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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal August 14, 2024 03:21 88 0

सेंट मार्टिन द्वीप

(St Martin’s Island)

एक रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना ने आरोप लगाया है, कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप पर सैन्य अड्डा बनाने की योजना बना रहा है।

सेंट मार्टिन द्वीप 

  • अवस्थिति: बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित सेंट मार्टिन द्वीप, म्याँमार के निकट बांग्लादेश के सुदूर दक्षिणी प्रायद्वीप कॉक्स बाजार-टेकनाफ के सिरे से लगभग 9 किलोमीटर दक्षिण में स्थित एक छोटा प्रवाल द्वीप है।
  • यह बांग्लादेश का एकमात्र प्रवाल द्वीप है।
  • अन्य नाम: इस द्वीप को बंगाली में ‘नारिकेल जिंजीरा’ या नारियल द्वीप के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहाँ नारियल के पेड़ों की बहुतायत है। इसे ‘दारुचिनी द्वीप’ या दालचीनी द्वीप के नाम से भी जाना जाता है।
  • इतिहास: इस द्वीप को पहली बार 18वीं शताब्दी में अरब व्यापारियों द्वारा बसाया गया था एवं उनके कब्जे के दौरान इसे ‘जजीरा’ कहा जाता था। 
    • ब्रिटिश: जब ब्रिटिशों ने इस द्वीप पर कब्जा किया, तो इसका नाम चटगाँव के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के नाम पर रखा गया।
    • पाकिस्तान: वर्ष 1937 में म्याँमार से अलग होने के बाद यह द्वीप ब्रिटिश भारत का हिस्सा बना रहा। वर्ष 1947 के विभाजन तक ऐसा ही रहा, उसके बाद यह  पाकिस्तान के नियंत्रण में चला गया।
    • बांग्लादेश एवं म्याँमार: वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद प्रवाल द्वीप बांग्लादेश का हिस्सा बन गया।
    • वर्ष 1974 में: बांग्लादेश एवं म्याँमार एक समझौते पर पहुँचे कि प्रवाल द्वीप बांग्लादेशी क्षेत्र का हिस्सा होगा।

सेंट मार्टिन द्वीप भू-राजनीतिक महत्त्व

  • अमेरिका एवं चीन के लिए महत्त्व: बंगाल की खाड़ी से इसकी निकटता एवं म्याँमार के साथ समुद्री सीमा के कारण इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए इस द्वीप का उपयोग करने में विशेष रूप से अमेरिका तथा चीन की अंतरराष्ट्रीय रुचि उत्पन्न हुई है।
  • मलक्का जलडमरूमध्य के पास: यदि कोई देश सेंट मार्टिन में सैन्य अड्डा स्थापित करता है तो स्वतः ही मलक्का जलडमरूमध्य के पास उसकी उपस्थिति हो जाएगी, जिसका उपयोग चीन अपने परिवहन के लिए प्रमुख रूप से करता रहा है।
  • निगरानी: यह एक ऐसा देश है, जो न केवल चीन और म्याँमार की गतिविधियों पर निगरानी रख सकता है, बल्कि यह भी देख सकता है कि भारत क्या कर रहा है
  • बीजिंग की उपस्थिति का मुकाबला: चीन द्वारा भारत-प्रशांत क्षेत्र के कई क्षेत्रों में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के साथ, यह द्वीप बीजिंग की उपस्थिति का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।

रूस का कुर्स्क क्षेत्र

(Russia’s Kursk region)

यूक्रेनी सैनिक रूस के कुर्स्क क्षेत्र में लगभग 30 किलोमीटर तक आगे बढ़ गए हैं, जो वर्ष 2022 में युद्ध की शुरुआत के बाद से मास्को के क्षेत्र पर कीव का सबसे बड़ा आक्रमण है।

रूस का कुर्स्क क्षेत्र 

  • अवस्थिति: कुर्स्क, रूस की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर स्थित कुर्स्क ओब्लास्ट (क्षेत्र) का एक शहर और प्रशासनिक केंद्र है। 
  • कुर्स्क क्षेत्र पूर्वी यूरोपीय मैदान के मध्य भाग में स्थित है। इस क्षेत्र की सीमा ब्रांस्क, ओर्लोव, लिपेत्स्क, वोरोनिश एवं बेलगोरोड क्षेत्रों के साथ-साथ यूक्रेन से लगती है।
  • नदियाँ: नीपर एवं डॉन नदियों के बेसिन इस क्षेत्र में स्थित हैं। 
  • मृदा: यह क्षेत्र उपजाऊ मृदा के कारण ब्लैक अर्थ क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।
    • मृदा का मुख्य प्रकार चर्नोजम है, जिसमें ह्यूमस, फॉस्फोरस और अमोनिया यौगिकों का उच्च प्रतिशत होता है।
  • पर्यावरणीय समृद्धि: कुर्स्क क्षेत्र आठ विशेष रूप से संरक्षित प्राकृतिक क्षेत्रों का आवास स्थल है, जिसमें एलोखिन सेंट्रल चेर्नोजम स्टेट बायोस्फीयर रिजर्व एवं सात अन्य प्राकृतिक स्थल शामिल हैं।
  • अर्थव्यवस्था एवं प्राकृतिक संसाधन: यह क्षेत्र विश्व के सबसे बड़े प्रीकैम्ब्रियन लौह-अयस्क-समृद्ध मेगास्ट्रक्चर के केंद्र में स्थित है
    • इस क्षेत्र में लौह अयस्क, फॉस्फोराइट्स, पीट एवं निर्माण सामग्री के संभावित भंडार हैं।

संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee- JPC)

कांग्रेस ने घोषणा की है, कि यदि हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की JPC (संयुक्त संसदीय समिति) जाँच की उसकी माँग स्वीकार नहीं की गई तो वह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन प्रारंभ करेगी।

संयुक्त संसदीय समिति (JPC) 

  • संयुक्त संसदीय समिति (JPC) एक तदर्थ निकाय है।
  • यह एक विशिष्ट वस्तु और अवधि के लिए स्थापित किया गया है। 
  • सदस्य: इसमें दोनों सदनों के साथ-साथ सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों के सदस्य होते हैं।
    • समिति में सदस्यों की कोई निश्चित संख्या नहीं है। इसका कार्यकाल समाप्त होने या इसका कार्य पूरा हो जाने पर इसे भंग कर दिया जाता है।
  • गठन: संयुक्त समितियों का गठन संसद के एक सदन में पारित प्रस्ताव और दूसरे सदन द्वारा सहमति के आधार पर किया जाता है। सदस्यता और विषयों से संबंधित विवरण भी संसद द्वारा तय किए जाते हैं।
  • सिफारिश: समिति की सिफारिश सलाहकारी हैं एवं सरकार पर बाध्यकारी नहीं हैं।
  • अधिदेश: JPC का अधिदेश इसे गठित करने वाले प्रस्ताव पर निर्भर करता है।

AUKUS पनडुब्बी

ऑस्ट्रेलिया के अनुसार,  उसने संयुक्त राज्य अमेरिका एवं ब्रिटेन के साथ परमाणु सीक्रेट तथा सामग्री के आदान-प्रदान की अनुमति देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो उसकी नौसेना को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से लैस करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

AUKUS समझौता

  • वर्ष 2021 में: ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम एवं संयुक्त राज्य अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए AUKUS नाम से एक महत्त्वपूर्ण त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी बनाई है।
  • उद्देश्य: सामूहिक औद्योगिक आधार क्षमता को बढ़ाना एवं शामिल देशों के रक्षा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्रों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना। 
  • महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ: अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी प्रौद्योगिकी का ऑस्ट्रेलिया में स्थानांतरण। 
  • इंडो-पैसिफिक के प्रति रणनीतिक अभिविन्यास: गठबंधन को दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामक चालों के प्रतिकार के रूप में स्थापित करना।

AUKUS पनडुब्बी (SSN-A) कार्यक्रम

  • SSN-AUKUS ब्रिटेन की अगली पीढ़ी के डिजाइन पर आधारित त्रिपक्षीय रूप से विकसित पोत होगा।
  • पनडुब्बी निर्माण
    • जहाजों के लिए परमाणु रिएक्टर ब्रिटेन के डर्बी में बनाए जाएँगे।
    • पनडुब्बियों का निर्माण ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में किया जाएगा। 
    • वर्जीनिया श्रेणी की पनडुब्बियाँ ब्रिटिश डिजाइन की हैं, लेकिन इनमें अमेरिकी हथियार प्रणाली भी होगी।
  • विशेषताएँ
    • विविध कार्यक्षमताएँ: खुफिया जानकारी एकत्र करना, निगरानी, ​​समुद्री युद्ध।
    • बढ़ी हुई स्टील्थ एवं साइलेंस क्षमता AUKUS भागीदारों के बीच इष्टतम अंतरसंचालनीयता सुनिश्चित करेगी: यह स्टील्थ एवं साइलेंस में ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा डीजल संचालित बेड़े को पार कर जाएगी, जिससे सतह पर आए बिना लंबे समय तक तैनाती संभव होगी।

DDoS हमला

एलन मस्क ने कहा, कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बड़े पैमाने पर DDoS हमले से गुजर रहा है, जिससे ट्रंप के साक्षात्कार के दौरान लाइव श्रोताओं की संख्या सीमित हो सकती है।

डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) हमला 

  • डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (Distributed denial of service-DDoS) हमला, डिनायल ऑफ सर्विस (DoS) हमले का एक उपवर्ग हैं। DDoS हमले में कई ऑनलाइन डिवाइस शामिल होते हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से बॉटनेट के रूप में जाना जाता है, जिसका उपयोग नकली ट्रैफिक के साथ लक्षित वेबसाइट को अभिभूत करने के लिए किया जाता है।
  • डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस अटैक किसी ऑनलाइन सेवा के ऑनलाइन सर्वर की सेवाओं को बाधित या निलंबित करके उसकी सेवाओं को अनुपलब्ध बनाने के दुर्भावनापूर्ण प्रयास हैं।
  • चिंताएँ
    • अन्य प्रकार के साइबर अटैक के विपरीत, DDoS हमले आपकी सुरक्षा परिधि को तोड़ने का प्रयास नहीं करते हैं। बल्कि, DDoS हमले का उद्देश्य आपकी वेबसाइट एवं सर्वर को वैध उपयोगकर्ताओं के लिए अनुपलब्ध बनाना है। 
    • DDoS का उपयोग अन्य दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के लिए एवं लक्ष्य की सुरक्षा परिधि का उल्लंघन करते हुए सुरक्षा उपकरणों को हटाने के लिए एक स्मोकस्क्रीन के रूप में भी किया जा सकता है।
  • डिनायल ऑफ सर्विस (DoS) अटैक: एक अपराधी या तो सॉफ़्टवेयर भेद्यता का लाभ उठाने के लिए एकल इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग करता है
  • डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) अटैक : ये कई कनेक्टेड डिवाइस से लॉन्च किए जाते हैं, जो इंटरनेट पर वितरित होते हैं। इन बहु-व्यक्ति, बहु-डिवाइस अटैक को मुख्य रूप से इसमें शामिल डिवाइसों की विशाल मात्रा के कारण रोकना मुश्किल होता है।
  • एकल-स्रोत DoS अटैक के विपरीत, DDoS DDoS हमले नेटवर्क अवसंरचना को लक्ष्य बनाकर उसे भारी मात्रा में ट्रैफिक से संतृप्त करने का प्रयास करते हैं।

टकराव बचाव प्रणाली (CAS) और कवच

भारतीय रेलवे ने प्रमुख रेल गलियारों पर कवच की तैनाती को प्राथमिकता देने की योजना की घोषणा की है।

टकराव बचाव प्रणाली (Collision avoidance system- CAS) 

  • टकराव बचाव प्रणाली (CAS) प्रौद्योगिकियों का एक संग्रह है, जो एक वाहन को दूसरे वाहन या बाधा से दूर रहने में मदद करती है। 
    • उदाहरण के लिए, ट्रेनों में लगा हुआ CAS उपकरण उनको टकराने से बचाएगा। 

कवच के बारे में

  • यह भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (Research Design and Standards Organisation- RDSO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection- ATP) प्रणाली है।
  • विशेषताएँ
    • यह सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल4 (Safety Integrity Level­4- SLI4) मानकों वाला एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है। 
    • यह सबसे सस्ती, SIL4 प्रमाणित प्रौद्योगिकियों में से एक है, जहाँ त्रुटि की संभावना 10,000 वर्षों में 1 है।
  • उद्देश्य
    • ट्रेनों को रेड सिग्नल (जो खतरे का प्रतीक है) को पार करने से रोककर सुरक्षा प्रदान करना।
    • दो इंजनों के बीच टकराव से बचने के लिए।

कार्य प्रणाली 

  • यदि ड्राइवर गति प्रतिबंधों के अनुसार, ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय कर देता है।
  • आपातकालीन स्थितियों के दौरान सिस्टम SoS संदेशों को भी प्रसारित करता है। 
  • यह नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेन की गतिविधियों की केंद्रीकृत लाइव निगरानी को सक्षम बनाता है।

असेउआ टर्टिया

(Asceua Tertia)

हाल ही में पश्चिमी घाट में जमीन पर रहने वाली मकड़ी की एक नई प्रजाति, असेउआ टर्टिया की खोज की गई।

असेउआ टर्टिया  (Asceua Tertia)

  • अवस्थिति: इसे शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य के सदाबहार क्षेत्र  में खोजा गया है, जो पश्चिमी घाट का भाग है।
  • जीनस (Genus): असेउआ टर्टिया भारत में प्रलेखित होने वाली जीनस असेउआ की तीसरी प्रजाति है।
    • यह प्रजाति चींटी खाने वाली मकड़ी परिवार जोडारिडे से संबंधित है एवं अपने छोटे आकार, पार्श्व रूप से संकुचित बल्ब (laterally compressed bulbs), अच्छी तरह से विकसित सिम्बियल सिलवटों (well-developed cymbial folds), लंबी तथा घुमावदार मैथुन नलिकाओं (long and convoluted copulatory ducts) एवं दोहरी ऊरु ग्रंथियों (Dual femoral glands) द्वारा प्रतिष्ठित है।
  • आकार: असेउआ टर्टिया पुरुषों में 2.54 मिमी. से लेकर महिलाओं में 3.2 मिमी. तक होता है।
  • विशेषताएँ: नर प्रजाति में पीले-भूरे रंग का प्रोसोमा होता है, जिसमें दूधिया सफेद से पीले-भूरे रंग के पैर एवं पल्प खंड होते हैं, जिनमें चौड़े भूरे रंग के धब्बे तथा संकीर्ण अनुदैर्ध्य धारियाँ होती हैं। 
    • मादाएँ: इनमें गहरे भूरे रंग का प्रोसोमा एवं चौड़ा, अंडाकार पेट होता है, जिसमें चार जोड़ी दूधिया सफेद धारियाँ होती हैं।

शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य 

  • यह भारत के पश्चिमी घाट, केरल के कोल्लम् जिले में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र है।
  • यह अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व के नियंत्रण में आता है।
  • कोल्लम् एवं पथानामथिट्टा जिलों में सिंचाई की व्यवस्था  परप्पार बाँध द्वारा की जाती है, जो शेंदुर्नी नदी पर बनाया गया था।
  • चेनकुरुन्जी (ग्लूटाट्रावनकोरिका) नामक दुर्लभ वृक्ष प्रजातियाँ यहाँ पाई जाती हैं।

उदार शक्ति 2024

मलेशिया में अभ्यास उदार शक्ति 2024 में सफल भागीदारी के बाद, भारतीय वायु सेना (IAF) की टीम भारत लौट आई है।

उदार शक्ति 2024

  • अभ्यास उदार शक्ति 2024 मलेशिया के कुआंटन में आयोजित एक संयुक्त वायु सेना अभ्यास था।
  • यह भारतीय वायु सेना (IAF) एवं रॉयल मलेशियाई वायु सेना (RMAF) के बीच था।
  • उद्देश्य: परिचालन दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से, दोनों वायु सेनाओं के तकनीकी विशेषज्ञों ने अपने रखरखाव अभ्यासों का आदान-प्रदान किया।
  • फाइटर जेट: भारतीय वायुसेना के Su-30MKI लड़ाकू विमानों ने RMAF के Su-30MKM लड़ाकू विमानों के साथ हवाई युद्ध अभियानों में भाग लिया, जिससे दोनों वायु सेनाओं के चालक दल एक-दूसरे के परिचालन प्रोटोकॉल से परिचित हो सके, जिससे Su-30 विमान संचालन में अंतर-संचालन, समानता और समग्र प्रभावशीलता में वृद्धि हुई है। 

उत्कृष्ट- 3 स्टार रेटिंग

राष्ट्रीय MSME संस्थान (NI-MSME) को क्षमता निर्माण आयोग (Capacity Building Commission- CBC) द्वारा 3 स्टार रेटिंग, उत्कृष्ट ग्रेडिंग के साथ एक प्रत्यायन प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया है। 

  • ऑनसाइट मूल्यांकन: क्षमता निर्माण आयोग (CBC), राष्ट्रीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड (NABET) और भारतीय गुणवत्ता नियंत्रण की टीम ने ऑन-साइट मूल्यांकन किया।
  •  मान्यता: यह MSME के प्रचार एवं विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं को मान्यता देने वाले सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानकों (NSCSTI) को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए दिया गया है।

राष्ट्रीय MSME संस्थान (NI-MSME)

  • स्थापना: वर्ष 1962 में स्थापित।
  • नोडल मंत्रालय: MSME मंत्रालय।
  • कार्य: यह MSMEs की सफलता एवं समृद्धि की दिशा में प्रगति को बढ़ाने के लिए एक व्यावसायिक वातावरण प्रदान करके उद्यमिता तथा कौशल विकास के क्षेत्र में भूमिका निभाता है।    
  • एसोसिएशन: संस्थान UNIDO, UNDP, DCAC, UNESCO, ILO, CFTC, UNICEF, AARDO एवं GIZ जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक निकायों से जुड़ा हुआ है।
  • उत्कृष्टता केंद्र: NI-MSME ने क्लस्टर विकास दृष्टिकोण के माध्यम से MSME की मदद करने के लिए क्लस्टर विकास के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्र (National Resource Centre for Cluster Development- NRCD) के संबंध में थीम आधारित उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं।
    • उत्कृष्टता विद्यालय: स्कूल ऑफ एंटरप्राइज डेवलपमेंट (SED ), स्कूल ऑफ एंटरप्राइज मैनेजमेंट (SEM), स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप एंड एक्सटेंशन (SEE) एवं स्कूल ऑफ एंटरप्राइज इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन (SEIC)।
    • उत्कृष्टता केंद्र: फिनराइज (Financial Research & Innovation for Sustainable Enterprises)  (सतत् उद्यमों के लिए वित्तीय अनुसंधान एवं नवाचार) तथा बायोचार यूनिट।

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