वर्ष 2006 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस, जिन्हें ‘गरीबों के बैंकर’ के रूप में भी जाना जाता है, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख होंगे।
मुहम्मद युनुस के बारे में
मुहम्मद यूनुस, जिनका जन्म 28 जून, 1940 को चटगाँव (Chittagong), बांग्लादेश में हुआ था, एक प्रतिष्ठित सामाजिक उद्यमी, बैंकर, अर्थशास्त्री और नागरिक समाज के नेता हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार: वर्ष 2006 में वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हुए जब उन्हें और ग्रामीण बैंक को माइक्रोक्रेडिट (Microcredit) और माइक्रोफाइनेंस (Microfinance) में उनके अग्रणी कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
कार्य: ये पहल वंचित उद्यमियों को छोटे ऋण प्रदान करती हैं, जिससे उन्हें पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं तक सीमित पहुँच के बावजूद आर्थिक और सामाजिक विकास प्राप्त करने में सशक्त बनाया जाता है।
ग्रामीण बैंक का गठन: वर्ष1974 में बांग्लादेश में पड़े अकाल के जवाब में, यूनुस ने गरीबों के लिए एक ठोस बदलाव लाने की कोशिश की। उन्होंने लोगों को अपना खुद का छोटा व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए दीर्घकालिक ऋण की शुरुआत की, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण बैंक की स्थापना हुई और माइक्रोफाइनेंस का व्यापक आंदोलन शुरू हुआ।
यूनुस ने विभिन्न प्रभावशाली पदों पर कार्य किया है: महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन के लिए अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समूह (1993-1995), महिला स्वास्थ्य पर वैश्विक आयोग, तथा महिलाओं और वित्त पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समूह।
संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन सदस्य: वर्ष 1998 से वर्ष 2021 तक, वह संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य थे और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की कई पहलों में योगदान दिया।
पुरस्कार: विज्ञान के लिए मोहम्मद शबदीन पुरस्कार,विश्व खाद्य पुरस्कार, किंग हुसैन मानवतावादी नेतृत्व पुरस्कार, वोल्वो पर्यावरण पुरस्कार, क्षेत्रीय विकास के लिए निक्केई एशिया पुरस्कार, फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट स्वतंत्रता पुरस्कार और सियोल शांति पुरस्कार।
भारतीय गुणवत्ता परिषद ने QCI सुराज्य की शुरुआत की
भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) सुराज्य मान्यता एवं रैंकिंग फ्रेमवर्क प्रस्तुत कर रही है।
भारतीय गुणवत्ता परिषद के बारे में
भारतीय गुणवत्ता परिषद की स्थापना वर्ष 1997 में भारत सरकार और भारतीय उद्योग द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी, जिसका प्रतिनिधित्व तीन प्रमुख उद्योग संघों द्वारा किया गया था।
एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ASSOCHAM)
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI)
QCI सुराज्य मान्यता एवं रैंकिंग फ्रेमवर्क के बारे में
परिचय: अगस्त 2024 की रैंकिंग से शुरू होने वाला QCI सुराज्य मान्यता और रैंकिंग फ्रेमवर्क पूरे देश में उत्कृष्टता के लिए एक नया मानदंड स्थापित करता है।
रैंकिंग आधार: व्यापक और संतुलित मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहलों के मासिक और संचयी दोनों आँकड़ों को शामिल करते हुए रैंकिंग संकलित की गई है।
उद्देश्य: इसका उद्देश्य गुणवत्ता और नवाचार में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले राज्यों और संगठनों को मान्यता प्रदान कर उन्हें पुरस्कृत करके एक विकसित भारत का निर्माण करना है।
सहयोगात्मक शासन को बढ़ाने और सतत् विकास को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए, यह ढाँचा एक समृद्ध और गुणवत्ता-संचालित विकसित भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
इस ढाँचे को चार स्तंभों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है: शिक्षा, स्वास्थ्य, समृद्धि और सुशासन।
शिक्षा: मजबूत मान्यता और प्रमाणन प्रक्रियाओं के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करना।
स्वास्थ्य: पूरे देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवा (स्वास्थ्य) सेवाओं की गारंटी देना और हर क्षेत्र में चिकित्सा देखभाल के उच्चतम मानकों को बनाए रखना।
समृद्धि: विनिर्माण और औद्योगिक प्रथाओं में गुणवत्ता आश्वासन के माध्यम से आर्थिक समृद्धि (समृद्धि) को बढ़ावा देना।
सुशासन: पारदर्शी, जवाबदेह और उत्तरदायी शासन (सुशासन) सुनिश्चित करना, जो गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को बनाए रखता है।
राज्यों की रैंकिंग
शिक्षा रैंकिंग में: उत्तर प्रदेश सर्वाधिक मान्यता, मूल्यांकन और रेटिंग के साथ अग्रणी है।
केंद्र शासित प्रदेश के रूप में दिल्ली भी प्रमुख स्थान पर है।
स्वास्थ्य श्रेणी में: छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, मिजोरम और मणिपुर आयुष्मान आरोग्य योजना (NBH) में पूर्ण प्रमाणीकरण के साथ आगे हैं।
तमिलनाडु और महाराष्ट्र मेडिकल एंट्री लेवल टेस्टिंग लैब्स (Medical Entry Level Testing Labs- MELT) रैंकिंग (NABL) में अग्रणी हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों में: चंडीगढ़ ने आयुष्मान आरोग्य योजना में 100% प्रमाणन के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, तथा जम्मू और कश्मीर ने 71.43% प्रमाणन दर के साथ सराहनीय प्रदर्शन किया है।
सुराज्य मान्यता इन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में राज्यों और संगठनों द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता को मान्यता प्रदान करती है।
नंदिनी सहकार योजना (Nandini Sahakar Yojana)
हाल ही में सहकारिता मंत्री ने नंदिनी सहकार योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी है।
नंदिनी सहकार योजना के बारे में
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) द्वारा नंदिनी सहकार योजना वित्तीय सहायता, परियोजना निर्माण, सहायता और क्षमता विकास की एक महिला केंद्रित रूपरेखा है जिसका उद्देश्य NCDC के दायरे में महिला सहकारी समितियों को व्यवसाय मॉडल आधारित गतिविधियों को अपनाने में सहायता करना है।
सीमाएँ: महिला सहकारी समितियों द्वारा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता की कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं है।
उद्देश्य: यह योजना महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सहायता का एक ढाँचा है। यह महिला सहकारी समितियों के माध्यम से महिलाओं की उद्यमशीलता की गतिशीलता का समर्थन करती है।
विशेषताएँ
सहायता एवं इंटरनेट अनुदान: कोई भी सहकारी समिति, जिसमें न्यूनतम 50% महिलाएँ प्राथमिक सदस्य हों, तथा जिसका परिचालन तीन माह से चल रहा हो, सहायता के लिए आवेदन करने के लिए पात्र है। यह सहायता अवसंरचना अवधि ऋण एवं कार्यशील पूँजी के लिए ऋण लिंकेज के रूप में होगी, जिसे सरकार/एजेंसियों की अन्य योजनाओं से सब्सिडी या ब्याज अनुदान के साथ जोड़ा जाएगा।
प्रोत्साहन: प्रोत्साहन के रूप में, NCDC नई और अभिनव गतिविधियों के लिए सावधि ऋण हिस्से पर ब्याज दर पर 2% ब्याज छूट प्रदान करता है और अन्य सभी गतिविधियों के लिए सावधि ऋण हिस्से पर ब्याज दर पर 1% ब्याज छूट प्रदान करता है, जिसके परिणामस्वरूप उधार लेने की लागत कम हो जाती है।
मंकीपॉक्स (Monkeypox)
हाल ही में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एमपॉक्स (mpox)/मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों में वृद्धि देखी गई, साथ ही केन्या और कई अन्य अफ्रीकी देशों में भी इसका तेजी से प्रसार हुआ, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच चिंता बढ़ गई।
मंकीपॉक्स के बारे में
एमपॉक्स (mpox) (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) एक ऐसी बीमारी है जो मंकीपॉक्स नामक वायरस के संक्रमण से होती है। यह वायरस चेचक पैदा करने वाले वायरस के ही परिवार का हिस्सा है।
संभावित वाहक: कृंतक और प्राइमेट
सामान्य लक्षण: त्वचा पर लाल चकत्ते या श्लैष्मिक घाव जो 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं, साथ ही बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकावट और लिम्फ नोड्स में सूजन भी हो सकते हैं।
ऊष्मायन अवधि (Incubation period): मंकीपॉक्स की ऊष्मायन अवधि (संक्रमण के संपर्क में आने और पहले लक्षण दिखाई देने के बीच की अवधि) आमतौर पर 6 से 13 दिनों तक होती है, लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक हो सकती है।
मनुष्यों के बीच संचरण
यौन संपर्क सहित निकट संपर्क के माध्यम से
संक्रमित शारीरिक तरल पदार्थ या घावों के संपर्क में आने से
वर्तमान प्रसार: एमपॉक्स (mpox)का प्रकोप अंतिम बार वर्ष 2022-23 के दौरान रिपोर्ट किया गया था और तब से यह तेज हो गया है।
प्रारंभ में यह रोग कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) तक ही सीमित था, लेकिन अब यह बुरुंडी, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, रवांडा और दक्षिण अफ्रीका सहित नौ अन्य अफ्रीकी देशों में भी फैल गया है।
वर्ष 2023 में नाम में बदलाव: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने घोषणा की है कि मंकीपॉक्स को अब Mpox के नाम से जाना जाएगा।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (Rashtriya Vigyan Puraskar)
जी पद्मनाभन, चंद्रयान-3 टीम, अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम् और 30 अन्य को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (Rashtriya Vigyan Puraskar-RVP) के लिए चुना गया है।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (RVP) के बारे में
घोषणा: पिछले वर्ष भारत सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में ‘राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार’ की घोषणा की थी।
परिचय: राष्ट्रीय पुरस्कार शोधकर्ताओं, प्रौद्योगिकीविदों और नवप्रवर्तकों के उत्कृष्ट और प्रेरक वैज्ञानिक, तकनीकी और नवप्रवर्तन योगदान को मान्यता देते हैं।
पुरस्कार 2024: इस वर्ष 33 राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार दिए जाएँगे, 13 वैज्ञानिकों को विज्ञान श्री और 18 को विज्ञान युवा पुरस्कार मिलेगा।
श्रेणियाँ: पुरस्कार निम्नलिखित चार श्रेणियों में दिए जाएँगे:
विज्ञान रत्न: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आजीवन उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देने के लिए अधिकतम तीन पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे।
विज्ञान श्री: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए अधिकतम 25 पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे।
विज्ञान युवा: शांति स्वरूप भटनागर (VY – SSB) पुरस्कार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभा को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम 25 पुरस्कार दिए जाएँगे।
विज्ञान टीम (VT) पुरस्कार: तीन या अधिक वैज्ञानिकों / शोधकर्ताओं / नवप्रवर्तकों की टीम को अधिकतम तीन पुरस्कार प्रदान किए जा सकते हैं, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक टीम में कार्य करते हुए असाधारण योगदान दिया हो।
उल्लेखनीय पुरस्कार विजेता
जी पद्मनाभन (G Padmanabhan): मलेरिया परजीवी पर अपने कार्य के लिए प्रसिद्ध 86 वर्षीय जैव रसायनज्ञ जी पद्मनाभन को विज्ञान के क्षेत्र में उनकी आजीवन उपलब्धियों के लिए विज्ञान रत्न से सम्मानित किया गया है।
उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।
चंद्रयान-3 टीम: चंद्रयान-3 के पीछे की टीम, जिसने पिछले वर्ष चंद्रमा पर भारत का पहला अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक उतारा था, को उनके सहयोगात्मक शोध कार्य के लिए विज्ञान टीम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
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