भारत 18-19 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली में अपने पहले वैश्विक समुद्री सम्मेलन, सागरमंथन: द ग्रेट ओशन्स डायलॉग की मेजबानी के लिए तैयार है।
मुख्य तथ्य
इस कार्यक्रम का आयोजन पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation- ORF) द्वारा किया गया है।
भागीदारी
सम्मेलन में 60-65 देशों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है।
सम्मेलन के उद्देश्य
समुद्री उपस्थिति को सुदृढ़ बनाना
विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश एवं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद, भारत का समुद्री प्रभाव अपेक्षाकृत सीमित रहा है।
सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक समुद्री व्यापार एवं व्यापारिक नौवहन में अपनी भूमिका का विस्तार करने की भारत की महत्त्वाकांक्षा को उजागर करना है।
समुद्री व्यापार एवं शासन पर ध्यान देना
व्यापार, कनेक्टिविटी एवं समुद्री शासन से संबंधित अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भारत के बढ़ते महत्त्व पर जोर दिया जाएगा।
इस सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक हितधारकों के साथ जुड़ाव को गहरा करना एवं उन्हें समुद्री क्षेत्र में भारत की महत्त्वाकांक्षाओं तथा हितों के संदर्भ में सूचित करना है।
मुख्य लाभ
समुद्री क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय नीति निर्माताओं एवं हितधारकों के साथ सहयोग बढ़ाया गया है।
समुद्री व्यापार एवं शासन में भारत की भूमिका तथा क्षमता में वृद्धि।
समुद्री मामलों से संबंधित वैश्विक मुद्दों पर चर्चा को संचालित करने के लिए एक मंच।
भारत के विकास एवं समुद्री भूमिका का महत्त्व
भारत ने वर्ष 2023 में वैश्विक आर्थिक विकास में 16% का योगदान दिया।
अगले तीन वर्षों के भीतर देश की तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है।
इस वृद्धि के साथ, भारत का समुद्री क्षेत्र वाणिज्य, व्यापार एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए महत्त्वपूर्ण हो गया है।
‘नो योर मेडिसिन ऐप’ (Know Your Medicine)
केंद्रीय खेल एवं युवा मंत्रालय ने ‘नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी’ (National Anti-Doping Agency- NADA) द्वारा निर्मित भारत के ‘नो योर मेडिसिन’ (KYM) ऐप को अपनाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अपील प्रारंभ की है।
‘नो योर मेडिसिन’ (KYM) के बारे में
KYM ऐप नाडा इंडिया के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य एंटी डोपिंग जागरूकता और शिक्षा बढ़ाना है तथा खिलाड़ियों को डोपिंग से दूर रहने के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराना है।
KYM ऐप की मुख्य विशेषताएँ
एंटी-डोपिंग सत्यापन उपकरण: एथलीटों एवं खेल पेशेवरों को यह जाँचने की अनुमति देता है कि किसी दवा या उसके अवयवों में विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (World Anti-Doping Agency- WADA) द्वारा प्रतिबंधित पदार्थ हैं या नहीं।
उपयोगकर्ता के अनुकूल खोज विकल्प: जानकारी तक त्वरित एवं सुविधाजनक पहुँच के लिए इमेज तथा ऑडियो खोज क्षमताएँ प्रदान करता है।
खेल-विशिष्ट जानकारी: उपयोगकर्ताओं को उनकी विशिष्ट खेल आवश्यकताओं से संबंधित जानकारी तक पहुँचने के लिए उनकी खेल श्रेणी का चयन करने में सक्षम बनाती है।
निष्पक्ष खेलों को बढ़ावा देना: एथलीटों को अनजाने डोपिंग से बचने के लिए सशक्त बनाना, खेलों में ईमानदारी एवं निष्पक्ष खेल का समर्थन करना।
सुलभ एवं जानकारीपूर्ण: उपयोग में आसान, निर्बाध सत्यापन की पेशकश एवं खेल समुदाय में सभी हितधारकों के लिए डोपिंग रोधी शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
‘नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी’ (NADA) के बारे में
वर्ष 2005 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में स्थापित।
जनादेश: खेलों में निष्पक्ष खेल एवं नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देकर भारत में डोपिंग-मुक्त खेल बनाना।
कार्य: भारत में डोपिंग रोधी गतिविधियों की योजना बनाना, कार्यान्वयन एवं समन्वय करना।
वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) कोड एवं विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करता है।
नोडल मंत्रालय: खेल एवं युवा मंत्रालय, भारत सरकार।
नेशनल एंटी डोपिंग एक्ट, 2022
खेलों में एंटी डोपिंग संबंधी गतिविधियों को विनियमित करने के लिए NADA को कानूनी सहायता प्रदान करता है।
खेलों में डोपिंग के खिलाफ यूनेस्को अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन को लागू करना, अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करना।
‘स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम’ (SDS) कार्यक्रम
हाल ही में कनाडा ने नवंबर 2024 से प्रभावी ‘स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम’ (Student Direct Stream- SDS) वीजा कार्यक्रम को बंद करने की घोषणा की है।
मुख्य तथ्य
यह निर्णय कई भारतीय छात्रों को प्रभावित करता है, जो सुव्यवस्थित वीजा प्रोसेसिंग एवं कनाडाई शैक्षणिक संस्थानों तक सस्ती पहुँच के लिए SDS मार्ग पर भरोसा करते हैं, जिससे प्रक्रिया में लगने वाले समय तथा बढ़ी हुई लागत के संबंध में चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
SDS वीजा कार्यक्रम
स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) कनाडा द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किया गया एक वीजा प्रोसेसिंग कार्यक्रम है।
इसका उद्देश्य भारत सहित विशिष्ट देशों के छात्रों के लिए स्टडी परमिट की तीव्र प्रोसेसिंग प्रदान करना है।
SDS की मुख्य विशेषताएं
फास्ट-ट्रैक प्रोसेसिंग: SDS लगभग 20 दिनों के औसत प्रोसेसिंग समय के साथ त्वरित वीजा प्रोसेसिंग प्रदान करता है।
सरलीकृत अनुप्रयोग
आवेदकों को वित्तीय स्थिरता का प्रमाण देना होगा, जैसे कि गारंटीकृत निवेश प्रमाण-पत्र (Guaranteed Investment Certificate- GIC)।
प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए आवश्यक शैक्षिक दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है।
पात्रता मानदंड: यह कार्यक्रम भारत, चीन, पाकिस्तान, वियतनाम एवं त्रिनिदाद तथा टोबैगो सहित 14 देशों के छात्रों के लिए उपलब्ध है।
भारतीय छात्रों के बीच लोकप्रियता
तीव्र अनुमोदन समय एवं सीधी आवेदन प्रक्रिया के कारण SDS को भारतीय छात्रों द्वारा अत्यधिक पसंद किया गया है।
स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम को बंद करने के पीछे कारण
सिस्टम का दुरुपयोग: कुछ आवेदकों ने स्थायी निवास पाने के लिए कम मूल्य वाले डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए SDS मार्ग का उपयोग किया, जिससे कार्यक्रम का उद्देश्य कमजोर हो गया।
सत्यनिष्ठा एवं सुरक्षा: कनाडा का लक्ष्य वास्तविक छात्रों की सुरक्षा करना एवं कार्यक्रम तक उचित पहुँच सुनिश्चित करना है।
संसाधनों पर दबाव: टोरंटो एवं वैंकूवर जैसे प्रमुख शहरों में भीड़भाड़ के कारण आवास तथा सार्वजनिक सेवाओं पर दबाव पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कमी: वर्ष 2024 में, कनाडा ने छात्र परमिट में 8% की कमी की है तथा छात्रों की आवाजाही को प्रबंधित करने के लिए इसमें 10% की और कमी करने की योजना है।
भारतीय छात्रों के लिए निहितार्थ
विस्तारित प्रोसेसिंग समय: वीजा अनुमोदन में अधिक समय लग सकता है, जिससे भारतीय छात्रों के लिए शैक्षणिक योजनाओं में विलंब हो सकता है।
बढ़ी हुई लागत: मानक वीजा आवेदनों में शुल्क अधिक है, जिससे वित्तीय चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं।
जटिल आवेदन प्रक्रिया: धन एवं अध्ययन योजनाओं के प्रमाण सहित अधिक विस्तृत दस्तावेजीकरण से त्रुटियों तथा विलंब की संभावना बढ़ जाती है।
शैक्षणिक लक्ष्यों में व्यवधान: विलंबित अनुमोदन छात्रों को प्रवेश स्थगित करने या अन्य देशों पर विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है।
आप्रवासन मार्गों में अनिश्चितता: SDS वीजा अक्सर स्थायी निवास का एक मार्ग था, जो अब आप्रवासन योजनाओं को एवं अधिक कठिन बना रहा है।
प्रथम त्रिपक्षीय पॉवर ट्रांजैक्शन का उद्घाटन
भारत, नेपाल, बांग्लादेश ने नेपाल से भारत के रास्ते बांग्लादेश तक पहला त्रिपक्षीय विद्युत प्रवाह ट्रांजैक्शन प्रारंभ किया है।
मुख्य विशेषताएँ
ट्रांसमिशन क्षमता: भारत के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश तक 40 मेगावाट तक विद्युत निर्यात।
3 अक्टूबर, 2024 को काठमांडू में त्रिपक्षीय पॉवर सेल एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए।
शामिल पक्ष: NTPC विद्युत व्यापार निगम (भारत), नेपाल विद्युत प्राधिकरण एवं बांग्लादेश पॉवर डेवलपमेंट बोर्ड के मध्य समझौता।
प्रभाव: यह उप-क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग एवं आर्थिक अंतर-संबंधों को मजबूत करता है।
विद्युत कनेक्टिविटी को बढ़ाता है।
नेपाल, भारत एवं बांग्लादेश के लिए पारस्परिक आर्थिक लाभ का समर्थन करता है।
भारत की भूमिका: भारतीय ट्रांसमिशन लाइन का उपयोग करके सीमा पार आपूर्ति की सुविधा प्रदान करना।
Latest Comments