भारत को वर्ष 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति निर्माण आयोग के लिए पुनः चुना गया
वैश्विक शांति प्रयासों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए भारत को वर्ष 2025-2026 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति निर्माण आयोग (Peacebuilding Commission- PBC) के लिए पुनः चुना गया है।
भारत के पुनः चुनाव का महत्त्व
शांति निर्माण प्रयासों के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।
संघर्ष समाधान एवं शांति स्थिरता के लिए वैश्विक रणनीतियों को आकार देने में भारत की भूमिका को मजबूत करता है।
शांति निर्माण आयोग (PBC) के बारे में
PBC एक अंतरसरकारी सलाहकार निकाय है, जो संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति प्रयासों का समर्थन करने पर केंद्रित है।
यह संयुक्त राष्ट्र महासभा एवं सुरक्षा परिषद को शांति निर्माण तथा शांति बनाए रखने पर सलाह प्रदान करता है।
सदस्य: 31 (सामान्य सभा, सुरक्षा परिषद एवं आर्थिक तथा सामाजिक परिषद से निर्वाचित)।
सामरिक दृष्टिकोण
शांति निर्माण की जरूरतों एवं प्राथमिकताओं को संरेखित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों तथा एजेंसियों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।
PBC के प्रमुख कार्य
देश-विशिष्ट एवं क्षेत्रीय संलग्नताएँ
राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व वाली शांति स्थापना पहलों का समर्थन करता है, विशेषकर संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में।
संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं के साथ सहयोग
देश की टीमों के बीच मानवतावादी, विकास एवं शांति अभिनेताओं के बीच समन्वय सुनिश्चित करता है।
PM E-ड्राइव
केंद्र सरकार ने ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट’ (PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement-PM E-DRIVE) योजना के तहत कार्गो इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के खरीदारों के लिए प्रोत्साहन के दूसरे चरण को आगे बढ़ाया है।
अधिसूचना की मुख्य बिंदु
चरण II सब्सिडी की प्रगति
इलेक्ट्रिक कार्गो तिपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी का दूसरा चरण आगे बढ़ा दिया गया है।
शुरुआत में 1 अप्रैल, 2025 के लिए निर्धारित किया गया था, वित्त वर्ष 2015 के लक्ष्यों की तीव्र उपलब्धि के कारण चरण II को जल्दी शुरू किया गया था।
चरण II के लिए संशोधित सब्सिडी संरचना
वित्त वर्ष 2025 के लिए सब्सिडी को ₹50,000 प्रति वाहन से घटाकर ₹25,000 प्रति वाहन कर दिया गया।
PM E-ड्राइव योजना
‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट’ (PM E-DRIVE) योजना 1 अक्टूबर, 2024 को शुरू की गई थी।
इस योजना का उद्देश्य पूरे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने को बढ़ावा देना है।
इसे दो वर्षों की अवधि में ₹10,900 करोड़ के बजट परिव्यय के साथ अनुमोदित किया गया है।
यह EV बुनियादी ढाँचे में अंतराल को संबोधित करते हुए घरेलू EV विनिर्माण एवं उपभोक्ता अपनाने को बढ़ावा देने में FAME की उपलब्धियों पर आधारित है।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
EV खरीदारों के लिए सब्सिडी
योजना के तहत सब्सिडी एवं माँग प्रोत्साहन के लिए कुल ₹3,679 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
E-वाउचर की शुरुआत इलेक्ट्रिक वाहन खरीद प्रक्रिया को सरल बनाती है।
खरीदारों के लिए शुरुआती लागत कम करने के लिए सब्सिडी अग्रिम रूप से प्रदान की जाती है।
इस योजना में शामिल हैं: इलेक्ट्रिक दोपहिया (e-2Ws), इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (e-3Ws), इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस, इलेक्ट्रिक ट्रक एवं अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहन।
विशिष्ट वाहनों के लिए प्रोत्साहन
इलेक्ट्रिक ट्रक: अधिकृत MoRTH वाहन स्क्रैपिंग सेंटर (RVSFs) के माध्यम से सत्यापित पात्रता के साथ, पुराने ट्रकों को स्क्रैप करने के बाद की गई खरीदारी के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए समर्थन
‘कन्वीनियंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड’ (CESL) को आवश्यक चार्जिंग बुनियादी ढाँचा स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है।
नौ प्रमुख शहरों में स्थापित होंगे चार्जिंग स्टेशन: दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बंगलूरू, पुणे एवं हैदराबाद।
यह योजना राज्य सरकारों के परामर्श से इंटरसिटी एवं अंतरराज्यीय इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग का समर्थन करने पर भी केंद्रित है।
वाहन परीक्षण एवं बुनियादी ढाँचा विकास
वाहन परीक्षण बुनियादी ढाँचे के विकास एवं वृद्धि के लिए ₹780 करोड़ का एक समर्पित कोष आवंटित किया गया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उच्च सुरक्षा एवं प्रदर्शन मानकों को सुनिश्चित करने पर ध्यान देना।
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