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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal October 24, 2024 03:35 52 0

विश्व की आर्थिक स्वतंत्रता रिपोर्ट (Economic Freedom of the World Report)

हाल ही में फ्रेजर इंस्टिट्यूट (Fraser Institute) ने विश्व की आर्थिक स्वतंत्रता 2024 (Economic Freedom of the World 2024) वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की। 

रिपोर्ट के बारे में

  • रिपोर्ट में यह मूल्यांकन किया गया है कि दुनिया भर के 165 न्यायक्षेत्रों में लोगों को किस हद तक अपनी आर्थिक पसंद चुनने की अनुमति है।
  • आर्थिक स्वतंत्रता की आधारशिला: व्यक्तिगत पसंद, स्वैच्छिक विनिमय, बाजारों में प्रवेश करने एवं प्रतिस्पर्द्धा करने की स्वतंत्रता तथा व्यक्ति एवं निजी स्वामित्व वाली संपत्ति की सुरक्षा। 
  • रैंकिंग: सबसे अधिक आर्थिक रूप से मुक्त क्षेत्राधिकार थे:-
    • हांगकांग (प्रथम), सिंगापुर (दूसरा), स्विट्जरलैंड (तीसरा), न्यूजीलैंड (चौथा), संयुक्त राज्य अमेरिका (5वाँ), डेनमार्क एवं आयरलैंड (6वें स्थान पर), कनाडा (8वें), एवं ऑस्ट्रेलिया तथा लक्जमबर्ग (9वें स्थान पर)।
    • भारत 84वें स्थान पर है।
    • भारत के बाद नेपाल 86वें एवं भूटान 98वें स्थान पर है।
    • चीन 104वें स्थान पर है, जबकि श्रीलंका 123वें स्थान पर है। 
    • बांग्लादेश 127वें एवं पाकिस्तान 134वें स्थान पर है।

फ्रेजर संस्थान के बारे में

  • यह कनाडा में स्थित एक गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र थिंक टैंक एवं अनुसंधान संगठन है, जो दुनिया भर में आर्थिक स्वतंत्रता, समृद्धि तथा मानव कल्याण का अध्ययन एवं प्रचार करता है।

स्पैडेक्स (SPADEX)

एक निजी एयरोस्पेस कंपनी अनंत टेक्नोलॉजीज (Ananth Technologies) ने इसरो के लिए उपग्रह एकीकरण परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह पहली बार है कि किसी निजी कंपनी ने इसरो के लिए उपग्रहों के संपूर्ण संयोजन, एकीकरण एवं परीक्षण का कार्य सँभाला है।

स्पैडेक्स (SPADEX) क्या है?

  • SPADEX अर्थात् स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (Space Docking Experiment) स्वायत्त डॉकिंग तकनीक विकसित करने के लिए इसरो का एक मिशन है।
  • डॉकिंग का महत्त्व
    • अंतरिक्ष स्टेशनों के प्रबंधन एवं जटिल अंतरिक्ष परियोजनाओं को शुरू करने के लिए डॉकिंग महत्त्वपूर्ण है।
    • अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले अंतरिक्ष यात्री अपने अंतरिक्ष यान को सुरक्षित रूप से जोड़ने के लिए डॉकिंग पर निर्भर होते हैं।
      • यह बड़ी अंतरिक्ष संरचनाओं के निर्माण को भी सक्षम बनाता है।
  • स्पैडेक्स (SPADEX) भारत के दीर्घकालिक अंतरिक्ष अन्वेषण लक्ष्यों की कुंजी है, जिसमें मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान एवं उपग्रह रखरखाव शामिल है।
  • डॉकिंग का इतिहास
    • सोवियत संघ ने वर्ष 1967 में अंतरिक्ष में पहली सफल डॉकिंग हासिल की।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका ने वर्ष 1975 में अपोलो-सोयुज परीक्षण परियोजना शुरू की।
    • तब से डॉकिंग तकनीक काफी विकसित हो गई है एवं अधिक स्वचालित तथा विश्वसनीय बन गई है।

स्पैडेक्स कैसे कार्य करता है?

  • मिशन में दो वाहन [‘चेजर’ (Chaser) एवं ‘टारगेट’ (Target)] को अंतरिक्ष में एक साथ लाना और जोड़ना शामिल है।
  • यह परीक्षण करेगा कि डॉकिंग के बाद संयुक्त अंतरिक्ष यान कितनी अच्छी तरह स्थिरता एवं नियंत्रण बनाए रखता है।
  • दोनों अंतरिक्ष यान बाद में अतिरिक्त कार्य करने के लिए अलग हो जाएँगे।
  • स्पैडेक्स मिशन विवरण
    • SPADEX मिशन के लिए ISRO ने दो उपग्रह हासिल किए हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन 400 किलोग्राम है।
    • एक एकल रॉकेट दोनों उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करेगा एवं उन्हें थोड़ी अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा।
    • उपग्रह ‘स्पेस हैंडशेक’ करने एवं जुड़ने के लिए सावधानीपूर्वक एक-दूसरे के साथ संरेखित होंगे।

स्पैडेक्स (SPADEX) का महत्त्व

  • SPADEX अद्वितीय है क्योंकि यह स्वदेशी, मापनीय एवं लागत प्रभावी डॉकिंग तकनीक विकसित करने पर केंद्रित है।
  • यह भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्त्वपूर्ण है, जिसमें भारत का पहला मानवयुक्त मिशन गगनयान भी शामिल है।

ब्राउन ड्वार्फ तारे (Brown Dwarf Stars)

हाल ही में शोधकर्ताओं ने खोजे गए पहले ब्राउन ड्वार्फ (Brown Dwarf) का करीब से अवलोकन किया और पाया कि यह वास्तव में दो ब्राउन ड्वार्फ (Brown Dwarf) हैं, जो एक छोटे तारे की परिक्रमा करते हुए आश्चर्यजनक रूप से एक दूसरे के करीब परिक्रमा कर रहे हैं। इस अध्ययन से संबंधित शोध पत्र ‘एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स’ (Astrophysical Journal Letters) में प्रकाशित हुए थे।

ब्राउन ड्वार्फ के बारे में

  • ब्राउन ड्वार्फ को अक्सर ‘फेल्ड स्टार्स’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे तारों से हल्के होते हैं लेकिन गैसीय विशाल ग्रहों से भारी होते हैं। 
  • वे तारों के साथ कुछ विशेषताएँ साझा करते हैं, लेकिन अपने अपर्याप्त द्रव्यमान के कारण, वे नियमित तारों की तरह अपने कोर में परमाणु संलयन को बनाए नहीं रख सकते हैं।

ब्राउन ड्वार्फ  की मुख्य विशेषताएँ

  • गठन एवं संलयन
    • ब्राउन ड्वार्फ का निर्माण तारे की तरह होता है किंतु ये हाइड्रोजन के परमाणु संलयन को शुरू करने के लिए आवश्यक महत्त्वपूर्ण द्रव्यमान तक नहीं पहुँच पाते हैं।
    • हालाँकि, गैसीय विशाल ग्रहों के विपरीत, वे अपनी प्रारंभिक अवस्था के दौरान ड्यूटेरियम (हाइड्रोजन का एक भारी समस्थानिक) का संलयन कर सकते हैं।
    • समय के साथ, यह संलयन रुक जाता है क्योंकि ड्यूटेरियम समाप्त हो जाता है तथा ब्राउन ड्वार्फ ठंडा होकर लुप्त हो जाता है।
  • परिभाषा
    • ब्राउन ड्वार्फ को ऐसे पिंडों के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो ड्यूटेरियम को जला सकते हैं, लेकिन हाइड्रोजन के सबसे सामान्य रूप को नहीं।
    • इनका द्रव्यमान सबसे भारी गैसीय विशाल ग्रहों (जैसे- बृहस्पति) और सबसे हल्के तारों के बीच होता है, जो आमतौर पर बृहस्पति के द्रव्यमान का 13 से 80 गुना होता है।
  • वातावरण
    • ब्राउन ड्वार्फ में बादलों के साथ वायुमंडल होता है, लेकिन पृथ्वी के जल के बादलों के विपरीत, उनके बादल बहुत अधिक गर्म पदार्थों से बने होते हैं, जैसे सिलिकेट कण या पिघली हुई धातुएँ। ये बादल अत्यधिक तापमान पर बन सकते हैं।
  • ऊर्जा उत्पादन
    • पहले कुछ मिलियन वर्षों में, तारे और ब्राउन ड्वार्फ दोनों ही ड्यूटेरियम के संलयन द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
    • चूँकि ब्राउन ड्वार्फ में निरंतर संलयन के लिए पर्याप्त द्रव्यमान नहीं होता है, इसलिए वे अंततः समय के साथ ठंडे और मंद हो जाते हैं, जो उन्हें तारों से अलग करता है।

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