100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal November 12, 2024 04:29 14 0

मानस राष्ट्रीय उद्यान (Manas National Park)

भारत के असम में मानस राष्ट्रीय उद्यान (Manas National Park) में वर्ष 2011 से 2019 तक बाघों की आबादी तीन गुना देखी गई।

  • वर्ष 2021 में 44 वयस्क बाघ दर्ज किए गए।
  • आबादी घनत्व: वर्ष 2011-12 में 1.06 बाघ प्रति 100 वर्ग किमी. से वर्ष 2018-19 में 3.64 बाघ प्रति 100 वर्ग किमी.। 
  • संभावित: प्रति 100 वर्ग किमी. में 8 बाघ।

मानस राष्ट्रीय उद्यान के बारे में

  • स्थान: असम में हिमालय की तलहटी पर अवस्थित। 
  • प्रमुख विशेषताएँ: एक प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल, एक टाइगर रिजर्व, एक हाथी रिजर्व, एक बायोस्फीयर रिजर्व एवं एक महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र होने का अनूठा गौरव प्राप्त है।
    • यह वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत बाघ रिजर्व नेटवर्क में शामिल पहले रिजर्व में से एक है।
    • यह एक बड़े बाघ संरक्षण परिदृश्य का हिस्सा है, जिसमें बुक्सा-नामेरी-पक्के-नामदाफा बाघ अभयारण्य (Buxa-Nameri-Pakke-Namdapha Tiger Reserves) एवं भूटान तथा म्याँमार के संरक्षित क्षेत्र शामिल हैं।
  • पर्यावास: अर्द्ध-सदाबहार एवं मिश्रित पर्णपाती वन, झाड़ीदार वन, पुराने वृक्षारोपण (बफर क्षेत्रों में), घास के मैदानों तथा तटवर्ती वनस्पतियों से युक्त (कोर क्षेत्र में)।
  • वनस्पति: साल [शोरिया रोबस्टा (Shorea Robusta)]।
  • जीव-जंतु: हिस्पिड खरगोश (Hispid Hare), पिग्मी हॉग (Pigmy Hog), गोल्डन लंगूर, भारतीय गैंडा, एशियाई भैंस आदि।
  • नदी: पार्क का नाम मानस नदी से लिया गया है, जिसका नाम नाग देवी मनसा के नाम पर रखा गया है।
    • मानस नदी ब्रह्मपुत्र नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, जो मानस राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरती है।

अभ्यास ऑस्ट्रहिंद  (Exercise AUSTRAHIND)

भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास, अभ्यास ऑस्ट्रहिंद  (Exercise AUSTRAHIND) का तीसरा संस्करण 8 नवंबर, 2024 को पुणे, महाराष्ट्र में विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ।

  • यह वार्षिक अभ्यास भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच बारी-बारी से होता है, पिछला संस्करण दिसंबर 2023 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया था।
  • उद्देश्य
    • संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय VII के अनुरूप, अर्द्ध-शहरी एवं अर्द्ध-रेगिस्तानी वातावरण में संयुक्त उप-पारंपरिक संचालन के लिए अंतरसंचालनीयता को बढ़ाकर सैन्य सहयोग को मजबूत करना।
    • फोकस क्षेत्रों में संयुक्त योजना, उच्च शारीरिक फिटनेस मानक एवं प्रभावी संयुक्त संचालन के लिए सामरिक अभ्यास शामिल हैं।
  • महत्त्व
    • यह अभ्यास भारतीय एवं ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं के बीच सामरिक ज्ञान तथा परिचालन सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
    • यह सौहार्द्र एवं पेशेवर समझ को भी बढ़ावा देता है, जो भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत रक्षा संबंधों में योगदान देता है।

एग्रीवोल्टिक खेती (Agrivoltaic Farming)

नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance- ISA) के सातवें सत्र में, एग्रीवोल्टिक मॉडल के क्रियान्वयन का प्रदर्शन करने के लिए नजफगढ़ में एक फार्म स्थल का दौरा आयोजित किया गया।

  • प्रतिनिधियों ने देखा कि कैसे भारत पारंपरिक कृषि पद्धतियों के साथ सौर पैनलों को एकीकृत करता है, जो एक स्थायी दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो भूमि उत्पादकता को अधिकतम करता है।

एग्रीवोल्टिक खेती के बारे में

  • परिभाषा: एग्रीवोल्टिक खेती कृषि गतिविधियों एवं सौर ऊर्जा उत्पादन दोनों के लिए भूमि का एक साथ उपयोग है।
  • अवधारणा: यह प्रणाली सौर पैनलों को फसलों के ऊपर या निकट स्थापित करने की अनुमति देती है, जिससे उसी भूमि पर फसल की खेती जारी रखते हुए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करके कुशल भूमि उपयोग को सक्षम किया जा सकता है।

एग्रीवोल्टिक प्रणालियों के लाभ

  • उन्नत भूमि उपयोग दक्षता: कृषि के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन को जोड़कर, एग्रीवोल्टिक प्रणालियाँ उपलब्ध भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग करती हैं।
  • ऊर्जा सुरक्षा एवं स्थिरता: एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रदान करना, जो कृषि उत्पादकता का समर्थन करता है, पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करता है।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के लिए समर्थन: फसल की खेती जारी रखते हुए सौर ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से अतिरिक्त आय उत्पन्न करने में मदद करना।
  • वैश्विक अनुप्रयोग की संभावना: उन देशों के लिए एक मॉडल, जिनका लक्ष्य खाद्य सुरक्षा एवं ऊर्जा पहुँच दोनों को स्थायी रूप से सुधारना है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ कृषि योग्य भूमि सीमित है।

एल्युलोज (Allulose)

दक्षिण कोरिया स्वीटनर एल्युलोज (Allulose) के लिए एक शीर्ष परीक्षण स्थल बन गया है, जो स्टीविया (Stevia) जैसे चीनी विकल्प का संभावित प्रतिस्पर्द्धी है।

  • दक्षिण कोरिया में बड़े खाद्य निगम एवं प्रभावशाली लोग दोनों ही एल्युलोज का समर्थन करते हैं, जिससे इसकी माँग बढ़ रही है।

एल्युलोज (Allulose): यह अंजीर एवं कीवी जैसे फलों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला कम कैलोरी वाला स्वीटनर है; यह रासायनिक रूप से चीनी के समान होता है लेकिन 70% मिठास तथा लगभग शून्य कैलोरी पाई जाती है।

स्वास्थ्य लाभ एवं जोखिम

  • संभावित स्वास्थ्य लाभ: सुक्रोज जैसे शर्करा के साथ संयुक्त होने पर रक्त ग्लूकोज प्रतिक्रिया को कम करने की क्षमता के कारण वजन नियंत्रण में सहायता एवं मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए लाभकारी होता है।
  • स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ: विशेषज्ञ दीर्घकालिक सुरक्षा की पुष्टि के लिए और अधिक शोध की सलाह देते हैं। बड़ी मात्रा में सेवन करने पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
  • WHO की स्थिति: विश्व स्वास्थ्य संगठन संभावित दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिमों के कारण वजन नियंत्रण के लिए चीनी के स्थान पर उपयोग की सलाह देता है, हालाँकि इसने एल्युलोज पर कोई विशिष्ट निर्देश जारी नहीं किया है।

स्टीविया (Stevia) के बारे में

  • स्रोत: दक्षिण अमेरिका के मूल प्रजाति स्टीविया रेबाउडियाना (Stevia Rebaudiana) पौधे की पत्तियों से प्राप्त होता है।
  • सक्रिय यौगिक: स्टीविया की मिठास पत्तियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रसायनों से आती है, जिन्हें स्टीविओल ग्लाइकोसाइड्स (Steviol Glycosides) कहा जाता है, जो इसे अत्यधिक संकेंद्रित मिठास देते हैं।

मिठास प्रोफाइल एवं पोषण मूल्य

  • मिठास की तीव्रता: टेबल चीनी की तुलना में लगभग 200 से 400 गुना अधिक मीठा, वांछित मिठास स्तर प्राप्त करने के लिए बहुत कम मात्रा की अनुमति देता है।
  • कैलोरी एवं पोषण संबंधी सामग्री: इसे गैर-पोषक स्वीटनर के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि इसमें कोई कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट या कृत्रिम योजक नहीं हैं, जो इसे कम कैलोरी वाले आहार के लिए उपयुक्त बनाता है।

लोकप्रियता एवं उपयोग

  • वैश्विक उपयोग: स्टीविया ने कृत्रिम मिठास के प्राकृतिक विकल्प के रूप में दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है, विशेषकर कम कैलोरी, पौधे-आधारित विकल्प चाहने वाले उपभोक्ताओं के बीच।
  • सामान्य अनुप्रयोग: इसकी तीव्र मिठास एवं कैलोरी की कमी के कारण पेय पदार्थों तथा बेक किए गए सामान से लेकर स्नैक्स तक विभिन्न प्रकार के उत्पादों में उपयोग किया जाता है।

न्यायालय के निर्णय के बाद फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के तंत्र की समीक्षा

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय पैनल फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए तंत्र की समीक्षा का आह्वान कर रहा है।

संबंधित तथ्य

  • 21 नवंबर को, पैनल चर्चा के लिए न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया एवं सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय के साथ बैठक करेगा।

IT नियम संशोधन, 2021 पर पृष्ठभूमि

  • संशोधित IT नियम: अप्रैल 2022 में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने IT (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 के माध्यम से IT नियम, 2021 में संशोधन पेश किया।
  • दायरा विस्तार: IT नियम 2021 के नियम 3(1)(b)(v) में विशेष रूप से “सरकारी व्यवसाय” से संबंधित “फर्जी समाचार” को शामिल करने के लिए संशोधन किया गया था।

फर्जी खबर, गलत सूचना एवं दुष्प्रचार क्या है?

  • ये मनगढ़ंत जानकारियाँ हैं, जिनका उद्देश्य कथा या तथ्यों को गुमराह करना है।
  • दुर्भावनापूर्ण सामग्री के उद्देश्य के बिना गलत सूचना तैयार की जाती है।
  • दुष्प्रचार धोखा देने जैसे दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य से तैयार किया जाता है।

फैक्ट चेक यूनिट (Fact Check Unit)  के बारे में

  • उद्देश्य एवं भूमिका
    • सत्यापन: FCU सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों एवं घोषणाओं से संबंधित जानकारी की सटीकता की जाँच करता है।
    • गलत सूचना का प्रतिकार: यह सरकारी गतिविधियों के बारे में गलत या भ्रामक जानकारी की निगरानी करता है एवं उसका मुकाबला करता है।
  • सार्वजनिक सहभागिता
    • विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना: FCU सोशल मीडिया एवं अन्य संचार चैनलों के माध्यम से जनता के साथ सत्यापित तथा भरोसेमंद जानकारी साझा करता है।
  • शिकायत समाधान
    • शिकायतों का निवारण करना: यह व्हाट्सऐप, ईमेल एवं एक समर्पित वेब पोर्टल के माध्यम से फर्जी खबरों की रिपोर्ट स्वीकार करता है एवं उनका समाधान करता है।

कानूनी चुनौतियाँ एवं न्यायालय के फैसले 

  • एडिटर्स गिल्ड एवं कुणाल कामरा द्वारा चुनौती: स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के साथ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भाषण एवं प्रेस की स्वतंत्रता पर चिंता जताते हुए संशोधन की संवैधानिकता को चुनौती दी।
  • सर्वोच्च न्यायालय का हस्तक्षेप: 20 मार्च को FCU की सरकार की अधिसूचना के बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने अगले दिन बॉम्बे हाईकोर्ट की समीक्षा तक इसके कार्यान्वयन पर रोक लगा दी।
  • बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला: 21 सितंबर, 2023 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने संशोधित नियम को “असंवैधानिक” मानते हुए रद्द कर दिया।

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय पैनल की भूमिका

  • विनियमन एवं निरीक्षण: पैनल संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित नियमों की निगरानी तथा मार्गदर्शन करता है, यह सुनिश्चित करता है कि उनका प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया जाता है।
  • नीति समीक्षा: यह ऑनलाइन सामग्री एवं फर्जी खबरों से संबंधित नीतियों तथा संशोधनों की जाँच एवं समीक्षा करती है, यह सुनिश्चित करती है कि वे उपयुक्त एवं प्रभावी हैं।
  • हितधारकों को शामिल करना: पैनल डिजिटल सामग्री विनियमों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने एवं इनपुट प्रदान करने के लिए मीडिया समूहों तथा सरकारी प्रतिनिधियों को आमंत्रित करता है।
  • परिवर्तनों की अनुशंसा: पैनल डिजिटल सामग्री पर बेहतर नियंत्रण एवं फर्जी खबरों को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए कानूनों में बदलाव का सुझाव देता है।
  • सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना: यह जनता को जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार एवं समाज पर फर्जी खबरों के प्रभावों के बारे में शिक्षित करने का कार्य करता है।

[/green_button]

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.