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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal October 04, 2025 03:25 52 0

राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025

हाल ही में आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 प्रदान किए।

राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कारों के बारे में

  • परिचय: आयुष मंत्रालय द्वारा स्थापित, ये पुरस्कार आयुर्वेद में उत्कृष्टता को मान्यता देने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से हैं।
  • श्रेणियाँ: पुरस्कार विजेताओं को शिक्षा, पारंपरिक ज्ञान और अनुसंधान के माध्यम से आयुर्वेद को आगे बढ़ाने के लिए सम्मानित किया जाता है।
  • महत्त्व: यह सम्मान युवा विद्वानों, पारंपरिक चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को भारत की समृद्ध आयुर्वेदिक विरासत के संरक्षण, संवर्द्धन और नवाचार के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • वर्ष 2025 पुरस्कार विजेता: प्रो. बनवारी लाल गौड़, वैद्य नीलकंठन मूस ई.टी., और वैद्य भावना प्रशर।

भुगतान नियामक बोर्ड (PRB)

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भुगतान प्रणालियों की निगरानी के लिए RBI गवर्नर की अध्यक्षता में छह सदस्यीय भुगतान नियामक बोर्ड (PRB) का गठन किया है।

  • इसका प्रस्ताव RBI-वाटल समिति ने वर्ष 2017 में दिया था।

भुगतान नियामक बोर्ड (PRB) के बारे में

  • PRB, RBI के केंद्रीय बोर्ड की एक समिति, भुगतान एवं निपटान प्रणाली विनियमन एवं पर्यवेक्षण बोर्ड (Board for Regulation and Supervision of Payment and Settlement Systems- BPSS) का स्थान लेगा।
  • कानूनी ढाँचा: इसे भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 से अधिकार प्राप्त हैं।
  • 9 मई, 2025 को अधिसूचित संशोधनों के माध्यम से, पीआरबी की औपचारिक स्थापना की गई।
  • संरचना
    • पदेन अध्यक्ष: RBI गवर्नर।
    • पदेन सदस्य: डिप्टी गवर्नर और भुगतान एवं निपटान प्रणालियों के प्रभारी कार्यकारी निदेशक।
    • सरकारी नामित: केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्य।
    • स्थायी आमंत्रित: RBI के प्रधान कानूनी सलाहकार।
    • RBI बैठकों के लिए विशेषज्ञों (स्थायी/तदर्थ) को भी आमंत्रित कर सकता है।
  • सहायता संरचना: RBI के भुगतान एवं निपटान प्रणाली विभाग (DPSS) द्वारा समर्थित, जो सीधे PRB को रिपोर्ट करता है।
  • निर्णय लेना: निर्णय उपस्थित सदस्यों के बहुमत से लिए जाते हैं।
    • बराबरी की स्थिति में, अध्यक्ष (या उनकी अनुपस्थिति में उप-गवर्नर) के पास निर्णायक मत का अधिकार होता है।
    • बोर्ड को वर्ष में कम-से-कम दो बार बैठक करनी होती है।
  • भूमिका और कार्य
    • इलेक्ट्रॉनिक और गैर-इलेक्ट्रॉनिक, घरेलू और सीमा-पार प्रणालियों सहित सभी भुगतान प्रणालियों के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए उत्तरदायी।
    • भारत के भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र की दक्षता, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करता है।

फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया लिमिटेड

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वैश्विक व्यापार और वित्त में भारतीय रुपये (INR) के अंतरराष्ट्रीय उपयोग को बढ़ावा देने के उपायों की घोषणा की है।

रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए उठाए गए कदम

  • सीमा पार ऋण: भारत में अधिकृत डीलर बैंक और उनकी विदेशी शाखाएँ जल्द ही भूटान, नेपाल और श्रीलंका के निवासियों और बैंकों को सीमा पार व्यापार को सुगम बनाने के लिए भारतीय रुपये में ऋण दे सकती हैं।
  • विस्तारित संदर्भ दरें: RBI, FBIL द्वारा प्रकाशित मुद्रा संदर्भ दरों का विस्तार करके भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की चुनिंदा मुद्राओं को शामिल करने की योजना बना रहा है, जिससे बैंक अधिक मुद्रा युग्मों में उद्धरण दे सकेंगे और बहु-रूपांतरण दरों को कम कर सकेंगे।
  • विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (SRVA): जुलाई 2022 में शुरू किए गए SRVA धारकों के लिए निवेश विकल्पों का विस्तार किया गया है।
    • अधिशेष शेष राशि को अब सरकारी प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिलों के अलावा कॉरपोरेट बॉण्ड और वाणिज्यिक-पत्रों में निवेश किया जा सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में भारतीय रुपये की तरलता बढ़ेगी।

फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया लिमिटेड (FBIL) के बारे में

  • FBIL भारत में एक स्वतंत्र बेंचमार्क प्रशासन है, जो वित्तीय साधनों के मूल्य निर्धारण और निपटान में प्रयुक्त वित्तीय बेंचमार्क के लिए उत्तरदायी है।
  • स्थापना: वित्तीय बेंचमार्क समिति की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 2014 में निगमित।

भूमिका एवं कार्य

  • इसने MIBOR और विकल्प अस्थिरता मैट्रिक्स जैसे बेंचमार्क को अपने नियंत्रण में ले लिया।
  • मार्केट रेपो ओवरनाइट रेट (MROR), जमा प्रमाण-पत्र (CDs), और T-बिल यील्ड कर्व्स सहित नए बेंचमार्क पेश किए।
  • यह केंद्र और राज्य सरकार की प्रतिभूतियों के मूल्यांकन का मानकीकरण करता है, जो पहले फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एंड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FIMMDA) द्वारा किया जाता था।
  • रुपये के मुकाबले USD/INR और अन्य प्रमुख मुद्राओं के लिए दैनिक संदर्भ दरों की गणना और प्रसार करता है, जिसका प्रबंधन पहले RBI द्वारा किया जाता था।

सेबू भूकंप, फिलीपींस

मध्य फिलीपींस के सेबू प्रांत में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे फिलीपींस सरकार ने आपदा की स्थिति घोषित कर दी।

फिलीपींस के बारे में

  • स्थान: दक्षिण-पूर्व एशिया का एक द्वीपसमूह देश, जो पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित है।
  • जल निकाय: फिलीपीन सागर (पूर्व), दक्षिण चीन सागर (पश्चिम), सुलु सागर (दक्षिण-पश्चिम) और सेलेब्स सागर (दक्षिण) से घिरा हुआ।
  • समुद्री सीमाएँ: ताइवान (उत्तर), मलेशिया और इंडोनेशिया (दक्षिण), और पलाऊ (पूर्व)।
    • लूजोन जलडमरूमध्य उत्तर में ताइवान और दक्षिण में उत्तरी फिलीपींस के लूजोन द्वीप के बीच स्थित है।
    • यह पश्चिमी प्रशांत महासागर के भीतर पूर्व में फिलीपींस सागर को पश्चिम में दक्षिण चीन सागर से जोड़ता है।
  • भौगोलिक विशेषताएँ
    • सबसे ऊँची चोटी: माउंट एपो
    • सबसे लंबी नदी: कागायन नदी (लूज़ोन)
    • सबसे बड़ी झील: लगुना डे बे, जो पासिग नदी द्वारा मनीला खाड़ी से जुड़ी है।
    • भूविज्ञान: प्रशांत अग्नि वलय का एक हिस्सा, भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए प्रवण है। 
    • जलवायु: उष्णकटिबंधीय समुद्री जलवायु (गर्म और आर्द्र)।
  • संसाधन: विश्व का तीसरा सबसे बड़ा भू-तापीय ऊर्जा उत्पादक (अमेरिका और इंडोनेशिया के बाद)

लाल बहादुर शास्त्री

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री को उनकी 121वीं जयंती पर उनके नेतृत्व, ईमानदारी और भारत के लिए दूरदर्शिता के लिए एक “असाधारण राजनेता” के रूप में याद किया।

लाल बहादुर शास्त्री के बारे में

  • जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद वर्ष 1964 में लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने।
  • जन्म: 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में
  • शिक्षा: उन्होंने वर्ष 1925 में विद्यापीठ से दर्शनशास्त्र और नैतिकता में प्रथम श्रेणी की उपाधि प्राप्त की।
    • वे छोटी आयु से ही अपनी विनम्रता, अनुशासन और समर्पण के लिए जाने जाते थे।
  • स्वतंत्रता सेनानी: गांधीवादी मूल्यों और अहिंसा के सिद्धांतों से प्रभावित होकर स्वतंत्रता संग्राम (सविनय अवज्ञा आंदोलन) में सक्रिय रूप से भाग लिया।
  • स्वतंत्रता के बाद का नेतृत्व: प्रधानमंत्री बनने से पहले प्रमुख मंत्री पदों पर रहे; वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध जैसे चुनौतीपूर्ण समय में भारत का नेतृत्व किया।
  • आर्थिक और सामाजिक पहल: कृषि, आत्मनिर्भरता और खाद्य सुरक्षा की वकालत की, जिससे भारत में हरित क्रांति (1965) को प्रेरणा मिली।
    • वे सैनिकों और किसानों का सम्मान करते हुए अपने प्रतिष्ठित नारे ‘जय जवान, जय किसान’ के लिए अमर हैं।
  • मृत्यु: 11 जनवरी 1966 (आयु 61 वर्ष), ताशकंद, उज्बेकिस्तान।

जैव चिकित्सा अनुसंधान कॅरियर कार्यक्रम (BRCP)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में विश्वस्तरीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए जैव चिकित्सा अनुसंधान कॅरियर कार्यक्रम (BRCP) के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है।

जैव चिकित्सा अनुसंधान कॅरियर कार्यक्रम (BRCP) के बारे में

  • BRCP, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा वेलकम ट्रस्ट (WT), यू.के. के साथ साझेदारी में DBT/वेलकम ट्रस्ट इंडिया अलायंस (विशेष प्रयोजन वाहन) के माध्यम से कार्यान्वित एक प्रमुख पहल है।
  • उद्देश्य: जैव चिकित्सा अनुसंधान में शीर्ष स्तरीय वैज्ञानिक प्रतिभाओं का विकास करना, अंतःविषयक और अनुवादात्मक नवाचार को बढ़ावा देना, क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्द्धी अनुसंधान क्षमता का निर्माण करना।
  • प्रारंभ: वर्ष 2008-2009 में प्रारंभ।
  • यह भारत में जैव चिकित्सा अनुसंधान में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अनुसंधान फेलोशिप प्रदान करता है।
  • चरण II: यह वर्ष 2018-19 में एक विस्तारित पोर्टफोलियो के साथ शुरू हुआ, जिसने भारत के जैव चिकित्सा अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत किया।
  • चरण I और II: भारत को अंतरराष्ट्रीय मान्यता के साथ जैव चिकित्सा विज्ञान के एक उभरते केंद्र के रूप में स्थापित किया।
  • चरण III (वर्ष 2025-26 से वर्ष 2030-31, जिसे वर्ष 2037-38 तक बढ़ाया जा सकता है):-
    • बुनियादी, नैदानिक ​​और जन स्वास्थ्य विज्ञान में प्रारंभिक कॅरियर और मध्यवर्ती अनुसंधान फेलोशिप।
    • सहयोगी अनुदान कार्यक्रम: अन्वेषक टीमों के लिए कॅरियर विकास अनुदान और उत्प्रेरक सहयोगी अनुदान।
    • अनुसंधान प्रबंधन कार्यक्रम: मार्गदर्शन, नेटवर्किंग, जन सहभागिता और राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को सुदृढ़ बनाना।
  • चरण III का उद्देश्य 2,000 से अधिक छात्रों और पोस्टडॉक्टरल फेलो को प्रशिक्षित करना, उच्च-प्रभावी प्रकाशन तैयार करना, पेटेंट योग्य खोजों को सक्षम बनाना, अनुसंधान में महिलाओं के लिए समर्थन बढ़ाना और टियर-2/3 शहरों में अनुसंधान का विस्तार करना है।

अमेरिकी सरकार का शटडाउन

अमेरिका वर्ष 1981 के बाद से 15वीं बार गवर्नमेंट शटडाउन का सामना कर रहा है।

अमेरिकी सरकार का शटडाउन क्या है?

  • अमेरिकी सरकार का शटडाउन तब होता है, जब कांग्रेस बजट या अस्थायी वित्तपोषण विधेयक पारित करने में विफल रहती है, जिसके परिणामस्वरूप अनावश्यक संघीय सरकारी सेवाएँ निलंबित हो जाती हैं।
  • वर्तमान गतिरोध दलीय विभाजन को दर्शाता है, जहाँ रिपब्लिकन राजकोषीय संयम और आव्रजन नियंत्रण पर जोर दे रहे हैं, जबकि डेमोक्रेट स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें अफोर्डेबल केयर एक्ट (ACA), मेडिकेड और स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी के तहत सुरक्षा शामिल है।

शटडाउन का प्रभाव

  • अमेरिकी कानून के तहत, रक्षा, कानून प्रवर्तन और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर, जब कोई आवंटित धनराशि उपलब्ध न हो, तो एजेंसियों को अपना कार्य बंद कर देना चाहिए।
  • संघीय कर्मचारियों को छुट्टी या वेतन में देरी का सामना करना पड़ता है, सरकारी ठेकेदारों को भुगतान नहीं मिलता है और संग्रहालय, पार्क और प्रशासनिक प्रक्रिया जैसी सार्वजनिक सेवाएँ निलंबित कर दी जाती हैं।
  • इससे जनता का विश्वास कमजोर होता है, आर्थिक गतिविधियाँ बाधित होती हैं और संघीय कार्यक्रमों पर निर्भर लाखों परिवार प्रभावित होते हैं।

पूर्व में शटडाउन

  • राष्ट्रपति ट्रंप के अधीन वर्ष 2018-19 का शटडाउन 35 दिनों तक चला, जो अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबा था, जिससे सरकारी कामकाज बुरी तरह बाधित हुआ और अर्थव्यवस्था को अरबों का नुकसान हुआ।

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