100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal December 13, 2025 02:25 7 0

हाइड्रोजन ईंधन सेल-संचालित यात्री पोत

भारत ने वाराणसी में अपना पहला पूर्णतः स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल-संचालित यात्री पोत लॉन्च किया है, जो हरित, शून्य-उत्सर्जन अंतर्देशीय जल परिवहन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

हाइड्रोजन ईंधन सेल-संचालित यात्री पोत की विशेषताएँ

  • यह ‘लो टेम्परेचर प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन’ (LT-PEM) हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रणाली द्वारा संचालित है, जो केवल जल उत्सर्जित करता है।
  • एक बार हाइड्रोजन भरने पर आठ घंटे तक संचालन क्षमता से सुसज्जित है।
  • हाइड्रोजन ईंधन सेल, बैटरियों और सौर ऊर्जा को एकीकृत करने वाली हाइब्रिड प्रणाली से सुसज्जित है।
  • लगभग 6.5 नॉट की गति जो भारतीय नौवहन पंजीकरण संस्था द्वारा प्रमाणित है।
  • महत्त्व: यह पोत भारत के हरित गतिशीलता संक्रमण को आगे बढ़ाता है, उत्सर्जन में कमी लाता है, शहरी भीड़ को कम करता है, पर्यटन को प्रोत्साहित करता है तथा स्वदेशी स्वच्छ अंतर्देशीय जल परिवहन में मेक-इन-इंडिया नेतृत्व को प्रदर्शित करता है।

‘लो टेम्परेचर  प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन’ (LT-PEM) हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रणाली के बारे में

  • यह प्रणाली एक पॉलिमर मेम्ब्रेन का उपयोग कर प्रोटॉनों का संचलन करती है तथा अपेक्षाकृत कम तापमान (लगभग 80 डिग्री सेल्सियस) पर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से विद्युत उत्पन्न करती है।
  • विद्युत का उत्पादन विद्युत-रासायनिक अभिक्रिया द्वारा होता है, जिसमें हाइड्रोजन गैस को एनोड में प्रविष्ट कराया जाता है, जहाँ उसका ऑक्सीकरण होकर प्रोटॉन मुक्त होते हैं। ये प्रोटॉन पॉलिमर मेम्ब्रेन के माध्यम से कैथोड तक पहुँचते हैं, जहाँ वे ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर विद्युत और जल उत्पन्न करते हैं।
  • इसके लाभों में त्वरित प्रारंभ प्रक्रिया, उच्च शक्ति घनत्व, संक्षिप्त आकार और शांत संचलन शामिल हैं।
  • ये प्रणालियाँ वाहनों और पोर्टेबल विद्युत आपूर्ति के लिए उपयुक्त हैं, यद्यपि जल प्रबंधन एक महत्त्वपूर्ण चुनौती बना रहता है।

भारत-इटली JCEC

भारत और इटली ने आर्थिक सहयोग हेतु संयुक्त आयोग के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और औद्योगिक सहयोग को गहराई देने हेतु एक रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।

भारत–इटली आर्थिक सहयोग हेतु संयुक्त आयोग (JCEC) के बारे में

  • यह संयुक्त आयोग भारत और इटली के बीच व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और औद्योगिक साझेदारियों पर संरचित संवाद को सुगम बनाकर आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से स्थापित एक द्विपक्षीय तंत्र है।

मुख्य घटक

  • यह विनिर्माण, ऑटो घटक, वस्त्र, रक्षा, कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने हेतु एक संस्थागत ढाँचा प्रदान करता है।
  • अनुसंधान, नवाचार, शिक्षा और उन्नत प्रौद्योगिकियों में सहयोग को प्रोत्साहित करता है, जिससे औद्योगिक संपर्कों का विविधीकरण होता है।
    • भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड ने इटली के डेनियली समूह को तीन प्रमुख इस्पात संयंत्र परियोजनाएँ प्रदान की हैं, जिनके अंतर्गत अत्याधुनिक हरित प्रौद्योगिकी की आपूर्ति की जाएगी; इनका अनुबंध मूल्य लगभग 500 मिलियन यूरो है।
  • यह भारत–यूरोपीय संघ के व्यापक जुड़ाव के साथ द्विपक्षीय प्रयासों का समन्वय करता है, जिससे प्रस्तावित भारत–यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते सहित नए आर्थिक अवसरों को साकार किया जा सके।

भारत–इटली व्यापार की वर्तमान स्थिति

  • द्विपक्षीय व्यापार मात्रा: वर्ष 2024 में भारत–इटली द्विपक्षीय व्यापार लगभग €14.24 अरब यूरो रहा, जिसमें इटली को भारत का निर्यात €9.02 अरब यूरो और इटली से आयात €5.22 अरब यूरो था; इस प्रकार व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में बना रहा।
  • वस्तु व्यापार का परिदृश्य: वित्त वर्ष 2025 में भारत ने इटली को लगभग 7.7 अरब अमेरिकी डॉलर के वस्तुओं का निर्यात किया तथा लगभग 6 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया, जो द्विपक्षीय वस्तु प्रवाह को दर्शाता है।
  • व्यापार संतुलन: यह भारत के पक्ष में  3.8 अरब यूरो रहा है।
    • यह संतुलन वर्ष 1988 से लगातार भारत के पक्ष में बना हुआ है।

महाकवि सुब्रमण्यम भारती

प्रधानमंत्री ने महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और भारत की सांस्कृतिक जागृति, सामाजिक सुधार तथा राष्ट्रवादी चेतना के निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।

महाकवि सुब्रमण्यम भारती के बारे में

  • सुब्रमण्यम भारती, जिन्हें उनकी काव्यात्मक प्रतिभा के कारण महाकवि कहा जाता है, तमिलनाडु के एक क्रांतिकारी कवि, स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक सुधारक थे।
  • उनकी रचनाओं में साहस और राष्ट्रवाद की प्रखर भावना निहित थी, जिसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण को अत्यधिक प्रभावित किया।
  • प्रारंभिक जीवन: उनका जन्म वर्ष 1882 में तमिलनाडु के एट्टयापुरम में हुआ।
    • बाल्यावस्था से ही उन्होंने असाधारण साहित्यिक प्रतिभा का परिचय दिया और आधुनिक तमिल साहित्य की एक सशक्त आवाज के रूप में उभरे।
  • उन्होंने पत्रकार के रूप में कार्य किया; वर्ष 1904 में स्वदेशमित्रन से जुड़े और बाद में तमिल साप्ताहिक इण्डिया तथा अंग्रेजी पत्र बाला भारतम का संपादन किया।
  • स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
    • उनके प्रखर राष्ट्रवादी गीतों ने तमिलनाडु में जनसामान्य को संगठित किया और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की भावना को सुदृढ़ किया।
    • वर्ष 1908 में ब्रिटिश शासन द्वारा उन्हें फ्रांसीसी नियंत्रण वाले पुदुचेरी में निर्वासित किया गया, जहाँ उन्होंने एक दशक तक प्रभावशाली राजनीतिक और सामाजिक लेखन किया।
    • उन्होंने क्रांतिकारी राष्ट्रवादियों का समर्थन किया, पुदुचेरी में अरबिंदो घोष के साथ सहयोग किया और औपनिवेशिक दमन के विरुद्ध व्यापक लेखन किया।
  • साहित्यिक योगदान: उनकी प्रमुख कृतियों में पांचाली शपथ, कुयिल पाट्टु (कोयल गीत) और कन्नन पाट्टु (कृष्ण गीत) शामिल हैं, जिनके माध्यम से उन्होंने काव्य अभिव्यक्ति के नए रूप प्रस्तुत किए।
    • उन्होंने वैदिक स्तुतियों, पतंजलि के योगसूत्र तथा भगवद्गीता का तमिल में अनुवाद भी किया, जिससे तमिल बौद्धिक परंपरा समृद्ध हुई।
  • निधन: पुदुचेरी से लौटने के बाद वर्ष 1921 में मद्रास में उनका निधन हो गया।

वर्ष 2025 चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने वर्ष 2025 के चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं की घोषणा की, जिनमें तमिलनाडु की ACS सुप्रिया साहू भी शामिल हैं।

ACS सुप्रिया साहू के बारे में

  • परिचय: सुप्रिया साहू तमिलनाडु सरकार के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं तथा जलवायु शासन में एक अग्रणी नवोन्मेषक के रूप में जानी जाती हैं।
  • योगदान: उन्होंने प्रकृति-आधारित समाधानों, निम्न-प्रौद्योगिकी और उच्च-प्रौद्योगिकी जलवायु हस्तक्षेपों को लागू किया। संवेदनशील समुदायों की सहनशीलता को सुदृढ़ किया और बड़े पैमाने पर हरित आजीविका के सृजन को आगे बढ़ाया।
  • प्रेरणा और कार्रवाई–सुप्रिया साहू: सतत् शीतलन, पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन और ताप-अनुकूलन के माध्यम से एकीकृत जलवायु समाधान प्रदान किए। इन पहलों से लगभग  25 लाख हरित रोजगार सृजित हुए।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार’ के बारे में

  • परिचय: चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार, पर्यावरण संरक्षण और सततता के क्षेत्र में पूरे विश्व में परिवर्तनकारी योगदान को मान्यता देने वाला संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का सर्वोच्च पर्यावरणीय सम्मान है।
  • उद्गम: इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2005 में की गई थी और इसे प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा प्रदान किया जाता है।
  • श्रेणियाँ: यह पुरस्कार पाँच श्रेणियों के अंतर्गत प्रदान किया जाता है (अर्श 2025 के पुरस्कार विजेता)
    • लाइफटाइम अचीवमेंट: मैनफ्रेडी काल्टाजिरोने
    • नीतिगत नेतृत्व: जलवायु परिवर्तन के प्रति संघर्षरत प्रशांत द्वीपीय छात्र
    • प्रेरणा और कार्रवाई: सुप्रिया साहू
    • विज्ञान और नवाचार: इमाजोन
    • उद्यमशील दृष्टि: मरियम इसूफू

आदिचनल्लूर के पास रेत खनन पर प्रतिबंध

मद्रास उच्च न्यायालय ने आदिचनल्लूर लौह युगीन पुरातात्विक स्थल के निकट अथवा गाँव की सीमा के भीतर रेत खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

आदिचनल्लूर पुरातात्विक स्थल के बारे में

  • यह एक प्राचीन लौह युगीन कलश शवाधान स्थल है, जो महापाषाण संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
  • अवथिति: यह तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में तामिराबरानी नदी के दाएँ तट पर अवस्थित है।
  • काल निर्धारण: यह स्थल 1600 ईसा पूर्व से पूर्व की सभ्यता से संबंधित माना जाता है।
  • सांस्कृतिक संबंध: यह स्थल कोरकई के निकट स्थित है, जो प्राचीन पांड्य साम्राज्य का एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह था और जिसका उल्लेख संगम साहित्य में व्यापक रूप से मिलता है।
  • प्रथम उत्खनन: इस स्थल का प्रथम व्यापक उत्खनन वर्ष 1903–04 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अलेक्जेंडर रिया द्वारा किया गया था।
  • पुरातात्विक महत्त्व: उत्खननों में कलश शवाधान, कंकाल अवशेष, लौह उपकरण, मृद्भांड तथा तांबे की कलाकृतियाँ प्राप्त हुई हैं।
  • संरक्षण उपाय: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा स्थल पर उत्खनन कार्य किया जा रहा है तथा अतिक्रमण और खनन से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए इसे घेराबंदी द्वारा सुरक्षित किया गया है।

प्रधानमंत्री की जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम एशिया और अफ्रीका में भारत के संबंधों को सुदृढ़ करने हेतु जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की तीन देशों की यात्रा पर जाएँगे।

यात्रा का प्रमुख उद्देश्य 

  • इस यात्रा का उद्देश्य जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान के साथ रणनीतिक, आर्थिक और विकासात्मक साझेदारियों को प्रगाढ़ करना तथा पश्चिम एशिया और अफ्रीका के साथ भारत की भागीदारी को मजबूत करना है।
  • इसमें व्यापार, निवेश, रक्षा, ऊर्जा, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, कृषि, संस्कृति और क्षेत्रीय स्थिरता में सहयोग को आगे बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
  • यह यात्रा जॉर्डन के साथ 75 वर्षों और ओमान के साथ 70 वर्षों के राजनयिक संबंधों की वर्षगाँठ के अवसर को भी चिह्नित करती है, जिससे सहयोग का विस्तार और ग्लोबल साउथ की एकजुटता को सुदृढ़ किया जाएगा।

जॉर्डन के बारे में

  • जॉर्डन एक प्रमुख पश्चिम एशियाई देश है, जो अपनी राजनीतिक स्थिरता और रणनीतिक क्षेत्रीय भूमिका के लिए जाना जाता है; इसकी राजधानी अम्मान है।
  • अवस्थिति: यह पश्चिम एशिया के लेवंत क्षेत्र में स्थित है, जो अफ्रीका और एशिया के बीच स्थित एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।
  • सीमावर्ती देश: दक्षिण और पूर्व में सऊदी अरब, उत्तर-पूर्व में इराक, उत्तर में सीरिया तथा पश्चिम में इजराइल और फिलिस्तीन।
  • भूगोल: यहाँ जॉर्डन घाटी, मृत सागर का तट (पृथ्वी की सतह का सबसे निचला बिंदु) तथा देश के अधिकांश भाग में शुष्क मरुस्थलीय भू-दृश्य पाए जाते हैं।

इथियोपिया के बारे में

  • इथियोपिया पूर्वी अफ्रीका का एक प्रमुख देश और ग्लोबल साउथ में एक महत्त्वपूर्ण साझेदार है; इसकी राजधानी अदीस अबाबा है।
  • अवस्थिति: यह हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र में स्थित है और पूर्वी अफ्रीका तथा लाल सागर क्षेत्र को जोड़ने वाली रणनीतिक स्थिति रखता है।
  • सीमावर्ती देश: उत्तर में इरिट्रिया, पूर्व में जिबूती और सोमालिया, दक्षिण में केन्या तथा पश्चिम में सूडान और दक्षिण सूडान।
  • भूगोल: यह इथियोपियाई उच्चभूमि, ग्रेट रिफ्ट वैली और विविध पठारी क्षेत्रों से युक्त है।

ओमान के बारे में

  • परिचय: ओमान (राजधानी: मस्कट) एक प्रमुख खाड़ी देश है, जिसके भारत के साथ गहरे ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंध रहे हैं।
  • अवस्थिति: यह अरब प्रायद्वीप के दक्षिण-पूर्वी तट पर, अरब सागर और ओमान की खाड़ी के किनारे स्थित है।
  • सीमावर्ती देश: उत्तर-पश्चिम में संयुक्त अरब अमीरात, पश्चिम में सऊदी अरब और दक्षिण-पश्चिम में यमन
  • भूगोल: यहाँ लंबी तटरेखाएँ, हजर पर्वत शृंखला और आंतरिक मरुस्थलीय क्षेत्र हैं, जो इसकी रणनीतिक समुद्री महत्ता को रेखांकित करते हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.