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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal December 19, 2025 02:35 18 0

अदवा विजय स्मारक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथियोपिया के अदीस अबाबा में अदवा विजय स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

अदवा विजय स्मारक के बारे में

  • यह स्मारक 1 मार्च, 1896 को हुए अदवा के युद्ध को समर्पित है, जिसमें इथियोपियाई सेनाओं ने आक्रमणकारी इटालियन सेना को निर्णायक रूप से पराजित किया था।
  • स्थान: यह स्मारक इथियोपिया के अदीस अबाबा शहर के पिआसा (पिआस्सा) क्षेत्र में स्थित है।
  • यह विजय प्रथम इटालो–इथियोपियन युद्ध का निर्णायक मोड़ थी, जिसके बाद इटली को अदीस अबाबा की संधि पर हस्ताक्षर करने पड़े।
  • सार्वभौमिकता की रक्षा: इस जीत ने यह सुनिश्चित किया कि यूरोप की उपनिवेशवादी ‘स्क्रैंबल ऑफ अफ्रीका’ (Scramble for Africa) के दौरान भी इथियोपिया एक स्वतंत्र देश बना रहा।
  • वैश्विक प्रेरणा: यह विजय पूरे विश्व में उपनिवेश-विरोधी संघर्षों का प्रतीक बनी और संपूर्ण-अफ्रीकी आंदोलनों के लिए गर्व व प्रेरणा का स्रोत बनी।

भारत और अर्जेंटीना ने नई कार्य योजना के तहत कृषि संबंधों को मजबूत किया

भारत और अर्जेंटीना ने कृषि अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में अपने सहयोग को मजबूत करने हेतु वर्ष 2025–27 कार्य योजना पर नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए हैं।

किसके मध्य हस्ताक्षर हुए

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और अर्जेंटीना के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी (INTA) के बीच।

भारत-अर्जेंटीना कार्य योजना के उद्देश्य

  • भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय कृषि अनुसंधान और प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, ICAR और INTA के बीच एक संरचित साझेदारी के माध्यम से।
  • सतत् कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना: प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और सतत् कृषि विज्ञान में सहयोग करना:
    • जीरो टिलेज (Zero tillage)
    • माइक्रो-इरीगेशन और फर्टिगेशन (Micro-irrigation and fertigation)।
  • कृषि यंत्रीकरण को बढ़ाना: कृषि यंत्रीकरण में सहयोग को गहरा करना:
    • कपास कटाई मशीनरी
    • ड्रोन
  • महत्त्वपूर्ण संसाधनों और ज्ञान का आदान-प्रदान
    • जर्मप्लाज्म (बीज/पौधारोपण सामग्री) का आदान-प्रदान सुगम बनाना।
    • विशेषज्ञ सत्र आयोजित करना।
    • अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • मुख्य मूल्य शृंखलाओं को सुदृढ़ करना: विशेष रूप से तिलहन और दालों की मूल्य शृंखलाओं में सहयोग को गहरा करना ताकि उत्पादकता तथा बाजार दक्षता में सुधार हो।
  • प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना: वार्षिक निगरानी और समीक्षा के लिए एक ढाँचा स्थापित करना, ताकि सहयोग ठोस प्रगति और परिणाम प्रदान करे।

एन्नाट्टो (Annatto)

CSIR-सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट (CFTRI), मैसूरु द्वारा  एन्नाट्टो-आधारित नेचुरल कलर फॉर्मूलेशन  विकसित किए हैं।

एन्नाट्टो के बारे में

  • एन्नाट्टो एक प्राकृतिक खाद्य रंजक है, जो पौधों से प्राप्त होता है और इसे खाद्य पदार्थों में सिंथेटिक रंगों के विकल्प के तौर पर इसकी सुरक्षा, स्थिरता और उपयुक्तता के लिए अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है।
  • निष्कर्षण: एन्नाट्टो रंजक को एन्नाट्टो पौधे (बिक्सा ओरेलाना) के बीजों से प्राप्त किया जाता है।

 एन्नाट्टो पौधे (बिक्सा ओरेलाना) के बारे में

  • एन्नाट्टो एक उष्णकटिबंधीय झाड़ी या छोटा पौधा होता है, जिसके बीजों का मूल्य उसके प्राकृतिक लाल-नारंगी रंग के वर्णक के कारण होता है।
    • इसमें पाए जाने वाले बिक्सिन और नॉरबिक्सिन जैसे कैरोटिनॉयड के कारण इसका उपयोग पारंपरिक दवाइयों में भी किया जाता है।
  • मूल स्थान: मध्य और दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र।
    • वर्तमान में इसकी खेती भारत, केन्या और मैक्सिको जैसे उष्णकटिबंधीय देशों में बड़े पैमाने पर की जाती है।
  • खेती करने हेतु परिस्थितियाँ: यह पौधा उष्ण, धूप युक्त, पाला  मुक्त जलवायु और उचित जल निकासी वाली मृदा में अच्छी तरह फलता-फूलता है, इसमें सूखा सहिष्णुता की क्षमता मध्यम प्रकार की होती है, इसे अपेक्षाकृत कम जल की आवश्यकता होती है, और इसे प्राय: मानसून के मौसम में लगाया जाता है।
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • इसकी पत्तियाँ बड़ी होती है तथा इसके पुष्प सफेद या गुलाबी रंग के होते हैं, और इसके कैप्सूल काँटेदार, ह्रदय नुमा आकार के होते हैं, जो पकने पर लाल हो जाते हैं।
    • बीज प्राकृतिक वर्णक से युक्त लाल रंग के मोम जैसे एरिल से ढके होते हैं।
  • खाद्य और डेयरी में उपयोग: CSIR–CFTRI ने जल एवं, तेल में घुलनशील, प्रोपलीन ग्लाइकोल-आधारित, ग्लूकोज -आधारित और अम्ल में-घुलनशील फॉर्मूलेशन विकसित किए हैं, जो कैंडी, पारंपरिक मिठाइयों, फास्ट फूड और डेयरी उत्पादों सहित विभिन्न खाद्य उत्पादों के लिए उपयुक्त हैं।
    • इसका उपयोग मक्खन, चीज, बेकरी क्रीम, बिस्किट फिलिंग, आइसिंग क्रीम और मिठाइयों में कलरिंग एजेंट के तौर पर बड़े स्तर पर किया जाता है।
  • औद्योगिक और पोषण संबंधी उपयोग: CSIR मिशन मोड प्रोजेक्ट “बायोरिसोर्स कंजर्वेशन एंड प्रोस्पेक्शन (CSIR-BioCap)” के तहत, खाद्यान्न और कॉस्मेटिक में उपयोग  के लिए विटामिन-E युक्त एन्नाट्टो तेल विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहा है।

अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’

हाल ही में भारत द्वारा भारत-UAE संयुक्त सैन्य अभ्यास डेजर्ट साइक्लोन-II के दूसरे संस्करण के लिए अबू धाबी में 45 सदस्यों वाली भारतीय सेना की टुकड़ी भेजी गई है।

अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’  के बारे में

  • डेजर्ट साइक्लोन भारतीय सेना और UAE की स्थल सेना के मध्य एक द्विपक्षीय संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जिसका उद्देश्य  पारस्परिक सहयोग, सामरिक समन्वय और रक्षा सहयोग को बढ़ाना है।
  • प्रथम संस्करण: डेजर्ट साइक्लोन का पहला संस्करण वर्ष 2024 में राजस्थान के महाजन फील्ड में आयोजित हुआ, जहाँ दोनों सेनाओं के मध्य  सयुक्त अभ्यास आरंभ हुआ।
  • डेजर्ट साइक्लोन-II का उद्देश्य 
    • शहरी युद्ध के हालातों में जॉइंट ट्रेनिंग, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत सब-कन्वेंशनल ऑपरेशन शामिल हैं, और जिसमें मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री (Mechanized Infantry) रणनीति पर बल दिया जाएगा।
    • हेलीबोर्न ऑपरेशन, मानवरहित हवाई वाहन (UAS), काउंटर-यूएएस मेजर्स और व्यापक संयुक्त मिशन प्लानिंग जैसी एडवांस्ड क्षमताओं को एकीकृत करना।
  • महत्व: यह अभ्यास भारत-UAE के सैन्य  संबंधों को मजबूत करता है, ऑपरेशनल संचालन को बेहतर बनाता है और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता को बढ़ावा देने में उनकी रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करता है।

रिस्पॉन्ड बास्केट 2025 (RESPOND Basket 2025)

इसरो ने बेंगलुरु में ISRO मुख्यालय में आयोजित इसरो-एकेडेमिया डे के दौरान रिस्पॉन्ड बास्केट 2025 (RESPOND Basket 2025) जारी किया। इसका उद्देश्य भारत के भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के अनुरूप मिशन-उन्मुख अनुसंधान प्रस्ताव (Mission-Oriented Research Proposals) आमंत्रित करना है।।

रिस्पॉन्ड बास्केट 2025 के बारे में

  • रिस्पॉन्ड बास्केट 2025, इसरो के अंतरिक्ष विभाग (DoS) के विभिन्न केंद्रों द्वारा उच्च-प्राथमिकता वाले अनुसंधान समस्या विवरण का एक संकलित समूह है। इसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों के नेतृत्व वाले शोध के माध्यम से तत्काल और आगामी मिशन-आधारित अनुसंधान एवं विकास (R&D) आवश्यकताओं को पूरा करना है।।
  • उद्देश्य
    • ISRO के मौजूदा और भविष्य के मिशन से जुड़ी जटिल तकनीकी चुनौतियों का समाधान करने के लिए अकादमिक विशेषज्ञता का उपयोग करना।
    • ISRO और यूनिवर्सिटी, स्वायत्त शोध एवं अनुसंधान संस्थानों और रिसर्च लैबोरेटरी के मध्य मिलकर शोध कार्य को बढ़ावा देना।
    • भारत के स्पेस इकोसिस्टम के लिए नवाचार तरीके, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और कुशल मानव संसाधन निर्मित करना।
    • अकादमिक शोध की नवीनता, व्यवहार्यता और व्यावहारिक उपयोगिता पर ध्यान केंद्रित करके मिशन की तैयारी सुनिश्चित करना।
  • घटक 
    • “लक्ष्य-केंद्रित” रिसर्च प्रॉब्लम स्टेटमेंट (Research Problem Statements) जिनमें तकनीकी विवरण शामिल होता है, जो फैकल्टी और वैज्ञानिकों को प्रस्ताव विकसित करने में मदद करते हैं।
    • मान्यता प्राप्त शैक्षणिक एवं अनुसंधान एवं विकास (R&D) संस्थानों में कार्यरत ‘प्रधान शोधकर्ता (Principal Investigator)’ और ‘सह-शोधकर्ता (Co-Investigator)’ के लिए पात्रता से संबंधित मानदंड, जिनमें आयु सीमा और संस्था से संबद्धता के निर्धारित नियम शामिल हैं।
    • ISRO/DOS विशेषज्ञों द्वारा नवाचार, कार्यप्रणाली, अन्वेषक की विशेषज्ञता, परियोजना की अवधि और बजट के आधार पर संरचित मूल्यांकन तंत्र।
  • प्रस्तुतीकरण प्रक्रिया: प्रस्ताव ISRO की ‘स्पॉन्सर्ड रिसर्च गाइडलाइंस’ के अनुसार, 31 जनवरी, 2026 तक I-GRAS (इंटीग्रेटेड ग्रांट मैनेजमेंट एंड रिसर्च सपोर्ट) पोर्टल के माध्यम से सबमिट किए जाने चाहिए।
  • महत्त्व: रिस्पॉन्ड बास्केट 2025,  ISRO-अकादमिक साझेदारी को सुदृढ़ करता है और अकादमिक नवाचार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन में सम्मिलित करता है।

MH-60R सीहॉक (MH-60R Seahawk)

भारतीय नौसेना ने अपने दूसरे MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन, इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन (INAS 335), को गोवा स्थित INS हंसा में कमीशन किया, जिससे सीहॉक बेड़े को पूर्ण रूप से परिचालित कर दिया गया।

MH-60R सीहॉक के बारे में

  • परिचय: MH-60R सीहॉक एक अमेरिकी मूल का बहु-भूमिका वाला समुद्री हेलीकॉप्टर है, जिसे सिकॉर्स्की (लॉकहीड मार्टिन) ने उन्नत नौसैनिक युद्ध, निगरानी और बेड़े के समर्थन मिशनों के लिए विकसित किया है।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • प्रदर्शन: सभी मौसम में संचालित होने योग्य, जहाज-आधारित हेलीकॉप्टर, लंबी उड़ान क्षमता, विस्तारित परिचालन सीमा और भारतीय संदर्भ वायुमंडलीय परिस्थितियों में उच्च मिशन विश्वसनीयता।
    • सेंसर और प्रणालियाँ: मल्टी-मोड रडार, डिपिंग सोनार, सोनोबॉयज, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मापन, इन्फ्रारेड सेंसर, सुरक्षित डेटा लिंक और एकीकृत मिशन प्रबंधन प्रणाली।
    • हथियार और संलग्नक: हल्के टॉरपीडो, एयर-टू-सर्फेस मिसाइल, रॉकेट और ऑनबोर्ड तोपें ले जाने की क्षमता।
  • प्रयोग
    • ब्लू-वॉटर क्षेत्रों में एंटी-सबमरीन युद्ध, एंटी-सर्फेस वॉर, समुद्री निगरानी और समुद्र-निषेध ऑपरेशनों का संचालन।
    • खोज और बचाव (SAR), चिकित्सा निकासी (MEDEVAC) और वर्टिकल रीप्लेनिशमेंट (VERTREP) मिशनों का समर्थन।
    • असमान खतरों का मुकाबला, जैसे-समुद्री डकैती, समुद्री आतंकवाद, तस्करी, ड्रोन खतरे और नागरिक जहाजों के माध्यम से घुसपैठ।

भारत–अमेरिका MH-60R सीहॉक सौदे

  • वर्ष 2020: विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) के तहत 24 MH-60R हेलीकॉप्टरों के लिए अनुबंध।
  • वर्ष 2024–2025: भारत में स्पेयर पार्ट्स, प्रशिक्षण, रखरखाव और मरम्मत सुविधाओं सहित पाँच वर्षीय समर्थन समझौते।

महत्त्व

MH-60R का संचालन भारत की समुद्री निवारक क्षमता, निगरानी पहुँच और पारंपरिक तथा असमान नौसैनिक खतरों के प्रति प्रतिक्रिया क्षमता को महत्त्वपूर्ण रूप से मजबूत करता है।

भारत विश्व के सबसे बड़े AI बाजार के रूप में

बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) ने भारत को ‘लार्ज लैंग्वेज मॉडल’ (LLM) अपनाने के मामले में विश्व का सबसे बड़ा और सबसे सक्रिय बाजार चिह्नित किया है।

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) बाजार पर प्रमुख निष्कर्ष

भारत विश्व में अग्रणी है, जहाँ चैटजीपीटी, जेमिनी और परप्लेक्सिटी जैसे प्रमुख कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुप्रयोगों के मासिक तथा दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या सर्वाधिक है, जो देश में AI के व्यापक पैमाने पर अपनाने को दर्शाता है।

तेजी से प्रौद्योगिकी अंगीकरण के प्रेरक कारक

  • पैमाना: भारत विश्व की दूसरी सर्वाधिक बड़ी इंटरनेट प्रयोगकर्ता जनसंख्या वाला राष्ट्र है, जिसमें लगभग 700–750 मिलियन मोबाइल इंटरनेट उपभोक्ता सम्मिलित हैं।
  • सुलभता: अत्यंत किफायती डेटा योजनाएँ उपयोगकर्ताओं को लगभग 2 डॉलर में प्रति माह 20–30 GB डेटा उपलब्ध कराती हैं, जिससे डिजिटल पहुँच की लागत-बाधाएँ न्यूनतम हो जाती हैं।
  • जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल: इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का 60% से अधिक वर्ग 35 वर्ष से कम आयु का है, जो तकनीक-अनुकूल, अंग्रेजी-प्रवीण एवं नवप्रवर्तनशील अनुप्रयोगों के प्रारंभिक उपयोक्ता हैं।
  • दूरसंचार क्षेत्र की भूमिका: जियो तथा भारती एयरटेल जैसे सेवा-प्रदाताओं द्वारा प्रीमियम AI सेवाओं के पूरक अभिदान प्रदान करने से उपयोगकर्ता आधार का व्यापक विस्तार हो रहा है, जिससे उपभोक्ताओं, AI उद्यमों एवं दूरसंचार क्षेत्र—तीनों को पारस्परिक लाभ प्राप्त हो रहा है।
  • उपयोगकर्ता-अनुभव और समावेशन पर प्रभाव: कम-लागत पर उन्नत AI उपकरणों तक पहुँच से उत्पादकता, अधिगम परिणाम तथा सूचनागत सशक्तीकरण में वृद्धि हो रही है। बहुभाषी AI मॉडल भाषायी अवरोधों को कम कर डिजिटल समावेशन को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
  • भविष्य की क्षमता: एजेंटिक AI BofA भारत को वैश्विक स्तर पर तैनाती से पूर्व एजेंटिक AI के वास्तविक-परिवेशीय परीक्षण हेतु सर्वाधिक अनुकूल स्थल के रूप में चिह्नित करता है।
    • एजेंटिक AI वे उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणालियाँ हैं, जो वास्तविक विश्व में न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ स्वतंत्र विवेचन, योजना-निर्माण एवं क्रियान्वयन करने में सक्षम होती हैं।
  • वैश्विक सहयोग की संभावनाएँ: रिपोर्ट संकेत करती है कि वैश्विक AI कंपनियाँ भारत को सेवा-प्रदायन आधार के रूप में उपयोग करते हुए भारतीय उद्यमों के साथ साझेदारी विकसित कर सकती हैं, जैसा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में AI-चालित सहयोगी मॉडल देखे जा रहे हैं।

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