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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal October 31, 2025 03:05 33 0

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) 

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के 8वें सत्र का आयोजन भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया गया।

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के बारे में 

  • यह एक वैश्विक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य सतत् विकास हेतु सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करना है।
  • स्थापना: ISA की शुरुआत भारत और फ्राँस द्वारा वर्ष 2015 में COP-21 (पेरिस) के दौरान की गई थी और यह वर्ष 2017 में औपचारिक रूप से क्रियाशील हुआ।
  • मुख्यालय: गुरुग्राम (भारत) में स्थित है।
  • सदस्यता: वर्तमान में ISA में 125 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देश शामिल हैं, प्रारंभ में यह संगठन कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित देशों पर केंद्रित था, परंतु अब यह वैश्विक भागीदारी की दिशा में विस्तार कर चुका है।
  • उद्देश्य: ISA का उद्देश्य सार्वभौमिक ऊर्जा पहुँच सुनिश्चित करने, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने तथा सतत्, किफायती और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा समाधानों को गतिशील बनाना है।
  • विजन: “वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड” के विजन से प्रेरित होकर, ISA उत्प्रेरक वित्त केंद्र, वैश्विक क्षमता केंद्र और डिजिटलीकरण, क्षेत्रीय जुड़ाव और प्रौद्योगिकी रोडमैप और नीति के चार स्तंभों के माध्यम से कार्य करता है।

8वें सत्र (2025) के बारे में

  • स्थान एवं भागीदारी: भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित इस सत्र में 550 से अधिक प्रतिनिधि, 30 मंत्री और 137 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
  • महत्त्व: इस कार्यक्रम में सौर संचलन में वैश्विक दक्षिण के नेतृत्व पर प्रकाश डाला गया, जो ब्राजील में होने वाले आगामी COP-30 के साथ संरेखित था।
  • मुख्य परिणाम: सनराइज (सोलर अपसाइक्लिंग नेटवर्क), वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (OSOWOG) कार्यक्रम, वैश्विक क्षमता केंद्र और सौर नीतियों व प्रवृत्तियों पर पाँच नए ISA ज्ञान उत्पाद शुरू किए गए हैं।
  • फोकस: सत्र में समावेशी सौर विकास, सौर ऊर्जा को आजीविका, महिला सशक्तीकरण, डिजिटल समावेशन और पारिस्थितिकी संतुलन से जोड़ने पर जोर दिया गया तथा वैश्विक सौर परिवर्तन में एक शक्ति के रूप में भारत की भूमिका की पुष्टि की गई।

पोसीडॉन टॉरपीडो (Poseidon Torpedo)

29 अक्टूबर, 2025 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की कि रूस ने “पोसीडॉन” (Poseidon) नामक परमाणु-संचालित स्वायत्त टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया है, जिसे एक परमाणु पनडुब्बी से लॉन्च किया गया।

 “पोसीडॉन” (Poseidon) के बारे में 

  • पोसीडॉन” (Poseidon) एक स्वायत्त, परमाणु-संचालित तथा परमाणु-सक्षम जल के अंतर्गत संचालित होने वाला ड्रोन का एक प्रकार है, जिसे प्रायः टॉरपीडो और ‘अनमैंड अंडरवाटर व्हीकल’ (UUV) के मिश्रण के रूप में वर्णित किया जाता है।

मुख्य विशेषताएँ

  • यह लंबी दूरी तक स्वतंत्र रूप से संचालित हो सकता है। इसे परमाणु वारहेड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • यह प्रणाली रेडियोधर्मी महासागरीय तरंगें उत्पन्न करने में सक्षम है, जो तटीय शहरों को रहने योग्य नहीं बना सकती हैं।
  • हालिया परीक्षण में इसके परमाणु प्रणोदन तंत्र को सक्रिय किया गया, जिससे इसकी जल के नीचे दीर्घकालिक संचालन क्षमता का प्रदर्शन हुआ।

महत्त्व

  •  “पोसीडॉन” (Poseidon), रूस के अगली पीढ़ी के परमाणु शस्त्रागार का हिस्सा है, जिसमें बुरेवेस्टनिक परमाणु-संचालित क्रूज मिसाइल भी शामिल है।
  • रूस पोसीडॉन को एक निवारक नवाचार के रूप में देखता है, जो जल के भीतर परमाणु वितरण प्रणालियों में उसकी तकनीकी बढ़त का प्रतीक है और वैश्विक सुरक्षा संरचना में उसकी रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करता है।

इंडी और पुलियानकुडी नींबू

भारत ने पहली बार भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त “इंडी” और “पुलियानकुडी” नींबू की खेप यूनाइटेड किंगडम को निर्यात की है, जो भारतीय कृषि-उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है।

पुलियानकुडी नींबू के बारे में

  • उत्पत्ति: यह मुख्य रूप से तमिलनाडु के तेनकासी जिले के कडयम क्षेत्र में उगाया जाता है।
  • विशेषताएँ: इसका पतला छिलका, तीव्र अम्लता और उच्च एस्कॉर्बिक अम्ल मात्रा के कारण यह विटामिन C से युक्त होता है।
  • रस की गुणवत्ता: इसका रस उत्पादन लगभग 55% होता है, जो पेय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
  • मान्यता: इसे अप्रैल 2025 में भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त हुआ था।

‘इंडी’ नींबू के बारे में

  • उत्पत्ति: यह कर्नाटक के विजयपुरा जिले में अर्द्ध-शुष्क जलवायु परिस्थितियों में उगाया जाता है।
  • मुख्य गुण: इसकी बेहतर गुणवत्ता, सुगंध, संतुलित अम्लता और अधिक रस की मात्रा के लिए प्रसिद्ध है।
  • उपयोग: यह घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जूस और फ्लेवरिंग के लिए पसंद किया जाता है।
  • GI टैग: इसे अद्वितीय कृषि-जलवायु और पारंपरिक खेती पद्धतियों के आधार पर GI मान्यता प्राप्त हुई।

निर्यात का महत्त्व

  • भारत की GI विरासत का वैश्विक प्रचार: इन नींबूओं के निर्यात से भारत के GI टैग वाले बागवानी उत्पादों की वैश्विक पहचान बढ़ेगी, जिससे स्थानीय किसानों और पारंपरिक उत्पादकों को लाभ मिलेगा।
  • कृषि-निर्यात और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: APEDA द्वारा सुगम बनाया गया यह कार्यक्रम भारत के उच्च मूल्य वाले, क्षेत्र-विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए बाजार पहुँच का विस्तार करने से संबंधित एक उपलब्धि है, जो आत्मनिर्भर भारत और ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल में योगदान देता है।

GI टैग के बारे में

  • परिभाषा (Definition): भौगोलिक संकेतक (GI) एक बौद्धिक संपदा अधिकार है, जो किसी उत्पाद को उसकी विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति से जोड़ता है और उसके गुण, प्रतिष्ठा या विशेषताओं को उस स्थान से संबंधित करता है।
  • उद्देश्य: क्षेत्रीय उत्पादों की प्रामाणिकता की रक्षा, बाजार मूल्य में वृद्धि, और स्थानीय उत्पादकों को लाभ पहुँचाने के साथ-साथ पंजीकृत नामों के दुरुपयोग को रोकना।
  • नोडल संस्था: GI टैग भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री, चेन्नई द्वारा जारी किया जाता है, जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के DPIIT के अंतर्गत कार्यरत है।

मॉडल युवा ग्राम सभा (MYGS) पहल

हाल ही में भारत सरकार द्वारा मॉडल युवा ग्राम सभा (MYGS) पहल का शुभारंभ नई दिल्ली में किया गया, जो युवाओं को ग्रामीण स्तर पर लोकतंत्र में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने का अपने प्रकार का पहला प्रयास है।

मॉडल युवा ग्राम सभा (MYGS) के बारे में

  • मॉडल युवा ग्राम सभा (MYGS) एक अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए ग्राम सभा की कार्यप्रणाली का अनुकरण कराना है, ताकि वे भागीदारी आधारित स्थानीय शासन की व्यावहारिक शिक्षा प्राप्त कर सकें।
  • उद्देश्य
    • जनभागीदारी को सशक्त करना तथा युवाओं में लोकतांत्रिक मूल्यों, नागरिक उत्तरदायित्व और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देना। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है।
    • पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशी विकास के सिद्धांतों को अपनाने वाले भावी नागरिकों का निर्माण करना, जो विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान दे।
  • नोडल मंत्रालय: केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग) तथा केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाएगा।
  • यह कार्यक्रम जवाहर नवोदय विद्यालयों (JNV), एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) और राज्य सरकार के विद्यालयों सहित 1,000 से अधिक विद्यालयों में शुरू किया जाएगा।
  • मुख्य घटक: डिजिटल शिक्षा, शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण और प्रभावी छात्र भागीदारी का समर्थन करने के लिए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल और एक MYGS पोर्टल का शुभारंभ।
  • महत्त्व: यह पहल अनुभवात्मक नागरिक शिक्षा को बढ़ावा देती है तथा कक्षा में सीखने और वास्तविक दुनिया के शासन के बीच के अंतराल को कम करता है।

पुनर्वास शिक्षा

पुनर्वास परिषद् भारत (RCI) ने हाल ही में पारदर्शिता, डिजिटलीकरण एवं समावेशन के माध्यम से पुनर्वास शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों की घोषणा की है। यह पहल जन विश्वास तथा ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के सरकारी दृष्टिकोण के अनुरूप है।

क्या है पुनर्वास शिक्षा?

  • पुनर्वास शिक्षा का अर्थ उन पेशेवरों के प्रशिक्षण और शैक्षणिक तैयारी से है, जो दिव्यांग व्यक्तियों के साथ कार्य करते हैं, ताकि उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कार्यों में सुधार हो सके।
  • यह स्वतंत्रता और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा, परामर्श, सहायक प्रौद्योगिकी और समावेशी शिक्षा में कौशल विकसित करने पर केंद्रित है।

पुनर्वास शिक्षा को रूपांतरित करने के प्रमुख कदम

  • केंद्रीय पुनर्वास रजिस्टर (CRR) के नवीनीकरण और योग्यता जोड़ने की सभी शुल्कों को समाप्त किया गया है। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क होगी।
  • CRR की वैधता 5 वर्ष से बढ़ाकर 7 वर्ष कर दी गई है।  साथ ही, जिन पेशेवरों ने 100 या अधिक CRE पॉइंट्स अर्जित किए हैं, उन्हें स्वचालित नवीनीकरण का लाभ मिलेगा।
  • डिजिटल डैशबोर्ड अब बिना प्रोसेसिंग शुल्क के ऑनलाइन सुधार और संस्थागत प्रस्तुतियाँ करने में सक्षम बनाता है, जिससे दक्षता को बढ़ावा मिलता है।
  • कुल 144 संस्थानों को CoE के रूप में नामित किया गया है।  इन्हें राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर CRE कार्यक्रम आयोजित करने की स्वायत्तता दी गई है।  इनके लिए 7 वर्ष की स्वीकृति अवधि और गुणवत्ता आधारित प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
  • विनियामक सरलीकरण में कम अनुमोदन शुल्क, एक सामान्य Noc प्रणाली और अधिक पारदर्शिता के लिए वीडियो-आधारित निरीक्षण शामिल हैं।
  • परीक्षा सुधारों में 75-दिवसीय पूरक परीक्षा, अनुग्रह अंक और विशिष्ट CoE-आधारित परीक्षक पैनल जैसे छात्र-अनुकूल प्रावधान शामिल हैं।
  • पाठ्यक्रम में सुधार करते समय, सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ाने के लिए भारतीय लेखकों की किताबें, क्षेत्रीय भाषाएँ और स्थानीय रूप से बने शिक्षण उपकरण शामिल करने पर जोर दिया गया है।

भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) के बारे में

  • यह केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।
  • यह पूरे भारत में पुनर्वास और विशेष शिक्षा में प्रशिक्षण और व्यावसायिक विकास को विनियमित तथा मानकीकृत करने के लिए जिम्मेदार है।
  • इसकी स्थापना RCI अधिनियम, 1992 के तहत की गई थी।

तुर्किए में भूकंप

पश्चिमी तुर्किए के बालिकेसिर प्रांत में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे क्षेत्र में कंपन महसूस किए गए।

तुर्किए के बारे में 

  • तुर्किए, जिसे आधिकारिक तौर पर तुर्किए गणराज्य के नाम से जाना जाता है, एक अंतर महाद्वीपीय राष्ट्र है, जिसकी राजधानी अंकारा है तथा जिसकी संस्कृति और भूगोल में यूरोपीय तथा एशियाई प्रभावों का सम्मिश्रण है।
  • अवस्थिति: यह एक रणनीतिक स्थान पर अवस्थित है, आंशिक रूप से एशिया में और आंशिक रूप से यूरोप में स्थित है तथा दोनों महाद्वीपों के बीच एक सेतु का कार्य करता है।
  • सीमाएँ: तुर्किए की सीमाएँ ग्रीस और बुल्गारिया (उत्तर-पश्चिम), जॉर्जिया और आर्मेनिया (उत्तर-पूर्व), अजरबैजान और ईरान (पूर्व), और इराक और सीरिया (दक्षिण-पूर्व) के साथ लगती हैं।
  • भौगोलिक विशेषताएँ
    • मुख्य नदियाँ: यूफ्रेट्स और टाइग्रिस नदियाँ तुर्किए से निकलती हैं, जो कृषि, जल आपूर्ति और पारिस्थितिकी के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।
    • सर्वोच्च बिंदु: माउंट आरारात  5,165 मीटर ऊँचा, तुर्किए का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से भी एक प्रमुख प्रतीक माना जाता है।
    • समुद्र और जलडमरूमध्य: बोस्फोरस और डार्डानेल्स जलडमरूमध्य काला सागर, मरमारा सागर और एजियन सागर को जोड़ते हैं, जो व्यापार तथा नौवहन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

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