100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal September 03, 2025 03:56 90 0

युद्ध अभ्यास

भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ 2025 के 21वें संस्करण में भाग लेने के लिए भारतीय सेना का एक दल फोर्ट वेनराइट, अलास्का पहुँच गया है।

‘युद्ध अभ्यास’ के बारे में

  • प्रकृति: भारत एवं अमेरिका के बीच आयोजित एक वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास।
  • प्रारंभ: वर्ष 2004 से नियमित रूप से आयोजित किया जाता है।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ाना, संयुक्त प्रशिक्षण को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक संपर्क को प्रोत्साहित करना तथा संयुक्त परिचालन कौशल विकसित करना है।
  • पिछला संस्करण: राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया गया था।

वर्ष 2025 संस्करण के बारे में

  • प्रतिभागी
    • भारतीय सेना: मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन के सैन्य कर्मी।
    • अमेरिकी सेना: आर्कटिक वोल्व्स ब्रिगेड कॉम्बैट टीम की 5वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट (“बॉबकैट्स”) के सैनिक, जो अमेरिकी 11वीं एयरबोर्न डिवीजन का हिस्सा हैं।

प्रशिक्षण का दायरा एवं फोकस

  • रणनीतिक अभ्यास: हेलीबोर्न ऑपरेशन, माउंटेन वारफेयर एवं तोपखाने, एविएशन एंड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम का एकीकृत उपयोग।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग: निगरानी संसाधनों एवं मानवरहित हवाई प्रणालियों (UAS) का उपयोग।
  • संयुक्त योजना: सैनिक हाई एल्टीट्यूड वाले युद्ध क्षेत्रों में समन्वित सामरिक युद्धाभ्यास एवं लाइव-फायर अभ्यास में शामिल होंगे।

भारत एवं अमेरिका के बीच अन्य अभ्यास

  • थल सेना: वज्र प्रहार
  • नौसेना: मालाबार (बहुपक्षीय), SALVEX
  • वायु सेना: कोप इंडिया, रेड फ्लैग (बहुपक्षीय)
  • अभ्यास टाइगर ट्रायंफ: एक द्विपक्षीय, भारत-अमेरिका त्रि-सेवा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभ्यास।

ब्लू ड्रैगन

स्पेन में कई समुद्र तटों को बड़ी संख्या में विषैली समुद्री स्लग प्रजाति ‘ब्लू ड्रैगन्स’ की उपस्थिति के बाद बंद कर दिया गया।

‘ब्लू ड्रैगन’ (ग्लौकस अटलांटिकस) के बारे में

  • प्रजाति: यह एक छोटा समुद्री स्लग (लगभग 4 सेमी लंबा) है, जो धाराओं के साथ समुद्र की सतह पर तैरता है।
  • तैरने की विधि: एयर बबल (Air Bubble) का प्रयोग कर उल्टा तैरता है।
  • छलावरण (Camouflage): ऊपर का नीला भाग समुद्र के साथ घुल-मिल जाता है एवं  नीचे से देखने पर सफेद निचला भाग सूर्य के प्रकाश के साथ घुल-मिल जाता है।
  • आहार: जेलीफिश एवं विषैले साइफोनोफोर्स (जैसे- पुर्तगाली मैन ओ’ वार) का भोजन के रूप मे सेवन करती है।
  • विशिष्ट गुण: शिकार की कोशिकाओं को उंगली जैसी शारीरिक संरचनाओं में जमा करता है, जिससे उसकी कोशिका उस जेलीफिश से अधिक शक्तिशाली हो जाती है, जिसका वह भोजन करता है।
  • मनुष्यों पर प्रभाव: डंक लगने से गंभीर दर्द, सूजन, मतली एवं उल्टी हो सकती है।

भौगोलिक वितरण

  • मूल स्थान: प्रशांत, अटलांटिक एवं हिंद महासागरों का गर्म उष्णकटिबंधीय जल।
  • हालिया उपस्थिति: हाल के वर्षों में ‘ब्लू ड्रैगन्स’ ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका एवं अमेरिका में पाए गए है।
  • भूमध्यसागरीय क्षेत्र में दुर्लभता: इसे पहली बार कैनरी द्वीपसमूह (वर्ष 1839) में दर्ज किया गया, बाद में 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में बेलिएरिक द्वीपसमूह में, लेकिन पिछले 5 वर्षों तक दुर्लभ ही रहे है।

स्पेन में उपस्थिति का कारण

  • गर्म महासागर: भूमध्य सागर के तेजी से ताप वृद्धि इसकी उपस्थिति का कारण है, जो विश्व स्तर पर सबसे तेजी से गर्म होने वाले समुद्रों में से एक है।
  • बढ़ते तापमान के कारण उनका भोजन स्रोत (पुर्तगाली मैन ओ’ वार) इस क्षेत्र में आ जाता है, जिससे इस प्रजाति का अस्तित्व एवं प्रसार संभव होता है।

अभ्यास युद्ध कौशल 3.0

भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के हाई एल्टीट्यूड वाले कामेंग क्षेत्र में ‘युद्ध कौशल’ 3.0 अभ्यास का आयोजन किया है।

‘युद्ध कौशल’ 3.0 के बारे में

अभ्यास ‘युद्ध कौशल’ भारतीय सेना के अभ्यासों की एक शृंखला है, जिसका उद्देश्य युद्ध तैयारियों को बढ़ाना, परिचालन दक्षता में सुधार करना एवं आधुनिक तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देना है।

युद्ध कौशल 3.0 की मुख्य विशेषताएँ

  • संचालक: गजराज कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग।
  • प्रमुख ऑपरेशन
    • ड्रोन निगरानी और रियल टाइम लक्ष्य प्राप्ति
    • सटीक हमले।
    • हवाई-तटीय संचालन।
    • दुर्गम इलाकों में समन्वित युद्धाभ्यास।
  • ASHNI प्लाटूनों का पदार्पण
    • उद्देश्य: पारंपरिक युद्ध कौशल के साथ उन्नत तकनीक का एकीकरण।
    • लक्ष्य निर्णायक युद्धक्षेत्र लाभ प्रदान करना।
  • भारतीय रक्षा उद्योग की भागीदारी: आत्मनिर्भर भारत एवं रक्षा तैयारियों में स्वदेशी नवाचार पर भारत के फोकस को दर्शाता है।
  • युद्ध कौशल 3.0 का महत्त्व
    •  हाई एल्टीट्यूड वाले, दुर्गम इलाकों में प्रमाणित युद्ध प्रभावशीलता।
  • मल्टी-डोमेन ऑपरेशन, उन्नत, स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में सेना के परिवर्तन को सुदृढ़ किया।

अफगानिस्तान में भूकंप

हाल ही में 31 अगस्त, 2025 को पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 800 से अधिक लोगो की मृत्यु हो गई एवं कुछ लोग  घायल हुए है।

अफगानिस्तान में बार-बार भूकंप क्यों आते हैं?

  • टेक्टॉनिक स्थिति: सक्रिय भ्रंश रेखाओं पर अवस्थित, जहाँ इंडियन प्लेट, यूरेशियन प्लेट से टकराती है और लगभग 45 मिमी./वर्ष की चाल से गति करती है।
  • स्ट्रेस रिलज (Stress Release): नियमित टेक्टॉनिक स्ट्रेस रिलीज विनाशकारी भूकंपों का कारण बनता है।
  • भूकंपीय ऊर्जा योगदान: यह क्षेत्र प्रतिवर्ष वैश्विक भूकंपीय ऊर्जा उत्सर्जन में लगभग 15% का योगदान देता है।
  • हिंदू कुश क्षेत्र में भूकंप: वर्ष 1900 से, हिंदूकुश क्षेत्र में 7 से अधिक तीव्रता के 12 भूकंप दर्ज किए गए हैं।
  • टेक्टॉनिक संरचना: यही टकराव हिमालय के उत्थान के लिए उत्तरदायी है।

भूकंप का कारण क्या है?

  • स्लिप अलोंग फॉल्ट: भ्रंशों के साथ पृथ्वी के खंडों के बीच अचानक गति से स्टोर्ड स्ट्रेन एनर्जी (Stored Strain Energy) मुक्त होती है।
  • भूकंपीय तरंगें: ऊर्जा तरंगों के रूप में पृथ्वी से बाहर की ओर चलती है तथा सतह पर कंपन करती है।

भूकंप की गहराई क्यों मायने रखती है?

  • उथले भूकंप (0-70 किमी.): ऊर्जा अधिक तीव्रता के साथ सतह पर पहुँचने पर अधिक विनाशकारी होते हैं।
  • गहरे भूकंप: व्यापक रूप से फैलते हैं, लेकिन सतह तक पहुँचने से पहले ही अपनी शक्ति क्षीण कर देते हैं।
  • उदाहरण: अफगानिस्तान में 31 अगस्त को आया भूकंप उथला एवं अत्यधिक विनाशकारी था।

अफगानिस्तान के बारे में

  • अवस्थिति: दक्षिणी एशिया में एक स्थलरुद्ध, पर्वतीय राष्ट्र, जिसे प्रायः “एशिया का प्रवेश द्वार” कहा जाता है।
  • सीमाएँ: तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान एवं ताजिकिस्तान (उत्तर), ईरान (पश्चिम), पाकिस्तान (दक्षिण-पूर्व), तथा चीन एवं भारत (उत्तर-पूर्व) के साथ सीमाएँ साझा करता है।
  • भौगोलिक विशेषताएँ
    • भूकंप: यूरेशियन-इंडियन  प्लेट जंक्शन पर स्थित, जिससे यह बार-बार भूकंप आने के लिए अत्यधिक संवेदनशील है।
    • पर्वत: मुख्य रूप से हिंदूकुश का विस्तार, उत्तर-पूर्व में पामीर पर्वत एवं दक्षिण में सफेद कोह पर्वतमाला
    • सर्वोच्च चोटी: माउंट नौशाक।
    • नदियाँ: प्रमुख नदियों में अमु दरिया, हेलमंद एवं काबुल शामिल हैं।
    • दर्रे: खैबर दर्रा एवं शेबर दर्रा जैसे महत्त्वपूर्ण मार्ग अफगानिस्तान को पड़ोसी क्षेत्रों से जोड़ते हैं।
    • जलवायु: महाद्वीपीय प्रकार की जलवायु पाई जाती है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.