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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal October 11, 2025 04:01 63 0

प्लूटोनियम प्रबंधन और निपटान समझौता (PMDA)

हाल ही में, रूस की संसद ने रणनीतिक संतुलन में बदलाव और अमेरिका की ‘अमित्रतापूर्ण कार्रवाइयों’ का हवाला देते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ प्लूटोनियम प्रबंधन और निपटान समझौते (Plutonium Management and Disposition Agreement-PMDA) से औपचारिक रूप से हटने के लिए कानून को मंजूरी दी।

प्लूटोनियम प्रबंधन और निपटान समझौता (PMDA) के बारे में 

  • PMDA एक ऐतिहासिक परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता था, जो वर्ष 2000 में संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच हस्ताक्षरित किया गया था, जिसका उद्देश्य शीत युद्ध काल के हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम के भंडार को कम करना था।
  • कार्यान्वयन: यह समझौता 2011 में लागू हुआ, जिसके तहत दोनों देशों को कम-से-कम 34 टन अतिरिक्त प्लूटोनियम का निपटान करना था, जो लगभग 17,000 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त था।
  • मुख्य प्रावधान
    • इस समझौते के अनुसार प्लूटोनियम को सुरक्षित रूपों में परिवर्तित किया जाना था, जैसे कि सिविल परमाणु रिएक्टरों के लिए मिश्रित ऑक्साइड (MOX) ईंधन या विद्युत उत्पादन के लिए तीव्र-न्यूट्रॉन रिएक्टरों में विकिरणित किया जाना।
    • इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करके परमाणु प्रसार को रोकना था कि प्लूटोनियम का हथियारों के विकास के लिए पुन: उपयोग न किया जा सके।

रूस के इस निर्णय के कारण

  • अमेरिका द्वारा अनुपालन का अभाव: रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसने रूसी सहमति के बिना प्लूटोनियम निपटान विधि को एकतरफा रूप से बदलकर MOX ईंधन में रूपांतरण से सरल तनुकरण और भूमिगत निपटान कर PMDA का उल्लंघन किया है।
  • रणनीतिक असंतोष: रूस ने कहा कि अमेरिका ने प्रतिबंधों, नाटो विस्तार और अन्य रूस विरोधी उपायों के माध्यम से रणनीतिक संतुलन को बदल दिया है, जिससे वर्ष 2000 के समझौते का आधार कमजोर हो गया है।

वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस ही विश्व के दो सबसे बड़े परमाणु शक्तियाँ हैं। दोनों के पास मिलाकर लगभग 8,000 परमाणु हथियार हैं, जो शीत युद्ध के चरम (1986) के दौरान 73,000 परमाणु हथियार की तुलना में काफी कम हैं।

द्रव्य (DRAVYA) पोर्टल

हाल ही में केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने ‘द्रव्य पोर्टल’ (DRAVYA Portal) लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य आयुष प्रणालियों में उपयोग होने वाले प्रमुख औषधीय पदार्थों का डिजिटल सूचीकरण  करना है।

द्रव्य पोर्टल के बारे में 

  • ‘डिजिटाइज्ड रिट्रीवल एप्लिकेशन फॉर वर्सेटाइल यार्डस्टिक ऑफ आयुष’ (Digitised Retrieval Application for Versatile Yardstick of Ayush-DRAVYA) एक AI-आधारित ऑनलाइन नॉलेज रिपॉजिटरी है, जो पारंपरिक और आधुनिक अनुसंधान को एकीकृत करती है।
  • विकसितकर्ता: केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) केंद्रीय आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत विकसित किया गया है।
  • उद्देश्य
    • प्रथम चरण में 100 प्रमुख औषधीय पदार्थों की जानकारी का सूचीकरण करना।
    • आयुर्वेदिक औषध विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, फार्मेसी, सुरक्षा और फार्माकोथेरेप्यूटिक्स को समाहित करने वाला एक व्यापक मुक्त-सुलभ डेटाबेस बनाना।
    • पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक अनुसंधान के साथ साक्ष्य-आधारित और नवाचार-सक्षम ढंग से जोड़ना।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • एआई-सक्षम डिजाइन: उन्नत डेटा विश्लेषण और आयुष ग्रिड के साथ एकीकरण में सहायक।
    • QR कोड एकीकरण: औषधीय पौधों के उद्यानों और औषध भंडारों में मानकीकृत प्रदर्शन के लिए।
    • गतिशील अद्यतन प्रणाली: एक समर्पित डेटा एंट्री सॉफ्टवेयर के माध्यम से निरंतर, सटीक और प्रमाणिक अपडेट सुनिश्चित किए जाएँगे।

रीजनल सर्च एंड रेस्क्यू एक्सरसाइज (ReSAREX–25)

हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने कर्नाटक तट पर ReSAREX–25 नामक एक अभ्यास आयोजित किया, जिसका उद्देश्य समुद्र में सामूहिक बचाव अभियानों और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय का परीक्षण करना था।

रीजनल सर्च एंड रेस्क्यू एक्सरसाइज (ReSAREX–25) के बारे में

  • ReSAREX–25 एक क्षेत्रीय समुद्री खोज और बचाव संबंधी अभ्यास  है, जिसका उद्देश्य तैयारी, संचालनिक तत्परता और सभी समुद्री बचाव हितधारकों के बीच समन्वय को परखना और सुदृढ़ करना है।
  • अवस्थिति: मंगलुरु तट, कर्नाटक, तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय (पश्चिम), मुंबई के तत्वावधान में आयोजित।
  • प्रतिभागी एजेंसियाँ: मुख्य प्रतिभागियों में शामिल प्रमुख एजेंसियों में भारतीय तटरक्षक जहाज और विमान, कर्नाटक पुलिस, तटीय सुरक्षा पुलिस, न्यू मैंगलोर पोर्ट अथॉरिटी (NMPA), मैंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), श्रीनिवास अस्पताल, भारतीय मिशन नियंत्रण केंद्र (INMCC), और समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (MRCC) मुंबई शामिल थे।

उद्देश्य

  • समुद्र में सामूहिक बचाव अभियानों के लिए आकस्मिक योजनाओं को सक्रिय और सत्यापित करना।
  • आपातकालीन परिस्थितियों में एजेंसियों के बीच संचार, समन्वय और संचालनिक गति का मूल्यांकन करना।
  • आग, चिकित्सा निकासी और जीवनरक्षा अभियानों का अनुकरण करना, जिसमें ड्रोन-सहायता प्राप्त और एयर ड्राप रेस्क्यू इक्विपमेंट शामिल थे।

भारतीय तटरक्षक बल के बारे में

  • भारतीय तटरक्षक बल (ICG) एक समुद्री सुरक्षा एजेंसी है, जिसका मुख्य कार्य भारत के समुद्री हितों की रक्षा करना और समुद्र में कानून प्रवर्तन सुनिश्चित करना है।
  • स्थापना: 1 फरवरी, 1977 को, भारतीय तटरक्षक अधिनियम, 1978 के अंतर्गत स्थापित।
  • नोडल मंत्रालय: रक्षा मंत्रालय (भारत सरकार)।
  • आदर्श वाक्य: ‘वयम् रक्षामः’ जिसका अर्थ है ‘हम रक्षा करते हैं’ (We Protect)
  • अधिकार क्षेत्र:  भारत के आंतरिक जल, संलग्न क्षेत्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) और महाद्वीपीय शेल्फ में संचालन।
  • भूमिका: समुद्री सुरक्षा, , खोज-और-बचाव, प्रदूषण नियंत्रण, तस्करी-रोध और तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करना।

‘सक्षम’ काउंटर-UAS ग्रिड

हाल में भारतीय सेना ने स्वदेश में विकसित ‘सक्षम’ काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (CUAS) ग्रिड’ को शामिल किया।

‘सक्षम’ काउंटर–यूएएस ग्रिड के बारे में

  • ‘सिचुएशनल अवेयरनेस फॉर काइनेटिक सॉफ्ट एंड हार्ड किल एसेट्स मैनेजमेंट’ (सक्षम) यह एक मॉड्यूलर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)-संचालित कमांड एवं नियंत्रण प्रणाली (C2 System) है, जो विरोधी ड्रोन और अनमैन्ड एरियल सिस्टम (UAS) को रियल-टाइम में पहचानने, ट्रैक करने, वर्गीकृत करने और निष्प्रभावी करने के लिए बनाई गई है।
  • विकसितकर्ता: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), गाजियाबाद, भारतीय सेना के सहयोग से विकसित।
  • खरीद मार्ग: फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट (FTP) मार्ग के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है।
    • FTP मार्ग:  यह एक रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया है, जो सशस्त्र बलों को त्वरित आवश्यकता की स्थिति में महत्त्वपूर्ण उपकरण और प्रणालियाँ शीघ्रता से खरीदने की अनुमति देता है, ताकि लंबी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर त्वरित तैनाती सुनिश्चित की जा सके।
  • परिचालन महत्त्व:सक्षम’ प्रणाली भारतीय सेना को एयर लिटरल [(Air Littoral) अर्थात् लगभग 3,000 मीटर ऊँचाई तक का वायुमंडलीय क्षेत्र] पर  सुरक्षित नियंत्रण प्रदान करती है, जिससे सहयोगी देश के एरियल संसाधनों की स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित होती है और शत्रु ड्रोन के विरुद्ध शीघ्र प्रत्युत्तर  संभव होता है।
  • कार्य प्रणाली: यह सुरक्षित आर्मी डेटा नेटवर्क (ADN) पर कार्य करती है, एक GIS आधारित यूनिफाइड एयर पिक्चर (Unified Air Picture) प्रदान करती है, और आकाशतीर प्रणाली के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत होती है,  जिससे रियल टाइम स्थिति जागरूकता प्राप्त होती है।

मुख्य विशेषताएँ

  • खतरे की रियल टाइम पहचान:  उन्नत रडार और ऑप्टिकल प्रणालियों के माध्यम से शत्रु ड्रोन की त्वरित पहचान तथा ट्रैकिंग करती है।
  • AI आधारित पूर्वानुमान विश्लेषण: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर खतरे का अग्रिम आकलन और प्रारंभिक चेतावनी  देती है।
  • एकीकृत प्रतिक्रिया प्रणाली: विभिन्न CUAS सेंसरों और हथियार प्रणालियों को जोड़कर एक समन्वित एवं स्वचालित प्रति-ड्रोन प्रतिक्रिया प्रदान करती है।
  • 3D युद्धक्षेत्र दृश्यांकन:  तीन-आयामी मान्यता प्राप्त UAS चित्र (RUASP) प्रदान करती है  जिससे स्थिति जागरूकता बढ़ती है।
  • नेटवर्क आधारित संचालन: सुरक्षित आर्मी डेटा नेटवर्क (ADN) पर कार्य करती है और आकाशतीर प्रणाली (Akashteer System) के साथ एकीकृत होकर मित्र, तटस्थ और शत्रु देशों के  वायु उपयोगकर्ताओं की मैपिंग करती है।
  • स्वचालित निर्णय सहायता: कमांडरों को डेटा-आधारित, त्वरित सामरिक निर्णय लेने में सहायता प्रदान करती है।

वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार

वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है।

मारिया कोरीना मचाडो के बारे में

  • जन्म: 1967, काराकास, वेनेजुएला 
  • शिक्षा: औद्योगिक इंजीनियरिंग (यूनिवर्सिडैड कैटोलिका एन्ड्रेस बेल्लो) और फाइनेंस (IESA) का अध्ययन किया।
  • राजनीतिक संगठन: वेंते वेनेजुएला (Vente Venezuela) राजनीतिक दल की संस्थापक हैं।
  • सुमाते (Sumate) की सह-संस्थापक (वर्ष 2002): स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए अभियान चलाने हेतु स्थापित किया गया था।
  • राजनीतिक भूमिका: वर्ष 2010–2014 के बीच नेशनल असेंबली की सदस्य, सरकार का विरोध करने के कारण निष्कासित की गईं।

कार्य और योगदान

  • वेनेजुएला में लोकतंत्र, मानवाधिकारों और शांतिपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के उनके अथक प्रयासों के लिए सम्मानित।
  • नोबेल समिति की टिप्पणी: ‘अधिनायकवादी शासन के मध्य लोकतंत्र का समर्थन  करने वाली महिला’ के रूप में प्रशंसित किया।
  • महत्त्व: वेनेजुएला के लोकतांत्रिक संघर्ष के साथ वैश्विक एकजुटता का प्रतिनिधित्व करता है।
    • शांति और न्याय को आगे बढ़ाने में महिला नेताओं की भूमिका को सुदृढ़ करता है।
  • उनका कार्य और योगदान
    • लोकतंत्र समर्थक: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव और संवैधानिक शासन का समर्थन किया।
    • संस्थापक, वेंते वेनेजुएला: नागरिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक सुधारों को बढ़ावा दिया।
    • सह-संस्थापक, सुमाते (वर्ष 2002): चुनावी पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा दिया।
    • विपक्ष को एकजुट करना: सोय वेनेजुएला गठबंधन (Soy Venezuela alliance) (2017) के माध्यम से लोकतंत्र समर्थक शक्तियों को एकजुट करने में मदद की।
    • अहिंसक प्रतिरोध: अधिनायकवाद के विरुद्ध शांतिपूर्ण नागरिक संघर्ष को बढ़ावा देता है।
  • वर्ष 2024 नोबेल शांति पुरस्कार: यह पुरस्कार हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बम हमले में जीवित बचे लोगों के एक जापानी संगठन निहोन हिडांक्यो को दिया गया, जो परमाणु निरस्त्रीकरण और वैश्विक शांति की वकालत करता है।

जिला न्यायाधीश की पात्रता

भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अगुवाई वाली सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने निर्णय दिया कि सात वर्ष के संयुक्त बार और सेवा अनुभव वाले न्यायिक अधिकारियों को संविधान के अनुच्छेद-233 के तहत जिला या अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

  • न्यायालय ने अनुच्छेद 233(2) की व्यापक व्याख्या पर जोर देते हुए कहा कि ‘न्यायिक सेवा में शामिल होने पर वह एक वकील के रूप में योगदान दे सकता है।’
  • संयुक्त अनुभव खंड: न्यायालय ने माना कि एक न्यायिक अधिकारी का अधिवक्ता के रूप में पूर्व अभ्यास, जिला न्यायाधीश की पात्रता के लिए आवश्यक सात-वर्षीय अनुभव की श्रेणी में गिना जाता है।

जिला न्यायाधीश के बारे में

  • जिला न्यायाधीश, जिला न्यायपालिका में सर्वोच्च न्यायिक प्राधिकारी होते हैं, जो दीवानी और फौजदारी मामलों को देखते हैं और अधीनस्थ न्यायालयों का पर्यवेक्षण करते हैं।
  • संवैधानिक प्रावधान: भारतीय संविधान के अनुच्छेद-233 के तहत, जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति, पदस्थापना और पदोन्नति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श से की जाती है।
  • जिला न्यायाधीशों के लिए पात्रता मानदंड
    • अनुभव: अधिवक्ता के रूप में न्यूनतम सात वर्ष का अनुभव अथवा न्यायिक एवं बार का संयुक्त अनुभव।
    • आयु सीमा: आवेदन के समय कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
  • भर्ती: उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्य सरकार द्वारा आयोजित।
  • पदोन्नति: पर्याप्त अनुभव और योग्यता वाले जिला न्यायाधीश, संविधान के अनुच्छेद-217 के अंतर्गत उच्च न्यायालयों में पदोन्नति के पात्र हैं।

निर्णय का महत्त्व 

  • इस निर्णय का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना, निचली अदालतों में गतिरोध को कम करना तथा व्यापक पात्रता एवं समान मानकों के माध्यम से न्यायिक दक्षता को बढ़ाना है।

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