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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal September 18, 2024 03:34 40 0

प्रोजेक्ट चीता

17 सितंबर, 2024 को प्रोजेक्ट चीता ने दो वर्ष पूरे किये।

प्रोजेक्ट चीता के बारे में

  • भारत सरकार ने चीतों को भारत वापस लाने के लिए इसे लॉन्च किया।
  • वर्ष 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
  • कार्यान्वयन निकाय: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
  • उद्देश्य: भारत सरकार अगले पाँच वर्षों में अफ्रीकी देशों से 50 चीतों को विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों में लाने का रोडमैप तैयार कर रही है। 
  • वर्तमान में, कुल 20 रेडियो कॉलर वाले चीतों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया है, जो कि पहली बार अंतरमहाद्वीपीय जंगल से जंगल स्थानांतरण, यानी अफ्रीका से एशिया है।
  • IUCN स्थिति: एशियाई चीता गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered) है जबकि अफ्रीकी चीता सुभेद्य (Vulnerable) है।

समग्र शिक्षा निधि 

(Samagra Shiksha Funds)

तमिलनाडु को समग्र शिक्षा योजना के तहत केंद्र सरकार से इस वर्ष का फंड अभी तक नहीं मिला है। 

समग्र शिक्षा योजना के बारे में

  • इसे वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में प्रस्तावित किया गया था, जिसमें पूर्ववर्ती सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और शिक्षक शिक्षा (TE) योजनाएँ शामिल की गई थीं।
  • वित्तपोषण: इस योजना का वित्तपोषण केंद्र और राज्यों द्वारा 60:40 के अनुपात में किया जाता है, 11 पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर, जिन्हें लागत का केवल 10% ही वहन करना होता है। 
  • यह बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के कार्यान्वयन का समर्थन करता है। 
  • स्कूल शिक्षा क्षेत्र के लिए कार्यक्रम, जो प्री-स्कूल से कक्षा 12 तक विस्तारित है।

मुद्दा

  • केंद्र ने उन राज्यों में समग्र शिक्षा योजना के लिए धनराशि देना बंद कर दिया है, जिन्होंने पीएम श्री योजना को लागू करने से इनकार कर दिया है।
  • पाँच राज्यों (तमिलनाडु, केरल, दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक उपयोग और सेप्सिस से मृत्यु 

लैंसेट अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2019 में देश में 29.9 लाख सेप्सिस मौतों में से 60% जीवाणु संक्रमण के कारण हुईं। 

सेप्सिस (Sepsis) के बारे में

  • सेप्सिस को पहले सामान्यतः ‘रक्त विषाक्तता’ के नाम से जाना जाता था।
  • यह एक जानलेवा स्थिति है जो तब होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली किसी संक्रमण के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रिया करती है, जिससे अंगों में शिथिलता आ जाती है। 
  • कारण: जीवाणु संक्रमण सेप्सिस के सबसे आम कारणों में से एक है।

भारत संबंधी आँकड़े 

  • देश में वर्ष 2019 में 29.9 लाख सेप्सिस मौतों में से 60 प्रतिशत जीवाणु संक्रमण के कारण हुईं।
  • उस वर्ष लगभग 10.4 लाख सेप्सिस मौतें (33.4 प्रतिशत) जीवाणुजनित AMR से संबंधित थीं। 

विशेष अभियान 4.0 एवं स्वच्छता ही सेवा के तहत स्वच्छता 

सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सरकार के स्वच्छता अभियान के अनुरूप, भारी उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार) देशव्यापी सफाई अभियान को बढ़ावा दे रहा है। 

  • स्वच्छता पर विशेष अभियान 3.0: यह सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। 
  • दूसरा स्थान: भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय को स्क्रैप निपटान से मुक्त हुई जगह के लिए दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
    • 5वाँ स्थान: स्क्रैप बिक्री से 4.66 करोड़ रुपये की आय के साथ भारी उद्योग मंत्रालय 5वें स्थान पर रहा है। 

स्वच्छता ही सेवा, 2024 अभियान

  • लॉन्च तिथि: 13 सितंबर, नई दिल्ली।
  • अभियान की अवधि: 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, स्वच्छ भारत दिवस पर समापन होगा। 
    • यह अभियान मनाएगा- 
      • स्वच्छ भारत मिशन (SBM) की 10वीं वर्षगाँठ
      • स्वच्छता ही सेवा का 7वाँ वर्ष 
  • स्वच्छता ही सेवा (SHS), 2024 की थीम: ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता (4S)” 
  • फोकस: स्वच्छता प्रयासों में सामूहिक कार्रवाई और नागरिक भागीदारी बढ़ाना। 
  • SHS, 2024 के प्रमुख स्तंभ
    • स्वच्छता लक्ष्य इकाइयाँ (CTU): विशिष्ट क्षेत्रों की सफाई के लिए श्रमदान गतिविधियाँ। 
    • स्वच्छता में जन भागीदारी: सार्वजनिक भागीदारी, जागरूकता और सिफारिश। 
    • सफाई मित्र सुरक्षा शिविर: सफाई कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य जाँच और सामाजिक सुरक्षा।

इंटीग्रेटेड ओशन एनर्जी एटलस 

(Integrated Ocean Energy Atlas)

भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) ने भारतीय अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) का एक ‘इंटीग्रेटेड ओशन एनर्जी एटलस (Integrated Ocean Energy Atlas) ​​विकसित किया है। 

‘इंटीग्रेटेड ओशन एनर्जी एटलस’ के बारे में

  • अनावरणकर्ता: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
  • फोकस: ऊर्जा उत्पादन की उच्च क्षमता वाले क्षेत्रों की पहचान करना। 
  • एटलस का महत्त्व: यह समुद्री मौसम संबंधी (सौर एवं पवन) और जल विज्ञान संबंधी (लहर, ज्वार, धाराएँ, महासागरीय तापीय एवं लवणता प्रवणता) ऊर्जा रूपों को शामिल करते हुए महासागर ऊर्जा संसाधनों की विशाल क्षमता को प्रदर्शित करता है। 
    • भारतीय अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में उपलब्ध ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करने के लिए एक उपकरण। 
  • WebGIS इंटरफेस के माध्यम से महासागरीय ऊर्जा अनुमान सुलभता: एटलस में इन महासागर ऊर्जा घटकों के विस्तृत वार्षिक, मासिक और दैनिक अनुमान शामिल हैं, जिन्हें पाँच किलोमीटर ग्रिड रिज़ॉल्यूशन पर WebGIS इंटरफेस के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। 
    • WebGIS इंटरनेट पर भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) का उपयोग करने का एक तरीका है। 
      • यह आपको वेब ब्राउजर या मोबाइल ऐप के माध्यम से मानचित्रों और स्थानिक डेटा को देखने, साझा करने और विश्लेषण करने की अनुमति देता है। 
  • भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र में अनुमानित महासागरीय ऊर्जा क्षमता: भारतीय अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के अंतर्गत प्रति वर्ष लगभग 9.2 लाख TWh की ऊर्जा क्षमता 
  • भविष्य की संभावनाएँ: INCOIS का लक्ष्य भारतीय EEZ के भीतर उच्च ऊर्जा क्षमता वाले क्षेत्रों में समुद्री ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए औद्योगिक भागीदारों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ सहयोग करना है। 

सुभद्रा योजना

प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर, 2024 को ओडिशा सरकार की महिला-केंद्रित योजना सुभद्रा योजना (Subhadra Yojana) का शुभारंभ किया और राज्य में 3,800 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का अनावरण किया।

सुभद्रा योजना के बारे में

  • योजना का नाम: इस योजना का नाम भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन देवी सुभद्रा के नाम पर रखा गया है। 
    • भगवान जगन्नाथ, ओडिशा के अत्यंत पूजनीय देवता हैं, तथा अपने भाई-बहनों सुभद्रा और बलभद्र के साथ दिव्य त्रिमूर्ति का हिस्सा हैं। 
  • अवधि: पाँच वर्षों में, अर्थात वर्ष 2028-29 तक, यह योजना राज्य भर में 1 करोड़ से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान करेगी। 
  • वित्तीय सहायता: प्रत्येक महिला को प्रतिवर्ष 10,000 रुपये मिलेंगे, जो दो किस्तों में वितरित किये जायेंगे:- 
    • राखी पूर्णिमा (रक्षा बंधन, आमतौर पर अगस्त में) पर 5,000 रुपये।
    • प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर 5,000 रुपये
  • वर्तमान पंजीकरण: इस योजना के लिए 50 लाख से अधिक महिलाएँ पहले ही पंजीकरण करा चुकी हैं। 
  • निधि अंतरण: धनराशि सीधे लाभार्थी के आधार-सक्षम एकल-धारक बैंक खाते में जमा की जाएगी। 
  • ई-केवाईसी आवश्यकता: योजना में भाग लेने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है। 
  • डेबिट कार्ड: प्रत्येक लाभार्थी को एक सुभद्रा डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा। 
  • अतिरिक्त प्रोत्साहन
    • प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्र में सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन करने वाले शीर्ष 100 लाभार्थियों को प्रोत्साहन के रूप में अतिरिक्त 500 रुपये मिलेंगे। 
  • पात्रता मापदंड
    • अपात्र समूह: आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों की महिलाएँ, सरकारी कर्मचारी एवं आयकर दाता पात्र नहीं हैं। 
    • बहिष्करण: किसी अन्य सरकारी योजना के तहत 1,500 रुपये प्रति माह या उससे अधिक (या 18,000 रुपये प्रति वर्ष या उससे अधिक) सहायता प्राप्त करने वाली महिलाओं को इसमें शामिल नहीं किया गया है। 

भारत की वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक (GCI) 2024 रैंकिंग

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक (Global Cybersecurity Index-GCI), 2024 जारी किया। 

वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक

  • GCI साइबर सुरक्षा के प्रति देशों की प्रतिबद्धता को मापता है।
  • यह साइबर सुरक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डालता है। 
  • उन देशों की पहचान की जाती है जो ऑनलाइन सुरक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
    • यह मूल्यांकन करता है कि व्यवसाय, सरकार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र ऑनलाइन सुरक्षा कैसे बनाए रखते हैं। 
  • मूल्यांकन के स्तंभ
    • कानूनी उपाय
    • तकनीकी उपाय
    • संगठनात्मक उपाय
    • क्षमता विकास
    • सहयोग

भारत प्रदर्शन

  • टियर-1 स्थिति: अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के अनुसार, GCI-2024 में भारत को टियर-1 स्थान दिया गया है। 
  • रैंकिंग: भारत का स्कोर 98.49 रहा।
    • इसने इसे साइबर सुरक्षा प्रतिबद्धता के लिए 47 अग्रणी देशों में शामिल किया।
  • साइबर सुरक्षा स्तंभों में स्कोर
    • कानूनी उपाय: 20/20
    • तकनीकी उपाय: 20/20
    • संगठनात्मक उपाय: 18.49/20
    • क्षमता विकास: 20/20
    • सहयोग: 20/20
  • प्रत्येक श्रेणी को 20 में से अंक दिये जाते हैं।

चौथा वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो (RE-INVEST) 

प्रधानमंत्री ने गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में चौथे ग्लोबल RE-INVEST का उद्घाटन किया।

सम्बंधित तथ्य

  • तीन दिवसीय कार्यक्रम (सितंबर 2024) में भारत की 200 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता तक पहुँचने में सफलता का जश्न मनाया जाएगा। 
  • चौथे संस्करण का फोकस
    • नवीकरणीय ऊर्जा में नवीनतम नवाचारों एवं उत्पादों का प्रदर्शन।
    • भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक विकसित करने के लिए व्यावसायिक संपर्क और साझेदारी को प्रोत्साहित करना।
  • री-इंवेस्ट (RE-INVEST) भारत सरकार द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य विश्व को भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता से परिचित कराना है।
  • प्रबंधन: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (भारत सरकार)
  • यह भारत की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए दुनिया भर के निवेशकों को आमंत्रित करता है।

RE-INVEST क्या है?

  • भारत के भावी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य
    • भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करना है।
    • भारत सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से हरित ऊर्जा को एक जन आंदोलन बना दिया है। 

भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (Bharat Startup Knowledge Access Registry-BHASKAR)

स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (BHASKAR) पहल शुरू की गई है।

BHASKAR के बारे में 

  • नोडल मंत्रालय: उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार) 
  • उद्देश्य: यह एक सर्वव्यापी, वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए हितधारकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करता है। 
    • यह स्टार्टअप इकोसिस्टम के भीतर हितधारकों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रजिस्ट्री का निर्माण करेगा। 
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • नेटवर्किंग और सहयोग: BHASKAR स्टार्टअप्स, निवेशकों, सलाहकारों और अन्य हितधारकों के बीच निर्बाध बातचीत को सक्षम करेगा।
    • सेंट्रल हब: यहाँ स्टार्टअप, निवेशक, सेवा प्रदाता और सरकारी निकाय सहयोग करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और विकास में तेजी लाने के लिए एक साथ आ सकते हैं। 
    • संसाधनों तक केंद्रीकृत पहुँच: यह प्लेटफॉर्म स्टार्टअप्स को महत्त्वपूर्ण उपकरणों और ज्ञान तक तत्काल पहुँच प्रदान करेगा, जिससे तेजी से निर्णय लेने और अधिक कुशल स्केलिंग में मदद मिलेगी। 
    • व्यक्तिगत पहचान बनाना: प्रत्येक हितधारक को एक अद्वितीय BHASKAR ID सौंपी जाएगी, जिससे व्यक्तिगत बातचीत सुनिश्चित होगी 
    • खोज क्षमता में वृद्धि: शक्तिशाली खोज सुविधाओं के माध्यम से, उपयोगकर्ता आसानी से प्रासंगिक संसाधनों, सहयोगियों और अवसरों का पता लगा सकते हैं, जिससे निर्णय लेने और कार्रवाई में तेजी सुनिश्चित होती है। 
    • भारत के वैश्विक ब्रांड को समर्थन: BHASKAR नवाचार के केंद्र के रूप में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने के लिए एक वाहन के रूप में कार्य करेगा। 

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