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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal September 13, 2024 02:56 42 0

करकुमा अनगमेंसिस (Curcuma ungmensis) 

हाल ही में, शोधकर्ताओं ने नागालैंड में हल्दी की  एक नई प्रजाति की खोज की है जिसे करकुमा अनगमेंसिस (Curcuma ungmensis) नाम दिया गया है। 

करकुमा अनगमेंसिस (Curcuma ungmensis)  

  • यह एक राइजोमेटस हर्ब (Rhizomatous Herb) है। 
  • संबंधित: जीनस करकुमा (अदरक परिवार जिंजिबरेसी-Zingiberaceae) 
  • नाम: उंगमा (Ungma) [नागालैंड के मोकोकचुंग (Mokokchung) जिले का वह गाँव जहाँ यह पाई गई] 
  • वितरण: कर्कुमा दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया और दक्षिण चीन में व्यापक रूप से वितरित है। कुछ प्रजातियाँ उत्तरी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण प्रशांत में भी पाई जाती हैं। 
    • भारत: पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों तथा अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में हल्दी की यह प्रजाति पाई जाती है। 

राइजोम (Rhizomes) 

  • प्रकंद भूमिगत प्ररोह होते हैं, जो क्षैतिज रूप से वृद्धि करते हैं।
  • यह शाखित होता है तथा मृदा में गहराई तक दबा हुआ पाया जाता है।
  • इन टहनियों में शल्कदार पत्तियाँ होती हैं तथा नीचे की ओर अपस्थानिक जड़ें होती हैं।
  • प्रमुख कार्य: खाद्य भंडारण और वानस्पतिक प्रजनन। 

संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष (Chairperson of the Parliamentary Committee on Official Language)

अमित शाह को सर्वसम्मति से संसदीय राजभाषा समिति का पुनः अध्यक्ष चुना गया है। 

अध्यक्ष

  • अमित शाह वर्ष 2019 से 2024 तक संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे हैं। 
    • समिति का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है, कि वर्ष 2047 तक भारत में सभी सरकारी कार्य भारतीय भाषाओं में किए जाएँ।

आधिकारिक भाषा पर संसदीय समिति

  • गठन और पृष्ठभूमि
    • स्थापना: राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 4 के अंतर्गत वर्ष 1976 में स्थापित। 
    • अध्यक्षता: केंद्रीय गृह मंत्री
    • सदस्य: समिति में 30 सदस्य हैं, 20 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से।
  • समिति का उद्देश्य
    • हिंदी के प्रयोग की समीक्षा: आधिकारिक प्रयोजनों के लिए हिंदी के प्रयोग में हुई प्रगति का आकलन करना। 
      • समिति का लक्ष्य हिंदी को सभी क्षेत्रीय भाषाओं के समतुल्य बनाना है, न कि प्रतिस्पर्द्धी। 
    • सिफारिशें: सरकारी संचार में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के उपाय सुझाना। 
  • रिपोर्ट प्रस्तुत करने की प्रक्रिया 
    • समिति अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपती है। 
    • इसके बाद राष्ट्रपति यह सुनिश्चित करते हैं, कि रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत की जाए। 
    • यह रिपोर्ट सभी राज्य सरकारों के साथ भी साझा की जाती है।

अनुसंधान नेशनल रिसर्च  फंड बोर्ड की पहली बैठक आयोजित 

हाल ही में अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन  (Anusandhan National Research Foundation-ANRF) के शासी बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई। 

अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF)

  • ANRF की स्थापना देश में विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक वित्तपोषण निकाय के रूप में की गई थी। 
    • ANRF राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सिफारिशों के अनुसार, देश में वैज्ञानिक अनुसंधान की उच्चस्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए एक शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करेगा। 
    • ANRF की स्थापना के साथ, वर्ष 2008 में संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) को ANRF में शामिल कर लिया गया है। 
  • शासी अधिनियम: अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन अधिनियम, 2023 के द्वारा की गई है। 
  • उद्देश्य: ANRF का उद्देश्य अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा देना तथा भारत के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में रिसर्च व नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है। 
  • फंड: ANRF का लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये का फंड स्थापित करना है, जिसमें से 36,000 करोड़ रुपये गैर-सरकारी स्रोतों से प्राप्त होंगे। 
  • ANRF के शासी बोर्ड के सदस्य: इसकी अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं। 
    • बोर्ड के अन्य सदस्य हैं:-
      • केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा मंत्री उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करेगे।
      • प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार सदस्य सचिव के रूप में।
      • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी तथा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभागों के सचिव। 
  • ANRF की कार्यकारी परिषद: ANRF की कार्यकारी परिषद, जिसकी अध्यक्षता प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार करते हैं। 
    • इसके प्रमुख कार्यों में वित्तीय सहायता के लिए आवेदनों की समीक्षा और अनुमोदन, इन आवेदनों के लिए विनियमन स्थापित करना, फाउंडेशन का बजट तैयार करना और इसके वित्तीय खातों का प्रबंधन करना शामिल है। 

मिशन मौसम

हाल ही में भारत सरकार ने मिशन मौसम (Mission Mausam) को मंजूरी दी है। 

मिशन मौसम

  • यह भारत के मौसम और जलवायु संबंधी विज्ञान, अनुसंधान और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए एक बहुआयामी और परिवर्तनकारी पहल है। 
  • उद्देश्य: पूर्वानुमानों की  सटीकता में सुधार करना।
  • कार्यान्वयन: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (भारत सरकार)।
  • महत्त्व: कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, पर्यावरण, विमानन, जल संसाधन, विधुत, पर्यटन, शिपिंग, परिवहन, ऊर्जा और स्वास्थ्य को प्रत्यक्ष लाभ। 
  • अन्य मौसम पूर्वानुमान मिशन
    • संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रोजेक्ट मौसम (वर्ष 2014), जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का पता लगाना है। 
    • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा राष्ट्रीय मानसून मिशन (2012) का उद्देश्य विभिन्न समय-पैमानों पर भारतीय मानसून वर्षा के लिए अत्याधुनिक गतिशील पूर्वानुमान प्रणाली विकसित करना है।

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