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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal November 18, 2025 02:29 19 0

प्रिसिजन बायोथेरेप्यूटिक्स (Precision Biotherapeutics)

जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार नीति के लिए जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत प्रिसिजन बायोथेरेप्यूटिक्स (Precision Biotherapeutics) को छह फोकस क्षेत्रों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है।

  • सटीक जैव-चिकित्सा पूर्वानुमानात्मक, निवारक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य देखभाल मॉडल को सक्षम बनाती है।

प्रिसिजन बायोथेरेप्यूटिक्स के बारे में

  • यह किसी व्यक्ति की आनुवंशिक, आणविक या कोशिकीय संरचना के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए चिकित्सा हस्तक्षेपों (दवाओं, जीन थेरेपी, कोशिका थेरेपी या जैविक) को संदर्भित करता है।
  • यह आनुवंशिक विज्ञान, आणविक जीव विज्ञान और डेटा विश्लेषण को एकीकृत करके ऐसी चिकित्सा प्रणाली तैयार करता है जो बीमारी के कारण की पहचान करके उसे ठीक कर सकें।
  • प्रमुख प्रौद्योगिकियाँ
    • जीनोमिक और प्रोटिओमिक विश्लेषण: रोग के कारण बनने वाले आनुवंशिक उत्परिवर्तनों और प्रोटीन विकारों की पहचान करता है।
    • जीन संपादन चिकित्सा: CRISPR जैसे उपकरण रोग उत्पन्न करने वाले जीनों को प्रत्यक्ष रूप से ठीक करते हैं।
    • mRNA और न्यूक्लिक एसिड चिकित्सा: विशिष्ट प्रोटीनों के उत्पादन या दमन के लिए RNA का उपयोग करते हैं।
    • मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और बायोलॉजिक्स: ऐसे इंजीनियर अणु जो रोग के लक्ष्यों से सटीक रूप से जुड़ते हैं।
    • AI-संचालित औषधि खोज: लक्षित चिकित्सा विकास में तेजी लाने के लिए आणविक अंतःक्रियाओं का पूर्वानुमान लगता  है।

भारत को प्रिसिजन बायोथेरेप्यूटिक्स की आवश्यकता क्यों है?

  • उच्च रोग भार: भारत के मृत्यु दर आँकड़ों में गैर-संचारी रोगों की भूमिका अधिक है।
  • आनुवंशिक विविधता: भारत की जनसंख्या में अत्यधिक जीनोमिक विविधता है, जिसके कारण कई मामलों में विदेशी परीक्षण वाली दवाएँ कम प्रभावी होती हैं।
  • स्थानीय जीनोमिक पहल: इंडीजेन और जीनोम इंडिया जैसे कार्यक्रम जनसंख्या-विशिष्ट अनुसंधान को सक्षम बनाते हैं।
  • निवारक देखभाल की ओर रुख: सटीक चिकित्सा पूर्वानुमानित, व्यक्तिगत और दीर्घकालिक लागत-प्रभावी देखभाल को सक्षम बना सकती है।

ऑपरेशन साउथर्न स्पीयर 

अमेरिका ने नौसेना की तैनाती में वृद्धि और संदिग्ध नार्को-आतंकवादी जहाजों पर हमलों के बाद लैटिन अमेरिकी समुद्री क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच ऑपरेशन साउथर्न स्पीयर (Operation SOUTHERN SPEAR) की घोषणा की।

ऑपरेशन साउथर्न स्पीयर के बारे में

  • ऑपरेशन साउथर्न स्पीयर पश्चिमी गोलार्द्ध में नशीली दवाओं से जुड़े सशस्त्र समूहों को लक्षित करने वाली एक सैन्य पहल है।
  • उद्देश्य: इस अभियान का उद्देश्य नार्को-आतंकवादियों को हटाना, देश की सुरक्षा को मजबूत करना और संयुक्त राज्य अमेरिका में नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकना है।
  • कार्यक्षेत्र: इसके कैरेबियन सागर और पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में संचालित होने की संभावना है, जहाँ अमेरिकी नौसेना और वायु सेनाएँ पहले से ही नशीली दवाओं के विरोधी अभियानों में सक्रिय हैं।
  • वर्तमान सैन्य कार्रवाइयाँ: आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, सितंबर से अब तक अमेरिकी सेना ने लगभग 20 जहाजों पर हमला किया है, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 76 लोग मारे गए हैं।

नार्को-आतंकवाद क्या है?

  • नार्को-आतंकवाद, अक्सर सशस्त्र आपराधिक समूहों या विद्रोही नेटवर्कों से जुड़ी हिंसक गतिविधियों को वित्तपोषित करने, समर्थन देने या संचालित करने के लिए नशीली दवाओं की तस्करी के उपयोग को संदर्भित करता है।
  • प्रभाव: यह संगठित अपराध को बढ़ावा देता है, सरकारों को अस्थिर करता है, चरमपंथी हिंसा को वित्तपोषित करता है, और बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं के प्रवाह में योगदान देता है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं।

कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (CSC)

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (CSC) के लिए भारत-बांग्लादेश के बीच चल रहे तनाव के बीच बांग्लादेश के अंतरिम NSA खलीलुर रहमान को नई दिल्ली आमंत्रित किया है।

कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (CSC) के बारे में

  • CSC एक क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग मंच है जो हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच समुद्री और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने पर केंद्रित है।
  • उत्पत्ति: यह मूल रूप से भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच वर्ष 2011 में स्थापित एक त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा समूह था।
    • वर्ष 2020 में इसे पुनर्जीवित और विस्तारित किया गया और इसमें मॉरीशस को पूर्ण सदस्य और बांग्लादेश तथा सेशेल्स को पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया।
  • उद्देश्य
    • समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध, साइबर सुरक्षा और मानवीय सहायता पर सहयोग को मजबूत करना।
    • क्षेत्रीय खतरों के प्रति खुफिया जानकारी साझा करने और समन्वित प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना।
    • संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण और संस्थागत ढाँचों के माध्यम से सामूहिक क्षमताओं को बढ़ाना।
  • महत्त्व: यह यात्रा कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के माध्यम से क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करते हुए भारत-बांग्लादेश संबंधों को स्थिर करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कूटनीतिक शुरुआत का संकेत देती है।

देवमोगरा माता मंदिर

भारतीय प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस पर देवमोगरा माता मंदिर का दौरा किया, पूजा-अर्चना की तथा जनजातीय समुदायों के लिए इसके गहरे सांस्कृतिक महत्त्व पर प्रकाश डाला।

देवमोगरा माता मंदिर के बारे में

  • यह सतपुड़ा क्षेत्र के आदिवासी समुदायों के लिए एक महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र है, जो सदियों पुरानी परंपराओं और मान्यताओं को दर्शाता है।
  • अवस्थिति: यह मंदिर गुजरात में राजपीपला के पास एक पहाड़ी पर स्थित है और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित पड़ोसी राज्यों से भक्तों को आकर्षित करता है।
  • प्रमुख देवता: देव मोगरा, जिन्हें देवमोगरा या याह देवमोगी के नाम से भी जाना जाता है, सतपुड़ा क्षेत्र के विभिन्न आदिवासी समूहों की कुलदेवी के रूप में पूजनीय हैं।
  • सांस्कृतिक महत्त्व: यह मंदिर अनुष्ठानों, मौखिक परंपराओं और प्रकृति-आधारित पूजा के माध्यम से आदिवासी विरासत को संरक्षित करता है, और समुदायों, उनके पूर्वजों और उनके पारिस्थितिक परिवेश के बीच एक जीवंत कड़ी के रूप में कार्य करता है।
  • प्रमुख त्यौहार: वार्षिक महाशिवरात्रि मेला मंदिर का सबसे बड़ा समागम है, जिसमें पारंपरिक नृत्य, संगीत और चावल, फूल और पवित्र वस्तुओं से युक्त प्रतीकात्मक हिजरी टोकरी जैसे प्रसाद का प्रदर्शन होता है।

मैन-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल (MP-AUVs)

DRDO ने भारत की नौसेना की बारूदी सुरंगों का पता लगाने और उनका मुकाबला करने की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अगली पीढ़ी के मैन-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल विकसित किए हैं, जो एक प्रमुख तकनीकी उपलब्धि है।

मैन-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल (MP-AUVs) के बारे में 

  • यह एक रूप से नौसेना की बारूदी सुरंगों से निपटने के अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है।
  • DRDO की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL) द्वारा विकसित किया गया। 
    • NSTL, विशाखापत्तनम, नौसेना के हथियारों और संबंधित प्रणालियों (जल के भीतर की खदानें, टॉरपीडो, अग्नि नियंत्रण, आदि) का अनुसंधान और विकास करता है।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • ये वाहन उच्च परिशुद्धता के साथ बारूदी सुरंग जैसी वस्तुओं का पता लगाने और उनका मानचित्रण करने के लिए प्राथमिक पेलोड के रूप में साइड स्कैन सोनार और अंडरवाटर कैमरे ले जाते हैं।
    • एकीकृत गहन शिक्षण-आधारित लक्ष्य पहचान एल्गोरिदम स्वायत्त पहचान और वर्गीकरण की अनुमति देता है, जिससे ऑपरेटर का कार्यभार और मिशन की अवधि कम हो जाती है।
    • जल के नीचे एक लचीली ध्वनिक संचार प्रणाली कई AUV के बीच डेटा साझा करने में सक्षम बनाती है, जिससे समन्वय और स्थितिजन्य जागरूकता में सुधार होता है।
  • महत्त्व: MP-AUV प्रणाली बारूदी सुरंग युद्ध के लिए नौसेना की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाती है, कर्मियों के लिए परिचालन जोखिम को कम करती है, और न्यूनतम लाॅजिस्टिक फुटप्रिंट के साथ एक बुद्धिमान, नेटवर्क-सक्षम समाधान प्रदान करती है।

इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निधि

वर्ष 2016 में प्रारंभ इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निधि (EDF) इलेक्ट्रॉनिक्स, नैनो-इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी में भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक पहल के रूप में कार्य करती है।

EDF के उद्देश्य 

  • नवाचार को बढ़ावा देना: EDF का उद्देश्य उभरती इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान, डिजाइन और विकास क्षमताओं को बढ़ावा देना है।
  • ESDM क्षेत्र को सुदृढ़ बनाना: यह निधि इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ESDM) के विकास को समर्थन प्रदान करता है, जो मेक इन इंडिया विजन का एक प्रमुख घटक है।

फंड ऑफ फंड्स संरचना

  • अप्रत्यक्ष निवेश मॉडल: EDF स्टार्टअप्स को सीधे तौर पर फंड नहीं देता, इसके अतिरिक्त, यह पेशेवर रूप से प्रबंधित डॉटर फंड्स जैसे एंजेल फंड्स और वेंचर कैपिटल फर्मों में निवेश करता है।
  • घरेलू IP फोकस: ये फंड स्वदेशी उत्पाद डिजाइन, घटकों और मुख्य तकनीकों पर कार्य करने वाले शुरुआती चरण के उद्यमों में निवेश करते हैं।
  • बाजार-उत्तरदायी आवंटन: निवेश का निर्णय क्षेत्र की आवश्यकताओं और फंड क्षमता के आधार पर किया जाता है, जिससे लचीलापन और जोखिम-साझाकरण सुनिश्चित होता है।
  • नोडल एजेंसी: इस फंड का कार्यान्वयन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा किया जाता है।

डॉटर फंड क्या हैं?

  • डॉटर फंड, SEBI-पंजीकृत निवेश फंड होते हैं जो मदर फंड (या फंड ऑफ फंड्स) नामक एक बड़े फंड से पूँजी प्राप्त करते हैं।
  • ये डॉटर फंड फिर इस धन को लक्षित व्यवसायों, जैसे स्टार्टअप्स, नई तकनीक विकसित करने वाली फर्मों आदि में निवेश करते हैं।

पराग्वे

भारत और पराग्वे ने असुनसियन में अपनी पहली संयुक्त आयोग बैठक आयोजित की, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई और भविष्य में सहयोग के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई।

भारत-पराग्वे संबंधों के बारे में

  • भारत-पराग्वे संबंध व्यापार, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, ऊर्जा, शिक्षा और विकास सहयोग को शामिल करते हुए संरचित वार्ता के माध्यम से विस्तारित हो रहे हैं।
  • दोनों देशों का लक्ष्य कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, साइबर सुरक्षा, जल प्रबंधन, अंतरिक्ष और निवेश सुविधा के क्षेत्र में सहयोग को विस्तृत करना है।

पराग्वे के बारे में

  • पराग्वे मध्य दक्षिण अमेरिका में अवस्थित एक स्थलरुद्ध देश है, जिसकी सीमा ब्राजील, अर्जेंटीना और बोलीविया से लगती है और इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर असुनसियन है।
  • भूगोल: यह 406,752 वर्ग किमी. में विस्तृत है और पराग्वे नदी द्वारा उपजाऊ पूर्वी (पराना) क्षेत्र और शुष्क पश्चिमी (चाको) क्षेत्र में विभाजित है।
  • जल निकाय: देश की भू-आकृति में घुमावदार पहाड़ियाँ, उपोष्णकटिबंधीय वन और निचले पर्वत शामिल हैं, जिनमें सेरो पेरो (842 मीटर)सर्वोच्च चोटी है।
  • प्रमुख जल निकाय: पराग्वे, पराना और पिलकोमायो राष्ट्रीय सीमाओं का 75% से अधिक भाग का गठन करते हैं।
    • यपोआ झील और वेरा झील, विस्तृत आर्द्रभूमि और दलदली भूमि से घिरी हुई हैं।

OPAL लेजर

भारत ने इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) 2025 में अपना पहला स्वदेशी उच्च-परिशुद्धता वाला OPAL डायोड लेजर लॉन्च किया, जो सुरक्षित संचार और कंप्यूटिंग के लिए क्वांटम-ग्रेड हार्डवेयर में एक बड़ी प्रगति का प्रतीक है।

OPAL लेजर के बारे में

  • परिचय: OPAL लेजर एक उच्च-परिशुद्धता वाला, कॉम्पैक्ट डायोड लेजर है जिसे भारत की उभरती क्वांटम तकनीकों, जैसे संचार और कंप्यूटिंग, के लिए एक आधारभूत उपकरण के रूप में विकसित किया गया है।
  • विकास: इसे IIT दिल्ली के एक स्टार्टअप, प्रेनिष्क प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है, जिसे राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) और संबद्ध नवाचार केंद्रों का समर्थन प्राप्त है।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • यह असाधारण बीम गुणवत्ता, उत्कृष्ट स्थिरता और दीर्घकालिक विश्वसनीयता प्रदान करता है।
    • यह प्रणाली पराबैंगनी से लेकर अवरक्त तक विस्तृत तरंगदैर्ध्य रेंज को कवर करती है।
    • इंटीग्रेटेड ड्राइवर इलेक्ट्रॉनिक्स कम बिजली खपत के साथ तापमान-नियंत्रित, स्थिर आउटपुट सुनिश्चित करते हैं।
    • मुक्त-स्थान या फाइबर-युग्मित आउटपुट के साथ कॉम्पैक्ट, हल्का डिजाइन निर्बाध प्लग-एंड-प्ले उपयोग को सक्षम बनाता है।
    • स्वामित्व की कम लागत और न्यूनतम रखरखाव अनुसंधान सुविधाओं की पहुँच को बढ़ाता है।
  • अनुप्रयोग
    • क्वांटम-एन्क्रिप्टेड संचार और क्वांटम-सुरक्षित वित्तीय लेनदेन को सक्षम बनाता है।
    • फोटोनिक क्वांटम कंप्यूटिंग, उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा प्रयोगशालाओं का समर्थन करता है।
    • विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में सटीक तरंगदैर्ध्य नियंत्रण और शक्ति स्थिरता की आवश्यकता वाले प्रयोगों में सहायता करता है।

इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) 2025 के बारे में

  • ESTIC 2025, नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित एक राष्ट्रीय मंच है जिसका उद्देश्य नवाचार-आधारित आर्थिक विकास को गति देने हेतु वैज्ञानिकों, उद्योगों और नीति निर्माताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • मुख्य विषय: इसमें उन्नत प्रौद्योगिकियों, सतत् नवाचार और अनुसंधान एवं तकनीकी अभिसरण के माध्यम से ज्ञान-संचालित भारत के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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