100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal October 15, 2025 03:07 18 0

यूनेस्को का चोरी हुई सांस्कृतिक वस्तुओं का आभासी संग्रहालय

हाल ही में यूनेस्को ने स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित मॉन्डियाकल्ट (MONDIACULT) सम्मेलन में चोरी की गई सांस्कृतिक वस्तुओं के आभासी संग्रहालय का शुभारंभ किया।

चोरी हुई सांस्कृतिक वस्तुओं के लिए यूनेस्को के आभासी संग्रहालय के बारे में

  • परिचय: यह संग्रहालय एक नवोन्मेषी डिजिटल मंच है, जिसका उद्देश्य अवैध सांस्कृतिक वस्तु तस्करी का मुकाबला करना और विशेषकर औपनिवेशिक काल में लूटी गई वस्तुओं की पहचान, संरक्षण तथा उनकी वापसी को बढ़ावा देना है।
  • उद्देश्य: इसका मुख्य लक्ष्य समुदायों को चुराई गई सांस्कृतिक धरोहरों से पुनः जोड़ना, विरासत के नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाना, तथा अंततः वस्तुओं को उनके मूल देशों में वापस पहुँचाना है।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • संग्रहालय में वर्तमान में 46 देशों की लगभग 240 लापता वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं। यह संग्रह समय-समय पर अद्यतन होगा, जब वस्तुएँ अपने देशों को लौटाई जाएँगी।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग उन वस्तुओं को डिजिटली पुनर्निर्मित करने के लिए किया गया है, जिनका  वास्तविक स्वरूप दुर्लभ है।
    • वेबसाइट का डिजाइन “बाओबाब वृक्ष” (Baobab Tree) के रूप में बनाया गया है, जो शक्ति का प्रतीक है और इसमें चोरी हुई सांस्कृतिक वस्तुओं की गैलरी, ऑडिटोरियम और वापसी एवं प्रतिपूर्ति कक्ष शामिल हैं।
    • आगंतुक वस्तुओं को उनके नाम, सामग्री, कार्य और रंग के आधार पर देख सकते हैं, सामुदायिक साक्ष्यों का अवलोकन कर सकते हैं तथा मानचित्र पर चोरी हुई वस्तुओं के मूल स्थान का पता लगा सकते हैं।
    • यह मंच सरकारों, संग्रहालयों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नागरिक समाज के बीच संवाद को प्रोत्साहित करता है ताकि सांस्कृतिक वापसी और संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके।

भारत की भागीदारी

  • संग्रहालय में भारत की दो 9वीं शताब्दी की बलुआ पत्थर की मूर्तियाँ प्रदर्शित हैं, जो छत्तीसगढ़ के पाली स्थित महादेव मंदिर से संबंधित हैं।
    • नटराज मूर्ति:  भगवान शिव के तांडव नृत्य का प्रतिनिधित्व करती है।
    • ब्रह्मा मूर्ति: हिंदू दार्शनिक अवधारणाओं का चित्रण करती है।

महत्त्व

यह परियोजना सांस्कृतिक वस्तुओं की वापसी, लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों को कम करने, सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने तथा अवैध सांस्कृतिक तस्करी से निपटने में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक आभासी उपकरण के रूप में कार्य करती है।

केंटन आर. मिलर पुरस्कार

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर डॉ. सोनाली घोष को संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन में नवाचार हेतु IUCN WCPA केंटन आर. मिलर पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया।

  • वह यह सम्मान प्राप्त करने वाली पहली भारतीय बनीं। यह पुरस्कार इक्वाडोर के पर्यावरणविद् रोक सिमोन सेविला के साथ साझा किया गया।

केंटन आर. मिलर पुरस्कार के बारे में

  • प्रारंभ: केंटन आर. मिलर पुरस्कार, IUCN विश्व संरक्षित क्षेत्र आयोग (WCPA) द्वारा वर्ष 1999 में स्थापित किया गया, जो संरक्षित क्षेत्रों के सतत् प्रबंधन में नवाचार और उत्कृष्टता को सम्मानित करता है।
  • नामकरण: डॉ. केंटन आर. मिलर, एक अग्रणी संरक्षणवादी और पूर्व IUCN महानिदेशक, जिन्हें ग्लोबल पार्क प्रशासन और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
  • उद्देश्य: यह पुरस्कार राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों की योजना, प्रशासन, निगरानी, ​​क्षमता निर्माण और वित्तपोषण में नवीन दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
  • पात्रता: सार्वजनिक या निजी संरक्षित क्षेत्र प्रबंधक, शोधकर्ता, शिक्षक तथा सामुदायिक नेता इस पुरस्कार के लिए योग्य हैं।
    • प्राथमिकता उन नामांकनों को दी जाती है, जिन्हें पहले कोई अंतरराष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला हो, ताकि नए नेतृत्व को प्रोत्साहन मिले।
  • पुरस्कार घटक: इसमें 5,000 अमेरिकी डॉलर का अनुदान, वैश्विक मान्यता और IUCN विश्व संरक्षण कांग्रेस में प्रायोजित भागीदारी शामिल है।
  • वर्ष 2025 की भारतीय पुरस्कार विजेता – डॉ. सोनाली घोष: काजीरंगा और मानस राष्ट्रीय उद्यान में समुदाय-एकीकृत संरक्षण मॉडल के अग्रणी होने तथा वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ पारंपरिक पारिस्थितिकी ज्ञान के सम्मिश्रण के लिए मान्यता प्राप्त।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

  • अवस्थिति: असम, ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ के मैदानों के किनारे।
  • प्रमुख पशु: एक सींग वाला गैंडा, बाघ, हाथी, स्वैंप डियर और जंगली भैंसा।

मानस राष्ट्रीय उद्यान

  • अवस्थिति: असम, भूटान की सीमा से संलग्न, मानस नदी घाटी का हिस्सा।
  • प्रमुख पशु: बाघ, भारतीय हाथी, पिग्मी हॉग, गोल्डन लंगूर और जंगली भैंसा।

दोनों उद्यान यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं।  ये क्षेत्र पूर्वोत्तर भारत में विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण, जैव विविधता और बड़े स्तनधारियों के आवास संरक्षण के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं।

कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु योजनाएँ

11 अक्टूबर, 2025 को भारतीय प्रधानमंत्री ने 35,440 करोड़ रुपये की दो प्रमुख कृषि योजनाओं का शुभारंभ किया और 5,450 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

राष्ट्रीय दलहन मिशन 

  • उद्देश्य:  आत्मनिर्भर भारत के लिए दलहन मिशन का उद्देश्य देश में दलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाना और आयात पर निर्भरता घटाना है, ताकि भारत कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़े।
  • लक्ष्य: इस मिशन का लक्ष्य फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन को 252.38 लाख टन (वर्तमान) से बढ़ाकर 350 लाख टन करना है, जिससे आयात आवश्यकताओं में कमी आएगी।
  • बजट और कार्यान्वयन: इस योजना का कुल परिव्यय 11,440 करोड़ रुपये है और इसे आगामी रबी सीजन से वर्ष 2030-31 तक लागू किया जाएगा।

प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के बारे में

  • प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का लक्ष्य उन्नत कृषि उत्पादकता और सतत् विकास प्रथाओं के माध्यम से 100 कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में बदलाव लाना है।
  • लक्ष्य और फोकस क्षेत्र: इस योजना का उद्देश्य समग्र कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चयनित जिलों में उत्पादकता, फसल विविधीकरण, सिंचाई, भंडारण सुविधाओं और ऋण पहुँच में सुधार करना है।
  • बजट: इस कार्यक्रम का कुल परिव्यय 24,000 करोड़ रुपये है और इसे रबी सीजन वर्ष 2025-26 से वर्ष 2030-31 तक लागू किया जाएगा, जो कृषि क्षेत्र में अन्य सरकारी पहलों का पूरक होगा।

प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटित प्रमुख परियोजनाएँ

  • बंगलूरू और जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र।
  • अमरेली और बनास में कृषि उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence)।
  • असम में IVF प्रयोगशाला (IVF Lab): राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत।
  • मेहसाणा, इंदौर और भीलवाड़ा में मिल्क पाउडर संयंत्र
  • तेजपुर, असम में मछली आहार संयंत्र प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत।

रबी की फसल के बारे में

  • रबी की फसलें भारत में शीतकालीन है, जिन्हें अक्टूबर-दिसंबर के दौरान बोया जाता है और अगले वर्ष मार्च-जून में काटा जाता है।।
  • प्रमुख रबी की फसलें अनाज (गेहूँ, जौ, जई, चना), दलहन (मसूर, मटर) और तिलहन (सरसों, रेपसीड) हैं।

ये पहल दालों, कृषि, पशुपालन और मत्स्यपालन में मूल्य शृंखलाओं को मजबूत करती हैं, कृषक सशक्तीकरण को बढ़ावा देती हैं तथा FPOs, PMKSKs और प्रमाणित ‘मैत्री’ तकनीशियनों के माध्यम से ग्रामीण आजीविका को बढ़ाती हैं।

इंडियन वुल्फ (कैनिस ल्यूपस पल्लिप्स)

पहली बार किए गए वैश्विक मूल्यांकन में, इंडियन वुल्फ (कैनिस ल्यूपस पल्लिप्स) को IUCN रेड लिस्ट में ‘असुरक्षित’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें केवल 3,000 वयस्क भेड़िये ही बचे हैं।

‘इंडियन वुल्फ’ के बारे में 

  • इंडियन वुल्फ (कैनिस ल्यूपस पल्लिप्स) विश्व स्तर पर सबसे प्राचीन भेड़िया वंशों में से एक है, जो ऐतिहासिक रूप से भारत और पाकिस्तान में विस्तृत है।
  • वितरण: महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में प्रमुख आवास स्थल हैं, जो भारत के लगभग आधे भेड़ियों का समर्थन करते हैं, ये प्रजाति मुख्यतः घासभूमि (Grasslands), झाड़ीदार भूमि (Scrublands) तथा अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों (Semi-arid Landscapes) में पाई जाती है।
    • अधिकांश भेड़िये संरक्षित क्षेत्रों के बाहर, प्रायः खेतों और गाँवों के निकट रहते हैं।
  • गिरावट: 10,000 से अधिक स्थानों पर आवास मॉडलिंग का उपयोग करके किए गए IUCN आकलन के अनुसार, 2,877-3,310 परिपक्व प्रजातियाँ शेष हैं।
    • आवास की हानि, मानव उत्पीड़न, बीमारी और जंगली कुत्तों के साथ संकरण के कारण आबादी में गिरावट आई है।
    • उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभयारण्य में वर्ष 2007-2023 के बीच 41% की गिरावट देखी गई।
  • पारिस्थितिकी भूमिका: एक शीर्ष शिकारी के रूप में, भारतीय भेड़िया शाकाहारी आबादी को नियंत्रित करके और घास के मैदानों में अतिचारण को रोककर पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखता है।
  • संरक्षण स्थिति 
    • IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य
    • भारत का वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची-I ।
  • संरक्षण संबंधी सिफारिशें: IUCN ने तत्काल उपाय करने का आह्वान किया है, जिसमें चरागाहों का पुनरुद्धार, समुदाय आधारित सह-अस्तित्व कार्यक्रम, दीर्घकालिक संख्या निगरानी, ​​संघर्ष शमन, मुआवजा योजनाएँ और मजबूत कानूनी संरक्षण शामिल हैं।

फेयर से फुर्सत योजना (Fare Se Fursat Scheme)

हाल ही में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने सरकारी स्वामित्व वाली क्षेत्रीय एयरलाइन एलायंस एयर द्वारा एक निश्चित किराया पहल ‘फेयर से फुर्सत’ का शुभारंभ किया।

फेयर से फुर्सत योजना के बारे में

  • ‘फेयर से फुर्सत’ एलायंस एयर की एक पायलट पहल है, जो यात्रियों को एकल, निश्चित हवाई किराया प्रदान करती है, जो बुकिंग तिथि, मौसम या अंतिम समय की माँग में उतार-चढ़ाव से अप्रभावित रहता है।
  • उद्देश्य
    • हवाई किराए की अनिश्चितता को दूर करना, यात्रा के दिन बुकिंग के लिए भी लागत की निश्चितता प्रदान करना।
    • टियर-II और टियर-III शहरों के यात्रियों के लिए किफायती और सुलभ हवाई यात्रा को बढ़ावा देना।
    • यह उड़ान क्षेत्रीय संपर्क योजना और विमानन के लोकतांत्रीकरण के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
    • छोटे शहरों से पहली बार हवाई यात्रा करने वालों को प्रोत्साहित करना, संपर्क और यात्री सुविधा को बढ़ाना।
    • भारतीय विमानन क्षेत्र में यात्री-केंद्रित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना, उड़ान यात्री कैफे जैसी पहलों को पूरक बनाना।

‘एलायंस एयर’ के बारे में

  • परिचय: ‘एलायंस एयर’ एक सरकारी स्वामित्व वाली क्षेत्रीय एयरलाइन है, जो छोटे शहरों और कस्बों को जोड़ने के लिए क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS-UDAN) के तहत घरेलू उड़ानें प्रदान करती है।
  • स्वामित्व: AI एसेट होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) के माध्यम से भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व में।
    • पूर्व में यह एयर इंडिया की सहायक कंपनी थी, लेकिन अब एयर इंडिया के निजीकरण के बाद यह एक अलग, सरकार-नियंत्रित इकाई बन गई है।
  • भारतीय विमानन में भूमिका
    • यह क्षेत्रीय और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करते हुए, RCS-उड़ान के आधारभूत रूप में कार्य करता है।
    • यह ‘उड़े देश का आम नागरिक’ के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए, लाभप्रदता के स्थान पर जन सेवा पर केंद्रित पहलों को लागू करता है।

महत्त्व: यह योजना और एलायंस एयर के प्रयास क्षेत्रीय संपर्क तथा आर्थिक समावेशन को मजबूत करते हुए हवाई यात्रा को पूर्वानुमानित, सस्ती और सुलभ बनाने के भारत के लक्ष्य को सुदृढ़ करते हैं।

अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंद’ (Exercise AUSTRAHIND) 2025

हाल ही में भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास ऑस्ट्राहिंद 2025 का चौथा संस्करण पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया।

अभ्यास ऑस्ट्राहिंद 2025 के बारे में

  • यह भारतीय सेना और ऑस्ट्रेलियाई सेना के बीच परिचालन सहयोग और अंतर-संचालन क्षमता को मजबूत करने के लिए आयोजित किया जाने वाला एक वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
  • प्रारंभ: इसकी शुरुआत वर्ष 2022 में पहले ऑस्ट्राहिंद अभ्यास के साथ हुई थी।
  • वर्ष 2025 की अवस्थिति: ऑस्ट्रेलिया के पर्थ के पास अर्द्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र।
  • प्रतिभागी: गोरखा राइफल्स की एक बटालियन और ऑस्ट्रेलियाई सेना इकाइयों के नेतृत्व में भारतीय दल, संयुक्त सामरिक और परिचालन अभ्यास में भाग ले रहा है।

उद्देश्य: सैन्य सहयोग बढ़ाना तथा रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं (TTPs) का आदान-प्रदान करना।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.