100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal December 17, 2025 04:14 23 0

पेरुम्बिदुगु मुथारैयार द्वितीय

उप-राष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने सम्राट पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय सुवर्ण मारन के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।

पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय के बारे में

  • पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय, जिन्हें सुवर्ण मारन के नाम से भी जाना जाता है, मुथरैयार वंश के एक प्रसिद्ध शासक थे।
  • राजनीतिक सत्ता एवं क्षेत्रीय नियंत्रण
    • शासन काल: लगभग 705–745 ईस्वी
    • राजधानी: तिरुचिरापल्ली
    • प्रारंभ में वे पल्लव वंश के एक शक्तिशाली सामंत थे, किंतु पल्लवों की केंद्रीय शक्ति के कमजोर होने के साथ-साथ उनका प्रभाव और अधिकार क्षेत्र विस्तारित हुआ।
    • उन्होंने उपजाऊ कावेरी नदी घाटी पर नियंत्रण स्थापित किया, जिसमें शामिल थे:- तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, पुदुक्कोट्टै, पेरम्बलूर।
    • सैन्य भूमिका: वे पल्लव राजा नंदिवर्मन द्वितीय के प्रमुख सहयोगी थे और उन्होंने पांड्य तथा चेर वंशों के विरुद्ध अनेक युद्धों में भाग लिया।
    • धार्मिक संरक्षण: मुख्य रूप से शैव धर्म के संरक्षक थे, परंतु बौद्धिक एवं धार्मिक विमर्श को भी प्रोत्साहित किया। उनके दरबार में जैन विद्वान विमलचंद्र को आश्रय प्राप्त था।
    • वास्तुकला विरासत: उनके वंश ने प्रारंभिक शैलकृत एवं संरचनात्मक पत्थर मंदिरों का निर्माण किया, जिसने आगे चलकर चोल स्थापत्य शैली को प्रभावित किया।
    • राजनीतिक अवसान: नौवीं शताब्दी के मध्य में विजयालय चोल द्वारा तंजावुर पर अधिकार किए जाने के बाद मुथरैयार वंश का पतन आरंभ हुआ।
    • सांस्कृतिक एवं सामाजिक प्रतीक: पेरुम्बिदुगु मुथरैयार द्वितीय, तमिलनाडु में मुथरैयार समुदाय के लिए एक पूजनीय व्यक्ति हैं, जिसे अत्यंत पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।

भारत को  एशियाई विकास बैंक से 2.2 अरब डॉलर का ऋण 

भारत और एशियाई विकास बैंक के मध्य 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

‘एशियाई विकास बैंक’ परियोजनाओं के बारे में

  • यह वित्तपोषण भारत के विभिन्न राज्यों में कौशल विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, शहरी परिवहन और सतत् आजीविका से संबंधित विकासात्मक परियोजनाओं के लिए निर्धारित है
  • प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन कार्यक्रम
    • उद्देश्य: भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करना।
    • 12 राज्यों में 650 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का आधुनिकीकरण।
    • पाँच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों को उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में उन्नत करना।
  • त्वरित किफायती एवं समावेशी रूफटॉप सौर कार्यक्रम
    • उद्देश्य: प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को समर्थन प्रदान करना।
    • लक्ष्य: वर्ष 2027 तक एक करोड़ परिवारों को स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा उपलब्ध कराना।
  • असम राज्य तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल संवर्धन परियोजना
    • उद्देश्य: असम में तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ बनाना।
  • चेन्नई मेट्रो रेल निवेश परियोजना
    • उद्देश्य: चेन्नई के मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार को समर्थन प्रदान करना।
  • मेघालय पारिस्थितिकी पर्यटन एवं सतत् कृषि-आधारित आजीविका परियोजना
    • उद्देश्य: प्रकृति-आधारित पर्यटन को बढ़ावा देना तथा किसानों की आय में वृद्धि करना।

एशियाई विकास बैंक के बारे में

  • एशियाई विकास बैंक एक क्षेत्रीय विकास बैंक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1966 में की गई थी।
  • उद्देश्य: एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना।
  • मुख्यालय: मनीला, फिलीपींस।
  • सदस्यता: एशिया-प्रशांत क्षेत्र तथा अन्य विकसित देशों सहित 69 सदस्य देश
  • मतदान शक्ति: यह भारित मतदान प्रणाली पर कार्य करता है, जिसमें किसी सदस्य की मतदान शक्ति उसकी पूँजी सदस्यता के अनुपात में होती है।
    • जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके सबसे बड़े शेयरधारक हैं। भारत की हिस्सेदारी 6.317 प्रतिशत है।
  • भारत की भूमिका: भारत एशियाई विकास बैंक का संस्थापक सदस्य, प्रमुख शेयरधारक तथा सहायता प्राप्त करने वाले सबसे बड़े देशों में से एक है।

‘कार्तिगई दीपम’

तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि तिरुप्परंकुंद्रम पर्वत पर स्थित दीपथून जैन परंपरा से संबंधित है और मंदिर द्वारा ‘कार्तिगई दीपम’ प्रज्वलन के लिए इसके उपयोग का विरोध किया।

मामले की पृष्ठभूमि

  • मद्रास उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश की पीठ ने पारंपरिक स्थलों के अतिरिक्त दीपथून पर भी ‘कार्तिगई दीपम’ जलाने की अनुमति दी, जिसके विरुद्ध विभिन्न पक्षों द्वारा अपीलें दायर की गईं।
  • अपीलकर्ताओं ने तर्क दिया कि स्थल पर प्रचलित धार्मिक प्रथाओं, जैसे पशु बलि और दीप प्रज्वलन, को अनुमति देने से पूर्व किसी सक्षम दीवानी न्यायालय द्वारा उनका विधिवत निर्णय आवश्यक है।
  • हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ बंदोबस्त विभाग ने विशेषज्ञ साहित्य का हवाला देते हुए कहा कि ऐतिहासिक रूप से दीपथून का उपयोग ‘कार्तिगई दीपम’ के लिए नहीं किया जाता था।

दीपथून (पत्थर का स्तंभ) के बारे में

  • दीपथून एक पत्थर का स्तंभ है, जिसका ऐतिहासिक संबंध हिंदू मंदिर अनुष्ठानों की बजाय जैन तपस्वी परंपराओं से रहा है।
  • अवस्थिति: यह मदुरै जिले की तिरुप्परंकुंद्रम पर्वत के शिखर पर स्थित है, जो हिंदू, जैन और इस्लामी परंपराओं के सह-अस्तित्व से चिह्नित स्थल है।
  • सांस्कृतिक महत्त्व
    • पुरातात्त्विक और साहित्यिक स्रोतों के अनुसार, उज्जैन से आए दिगंबर जैन भिक्षु कभी इस पर्वत पर निवास करते थे और रात्रिकालीन सभाओं के दौरान दीप प्रज्वलन के लिए इस स्तंभ का उपयोग करते थे।
    • तमिलनाडु के समनार पर्वत और कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में पाए जाने वाले जैन प्रस्तर स्तंभ इसके जैन संबंध की पुष्टि करते हैं।

‘कार्तिगई दीपम’ के बारे में

  • ‘कार्तिगई दीपम’ दक्षिण भारत का एक प्रमुख प्रकाश पर्व है, विशेष रूप से तमिल समुदाय के लिए, जो भगवान शिव के दिव्य प्रकाश (ज्योति) का उत्सव है।
  • तिरुवन्नामलै पर्वत पर दीप प्रज्वलन के साथ कार्तिगई पर्व का आरंभ माना जाता है।
    • ‘कार्तिगई दीपम’ प्रज्वलित होने के बाद ही संपूर्ण तमिलनाडु के मंदिरों और घरों में दीप जलाए जाते हैं।
  • यह पर्व मिट्टी के दीप जलाने, अधिरसम जैसी विशेष मिठाइयों और विशाल अग्नि प्रज्जवलन जैसी परंपराओं से जुड़ा है, विशेषकर तिरुवन्नामलै में, जहाँ भगवान शिव के अग्नि स्तंभ रूप में प्रकट होने की मान्यता है।
  • ‘कार्तिगई दीपम’ के अनुष्ठानों में सभी धार्मिक समुदायों की सामूहिक भागीदारी सामुदायिक सौहार्द की जीवंत परंपरा को दर्शाती है तथा एकता, बहुलता और साझा सांस्कृतिक विरासत जैसे संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करती है।

संयुक्त राष्ट्र सभ्यता गठबंधन (UNAOC)

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सभ्यताओं के गठबंधन के 11वें सत्र में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ और धार्मिक सद्भाव की अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की।

संयुक्त राष्ट्र सभ्यताओं के गठबंधन के बारे में

  • संयुक्त राष्ट्र सभ्यताओं का गठबंधन एक संयुक्त राष्ट्र पहल है, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक और धार्मिक विभाजनों को पाटना, संवाद को बढ़ावा देना तथा उग्रवाद और ध्रुवीकरण का मुकाबला करना है।
  • स्थापना: वर्ष 2005
  • संस्थापक: संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान
  • सह-प्रायोजक: स्पेन और तुर्किये की सरकारें
  • पृष्ठभूमि: शीत युद्ध के बाद और 11 सितंबर की घटनाओं के उपरांत बढ़ते सांस्कृतिक एवं धार्मिक विभाजनों की प्रतिक्रिया में इसकी स्थापना की गई।
  • उद्गम: समाजों के बीच ध्रुवीकरण के मूल कारणों का अध्ययन करने और व्यावहारिक समाधान सुझाने हेतु विशेषज्ञों का एक उच्च-स्तरीय समूह गठित किया गया। उसकी रिपोर्ट इस गठबंधन के कार्य का आधार है।
  • संयुक्त राष्ट्र सभ्यता गठबंधन (UNAOC) का 11वाँ सम्मेलन सऊदी अरब के रियाद में आयोजित किया गया।
  • थीम: UNAOC: मानवता के लिए संवाद के दो दशक – बहुध्रुवीय दुनिया में आपसी सम्मान और समझ के एक नए युग को आगे बढ़ाना।’ (UNAOC: Two Decades of Dialogue for Humanity – Advancing a New Era of Mutual Respect and Understanding in a Multipolar World”)

वसुधैव कुटुम्बकम

  • अर्थ: ‘संपूर्ण विश्व एक परिवार है।’
  • उत्पत्ति: महाउपनिषद से उद्धृत
  • दार्शनिक आधार: प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा और उपनिषदिक चिंतन में निहित
    • यह सार्वभौमिक भ्रातृत्व, परस्पर निर्भरता और समस्त प्राणियों के बीच सामंजस्य पर बल देता है।
  • भारतीय विदेश नीति में वसुधैव कुटुम्बकम्: यह भारत के वैश्विक दृष्टिकोण का नैतिक आधार है और संयुक्त राष्ट्र, बीस देशों के समूह तथा संयुक्त राष्ट्र सभ्यताओं के गठबंधन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार उद्धृत किया जाता है।
  • भारत की G20 समूह की अध्यक्षता का विषय (वर्ष 2023): “वसुधैव कुटुम्बकम् — एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य”

‘बॉन्डी बीच’

ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी के ‘बॉन्डी बीच’ पर हुई गोलीबारी को आतंकवादी कृत्य घोषित कर दिया है, क्योंकि यहूदी त्योहार हनुक्का के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।

  • हनुक्का, जिसे ‘फेस्टिवल ऑफ लाइट्स’ भी कहा जाता है, एक आठ दिवसीय यहूदी उत्सव है, जो यरूशलेम में दूसरे मंदिर के पुनर्निर्माण की याद में मनाया जाता है।

‘बॉन्डी बीच’ के बारे में

  • ‘बॉन्डी बीच’ सिडनी का विश्व प्रसिद्ध समुद्री तट और उपनगर है।
  • अवस्थिति: सिडनी के ‘सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट’ से सात किलोमीटर पूर्व में, पूर्वी उपनगरों में, वेवरली काउंसिल क्षेत्र के अंतर्गत स्थित है।
  • नामकरण: ‘बॉन्डी’ नाम धरवाल नामक आदिवासी शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है- तेज आवाज, जो चट्टानों से टकराती लहरों का वर्णन करता है।
  • भूगोल: यह समुद्र-तट अर्द्धचंद्राकार एवं रेतीला है तथा तस्मान सागर की ओर अभिमुख होने के कारण सर्फिंग, तैराकी और तटीय मनोरंजन गतिविधियों के लिए अत्यंत लोकप्रिय है।
  • महत्त्व: ऑस्ट्रेलिया के सर्वाधिक दर्शनीय समुद्र तटों में से एक, बॉन्डी एक प्रमुख सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल है, जिसे वैश्विक मान्यता प्राप्त है।

महाक्राइमओएस एआई (MahaCrimeOS AI)  

माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला ने महाराष्ट्र पुलिस के लिए महाक्राइमओएस एआई (MahaCrimeOS AI) का शुभारंभ किया, जिससे पूरे राज्य के सभी 1,100 पुलिस थानों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित साइबर अपराध जाँच संभव हो सकेगी।

महाक्राइमओएस एआई (MahaCrimeOS AI) के बारे में

  • महाक्राइमओएस एआई (MahaCrimeOS AI) एक उन्नत, कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित जाँच संबंधी प्लेटफॉर्म है, जिसे मार्वेल (महाराष्ट्र अनुसंधान एवं सतर्कता द्वारा उन्नत कानून प्रवर्तन) पहल के अंतर्गत माइक्रोसॉफ्ट और महाराष्ट्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य पुलिसिंग के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना है।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • यह उपकरण विभिन्न प्रारूपों में प्राप्त शिकायतों को ग्रहण करता है, जिनमें दस्तावेज, ध्वनि, चित्र तथा हस्तलिखित नोट्स शामिल हैं, और बहुभाषी व बहु-माध्यम कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से महत्त्वपूर्ण जानकारी उत्पन्न करता है।
    • यह महाराष्ट्र पुलिस की कार्यप्रणालियों तथा सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपराध-विशिष्ट जाँच योजनाएँ स्वतः तैयार करता है, जिसमें मराठी में प्राथमिकी की प्रक्रिया भी सम्मिलित है।
    • यह प्लेटफार्म दूरसंचार आँकड़ों और खुले स्रोतों से प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है, संदिग्धों के बीच संबंधों की पहचान करता है तथा न्यायालय में प्रस्तुत करने हेतु समय-चिह्नित डिजिटल प्रकरण डायरी तैयार करता है।

महत्त्व

महाक्राइमओएस एआई (MahaCrimeOS AI) जाँच की गति बढ़ाता है, पुलिस अधिकारियों के कार्यभार को कम करता है, नए आपराधिक कानूनों के अनुपालन को सुनिश्चित करता है तथा जटिल साइबर और वित्तीय अपराधों से निपटने की महाराष्ट्र की क्षमता को सुदृढ़ करता है।

‘जेमिनिड’ उल्का बौछार

‘जेमिनिड’ उल्का बौछार 13–14 दिसंबर को अपने वैश्विक चरम पर पहुँची, और भारत में स्वच्छ रात्रि आकाश की स्थिति में यह वर्ष की सबसे उज्ज्वल उल्का-वर्षाओं में से एक के रूप में स्पष्ट रूप से दिखाई दी।

‘जेमिनिड’ उल्का बौछार के बारे में

  • ‘जेमिनिड’ उल्का बौछार दिसंबर में होने वाली एक वार्षिक खगोलीय घटना है, जो अपनी उच्च उल्का संख्या तथा अत्यंत चमकीली और धीमी गति से चलने वाली प्रकाश रेखाओं के लिए प्रसिद्ध है।
  • उत्पत्ति: अधिकांश उल्का बौछार धूमकेतु से उत्पन्न होती हैं, जबकि ‘जेमिनिड’ उल्का बौछार 3200 फैथॉन क्षुद्रग्रह द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट से उत्पन्न होती है, जो इसे वैज्ञानिक दृष्टि से विशिष्ट बनाती है।
  • महत्त्व: ‘जेमिनिड’ उल्का बौछार प्रतिवर्ष होने वाली सबसे दर्शनीय और स्थिर उल्का बौछार में से एक है, जो क्षुद्रग्रह अपशिष्ट, पृथ्वी के वायुमंडल तथा प्रेक्षणात्मक खगोल विज्ञान में जनभागीदारी को समझने में महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

‘उल्का बौछार’ के बारे में

  • ‘उल्का बौछार’ एक खगोलीय घटना है, जिसमें रात्रि आकाश में अनेक उल्काएँ (प्रकाश की धारियाँ) एक ही बिंदु से निकलती हुई प्रतीत होती हैं। यह तब घटित होती है जब पृथ्वी किसी धूमकेतु या क्षुद्रग्रह द्वारा छोड़े गए ब्रह्मांडीय अपशिष्टों (उल्कापिंडों) के मार्ग से होकर गुजरती है।
  • ये सूक्ष्म कण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय जलने लगते हैं और तेज प्रकाश उत्पन्न करते हैं।
  • पृथ्वी के इन पथों से प्रतिवर्ष गुजरने के कारण ऐसी बौछारे नियमित रूप से होती हैं, जिनमें उल्काएँ किसी विशिष्ट नक्षत्र से आती हुई प्रतीत होती हैं।

सरदार वल्लभभाई पटेल  

भारत ने 15 दिसंबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि मनाई, इस अवसर पर उनके निर्णायक नेतृत्व और एकीकृत राष्ट्र के निर्माण में उनकी स्थायी भूमिका को स्मरण किया गया।

वल्लभभाई पटेल के बारे में

  • सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे तथा स्वतंत्र भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री रहे।
  • जन्म: 31 अक्टूबर, 1875, नडियाद, बंबई प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (वर्तमान गुजरात, भारत)।
  • गांधीजी  के सहयोगी: सरदार पटेल ने खेड़ा सत्याग्रह (वर्ष 1918) में महात्मा गांधी की महत्वपूर्ण सहायता की। उन्होंने किसानों को संगठित किया और अन्यायपूर्ण कर वसूली के विरुद्ध आंदोलन की सफलता सुनिश्चित की।
    • उन्होंने अहमदाबाद मिल हड़ताल (वर्ष 1918) में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहाँ उन्होंने व्यवस्थाओं का संचालन किया और गांधी के उपवास का समर्थन किया, जिससे दोनों के सहयोग को मजबूती मिली।
  • ‘सरदार’ की उपाधि: वर्ष 1926 के बारदोली सत्याग्रह का सफल नेतृत्व करने के बाद उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि मिली। अनुशासित जनआंदोलन के माध्यम से उन्होंने अंग्रेजों को भूमि राजस्व वृद्धि वापस लेने के लिए बाध्य किया।
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष: वर्ष 1931 के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की, जहाँ मौलिक अधिकारों और राष्ट्रीय आर्थिक नीतियों को स्वीकार किया गया तथा गांधी–इरविन समझौते का समर्थन किया गया।
  • स्वतंत्रता के बाद प्रमुख योगदान
    • स्वतंत्रता के पश्चात 560 से अधिक रियासतों का भारतीय संघ में एकीकरण कर उन्होंने राजनीतिक विखंडन को रोका।
    • उन्होंने सशक्त प्रशासनिक ढाँचे और सिविल सेवा प्रणाली की नींव रखी।
    • दृढ़ और व्यावहारिक नेतृत्व के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ किया।
  • निधन: 15 दिसंबर 1950, बंबई (वर्तमान मुंबई), भारत। 
  • वर्तमान प्रासंगिकता: ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में स्मरण किए जाने वाले सरदार पटेल का राष्ट्रीय एकता, प्रशासनिक अनुशासन और निर्णायक शासन पर बल आज भी राष्ट्र-निर्माण और संघीय एकजुटता के लिए अत्यंत प्रासंगिक है, जिसका प्रतीक उनके सम्मान में निर्मित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ है।

ICTP  पुरस्कार

क्वांटम बहु-निकाय और क्वांटम सूचना विज्ञान में अग्रणी योगदान के लिए भारतीय भौतिकविदों ‘टाइटस चंदा’ और स्थितिधि रॉय को वर्ष 2025 का ICTP पुरस्कार प्रदान किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय सैद्धांतिक भौतिकी केंद्र (ICTP) पुरस्कार के बारे में

  • ICTP पुरस्कार एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जो विकासशील देशों के उत्कृष्ट युवा वैज्ञानिकों को सैद्धांतिक भौतिकी में मौलिक और प्रभावशाली शोध के लिए सम्मानित करता है।
    • वर्ष 1982 में स्थापित इस पुरस्कार में प्रमाण पत्र और नकद राशि दोनों शामिल हैं।
  • उद्देश्य: यह संघनित पदार्थ भौतिकी, क्वांटम सूचना विज्ञान और गैर-संतुलन क्वांटम प्रणालियों जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक कार्यों को सम्मानित करता है और वैश्विक वैज्ञानिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करता है।
  • ICTP के बारे में: ICTP की स्थापना वर्ष 1964 में नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दस सलाम द्वारा विकासशील देशों में अनुसंधान क्षमता को मजबूत करने के लिए की गई थी।

ICTP पुरस्कार 2025

  • वर्ष 2025 का पुरस्कार इटली के भौतिक विज्ञानी जियानकार्लो घिरार्डी की स्मृति में दिया गया था, जिन्हें क्वांटम यांत्रिकी और एंटेंगलमेंट सिद्धांत में मूलभूत योगदान के लिए जाना जाता है।
  • वर्ष 2025 के विजेता
    • टाइटस चंदा (IIT मद्रास): क्वांटम सूचना विज्ञान और क्वांटम बहु-पिंड भौतिकी में योगदान के लिए सम्मानित, जिसमें क्वांटम सहसंबंध, ओपन क्वांटम सिस्टम और क्वांटम बैटरी और संचार प्रोटोकॉल जैसे अनुप्रयोगों पर शोध शामिल है।
    • स्थिताधि रॉय (ICTS-TFIR, बेंगलुरु): ‘क्वांटम मल्टी-बॉडी’ आधारित प्रणालियों की गैर-संतुलन गतिशीलता पर कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
  • वैज्ञानिक महत्त्व: पुरस्कार विजेता के शोध से यह समझने में मदद मिलती है कि जटिल क्वांटम प्रणालियाँ असंतुलन की स्थिति में कैसे व्यवहार करती हैं और क्वांटम कंप्यूटर और सेंसर जैसी नियंत्रणीय क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास में सहायक होती हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.