100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal November 07, 2025 04:00 15 0

नाइजीरिया संघर्ष

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा नाइजीरिया में ईसाइयों पर अत्याचार के दावे के बाद, नाइजीरिया के जटिल आंतरिक संघर्षों ने एक बार फिर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है, जिस पर नाइजीरियाई अधिकारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

  • यह हिंसा जिहादी उग्रवाद, चरवाहा–किसान संघर्षों, और अपराधी गिरोहों (बैंडिट्री) तक फैली हुई है, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2023–2025 के बीच 10,000 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है (एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार)।

नाइजीरिया के बारे में 

  • स्थिति और सीमाएँ:  पश्चिम अफ्रीका में स्थित नाइजीरिया की सीमा पश्चिम में बेनिन, उत्तर में नाइजर, पूर्व में चाड और कैमरून तथा दक्षिण में गिनी की खाड़ी से लगती है।
  • भौगोलिक अवलोकन: लगभग 9,23,769 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत नाइजीरिया में उत्तर में शुष्क सवाना से लेकर दक्षिण में हरे-भरे वर्षावनों और तटीय आर्द्रभूमि तक विविध परिदृश्य मौजूद हैं।
  • पर्वत और सर्वोच्च शिखर: चप्पल वड्डी (Chappal Waddi), जिसकी ऊँचाई 2,419 मीटर है, नाइजीरिया का सर्वोच्च बिंदु है। यह पूर्वी नाइजीरिया में स्थित है और कैमरून हाइलैंड्स का हिस्सा है।
  • मुख्य जल निकाय:  नाइजर (Niger) और बेनुए (Benue) नदियाँ नाइजीरिया की प्रमुख जल-प्रणाली बनाती हैं।  ये दोनों नदियाँ मिलकर गिनी की खाड़ी में गिरती हैं। इन नदियों के संगम से उपजाऊ बाढ़ मैदान बनते हैं, जो देश के कृषि उत्पादन का प्रमुख आधार हैं।

कावेरी नदी की मछलियों में भारी धातुओं की उपस्थिति 

हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि कावेरी नदी  और उसकी मछलियाँ विषैले भारी धातुओं विशेष रूप से कैडमियम और सीसा से गंभीर रूप से प्रदूषित हैं।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

  • विश्लेषित धातुएँ:  क्रोमियम (Cr), कैडमियम (Cd), कॉपर (Cu), सीसा (Pb), और जिंक (Zn)।
  • मुख्य चिंताजनक प्रदूषक: कैडमियम (Cd) और सीसा (Pb) कई मछली प्रजातियों में स्वीकृत सीमा से अधिक पाए गए।
  • स्वास्थ्य जोखिम: कभी-कभी इसका सेवन करना सुरक्षित है।
    • नियमित या दीर्घकालिक सेवन गंभीर स्वास्थ्य खतरे उत्पन्न कर सकता है, विशेषकर बच्चों और मछली खाने वालों के लिए।
  • प्रदूषण सूचकांक
    • Igeo (जियोएक्यूमुलेशन इंडेक्स):  तलछट में प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए।
    • पॉल्यूशन लोड इंडेक्स (PLI) और पोटेंशियल इकोलॉजिकल रिस्क इंडेक्स (PERI) पारिस्थितिकी खतरों का मूल्यांकन करने के लिए।

भारी धातुएँ क्या हैं? 

  • परिभाषा:  भारी धातुएँ प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले धात्विक तत्त्व हैं, जिनका घनत्व 5 g/cm³ से अधिक होता है और जो बहुत कम सांद्रता में भी विषैली होती हैं।
    • उदाहरण:  सीसा (Pb), पारा (Hg), कैडमियम (Cd), आर्सेनिक (As), क्रोमियम (Cr), निकल (Ni), कॉपर (Cu), और जिंक (Zn)।
  • जैविक महत्त्व:  कुछ धातुएँ जैसे कॉपर (Cu) और जिंक (Zn) शरीर की सामान्य चयापचय प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक होती हैं, लेकिन अधिक मात्रा में विषैली बन जाती हैं।

भारी धातु प्रदूषण के कारण 

  • मानवजनित स्रोत
    • औद्योगिक अपशिष्ट:  इरोड  और तिरुचिरापल्ली  के पास टेक्सटाइल डाइंग, इलेक्ट्रोप्लेटिंग, और मेटल प्रोसेसिंग इकाइयाँ बिना उपचारित अपशिष्ट नदी में छोड़ती हैं।
    • कृषि अपवाह:  उर्वरकों और कीटनाशकों से कैडमियम और क्रोमियम का प्रदूषण बढ़ता है।
    • शहरी अपशिष्ट जल:  बिना उपचारित सीवेज नदी की तलछट में धातुओं की मात्रा बढ़ाता है।
  • प्राकृतिक स्रोत: ऊपरी क्षेत्रों के भू-वैज्ञानिक निक्षेप और खनिजयुक्त क्षेत्र से लोहे और अन्य सूक्ष्म धातुएँ निकलती हैं, परंतु उनकी मात्रा औद्योगिक उत्सर्जन की तुलना में बहुत कम होती है।

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, 2026

हॉल ही में QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, 2026 जारी कर दी गई हैं।

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के बारे में 

  • परिचय: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग विश्व की सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक विश्वविद्यालय रैंकिंग में से एक है, जो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और अनुसंधान प्रभाव का आकलन करती है।
  • आयोजन: यह रैंकिंग प्रत्येक वर्ष क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS), एक यूके-स्थित उच्च शिक्षा विश्लेषण कंपनी द्वारा तैयार की जाती है।
  • वैश्विक प्रतिनिधित्व: वर्ष 2026 संस्करण में 100 से अधिक देशों के 1,500 से अधिक विश्वविद्यालय शामिल किए गए हैं, जिनमें से लगभग 500 संस्थानों की रैंकिंग 2025 की तुलना में सुधरी है।
  • वर्ष 2026 की वैश्विक रैंकिंग: मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने लगातार शीर्ष स्थान बनाए रखा है और यह विश्व का नंबर 1 विश्वविद्यालय बना हुआ है।

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, 2026 में भारत की स्थिति 

  • IIT दिल्ली 123वें स्थान पर रहकर भारतीय संस्थानों में सबसे आगे है, उसके बाद IIT बॉम्बे (129वें) और IIT मद्रास (180वें) स्थान पर हैं।
  • विस्तृत प्रतिनिधित्व:  भारत के 54 संस्थान वर्ष 2026 की रैंकिंग में शामिल हुए हैं, यह अब तक का सर्वोच्च प्रतिनिधित्व है, जिससे भारत चौथा सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश बन गया है।
  • अन्य प्रमुख संस्थान: IIT खड़गपुर (215वें), IISc बंगलूरू (219वें), IIT कानपुर (222वें), और दिल्ली यूनिवर्सिटी (टॉप 350) भी प्रमुखता से शामिल हैं।

QS एशिया रैंकिंग 2026 के बारे में

  • यह शैक्षणिक प्रतिष्ठा, अनुसंधान प्रभाव, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और रोजगार क्षमता के आधार पर एशियाई विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करता है।
  • QS एशिया रैंकिंग 2026 की प्रमुख खोजें
    • शीर्ष विश्वविद्यालय:  हांगकांग विश्वविद्यालय पहले स्थान पर पहुँच गया है तथा उसने चीन के बीजिंग स्थित पेकिंग विश्वविद्यालय को पीछे छोड़ दिया है, जो अब दूसरे स्थान पर है।
    • समग्र प्रवृत्ति:  भारत के शीर्ष 10 संस्थानों में से 9 की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई, हालाँकि उनके अंकों में सुधार हुआ है।
    • शीर्ष भारतीय संस्थान: IIT दिल्ली ने भारत में शीर्ष स्थान बनाए रखा, परंतु वैश्विक स्तर पर 59वें स्थान पर आ गया (पहले 44वें पर था)।
      • IISc बंगलूरू, IIT मद्रास, IIT बॉम्बे, IIT कानपुर और IIT खड़गपुर की रैंकिंग में भी गिरावट आई।
  • क्षेत्रीय परिदृश्य: चीन, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया के विश्वविद्यालयों ने भारतीय संस्थानों से बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि एशिया में उच्च शिक्षा की प्रतिस्पर्द्धा और तीव्र हो गई है।

उमंगोट नदी

मेघालय की उमंगोट नदी, जो कभी अपने क्रिस्टल जैसी स्वच्छ जलधारा के लिए प्रसिद्ध थी, अब शिलांग–डॉकी राजमार्ग परियोजना से उत्पन्न निर्माण एवं ध्वस्तीकरण अपशिष्ट (construction and Demolition Waste) के कारण गंदी हो गई है।

उमंगोट नदी के बारे में 

  • उद्गम: उमंगोट नदी, जिसे डॉकी नदी भी कहा जाता है खासी पहाड़ियों में पूर्वी शिलांग चोटी से निकलती है और पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले से होकर प्रवाहित होती है।
  • यह बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले मेघालय के मावलिननॉन्ग, दावकी और श्नोंगपडेंग गाँवों से होकर गुजरती है, जहाँ यह शारी गोयिन नदी के रूप में आगे बढ़ती है।
  • यह नदी डॉकी के पास भारत और बांग्लादेश के बीच प्राकृतिक सीमा का कार्य करती है।
  •  इसे भारत की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक माना जाता है, जिसके पारदर्शी हरे-नीले पानी से ऐसा प्रतीत होता है कि नावें हवा में तैर रही हैं।
  •  यह नदी इको-टूरिज्म, मत्स्यपालन और नौकायन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका का आधार है तथा प्रतिवर्ष हजारों देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है।

 पर्यावरणीय चिंता

  • मुख्य समस्या: शिलांग–डॉकी राजमार्ग निर्माण के दौरान मलबा फेंकने  और पहाड़ी क्षेत्र में अपरदन के कारण मृदा अपरदन और गाद जमाव बढ़ गया है, जिससे नदी का जल प्रदूषित हो गया है।
  •  मेघालय राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) ने पर्यावरणीय मानकों के उल्लंघन की पुष्टि की है और तुरंत अपशिष्ट हटाने के निर्देश दिए हैं।
  • कानूनी कार्रवाई: MPCB ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 का प्रयोग किया, जो डंपिंग को रोकने और पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन को लागू करने के लिए बाध्यकारी निर्देश जारी करने की शक्तियाँ प्रदान करता है।

GW250114 वेव इवेंट

LIGO-Virgo-KAGRA नेटवर्क द्वारा दर्ज की गई वर्ष 2025 की गुरुत्वाकर्षण तरंग घटना GW250114, ब्लैक होल विलय का अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत है, जो स्टीफन हॉकिंग के ब्लैक-होल क्षेत्र प्रमेय को दृढ़ प्रमाणित करती है।

GW250114 के बारे में

  • 14 जनवरी, 2025 को पता चला कि यह संकेत 1.3 अरब प्रकाश वर्ष दूर से आया था।
  • इसमें दो लगभग समान, कम-स्पिन वाले ब्लैक होल शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 30 गुना अधिक था, तथा वे लगभग वृत्ताकार पथ पर परिक्रमा कर रहे थे।
  • इस घटना को अमेरिका, इटली और जापान के डिटेक्टरों द्वारा एक साथ रिकॉर्ड किया गया, जिससे इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि हुई।

 मुख्य निष्कर्ष

  • सबसे स्पष्ट सिग्नल: GW250114 अब तक का सबसे स्पष्ट गुरुत्वाकर्षण तरंग सिग्नल था, जो संवेदक की उन्नत संवेदनशीलता और कम शोर स्तर के कारण संभव हुआ।
  •  घटना से पूर्व और बाद के संकेतों के विश्लेषण से यह सिद्ध हुआ कि विलय के बाद बने नए ब्लैक होल का कुल सतही क्षेत्रफल (surface area) बढ़ गया।  यह स्टीफन हॉकिंग के वर्ष 1971 की क्षेत्र प्रमेय की पुष्टि करता है।
    • जिसके अनुसार, ब्लैक होल के इवेंट होराइजन का कुल क्षेत्रफल कभी घट नहीं सकता है।
  • विलय के बाद देखी गई कंपन उन आवृत्तियों से सुमेलित हैं, जो घूर्णनशील ब्लैक होल के लिए रॉय कैर्र (Roy Kerr) ने वर्ष 1963 में पूर्वानुमान लगाया था।
  • यह आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत का सटीक समाधान है, जो एक घूर्णनशील ब्लैक होल का वर्णन करता है।

 गुरुत्वाकर्षण तरंगें क्या हैं? 

  • आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत (वर्ष 1915) द्वारा पूर्वानुमान लगाया गया  कि गुरुत्वाकर्षण तरंगें विशाल त्वरित पिंडों द्वारा स्पेसटाइम में उत्पन्न तरंगें हैं।
  • वे प्रकाश की गति से यात्रा करते हैं तथा ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों के टकराने जैसी चरम ब्रह्मांडीय घटनाओं के बारे में सूचनाएँ संगृहित करते हैं, जिससे आधुनिक खगोल भौतिकी में परिवर्तन आ जाता है।

LIGO–Virgo–KAGRA नेटवर्क 

  • LIGO (लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी): हैनफोर्ड (वाशिंगटन) और लिविंगस्टन (लुइसियाना), संयुक्त राज्य अमेरिका में संयुक्त डिटेक्टर।
    • LIGO-इंडिया  महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में निर्माणाधीन एक नियोजित गुरुत्वाकर्षण-तरंग वेधशाला है, जिसका निर्माण वर्ष 2030 तक पूरा हो जाएगा।
    • Virgo:  इटली के पीसा (Pisa) के पास स्थित है,  जिसका संचालन यूरोपियन ग्रेविटेशनल ऑब्जर्वेटरी (EGO) द्वारा किया जाता है।
  • कामिओका ग्रेविटेशनल-वेव डिटेक्टर (KAGRA):  जापान के गिफू प्रीफेक्चर में स्थित भूमिगत वेधशाला, जो वैश्विक अवलोकन में सटीकता बढ़ाने में सहायक है।

संशोधित यूरोपीय संघ उत्सर्जन लक्ष्य

यूरोपीय संघ की परिषद ने वर्ष 2050 तक जलवायु तटस्थता प्राप्त करने के लिए संशोधित जलवायु लक्ष्यों को मंजूरी दी है।

नए संकल्पों के बारे में 

  • वर्ष 2040 के लिए अंतरिम लक्ष्य: यूरोपीय संघ ने वर्ष 1990 के स्तर की तुलना में वर्ष 2040 तक निवल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 90% की कटौती करने के यूरोपीय आयोग के प्रस्ताव का समर्थन किया है। यह लक्ष्य वर्ष 2050 तक जलवायु तटस्थता प्राप्त करने की दिशा में एक प्रमुख महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • द्विवार्षिक प्रगति मूल्यांकन: प्रगति की निगरानी के लिए प्रत्येक दो वर्ष में समीक्षा तंत्र लागू किया जाएगा, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित हो सके और सदस्य देशों की नीतियों में आवश्यक सुधार किए जा सकें।
  • लचीलापन और राष्ट्रीय योगदान: परिषद ने सदस्य देशों के लिए लक्ष्यों को प्राप्त करने में लचीलापन प्रावधानों को स्पष्ट किया है। इसके साथ ही, संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 2025 (COP30), ब्राजील से पूर्व एक अद्यतन राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान प्रस्तुत करने की मंजूरी दी गई है।

यूरोपीय जलवायु कानून 

  • अंगीकरण: वर्ष 2021 में अपनाया गया यह कानून, यूरोपीय संघ के लिए वर्ष 2050 तक जलवायु तटस्थता प्राप्त करना कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाता है।
    • इसमें वर्ष 2030 तक उत्सर्जन में 55% की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है, जो यूरोपीय ग्रीन डील और दीर्घकालिक स्थिरता रणनीति का आधार है।

भारत का अद्यतन NDC (2022)

  • वर्ष 2005 के स्तर से वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करना।
  • वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50 प्रतिशत संचयी विद्युत स्थापित क्षमता प्राप्त करना।
  • वर्ष 2030 तक अतिरिक्त वन और वृक्ष आवरण के माध्यम से 2.5 से 3 बिलियन टन CO2 समतुल्य अतिरिक्त कार्बन सिंक का निर्माण करना।

सर्वे वेसल- क्लास शिप इक्षक

हाल ही में भारतीय नौसेना ने INS इक्षाक, सर्वे वेसल (लार्ज) [SVL] श्रेणी के तीसरे पोत  को कोच्चि नौसैनिक अड्डे  पर कमीशन किया है।

सर्वे वेसल- क्लास शिप ’INS इक्षाक’ के बारे में 

  • स्वदेशी निर्माण: यह पोत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा निर्मित है, जिसमें लगभग 80% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
    •  यह निर्माण ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत किया गया है।  यह दक्षिणी नौसैनिक कमान में तैनात होने वाला पहला SVL-श्रेणी का पोत है।
  • भूमिका: यह पोत तटीय एवं गहरे समुद्री क्षेत्रों में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के लिए डिजाइन किया गया है  ताकि बंदरगाहों, जलमार्गों और नौवहन मार्गों की सुरक्षित समुद्री आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।
  • तकनीकी विनिर्देश
    •  लंबाई: 110 मीटर, चौड़ाई: 16 मीटर, विस्थापन: 3,300 टन 
    • चालक दल: 231 चालक दल के सदस्य और 20 अधिकारी।
  • उन्नत उपकरण 
    • समुद्र तल मानचित्रण के लिए मल्टी-बीम इको साउंडर, गहरे पानी के मिशन के लिए स्वायत्त अंडरवाटर वाहन (AUV), पानी के अंदर निरीक्षण के लिए रिमोटली ऑपरेटेड वाहन (ROV) और उथले पानी के संचालन के लिए चार सर्वेक्षण मोटर बोट (SMB)।
    • यह हेलीकॉप्टर डेक से सुसज्जित है तथा इसे मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मिशन के लिए 40 बिस्तरों वाले अस्पताल जहाज में परिवर्तित किया जा सकता है।
  •  INS इक्षाक का महत्त्व 
    • समुद्री सुरक्षा में वृद्धि:  यह पोत सटीक नौटिकल चार्ट तैयार करने में सहायक है, जिससे भारत की समुद्री सुरक्षा क्षमता मजबूत होती है।
    • रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता:  यह भारत की रक्षा निर्माण में स्वदेशी क्षमता  की प्रगति को दर्शाता है।
    • नीली अर्थव्यवस्था को समर्थन: यह पोत बंदरगाह विकास, समुद्र-तल केबल नियोजन, एवं समुद्री संसाधन प्रबंधन में योगदान देता है,  जिससे भारत की ब्लू इकोनॉमी को सशक्त समर्थन मिलता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.