पुणे में बायोपॉलिमर के लिए भारत का पहला प्रदर्शन सुविधा तंत्र
हाल ही में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने पुणे में प्राज इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित बायोपॉलिमर्स के लिए भारत की पहली प्रदर्शन सुविधा का उद्घाटन किया।
संबंधित तथ्य
यह सुविधा पॉलिलैक्टिक एसिड (Polylactic Acid-PLA) बायोप्लास्टिक के उत्पादन पर केंद्रित है, जो जीवाश्म आधारित प्लास्टिक का एक पर्यावरण अनुकूल विकल्प है।
पॉलिलैक्टिक एसिड (PLA) एक बायोडिग्रेडेबल, जैव आधारित प्लास्टिक है।
इसे मकई, गन्ना, समुद्री शैवाल या झींगा के खोल जैसे संसाधनों से बनाया जाता है।
बायोपॉलिमर क्या हैं?
बायोपॉलिमर जीवित जीवों द्वारा उत्पादित प्राकृतिक पॉलिमर हैं।
इनमें शृंखलाओं में जुड़े मोनोमर्स होते हैं, जो बड़े अणु बनाते हैं।
मोनोमर्स छोटे, एकल अणु होते हैं, जो एक साथ मिलकर बड़े अणु बनाते हैं, जिन्हें पॉलिमर कहा जाता है।
बायोपॉलिमर के मुख्य प्रकार
पॉलिन्यूक्लियोटाइड्स (Polynucleotides): इसमें RNA और DNA शामिल हैं, जो न्यूक्लियोटाइड्स की लंबी शृंखलाएँ हैं।
पॉलिपेप्टाइड्स (Polypeptides): इसमें प्रोटीन और कोलेजन,एक्टिन और फाइब्रिन जैसे अमीनो एसिड की छोटी शृंखलाएँ शामिल हैं।
पॉलिसेकेराइड्स (Polysaccharides): स्टार्च, सेल्यूलोज और एल्गिनेट जैसे शर्करा अणुओं की शृंखलाएँ।
बायोपॉलिमर के अन्य उदाहरण: प्राकृतिक रबर (Isoprene Polymers), सुबेरिन, लिग्निन, क्यूटिन, क्यूटेन, मेलेनिन और पॉलिहाइड्रॉक्सीअल्केनोएट्स (Polyhydroxyalkanoates-PHA) बायोपॉलिमर के अन्य रूप हैं।
बायोपॉलिमर्स के अनुप्रयोग
बायोपॉलिमर्स का उपयोग उनके प्राकृतिक गुणों के कारण खाद्य, विनिर्माण, पैकेजिंग और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग जैसे उद्योगों में किया जाता है।
अंतर-संसदीय संघ (Inter Parliamentary Union-IPU)
हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जिनेवा में अंतर-संसदीय संघ (Inter Parliamentary Union-IPU) की 149वीं सभा में संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
अंतर-संसदीय संघ (IPU) के बारे में
IPU राष्ट्रीय संसदों का वैश्विक संगठन है।
स्थापना: वर्ष 1889, पेरिस में, प्रतिनिधि लोकतंत्र और विश्व शांति को बढ़ावा देने वाले पहले बहुपक्षीय राजनीतिक संगठन के रूप में की गई थी।
मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड।
सदस्यता: 180 देशो की संसद के प्रतिनिधि और 15 सहयोगी सदस्य।
मिशन और विजन
स्लोगन: ‘फॉर डेमोक्रेसी फॉर एवरीवन’ (For democracy. For everyone)।
विजन: एक ऐसे विश्व की संकल्पना जहाँ लोकतंत्र और संसद लोगों की सेवा करें, शांति और विकास को बढ़ावा दें।
मिशन: शांति, मानवाधिकार, लैंगिक समानता, युवा सशक्तीकरण, जलवायु कार्रवाई और सतत् विकास के लिए संसद तथा सांसदों के साथ कार्य करके लोकतांत्रिक शासन, संस्थानों एवं मूल्यों को बढ़ावा देना।
महत्त्वपूर्ण कार्य
संसदीय कूटनीति: वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने के लिए सांसदों के बीच संवाद और सहयोग को सुगम बनाती है।
लोकतंत्र को बढ़ावा देना: संसदीय प्रणालियों को मजबूत और उन्हें अधिक समावेशी बनाता है।
मानवाधिकार: विश्व भर के सांसदों की एक समर्पित समिति के माध्यम से सांसदों के मानवाधिकारों की रक्षा करता है।
वित्तपोषण: मुख्य रूप से सार्वजनिक निधि से सदस्य देशों द्वारा दिए गए योगदान के माध्यम से।
संरचना
IPU असेंबली
IPU की विचार व्यक्त करने वाला प्रमुख वैधानिक निकाय।
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए सांसदों को एक साथ लाता है।
शासी परिषद
पूर्ण नीति निर्धारण निकाय, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश की संसद से तीन प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
IPU के वार्षिक कार्यक्रम और बजट की स्थापना के लिए उत्तरदायी।
अध्यक्षता: IPU के अध्यक्ष (शासी परिषद के पदेन अध्यक्ष) की अध्यक्षता में।
कार्यकारी समिति
17 सदस्यीय निकाय प्रशासन की देखरेख करता है तथा गवर्निंग काउंसिल को सलाह प्रदान करता है।
इसमें 15 निर्वाचित सदस्य शामिल हैं, जो चार वर्ष के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं।
स्थायी समितियाँ
तीन समितियाँ विशिष्ट मुद्दों के अध्ययन और समाधान में सभा की सहायता करती हैं।
भारत के राष्ट्रपति की अल्जीरिया यात्रा
हाल ही में भारत की राष्ट्रपति अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की अपनी आधिकारिक यात्रा के पहले चरण में अल्जीयर्स, अल्जीरिया पहुँची हैं।
यह पहली बार है, जब किसी भारतीय राष्ट्रपति ने अल्जीरिया का दौरा किया है।
बैठक के मुख्य बिंदु
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना: राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति अब्देलमजीद तेब्बौने के साथ बातचीत की, जिसमें भारत-अल्जीरिया व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
व्यापार और आर्थिक सहयोग: अल्जीरियाई-भारतीय आर्थिक मंच को संबोधित किया, जिसमें ऊर्जा, निर्माण, ऑटोमोबाइल, उर्वरक और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में अवसरों पर जोर दिया गया।
अल्जीरियाई आर्थिक नवीकरण परिषद और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित।
भारतीय निवेश: भारतीय कंपनियों से अल्जीरिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में अधिक भागीदारी करने का आग्रह किया गया।
सांस्कृतिक श्रद्धांजलि: मकाम एचाहिद स्मारक पर अल्जीरिया के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
भारत-अल्जीरिया संबंध
आर्थिक संबंध
दोनों देशों के मध्य कुल व्यापार 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
वर्ष 2022-23 के दौरान भारत से अल्जीरिया को निर्यात 613 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 848.16 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का आयात 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और वर्ष 2023-24 के दौरान 885.54 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
अल्जीरिया को भारत का निर्यात: चावल, दवा उत्पाद, पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट, ग्रेनाइट और बोनलेस मांस आदि शामिल हैं।
अल्जीरिया से भारत का आयात: मुख्य रूप से पेट्रोलियम तेल, LNG, प्राकृतिक कैल्शियम फॉस्फेट, संतृप्त मेथेनॉल और यूरिया शामिल हैं।
द्विपक्षीय समझौते
सितंबर 2018 में बंगलूरू में भारत की ISRO और अल्जीरिया की अल्जीरियाई अंतरिक्ष एजेंसी के मध्य अंतरिक्ष सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट समझौता।
भारतीय समुदाय
वर्तमान में देश में विभिन्न परियोजनाओं और प्रतिष्ठानों में 3,800 भारतीय कार्यरत हैं।
अल्जीरिया के बारे में प्रमुख तथ्य
अल्जीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा देश और विश्व का दसवाँ सबसे बड़ा देश है।
यह देश दो क्षेत्रों में विभाजित है-
उत्तर में टेल (Tell), जो भूमध्य सागर से घिरा हुआ है और
दक्षिण में सहारा है, जो कि अधिकतर रेगिस्तान है।
अल्जीरिया का लगभग 90 प्रतिशत भाग रेगिस्तान है।
संस्कृति: अरब क्षेत्र का हिस्सा, इस्लामी विरासत, भाषा, रीति-रिवाज और यूरोप तथा दक्षिणी अफ्रीका से संबंध।
जलवायु: अल्जीरिया के उत्तर में भूमध्यसागरीय जलवायु है और दक्षिण में गर्म और शुष्क है।
राष्ट्रीय भाषाएँ: राष्ट्रीय भाषाएँ अरबी और तामाजित हैं। फ्रेंच और अंग्रेजी भी व्यापक रूप से बोली जाती हैं।
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