100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal August 13, 2025 04:45 5 0

होमिनिड्स वालेसियन

पुरातत्वविदों ने इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर पत्थर के औजारों की खोज की है, जो 15 लाख वर्ष पूर्व ‘वालेसिया’ में मानव उपस्थिति का संकेत देते हैं, जो संभवतः इस क्षेत्र में सबसे पहले ज्ञात मानव थे।

खोज के बारे में

  • प्राप्त वस्तुएँ: छोटे जानवरों को काटने एवं चट्टानों को तराशने के लिए प्रयोग किए जाने वाले छोटे, टूटे हुए पत्थर के औजार।
  • प्रयुक्त पद्धति: स्थल पर पाए गए औजारों एवं जानवरों के दाँतों की रेडियोधर्मी ट्रेसिंग से उनकी आयु 14.8 लाख वर्ष निर्धारित की गई है।
  • नेचर पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष।

मानव प्रवास सिद्धांतों के लिए महत्त्व

  • यह सुझाव देता है कि होमो इरेक्टस, पूर्व स्वीकृत समय-रेखा (10.2 लाख वर्ष पूर्व) से भी काफी पहले वालेसिया में बस गए थे, इसके साक्ष्य फ्लोरेस द्वीप (इंडोनेशिया) और लूजोन द्वीप (फिलीपींस) से प्राप्त हुए हैं।
  • इसका तात्पर्य है कि प्रारंभिक मानव महत्त्वपूर्ण समुद्री यात्रा करने में सक्षम थे, जो लंबे समय से चली आ रही मान्यताओं को चुनौती देता है।

होमो इरेक्टस के बारे में

  • विकास: लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व प्रकट हुई यह प्रजाति, पूरी तरह से सीधे खड़े होकर चलने वाली पहली मानव प्रजाति मानी जाती है।
  • महत्त्व: औजारों का उपयोग करने, आग पर नियंत्रण करने एवं संभवतः बुनियादी सामाजिक संरचनाओं को विकसित करने वाले प्रारंभिक मनुष्यों में से एक।
  • भौगोलिक विस्तार: अफ्रीका में उत्पन्न हुआ एवं एशिया तथा यूरोप के कुछ हिस्सों में विस्तृत हो गया।
  • दीर्घायु: अन्य क्षेत्रों से विलुप्त होने के बहुत बाद तक, इंडोनेशिया के जावा में लगभग 1,00,000 वर्ष पहले तक जीवित रहा।

वालेसिया के बारे में

  • बोर्नियो एवं जावा तथा ऑस्ट्रेलिया एवं न्यू गिनी के बीच पूर्वी इंडोनेशियाई क्षेत्र में सुलावेसी, लोम्बोक, फ्लोरेस, तिमोर, सुंबावा शामिल हैं।
  • इस क्षेत्र का नाम प्रकृतिवादी अल्फ्रेड रसेल वालेस के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसके जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों का अध्ययन किया था।

होमिनिड क्या हैं?

  • होमिनिड एक शब्द है जिसका प्रयोग होमिनिडे परिवार के एक सदस्य का वर्णन करने के लिए किया जाता है। होमिनिडे परिवार में ग्रेट एप्स  (Great Apes) (गोरिल्ला, चिंपैंजी, बोनोबोस एवं ओरंगुटान) तथा मनुष्य शामिल हैं।

हिमनद अपरदन

नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित एक नए वैश्विक अध्ययन से पता चलता है कि विश्व के लगभग सभी ग्लेशियर का प्रतिवर्ष 0.02 मिमी से 2.68 मिमी के बीच अपरदन होता है।

मुख्य निष्कर्ष

  • अपरदन दर: 99% ग्लेशियरों में अनुमानित अपरदन दर 0.02 मिमी/वर्ष से 2.68 मिमी/वर्ष के मध्य है।
  • तलछट निष्कासन: ग्लेशियर सामूहिक रूप से वार्षिक आधार पर लगभग 23 गीगाटन बेडरॉक (Bedrock) का अपरदन करते हैं।
  • उच्च-अपरदन क्षेत्र: अलास्का, मध्य एवं दक्षिण एशिया, काकेशस एवं मध्य पूर्व, न्यूजीलैंड।
  • मुख्य कारक: वर्षा, ग्लेशियर की ऊँचाई, लंबाई, अक्षांश एवं भू-विज्ञान, हिमनद वेग से अधिक महत्त्वपूर्ण हैं।
  • भारत का समावेशन: गंगोत्री ग्लेशियर, डोकरियानी ग्लेशियर एवं सियाचिन ग्लेशियर इस अध्ययन का हिस्सा हैं।

उल्लेखनीय अंतर्दृष्टि

  • वर्षा: औसत वार्षिक वर्षा सभी प्रकार के ग्लेशियरों के अपरदन को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।
  • तापमान: औसत वार्षिक वायु तापमान भी एक भूमिका निभाता है, हालाँकि यह कम प्रभावशाली है।
  • भू-वैज्ञानिक कारक: लिथोलॉजी, भूकंपीयता एवं भूतापीय ऊष्मा प्रवाह जैसे कारक अपरदन प्रक्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
  • वेग: अन्य पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव को अलग करने पर, हिमनद वेग सबसे प्रमुख पूर्वानुमानकर्ता नहीं पाया गया।

स्लीपिंग सिकनेस 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में पुष्टि की है कि केन्या ने ह्यूमन अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस (स्लीपिंग सिकनेस) को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त कर दिया है।

  • WHO का लक्ष्य वर्ष 2030 तक स्लीपिंग सिकनेस  को पूरी तरह से समाप्त करना है।

संबंधित तथ्य

  • वर्ष 2018 में, केन्या ने गिनी कृमि रोग को समाप्त कर दिया, जो एक अन्य उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग था।

ह्यूमन अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस (Human African Trypanosomiasis- HAT) के बारे में

  • कारण एवं संचरण: ट्रिपैनोसोमा ब्रुसेई प्रजाति के कारण होने वाला परजीवी रोग, जो उप-सहारा अफ्रीका में संक्रमित त्सेत्से मक्खियों (Tsetse Flies) के काटने से फैलता है।
  • प्रकार
    • टी.बी. गैम्बिएन्स (क्रोनिक): पश्चिम एवं मध्य अफ्रीका, लक्षण संक्रमण के महीनों या वर्षों बाद दिखाई देते हैं।
    • टी.बी. रोडेसिएन्स (एक्यूट): पूर्व एवं दक्षिणी अफ्रीका, लक्षण कुछ सप्ताहों या महीनों में प्रकट होते हैं तथा तेजी से बढ़ते हैं।
  • संचरण: मुख्य रूप से त्सेत्से मक्खी के काटने से।
    • माँ से बच्चे में संक्रमण, दूषित सुइयों, दुर्लभ यौन संपर्क, या अन्य काटने वाले कीड़ों के माध्यम से भी यह संभव है।
  • केन्याई स्ट्रेन: केवल रोडेसिएंस रूप केन्या में पाया जाता है, जो मुख्य रूप से पूर्वी एवं दक्षिणी अफ्रीका में पाया जाता है।

‘जतन’ सॉफ्टवेयर

केंद्र सरकार का लक्ष्य ‘जतन’ वर्चुअल म्यूजियम बिल्डर सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अपने प्रशासन के अंतर्गत आने वाले सभी संग्रहालयों का 3D डिजिटलीकरण पूरा करना है।

जतन (JATAN) सॉफ्टवेयर के बारे में

  • उद्देश्य: भारतीय संग्रहालयों के लिए एक डिजिटल प्रणाली जिसका उद्देश्य शोधकर्ताओं, क्यूरेटरों एवं उत्साही लोगों की सहायता के लिए संरक्षित वस्तुओं की डिजिटल छाप  (Digital Imprints ) बनाना है।
  • विशेषताएँ: यह एक क्लाइंट सर्वर एप्लिकेशन है, जिसमें इमेज क्रॉपिंग, वॉटरमार्किंग, विशिष्ट नंबरिंग, मल्टीमीडिया अभ्यावेदन के साथ डिजिटल वस्तुओं का प्रबंधन जैसी सुविधाएँ हैं।
  • परिनियोजन: भारत के कई राष्ट्रीय संग्रहालयों में कार्यान्वित।
    • ASI के अंतर्गत पुरातत्व स्थल संग्रहालय गोवा एवं नागार्जुनकोंडा की पुरावशेषों का पूर्णतः डिजिटलीकरण किया गया है।
  • विकास: मानव-केंद्रित डिजाइन एवं कंप्यूटिंग समूह, C-DAC पुणे द्वारा विकसित किया गया है।
  • एकीकरण: ‘जतन’ के माध्यम से निर्मित वस्तुओं एवं स्मारकों के डिजिटल रिकॉर्ड राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी तथा पोर्टल से जुड़े हैं, जिससे वे सार्वजनिक रूप से सुलभ हो जाते हैं।
  • राष्ट्रीय पोर्टल: C-DAC पुणे द्वारा विकसित, यह संग्रहालयों में थीम-आधारित संग्रहों—मूर्तियाँ, पेंटिंग, पांडुलिपियाँ, हथियार, सिक्के आदि तक एकीकृत पहुँच प्रदान करता है, चाहे वे कहीं भी हों।

3D स्कैनिंग क्या है?

  • 3D स्कैनिंग किसी वास्तविक वस्तु या परिवेश का विश्लेषण करके उसके आकार एवं कुछ मामलों में, उसके स्वरूप (जैसे- रंग तथा बनावट) के बारे में त्रि-आयामी डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया है।
  • फिर इस डेटा को विजुअलाइजेशन, संरक्षण या पुनरुत्पादन के लिए सटीक डिजिटल 3D मॉडल बनाने हेतु संसाधित किया जाता है।

बरदा वन्यजीव अभयारण्य

हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गुजरात सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग से गुजरात के बरदा वन्यजीव अभयारण्य में विश्व शेर दिवस, 2025 मनाया।

बरदा वन्यजीव अभयारण्य (Barda Wildlife Sanctuary- BWS) के बारे में

  • अवस्थिति: गुजरात, भारत।
  • नदियाँ: बिलेश्वरी नदी एवं जोघरी नदी।
  • जातीय समुदाय: मालधारी, भरवाड़, रबारी एवं गढ़वी जैसे नृजातीय समूहों का निवास।
  • विकास परियोजना: बरदा को एशियाई शेरों के लिए एक द्वितीयक आवास के रूप में स्थापित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1979 में ‘गिर-बरदा परियोजना’ प्रारंभ की गई थी।
  • वनस्पति: लगभग 650 पादप प्रजातियों वाला एक समृद्ध स्थल, जिसमें रायन, बबूल, बेर, जामुन, अमली, गोराद, बाँस, धव एवं धुधलो जैसी औषधीय प्रजातियाँ शामिल हैं।
  • जीव-जंतु: तेंदुआ, लकड़बग्घा, जंगली सूअर, भेड़िया, सियार एवं नीलगाय, दुर्लभ चित्तीदार चील शामिल हैं।

ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को ‘मान्यता’ देगा

हाल ही में, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस एवं कनाडा के बाद, ऑस्ट्रेलिया सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा।

फिलिस्तीन के बारे में

  • फिलिस्तीन मध्य पूर्व का एक ऐतिहासिक क्षेत्र है, जो भूमध्य सागर एवं जॉर्डन नदी के मध्य अवस्थित है।
    • यहूदी धर्म, ईसाई धर्म एवं इस्लाम धर्म के लिए इसका गहरा धार्मिक महत्त्व है।
  • प्रथम विश्व युद्ध के बाद, ब्रिटेन ने राष्ट्र संघ के अधिदेश (वर्ष 1923) के तहत इस पर नियंत्रण कर लिया, जिसमें एक यहूदी राष्ट्र के प्रावधान शामिल थे।
  • वर्ष 1947 में, संयुक्त राष्ट्र ने यरुशलम को एक अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में रखते हुए, इस भूमि को अलग-अलग यहूदी एवं अरब राज्यों में विभाजित करने का प्रस्ताव रखा।
  • वर्तमान फिलिस्तीनी क्षेत्र: मुख्य रूप से वेस्ट बैंक  एवं गाजा पट्टी को संदर्भित करते हैं।

मान्यता एवं स्थिति

  • वर्तमान स्थिति: संयुक्त राष्ट्र में एक ‘स्थायी पर्यवेक्षक राज्य’ का दर्जा, जो संयुक्त राष्ट्र  की बैठक में भाग लेने की अनुमति देता है, लेकिन मतदान के अधिकार के बिना।
  • वैश्विक मान्यता: संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से 147 द्वारा एक राज्य के रूप में मान्यता प्राप्त है, हालाँकि इसे संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता प्राप्त नहीं है।

राज्य (स्टेट) के बारे में

  • राज्य एक राजनीतिक इकाई है, जिसके चार आवश्यक तत्व होते हैं: जनसंख्या, क्षेत्र, सरकार, एवं संप्रभुता।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा राज्य के रूप में मान्यता प्राप्त अंतिम देश दक्षिण सूडान है, जिसे वर्ष 2011 में मान्यता दी गई थी।
    • कोसोवो (2008) एवं मोंटेनेग्रो (2006)।

विश्व हाथी दिवस 2025

विश्व हाथी दिवस, 2025, 12 अगस्त को तमिलनाडु के कोयंबटूर में हाथियों के संरक्षण एवं मानव-हाथी संघर्ष निवारण पर केंद्रित होकर मनाया गया।

विश्व हाथी दिवस के बारे में

  • हाथियों के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 12 अगस्त को मनाया जाता है।
  • संस्थापक: कनाडाई फिल्म निर्माता पेट्रीसिया सिम्स एवं थाईलैंड के एलिफेंट रीइंट्रोडक्शन फाउंडेशन।
  • यह संपूर्ण विश्व में हाथियों के सांस्कृतिक, पारिस्थितिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व पर प्रकाश डालता है।
  • नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों एवं समुदायों के लिए दीर्घकालिक सह-अस्तित्व की रणनीतियों पर सहयोग करने हेतु एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • वर्ष 2025 की थीम: ‘हाथियों की मदद के लिए विश्व को एक साथ लाना’ (Bringing the world together to help elephants)

विश्व हाथी दिवस 2025 कार्यक्रम

  • आयोजक: केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा तमिलनाडु वन विभाग।
  • जन सहभागिता: वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध एक नई पीढ़ी के निर्माण पर जोर।

भारत में हाथियों की स्थिति

  • आबादी में हिस्सेदारी: भारत में 29,900 से अधिक हाथी हैं, जो विश्व के जंगली हाथियों की आबादी का लगभग 60% है।
    • हाथियों की आबादी वाले शीर्ष तीन राज्य कर्नाटक, असम एवं केरल हैं।
  • कानूनी एवं सांस्कृतिक स्थिति: हाथियों को भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया गया है एवं उनका गहन पारंपरिक महत्त्व है।
  • संरक्षित क्षेत्र: भारत में हाथी गलियारों पर वर्ष 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, 33 हाथी अभयारण्य एवं 150 चिन्हित हाथी गलियारे हैं।
  • संरक्षण कार्यक्रम: प्रोजेक्ट एलिफेंट (वर्ष 1992 में शुरू) के तहत संरक्षित, जो आवास संरक्षण, संख्या निगरानी एवं मानव-हाथी संघर्ष शमन पर केंद्रित है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.