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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal October 03, 2025 04:15 26 0

मोंडियाकल्ट 2025

हाल ही में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने एशिया-प्रशांत समूह के अध्यक्ष के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया एवं मोंडियाकल्ट  (MONDIACULT) 2025 में संस्कृति को एक वैश्विक सार्वजनिक अवधारणा के रूप में रेखांकित किया।

मोंडियाकल्ट, 2025 के बारे में

  • यह विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक नीति सम्मेलन है, जो वैश्विक सांस्कृतिक एजेंडे को आकार देने के लिए मंत्रियों, सांस्कृतिक नेताओं, नागरिक समाज एवं युवाओं को एक साथ लाता है।
  • आयोजक एवं स्थल: सांस्कृतिक नीतियों एवं सतत विकास पर UNESCO विश्व सम्मेलन (MONDIACULT 2025) का आयोजन UNESCO द्वारा किया जाता है तथा बार्सिलोना, स्पेन द्वारा इसकी मेजबानी की जाती है।
  • उद्देश्य: वर्ष 2030 के बाद के संयुक्त राष्ट्र विकास एजेंडे में संस्कृति को एक स्वतंत्र लक्ष्य के रूप में स्थापित करना, सतत् विकास की एक एकीकृत शक्ति एवं चालक के रूप में इसकी भूमिका को मान्यता देना।
  • प्राथमिकता क्षेत्र
    • सांस्कृतिक अधिकार: सार्वभौमिक पहुँच एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • संस्कृति में डिजिटल प्रौद्योगिकियाँ: सांस्कृतिक विकास के लिए नवाचार का लाभ उठाना।
    • संस्कृति एवं शिक्षा: मूल्यों एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देना।
    • संस्कृति की अर्थव्यवस्था: रचनात्मक उद्योगों को मजबूत करना।
    • संस्कृति एवं जलवायु कार्रवाई: विरासत को स्थिरता से जोड़ना।
    • संस्कृति, विरासत एवं संकट: संघर्ष एवं आपदाओं में संस्कृति की रक्षा करना।
  • केंद्रीय क्षेत्र
    • शांति के लिए संस्कृति: संवाद एवं सद्भाव को बढ़ावा देना।
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं संस्कृति: सांस्कृतिक क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का नैतिक एकीकरण।

भारत के लिए महत्त्व

  • भारत ने मंत्रिस्तरीय पूर्ण अधिवेशन के दौरान एशिया-प्रशांत समूह की अध्यक्षता की, जो सांस्कृतिक कूटनीति में उसके नेतृत्व को दर्शाता है।
  • भारत ने संस्कृति को समावेशी एवं सतत् विकास की आधारशिला के रूप में स्थापित किया।

इंटरस्टेलर मैपिंग एंड एक्सेलेरेशन प्रॉब (IMAP)

हाल ही में, नासा ने सूर्य की सौर वायु एवं हीलियोस्फीयर की सीमा का अध्ययन करने के लिए इंटरस्टेलर मैपिंग एंड एक्सेलेरेशन प्रॉब (Interstellar Mapping and Acceleration Probe- IMAP) लॉन्च किया।

इंटरस्टेलर मैपिंग एंड एक्सेलेरेशन प्रॉब (IMAP) के बारे में

  • IMAP एक अंतरिक्ष मिशन है, जिसे हीलियोस्फीयर की बाह्य सीमाओं का पता लगाने एवं यह पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है कि यह स्थानीय आकाशगंगा के वातावरण के साथ कैसे अंतःक्रिया करता है।
    • हीलियोस्फीयर हमारे सौरमंडल के चारों ओर सौर वायु द्वारा निर्मित एक सुरक्षात्मक परत है।
  • प्रक्षेपण यान: फाल्कन 9, जिसका अंतरिक्ष यान द्रव्यमान 900 किलोग्राम है।
  • वैज्ञानिक घटक: IMAP में सौर पवन, ऊर्जावान कणों, अंतरतारकीय धूल और चुंबकीय क्षेत्रों के अध्ययन हेतु 10 वैज्ञानिक उपकरण लगाए गए हैं।
    • ऊर्जावान उदासीन-परमाणु संसूचक: इंटरस्टेलर मैपिंग एंड एक्सेलेरेशन प्रॉब (IMAP) जो आवेशित एवं उदासीन दोनों कणों का अध्ययन करने में सक्षम है।
      • IMAP-Lo: – निम्न ऊर्जा उदासीन परमाणु प्रतिबिंबक।
      • IMAP-Hi: उच्च ऊर्जा उदासीन परमाणु प्रतिबिंबक।
      • IMAP-Ultra: अति उच्च ऊर्जा उदासीन परमाणु प्रतिबिंबक।
    • आवेशित कण संसूचक: उच्च-ऊर्जा आयन दूरबीन (High-energy Ion Telescope– HIT), सौर पवन इलेक्ट्रॉन (Solar Wind Electron– SWE), सौर पवन एवं ‘पिकअप आयन’ उपकरण (Solar Wind and Pickup Ion Instrument– SWAPI), सघन द्वि-आयन संरचना प्रयोग (Compact Dual Ion Composition Experiment– CoDICE)।
    • मैग्नेटोमीटर (MAG), वैश्विक सौर पवन संरचना (GLOWS), इंटरस्टेलर डस्ट एक्सपेरिमेंट (IDEX)।
  • उद्देश्य
    • हेलियोस्फीयर की सीमा का मानचित्रण एवं अंतरतारकीय कणों की परस्पर क्रियाओं का आरेख तैयार करना।
    • सूर्य से आने वाले आवेशित कणों के ऊर्जाकरण की जाँच करना।
    • पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष मौसम के खतरों का पूर्वानुमान लगाने के लिए वास्तविक समय में सौर पवन एवं ऊर्जावान कणों की निगरानी करना।
    • भविष्य के मानव अन्वेषण के लिए सुरक्षित अंतरिक्ष यान डिजाइन करने हेतु महत्त्वपूर्ण डेटा प्रदान करना।

महत्त्व

  • यह इस बात की समझ में वृद्धि करती है कि हेलियोस्फीयर सौर मंडल को ब्रह्मांडीय विकिरण से कैसे बचाता है, जिससे ग्रहों पर जीवन सुनिश्चित होता है।
  • अंतरिक्ष मौसम के पूर्वानुमान में सुधार करता है, उपग्रहों, पॉवर ग्रिड, संचार नेटवर्क एवं अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा करता है। मूलभूत खगोलभौतिकीय प्रक्रियाओं तथा अन्य तारकीय प्रणालियों के सुरक्षात्मक हेलियोस्फीयर की गतिशीलता के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
  • पृथ्वी से परे भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए सुरक्षित मार्गों एवं विकिरण परिरक्षण की योजना बनाने में योगदान देता है।

भारत-भूटान सीमा पार रेलवे परियोजना

हाल ही में भारत ने भूटान को असम एवं पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली दो सीमा पार रेलवे परियोजनाओं की घोषणा की, जिनकी कुल लागत 4,033 करोड़ रुपये है।

सीमा पार रेलवे परियोजना के बारे में

  • परियोजना विवरण: इन परियोजनाओं में 3,456 करोड़ रुपये की लागत वाली 69 किलोमीटर लंबी कोकराझार (असम)-गेलेफू (भूटान) लाइन एवं 577 करोड़ रुपये की लागत वाली 20 किलोमीटर लंबी बनारहाट (पश्चिम बंगाल)-समत्से (भूटान) लाइन शामिल है।
  • बुनियादी ढाँचा
    • कोकराझार-गेलेफू लाइन में छह स्टेशन, 29 बड़े पुल, 65 छोटे पुल, दो गुड्सशेड, एक फ्लाईओवर एवं 39 अंडरपास होंगे।
    • बनरहाट-समत्से लाइन में दो स्टेशन, एक बड़ा पुल, 24 छोटे पुल, एक ओवरपास एवं 37 अंडरपास शामिल होंगे।
  • तकनीकी विशेषताएँ: दोनों लाइनें पूरी तरह से विद्युतीकृत होंगी, वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेन, उन्नत सिग्नलिंग प्रणालियों से सुसज्जित होंगी एवं प्रशिक्षित भूटानी कर्मचारी परिचालन में सहायता करेंगे।

महत्त्व

  • ये परियोजनाएँ यात्री एवं माल ढुलाई को बढ़ावा देंगी, गेलेफू (माइंडफुलनेस सिटी) तथा समत्से (औद्योगिक केंद्र) में आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी, भारत-भूटान व्यापार को मजबूत करेंगी एवं स्थानीय आबादी के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।

सतत् पशुधन परिवर्तन पर वैश्विक सम्मेलन

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने वर्ष 2025 में रोम में आयोजित दूसरे सतत् पशुधन परिवर्तन पर FAO वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

सतत् पशुधन परिवर्तन पर वैश्विक सम्मेलन के बारे में

  • परिचय: सतत् पशुधन परिवर्तन पर FAO वैश्विक सम्मेलन पशुधन प्रणालियों के लिए ज्ञान के आदान-प्रदान, सहयोग एवं सतत् समाधानों हेतु एक बहुपक्षीय मंच प्रदान करता है।
  • आयोजक: खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), जिसका मुख्यालय रोम, इटली में है।
  • वर्ष  2025 सम्मेलन: दूसरा संस्करण सितंबर 2025 में आयोजित किया गया था, जिसमें समावेशी, जलवायु-अनुकूल पशुधन नीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए मंत्रियों, विशेषज्ञों एवं हितधारकों को एक साथ लाया गया था।
    • भारत एवं आयरलैंड ने संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय दुग्ध दिवस के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया, जिसका सम्मेलन द्वारा समर्थन किया गया।

डेयरी एवं पशुधन में भारत की स्थिति

  • किसान-केंद्रित एवं समावेशी विकास: भारत ने पशुधन एवं डेयरी परिवर्तन को गति देने वाली किसान-केंद्रित पहलों पर प्रकाश डाला।
  • डेयरी एवं पशुधन में वैश्विक नेतृत्व
    • पशुधन भारत में लगभग दो-तिहाई ग्रामीण परिवारों, विशेषकर लघु किसानों एवं महिलाओं को स्थायी आजीविका प्रदान करता है।
    • विश्व स्तर पर सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक, विश्व उत्पादन में 25% (वार्षिक 239 मिलियन टन) का योगदान देता है।
    • अंडों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक एवं भैंस के मांस का प्रमुख निर्यातक।
    • पशुधन क्षेत्र कृषि GVA में 31% एवं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5.5% का योगदान देता है, जिसका चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 12.77% है।
  • नीतिगत क्षेत्र एवं वैश्विक सहयोग: पशुधन पर FAO की उप-समिति के प्रथम उपाध्यक्ष के रूप में, भारत ने FAO के साथ अपनी 80-वर्षीय साझेदारी की पुष्टि की।

वेनेजुएला

वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने दक्षिणी कैरेबियन सागर में संदिग्ध वेनेजुएलाई ड्रग नौकाओं पर हाल ही में हुए घातक अमेरिकी हमलों के बाद आपातकाल की घोषणा करने का संकेत दिया है।

  • यह घोषणा मादुरो को कथित अमेरिकी आक्रमण से सुरक्षा एवं राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा का हवाला देते हुए, मूल अधिकारों को अस्थायी रूप से निलंबित करने का अधिकार प्रदान करेगी।

वेनेजुएला के बारे में

  • वेनेजुएला दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के उत्तरी किनारे पर स्थित है, जो उत्तरी एवं पश्चिमी गोलार्द्ध में स्थित है तथा इसकी राजधानी कराकास है।
  • सीमाएँ: इसकी दक्षिण में ब्राजील, पूर्व में गुयाना, पश्चिम एवं दक्षिण-पश्चिम में कोलंबिया, तथा कई कैरेबियाई देशों के साथ समुद्री सीमाएँ लगती हैं।
  • भूगोल: इसके चार प्रमुख क्षेत्र हैं: माराकाइबो तराई (गर्म एवं शुष्क), एंडीज पर्वत तथा उत्तरी उच्चभूमि (ठंडा, समशीतोष्ण), मध्य ओरिनोको मैदान (गर्म, कम ऊँचाई वाले), एवं गुयाना उच्चभूमि (आर्द्र, जंगल-उष्णकटिबंधीय)।
  • जल निकाय
    • ओरिनोको नदी 2,000 से अधिक सहायक नदियों के साथ वेनेजुएला की सबसे लंबी नदी है।
    • प्रमुख झीलों में माराकाइबो झील एवं गुरी झील शामिल हैं।
    • एंडीज पर्वत का एंजेल जलप्रपात (विश्व का सबसे ऊँचा जलप्रपात) गुयाना हाइलैंड्स में स्थित है।
  • सबसे ऊँचा बिंदु: पिको बोलिवर (4,979 मीटर)।
  • तटरेखाएँ: उत्तर में कैरेबियन सागर एवं उत्तर-पूर्व में उत्तरी अटलांटिक महासागर के समानांतर स्थित हैं।
    • महत्त्वपूर्ण तटीय विशेषताओं में वेनेजुएला की खाड़ी, पैरागुआना प्रायद्वीप एवं अटलांटिक तट पर ओरिनोको नदी डेल्टा शामिल हैं।

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