केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने जन योजना अभियान 2024: सबकी योजना सबका विकास (People’s Plan Campaign 2024-Sabki Yojana Sabka Vikas) पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसने अभियान के राष्ट्रव्यापी शुभारंभ के लिए मंच तैयार किया।
जन योजना अभियान के बारे में
यह वर्ष 2019 में केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ग्रामीण भारत में भागीदारी योजना को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक वार्षिक पहल है, जो विकेंद्रीकृत शासन के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
उद्देश्य: यह सुनिश्चित करता है कि पंचायती राज संस्थाएँ (PRIs) स्थानीय समुदायों को ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (Gram Panchayat Development Plans- GPDPs) का मसौदा तैयार करने में शामिल करके विकास प्रक्रिया का नेतृत्व करें।
वर्ष 2024 का यह अभियान पिछले प्रयासों पर आधारित है, जिसमें सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को ग्रामीण विकास रणनीतियों में एकीकृत करने पर मुख्य ध्यान दिया गया है।
अभियान के प्रमुख घटक
ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP): पंचायतों द्वारा विकसित समुदाय संचालित योजना, जो स्थानीय प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करती है और सतत् विकास लक्ष्य लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती है।
विलेज प्रोस्परिटी एंड रिजिलियंस प्लान (Village Prosperity and Resilience Plan- VPRP): स्वयं सहायता समूहों (SHGs) द्वारा तैयार की गई यह योजना गरीबी उन्मूलन से लेकर सामुदायिक क्षमता एवं समृद्धि पर ध्यान केंद्रित करती है।
विशेष ग्राम सभाएँ: विकास योजनाओं पर चर्चा करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय निवासियों की भागीदारी के साथ नियमित बैठकों का आयोजन।
प्रौद्योगिकी का एकीकरण: स्वामित्व मानचित्र जैसे AI/ML आधारित नियोजन उपकरणों का उपयोग, जो ग्रामीण बुनियादी ढाँचे, जल निकायों और सौर क्षमता के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे संसाधन आवंटन तथा परियोजना कार्यान्वयन में सुधार करने में मदद मिलती है।
नेपाल, भारत, बांग्लादेश ने सीमा पार विद्युत व्यापार के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए
भारत, नेपाल और बांग्लादेश ने भारत के पॉवर ग्रिड के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश को 40 मेगावाट विद्युत निर्यात करने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
समझौते के मुख्य बिंदु
निर्यात की समयसीमा: नेपाल प्रतिवर्ष 15 जून से 15 नवंबर तक बांग्लादेश को अधिशेष विद्युत का निर्यात करेगा।
प्रारंभिक चरण: पहले चरण में, नेपाल भारत के माध्यम से बांग्लादेश को 40 मेगावाट जलविद्युत निर्यात करेगा।
आर्थिक लाभ: नेपाल को विद्युत निर्यात से प्रतिवर्ष लगभग 9.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आय होने की उम्मीद है।
शामिल पक्ष: NEA के कार्यकारी निदेशक, NTPC विद्युत व्यापार निगम के CEO और बांग्लादेश विद्युत विकास बोर्ड के अध्यक्ष के बीच काठमांडू में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
Latest Comments