सेंटोसा के छोटे से द्वीप में इतिहास रचा गया जब डी. गुकेश अपने मैच के अंतिम गेम में चीन के डिंग लिरेन को हराने के बाद सबसे कम आयु के ‘विश्व शतरंज चैंपियन’ बन गए।
प्रमुख बिंदु
गुकेश ने अपने अंकों की संख्या 7.5 अंक तक पहुँचा दी। एक खिलाड़ी के लिए विश्व खिताब जीतने के लिए यह आवश्यक था।
उन्होंने रूस के गैरी कास्पारोव का लगभग चार दशकों का सबसे कम आयु के विश्व शतरंज चैंपियन का रिकॉर्ड तोड़ दिया (गैरी कास्पारोव – 22 वर्ष)
गुकेश वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीतने वाले केवल तीसरे एशियाई हैं, विश्वनाथन आनंद पहले एवं डिंग दूसरे स्थान पर हैं।
विश्व शतरंज चैम्पियनशिप का प्रारूप
गुकेश एवं डिंग लिरेन के बीच 7.5 अंक तक पहुँचने वाला पहला खिलाड़ी वर्ष 2024 विश्व शतरंज चैंपियनशिप का विजेता बनने वाला था।
गुकेश ने लिरेन के 6.5 के मुकाबले अपेक्षित 7.5 अंक हासिल किये।
14 गेम के बाद दोनों खिलाड़ियों के अंक बराबर होने की स्थिति में, विजेता का फैसला करने के लिए अगले दिन टाईब्रेक खेला गया।
विजय दिवस
बांग्लादेश से एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें मुक्तिजोधा (वर्ष 1971 बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के स्वतंत्रता सेनानी) भी शामिल हैं, के कोलकाता में पूर्वी कमान मुख्यालय में विजय दिवस समारोह में भाग लेने की संभावना है।
विजय दिवस
वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की जीत का सम्मान करने एवं देश के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है।
इस दिन को बांग्लादेश में ‘बिजॉय डिबोस’ या विजय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो पाकिस्तान से देश की औपचारिक स्वतंत्रता की याद दिलाता है।
बांग्लादेश के निर्माण से जुड़े प्रमुख अभियान
ऑपरेशन सर्चलाइट: एक पाकिस्तानी सैन्य अभियान, जिसका उद्देश्य पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली राष्ट्रवादी आंदोलन को दबाना था, जिसमें नरसंहार, हत्याएँ एवं बलात्कार सहित बड़े पैमाने पर अत्याचार हुए थे।
ऑपरेशन जैकपॉट: भारत ने मुक्ति आंदोलन में सहायता के लिए मुक्ति वाहिनी (बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानियों) को प्रशिक्षण, संसाधन एवं सैन्य सहायता प्रदान की।
ऑपरेशन ‘ट्राइडेंट’: भारतीय नौसेना का एक सफल ऑपरेशन, जिसने कराची बंदरगाह पर हमला किया।
लोंगेवाला का युद्ध: यह राजस्थान के थार रेगिस्तान में भारतीय सीमा चौकी लोंगेवाला पर लड़ा गया था।
केरल के लिए सूचना का अधिकार पुरस्कार (RTI)
भारत के मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा केरल सूचना आयुक्त को राष्ट्रीय सूचना अधिकार पुरस्कार प्रदान किया गया।
यह पुरस्कार प्रवासी लीगल सेल (PLC) द्वारा आयोजित किया गया था।
यह एक पंजीकृत गैर-सरकारी संगठन (NGO) है जो लोगों को कानून की शक्ति के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए कार्य कर रहा है।
RTI अधिनियम, 2005
RTI अधिनियम नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों (PAs) द्वारा रखी गई जानकारी तक पहुँचने का अधिकार देता है।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (MoPPG&P) इसके कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है।
थाईलैंड ने भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए E-वीजा की शुरुआत की
थाईलैंड सरकार ने घोषणा की है, कि थाईलैंड का ई-वीजा 1 जनवरी, 2025 से भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए उपलब्ध होगा, जबकि भारतीय यात्रियों के लिए मौजूदा 60-दिवसीय वीजा छूट प्रभावी रहेगी।
भारत में e-वीजाप्रणाली
सरकार द्वारा e-वीजा प्रणाली वर्ष 2014 में शुरू की गई थी।
यह यात्रियों को भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास में जाने की आवश्यकता के बिना ऑनलाइन आवेदन करने एवं अपना वीजा प्राप्त करने की अनुमति देकर वीजा आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है।
यह गैर-विस्तार योग्य एवं गैर-परिवर्तनीय है, जिसका अर्थ है कि इसे किसी अन्य वीजा प्रकार में नहीं बदला जा सकता है या इसकी वैधता अवधि से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।
नोडल मंत्रालय: केंद्रीयगृह मंत्रालय।
विशेष उद्देश्य: भारत में अस्थायी प्रवास के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को e-वीजा दिया जाता है।
भारत में केवल 31 नामित हवाई अड्डों एवं 5 प्रमुख बंदरगाहों पर e-वीजा के माध्यम से प्रवेश की अनुमति है।
e-वीजा उपश्रेणियाँ: e-वीजा पाँच उपश्रेणियों के तहत जारी किया जाता है: e-पर्यटक वीजा, e-बिजनेस वीजा, e-मेडिकल वीजा, e-मेडिकल अटेंडेंट वीजा एवं e-कॉन्फ्रेंस वीजा।
e-वीजा इनके लिए उपलब्ध नहीं है:
पाकिस्तान के नागरिक।
राजनयिक/आधिकारिक पासपोर्ट धारक।
बिना अनुमति के प्रतिबंधित, संरक्षित या छावनी क्षेत्रों में जाना।
जिन व्यक्तियों का समर्थन माता-पिता या पति/पत्नी के पासपोर्ट पर किया गया है, अर्थात प्रत्येक व्यक्ति के पास एक अलग पासपोर्ट होना चाहिए।
रोजगार, NGO का काम, या पत्रकारिता।
अल्पकालिक स्वैच्छिक कार्य (एक महीने तक, अवैतनिक) की अनुमति है।
अध्ययन में वर्ष 2030 तक आर्कटिक में पहले हिम-मुक्त दिन का पूर्वानुमान लगाया गया है
नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है, कि आर्कटिक महासागर वर्ष 2030 तक या संभवतः उससे भी पहले अपने पहले हिम-मुक्त दिन का अनुभव कर सकता है।
आर्कटिक में हिम मुक्त दिवस
यह उस दिन को संदर्भित करता है जब इसके जल में दस लाख वर्ग किलोमीटर से कम समुद्री बर्फ होती है, जो क्षेत्र के बर्फ आवरण में महत्त्वपूर्ण कमी को दर्शाता है।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
कारक जो हिम मुक्त आर्कटिक में योगदान कर सकते हैं
तूफानी मौसम के साथ-साथ असामान्य रूप से गर्म पतझड़, सर्दी एवं वसंत का तापमान।
निरंतर उत्सर्जन का प्रभाव:विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन एवं नाइट्रस ऑक्साइड की विश्व स्तर पर औसत सतह सांद्रता नई ऊँचाई पर पहुँच गई।
हिम मुक्त माह की संभावना: जलवायु मॉडल सिमुलेशन ने भविष्यवाणी की है कि बर्फ मुक्त अवधि 11 से 53 दिनों के बीच हो सकती है। इसका अर्थ यह है कि आर्कटिक में पहला हिम-मुक्त महीना भी देखा जा सकता है।
हिम-मुक्त आर्कटिक के परिणाम
त्वरित जलवायु परिवर्तन: समुद्री बर्फ के नष्ट होने से अल्बेडो प्रभाव के कारण आर्कटिक तापमान में वृद्धि होगी, जिससे अधिक चरम मौसम की घटनाएँ होंगी।
समुद्र के स्तर में वृद्धि: समुद्री बर्फ के नष्ट होने से समुद्र के स्तर में वृद्धि होती है।
पारिस्थितिकी तंत्र में व्यवधान: समुद्री बर्फ के विलुप्त होने से ध्रुवीय भालू, वालरस एवं आर्कटिक लोमड़ियों जैसी प्रजातियों के साथ-साथ उन पर निर्भर मानव समुदायों को भी खतरा है।
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