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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal December 09, 2025 03:31 20 0

हॉर्नबिल महोत्सव

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने नागालैंड के विश्व प्रसिद्ध हॉर्नबिल महोत्सव में भाग लिया।

  • उन्होंने भारत की एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट, एक्ट फर्स्ट’ दृष्टि के तहत नागालैंड के लिए ₹650 करोड़ का विकास पैकेज भी जारी किया।

हॉर्नबिल महोत्सव के बारे में

  • ‘हॉर्नबिल महोत्सव’ नागालैंड का प्रमुख सांस्कृतिक उत्सव है, जिसे उत्सवों का उत्सव’ कहा जाता है। यह 17 प्रमुख नागा जनजातियों की सामूहिक धरोहर, परंपराओं और कलात्मक अभिव्यक्तियों को प्रदर्शित करता है।
  • उत्पत्ति: अंतर-जनजातीय सद्भाव को बढ़ावा देने, स्वदेशी संस्कृति को संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नागालैंड सरकार द्वारा वर्ष 2000 में शुरू किया गया।
    • नामकरण: हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर, जिसे नागा लोककथाओं में सौंदर्य, गरिमा और वीरता का प्रतीक माना जाता है।
  • वर्ष 2025 की थीम: सांस्कृतिक संपर्क’ (Cultural Connect)
  • मुख्य फोकस: वर्ष 2025 संस्करण का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक कूटनीति, वैश्विक सांस्कृतिक संबंधों और समुदाय आधारित सांस्कृतिक कथाओं को सशक्त बनाने पर है।
  • स्थल: यह महोत्सव प्रत्येक वर्ष 1–10 दिसंबर तक किसामा हेरिटेज विलेज, कोहिमा के निकट आयोजित होता है।
  • वर्ष 2025 साझेदार राष्ट्र: स्विट्जरलैंड, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम आधिकारिक साझेदार देशों के रूप में शामिल हुए, जिससे महोत्सव का वैश्विक सांस्कृतिक विस्तार और मजबूत हुआ।

महत्व

  • सांस्कृतिक संरक्षण को मजबूत करना, अंतर-जनजातीय एकता को बढ़ावा देना, पर्यटन को बढ़ावा देना, वैश्विक सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाना और नागालैंड को भारत की पूर्वोत्तर सांस्कृतिक कूटनीति के एक जीवंत केंद्र के रूप में स्थापित करना।

ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा और कौशल परिषद (AIESC)

ऑस्ट्रेलिया–भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (AIESC) की तीसरी बैठक नई दिल्ली में आयोजित हो रही है, जिसका उद्देश्य शिक्षा, कौशल, अनुसंधान और संस्थागत साझेदारी में सहयोग को गहन बनाना है।

ऑस्ट्रेलिया–भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (AIESC) के बारे में

  • AIESC भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा, कौशल, प्रशिक्षण और अनुसंधान में रणनीतिक सहयोग को संचालित करने वाला उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय तंत्र है।
  • उत्पत्ति: यह वर्ष 2011 में ऑस्ट्रेलिया–भारत शिक्षा परिषद (AIEC) के रूप में स्थापित हुई थी। बाद में इसे कौशल क्षेत्र के एकीकरण और अंतरराष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने हेतु AIESC के रूप में विस्तारित किया गया।
  • उद्देश्य: नीतिगत  सहयोग का मार्गदर्शन करना, द्विपक्षीय गतिशीलता को बढ़ाना, अनुसंधान साझेदारी को मजबूत करना, तथा योग्यताओं और संस्थागत संबंधों की पारस्परिक मान्यता का समर्थन करना।
  • प्रमुख बैठकें: पहली बैठक गांधीनगर (वर्ष 2023) में, दूसरी सिडनी (वर्ष 2024) में और तीसरी बैठक नई दिल्ली (वर्ष 2025) में आयोजित की जा रही है।

बैठक के प्रमुख निष्कर्ष

  • प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE), शिक्षक शिक्षा, शिक्षक व्यावसायिक विकास और विद्यालय स्तरीय परस्पर मान्यता ढाँचे को मजबूत करना।
  • उच्च शिक्षा सहयोग का विस्तार, जिसमें भारत में कैंपस स्थापित करने हेतु ‘यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स’ (UNSW) कोलेटर ऑफ इंटेंट’ (LoI) जारी करना शामिल है।
  • यह शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग संवर्द्धन योजना (SPARC) के अंतर्गत 10 नई संयुक्त परियोजनाओं के माध्यम से अनुसंधान सहयोग को आगे बढ़ाने तथा शिक्षा एवं कौशल विकास में नए समझौता ज्ञापनों और आशय पत्रों पर हस्ताक्षर करने पर केंद्रित है।

महत्त्व

AIESC भारत–ऑस्ट्रेलिया रणनीतिक साझेदारी को महत्त्वपूर्ण रूप से सुदृढ़ करता है। यह कार्यबल विकास, वैश्विक गतिशीलता और NEP के अनुरूप शिक्षा एवं कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत समर्थन प्रदान करता है।

अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) निधि

हाल ही में भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2025 में अनुसंधान, विकास और नवाचार निधि को प्रमुखता से रेखांकित किया गया, जहाँ सरकार ने निजी क्षेत्र आधारित तकनीकी नवाचार और वाणिज्यिकरण को प्रोत्साहित करने में इसकी भूमिका पर विशेष बल दिया।

अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) निधि के बारे में

  • RDI निधि एक राष्ट्रीय पहल है, जिसकी राशि ₹1 लाख करोड़ है। इसका उद्देश्य भारत में निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।
  • उद्देश्य: इस निधि का उद्देश्य अग्रणी अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी का विस्तार करना और बाजार आधारित प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण में तेजी लाना है।
    • इसका उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
  • अनुमोदन और शुभारंभ: केंद्र मंत्रिमंडल ने इस निधि को 1 जुलाई 2025 को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री ने 3 नवंबर, 2025 को ‘इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव’ (ESTIC) 2025 में इसका औपचारिक शुभारंभ किया।
  • नोडल एजेंसी एवं प्रशासन
    • इस योजना का समन्वय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जाता है। हालाँकि अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) समन्वित कार्यान्वयन के लिए प्राथमिक संरक्षक के रूप में कार्य करता है।
  • वित्तपोषण तंत्र: RDI निधि, एक दो-स्तरीय संरचना पर संचालित होती है:-
    • ANRF संपूर्ण कोष का प्रबंधन करता है।
    • पेशेवर फंड प्रबंधक, जैसे-अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड’, विकास वित्त संस्थान, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड तथा BIRAC प्रत्यक्ष अनुदान देने के स्थान पर दीर्घकालिक ऋण और इक्विटी समर्थन प्रदान करेंगे।
  • प्राथमिकता क्षेत्र: यह निधि रणनीतिक और उभरते क्षेत्रों, जैसे- कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डीप टेक्नोलोजी, सेमीकंडक्टर, जैव प्रौद्योगिकी, चिकित्सा उपकरण, स्वच्छ ऊर्जा, फार्मा नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था अनुप्रयोगों को लक्षित करता है।

महत्व

RDI निधि, निजी क्षेत्र के निम्न अनुसंधान एवं विकास निवेश को संबोधित करते हुए, प्रयोगशाला से बाजार’ संबंधी अंतराल को पाटकर तथा ‘विकसित भारत 2047’ की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को सुदृढ़ समर्थन प्रदान कर, देश की नवाचार क्षमता को संरचनात्मक रूप से सशक्त बनाती है।

भारत में पेंशन योजनाओं का विकास

भारत की वृद्ध होती आबादी और पेंशन कवरेज में मौजूद अंतराल ने औपचारिक तथा अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए समावेशी एवं सतत् पेंशन प्रणाली को मजबूत करने पर नया ध्यान केंद्रित किया है।

भारत में पेंशन योजनाओं का विकास

  • प्रारंभिक कल्याण-आधारित सामाजिक सहायता
    • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (वर्ष 1995): गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध व्यक्तियों को आय-सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के रूप में प्रारंभ किया गया था।
    • पुरानी पेंशन योजना (OPS):  सरकारी कर्मचारियों के लिए निश्चित लाभ पेंशन सुनिश्चित करती थी, जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद आजीवन आय मिलती थी।
  • अंशदायी और समावेशन-उन्मुख मॉडल की ओर परिवर्तन
    • नयी पेंशन योजना (NPS), वर्ष 2004: नए सरकारी भर्ती कर्मचारियों के लिए OPS के स्थान पर अंशदायी ढाँचे को अपनाया गया। बाद में इसे कॉर्पोरेट क्षेत्र तक विस्तारित किया गया।
    • अटल पेंशन योजना (APY), वर्ष 2015–16: अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों में औपचारिक बचत को बढ़ावा देने हेतु अनुकूलित, आवधिक अंशदान और न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन का प्रावधान।
    • NPS 2.0, वर्ष 2025: उच्च इक्विटी निवेश की अनुमति तथा मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क लागू कर युवा और जोखिम निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास।
  • कानूनी और डिजिटल सुधारों के माध्यम से कवरेज बढ़ाना।
  • श्रम संहिता (वर्ष 2020): वेतन की एकसमान परिभाषा लागू कर पेंशन और सामाजिक सुरक्षा गणनाओं का आधार बढ़ाया गया।
  • ई-श्रेय पोर्टल (वर्ष 2021): अनौपचारिक श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार कर उन्हें पात्र सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने की व्यवस्था।

सुधार की आवश्यकता

  • भारत में वृद्ध आबादी तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि औपचारिक पेंशन कवरेज अपर्याप्त है।
  • 88% से अधिक वरिष्ठ नागरिक अनौपचारिक कार्यों में संलग्न हैं, जिनके पास विश्वसनीय सामाजिक सुरक्षा नहीं है।
  • जागरूकता की कमी बनी हुई है; अनेक वृद्धजन NPS जैसे अंशदायी पेंशन विकल्पों से अनभिज्ञ हैं।
    • LASI के अनुसार (वर्ष 2017–18), 55 वर्ष से अधिक आयु के 42% लोग अभी भी NPS और उसकी पात्रता शर्तों से अनभिज्ञ थे।
  • डिजिटल और पंजीकरण बाधाएँ वंचित वर्ग को नई कल्याणकारी प्रणालियों से बाहर कर सकती हैं।

श्योक सुरंग

भारतीय रक्षा मंत्री ने 125 सीमा अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें लद्दाख की श्योक सुरंग भी शामिल है।

  • ये परियोजनाएँ रणनीतिक सीमा क्षेत्रों में विस्तृत हैं, तथा इनमें सड़कें, सुरंगें और पुल शामिल हैं, जिनका उद्देश्य भारत की सीमाओं पर संपर्क, गतिशीलता और सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।

श्योक सुरंग के बारे में

  • अवस्थिति: श्योक सुरंग, लद्दाख के लेह में दुरबुक–श्योक–दौलत बेग ओल्डी (DSDBO) सड़क पर अवस्थित है।
  • विशेषताएँ: यह 920 मीटर लंबीकट-एंड-कवर’ सुरंग है, जिसका निर्माण सीमा सड़क संगठन द्वारा किया गया है।
  • सामरिक महत्त्व: यह सुरंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के निकट क्षेत्रों को सभी मौसमों में संपर्क प्रदान करेगी, जिससे सैनिकों की त्वरित तैनाती और लॉजिस्टिक आपूर्ति में सुविधा होगी।

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