्जा में निवेश बढ़ रहा है।
  • कार्बन क्रेडिट को विनियमित करने एवं हरित विकास के वित्तपोषण के लिए वर्ष 2023 में एक राष्ट्रीय कार्बन बाजार ढाँचा शुरू किया गया था।

नीतियाँ एवं रणनीतियाँ

  • जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय समिति (वर्ष 2001) एवं जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय नीति (वर्ष 2011) अनुकूलन तथा शमन का मार्गदर्शन करती हैं।
  • जलवायु परिवर्तन रणनीति एवं कार्य योजना (वर्ष 2013-2030) निम्नलिखित पर केंद्रित है:
    • खाद्य सुरक्षा एवं सतत् कृषि।
    • जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन।
    • जैविक संसाधन प्रबंधन।
    • जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियाँ।

स्थानीय पहल

  • किसान सूखा-रोधी फसलें, स्प्रिंकलर सिंचाई एवं जैविक उर्वरक अपनाते हैं।
  • समुदायों को सतत् कृषि का प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • हरित जलवायु कोष से मान्यता प्राप्त पर्यावरण निवेश कोष (EIF) ने महत्त्वपूर्ण जलवायु वित्तपोषण जुटाया है।
  • नामीबिया बंजर भूमि को पुनर्स्थापित करने के लिए ग्रेट ग्रीन वॉल पहल एवं AFRI100 में भाग लेता है।
  • मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए चक्रीय चराई एवं देशी वृक्षारोपण को बढ़ावा देता है।

ग्रेट ग्रीन वॉल पहल

  • ग्रेट ग्रीन वॉल एक अफ्रीकी नेतृत्व वाली पहल है, जिसे वर्ष 2007 में साहेल क्षेत्र में वर्ष 2030 तक 10 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को पुनर्स्थापित करने के लिए शुरू किया गया था।
  • 22 देशों में 8,000 किलोमीटर तक फैली इस पहल का उद्देश्य मरुस्थलीकरण से निपटना है।

अफ्रीकी वन परिदृश्य पुनर्स्थापन पहल (AFR100)

  • अफ्रीकी वन परिदृश्य पुनर्स्थापन पहल (AFR100) एक राष्ट्र-नेतृत्व वाला प्रयास है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक संपूर्ण अफ्रीका में वनों से रहित एवं क्षरित 100 मिलियन हेक्टेयर भू-भाग को पुनर्स्थापन में लाना है।

ग्लोबल  ‘AI सिटी इंडेक्स ‘2025 ‘

काउंटरपॉइंट रिसर्च द्वारा जारी ‘AI सिटी इंडेक्स ‘2025 ‘ के अनुसार, बंगलूरू को वैश्विक स्तर पर 26वाँ स्थान दिया गया है एवं इसे भारत के शीर्ष AI अनुसंधान एवं विकास तथा डेटा सेंटर केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है।

सूचकांक के बारे में

  • यह सूचकांक कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाने एवं उसके उपयोग के आधार पर शीर्ष 100 वैश्विक महानगरीय क्षेत्रों का मूल्यांकन करता है।
  • मूल्यांकन मानदंड
    • 5,000 से अधिक AI पहल (सार्वजनिक + निजी क्षेत्र)।
    • संचार अवसंरचना की मजबूती।
    • डेटा सेंटर एवं सुपरकंप्यूटिंग विकास।
    • विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं विकास उत्पादन।
    • स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती।
  • शीर्ष 5 AI शहर
    • सिंगापुर
    • सियोल
    • बीजिंग
    • दुबई
    • सैन फ्राँसिस्को

AI सिटी इंडेक्स में भारत का प्रदर्शन

  • बंगलुरू: वैश्विक स्तर पर 26वाँ स्थान प्राप्त, जो इसे भारत का शीर्ष AI शहर बनाता है।
    • AI अनुसंधान एवं विकास तथा डेटा सेंटर्स के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त।
  • अन्य भारतीय शहर
    • मुंबई एवं दिल्ली: यातायात प्रबंधन एवं सार्वजनिक सुरक्षा में AI के अभिनव उपयोग के लिए जाने जाते हैं।
    • चेन्नई एवं कोलकाता: राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पाँच में भी शामिल।
  • चुनौतियाँ: भारतीय शहरी केंद्रों में AI क्षमता को अधिकतम करने के लिए एक व्यापक रोडमैप एवं मजबूत नियामक ढाँचे की आवश्यकता।

सबसे तेजी से बढ़ते AI शहर

  • बंगलूरू (भारत), रियाद (सऊदी अरब), हांग्जो (चीन), साओ पाउलो (ब्राजील)।

फिलीपींस, भारत ने दक्षिण चीन सागर में पहला संयुक्त नौवहन अभ्यास किया

पहली बार, भारतीय एवं फिलीपींस की नौसेनाओं ने फिलीपींस के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर दक्षिण चीन सागर में पहला संयुक्त नौवहन अभ्यास किया, जिसका उद्देश्य चीन के समुद्री दावों का मुकाबला करना था।

दक्षिण चीन सागर के बारे में

  • मुख्यभूमि चीन के दक्षिण में स्थित, पश्चिमी प्रशांत महासागर का एक हिस्सा।
  • सीमाएँ: ब्रुनेई, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान, वियतनाम।
  • भू-राजनीतिक महत्त्व
    • चीन की नाइन-डैश लाइन: समुद्र के लगभग 90% हिस्से पर दावा करती है।
    • चीन EEZ अधिकारों का हवाला देते हुए, दावा किए गए क्षेत्र के भीतर सभी सैन्य/आर्थिक कार्यों को नियंत्रित करना चाहता है।
  • रणनीतिक महत्त्व
    • मत्स्यपालन क्षेत्र: समृद्ध जैव विविधता, विश्व के 50% से अधिक मत्स्यपालन वाले जहाज यहीं संचालित होते हैं।
    • वैश्विक व्यापार मार्ग: वैश्विक व्यापार का 21% (UNCTAD  अनुमान) वहन करता है।
    • प्राकृतिक संसाधन: तेल भंडार: लगभग 11 बिलियन बैरल।

फिलीपींस के बारे में

  • दक्षिण-पूर्व एशिया में एक द्वीपीय देश, जो पश्चिमी प्रशांत महासागर में अवस्थित है।
  • 7,600 से अधिक द्वीपों का एक द्वीपसमूह।
  • समुद्री सीमावर्ती देश
    • उत्तर: ताइवान
    • उत्तर-पूर्व: जापान
    • पूर्व एवं दक्षिण-पूर्व: पलाऊ
    • दक्षिण: इंडोनेशिया
    • दक्षिण-पश्चिम: मलेशिया
    • पश्चिम: वियतनाम
    • उत्तर-पश्चिम: चीन।
  • सीमावर्ती जल निकाय
    • पूर्व: फिलीपींस सागर
    • दक्षिण: सेलेब्स सागर
    • दक्षिण-पश्चिम: सुलु सागर
    • पश्चिम एवं उत्तर: दक्षिण चीन सागर
    • उत्तर: लूजोन जलडमरूमध्य
      • लूजोन जलडमरूमध्य फिलीपींस को ताइवान से अलग करता है।

भौगोलिक विशेषताएँ

  • उच्चतम बिंदु: माउंट एपो (2,954 मीटर), मिंडानाओ द्वीप पर अवस्थित।
  • प्रमुख नदियाँ: कागायन नदी (सबसे लंबी नदी), अग्नो नदी, मिंडानाओ नदी, अगुसन नदी।
  • जलवायु: उष्णकटिबंधीय एवं मानसूनी जलवायु।

शिबू सोरेन

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने श्री शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की।

शिबू सोरेन के बारे में

  • जन्म: 11 जनवरी, 1944, झारखंड के रामगढ़ के पास।
  • अन्य नाम: दिशोम गुरुजी (भूमि के गुरु)।
  • संथाल आदिवासी समुदाय से संबंधित।
  • भूमिका: आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता एवं राजनीतिक नेता।

सामाजिक सक्रियता

  • धनकटनी आंदोलन (1960 का दशक): आदिवासी किसानों का शोषण करने वाले (उत्पादन का दो-तिहाई हिस्सा हड़पने वाले) साहूकारों के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, गाँवों में मोटरसाइकिल पर आदिवासियों को संगठित किया।
    • इस दौरान उनके नेतृत्व ने उन्हेंदिशोम गुरु‘ (दसों दिशाओं के गुरु) की उपाधि दिलाई, जो संथाल समुदाय के सम्मान का प्रतीक है।
  • सामंती व्यवस्था, भूमि अधिग्रहण एवं सामाजिक अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाई।

राजनीतिक सफर

  • बिहार से अलग आदिवासी राज्य की माँग के लिए वर्ष 1973 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की।
  • वर्ष 1987 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बने एवं लगभग 38 वर्षों तक इस पद पर रहे।
  • वर्ष 2000 में झारखंड राज्य के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • वर्ष 1980 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए।
  • संसद में कई कार्यकाल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

विरासत

  • आदिवासी सशक्तीकरण एवं भूमि अधिकार आंदोलन का प्रतीक
  • जमीनी स्तर पर नेतृत्व एवं वंचित वर्गों की वकालत के लिए सम्मानित।

अग्निशोध

हाल ही में भारतीय सेना ने भारत की रक्षा आधुनिकीकरण रणनीति के अनुरूप, रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए IIT मद्रास में अग्निशोधअनुसंधान प्रकोष्ठ का उद्घाटन किया है।

अग्निशोध अनुसंधान प्रकोष्ठ के बारे में

  • भारतीय सेना के परिवर्तन ढाँचे के पाँच स्तंभों का एक हिस्सा।
    • प्रौद्योगिकी समावेशन, संरचनात्मक परिवर्तन, मानव संसाधन विकास एवं तीनों सेवाओं के बीच सामंजस्य बढ़ाना।
  • उद्देश्य: शैक्षणिक उत्कृष्टता को युद्धक्षेत्र नवाचार में बदलना।
  • सहयोग
    • IIT मद्रास अनुसंधान पार्क, उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (Advanced Manufacturing Technology Development Centre-AMTDC), एवं प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन।
  • फोकस क्षेत्र
    • प्रयोगशाला-स्तरीय नवाचारों को तैनाती योग्य रक्षा प्रौद्योगिकियों में परिवर्तित करना।
    • उभरते क्षेत्रों में सैन्य कर्मियों का कौशल विकास
      • एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग
      • साइबर सुरक्षा
      • क्वांटम कंप्यूटिंग
      • वायरलेस संचार
      • मानव रहित हवाई प्रणाली (Unmanned Aerial Systems- UAS)।

इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स (IEMI)

हाल ही में नीति आयोग ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की विद्युत गतिशीलता में परिवर्तन की प्रगति का आकलन करने के लिए इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स (IEMI) लॉन्च किया है।

इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंडेक्स (IEMI) के बारे में

  • राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles- EV) में बदलाव की प्रगति का व्यापक मूल्यांकन तथा अंक प्रदान करने के लिए अपनी तरह का एक अनूठा उपकरण।
  • नीति आयोग द्वारा विकसित किया गया है।
  • उद्देश्य: पारदर्शिता को बढ़ावा देना, स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना एवं राज्यों के बीच ज्ञान साझा करना।

IEMI की मुख्य विशेषताएँ

  • तीनों विषयों में 16 संकेतकों पर रैंकिंग करता है, प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के लिए कुल 100 में से एक अंक प्रदान करता है।
    • नीति आयोग के पहले IEMI 2024 में दिल्ली, महाराष्ट्र एवं चंडीगढ़ शीर्ष पर रहे हैं तथा देश में EV में बदलाव के मामले में अग्रणी बनकर उभरे हैं।
  • मुख्य विषय
    • परिवहन विद्युतीकरण प्रगति: EV पंजीकरण एवं वाहन खंडों में वृद्धि के माध्यम से EV की माँग-पक्ष अपनाने का आकलन करता है।
    • चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की तैयारी: सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता तथा विस्तार का आकलन करता है।
    • EV अनुसंधान एवं नवाचार स्थिति: EV पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए अनुसंधान एवं विकास, विनिर्माण क्षमता तथा नीतिगत प्रोत्साहनों में आपूर्ति-पक्ष के प्रयासों का मूल्यांकन करता है।
  • यह उच्च प्रदर्शन करने वाले तथा पिछड़े क्षेत्रों की पहचान करने के लिए तुलनात्मक रूपरेखा प्रदान करता है, साथ ही रियल टाइम निगरानी के लिए एक इंटरैक्टिव डैशबोर्ड भी प्रदान करता है।

सूचकांक का महत्त्व

  • यह राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप नीतियाँ तैयार करने हेतु एक मार्गदर्शक उपकरण के रूप में कार्य करेगा।
  • यह भारत के वर्ष 2030 तक 30% EV प्रवेश एवं वर्ष 2070 तक नेट-जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा।
  • यह एकीकृत योजना, अंतर-क्षेत्रीय सहयोग एवं ई-मोबिलिटी लाभों तक समान पहुँच को बढ़ावा देता है।

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