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Samsul Ansari January 17, 2024 02:41 434 0
संदर्भ
नीति आयोग द्वारा जारी ‘चर्चा पत्र: वर्ष 2005-06 से भारत में बहुआयामी गरीबी’ के अनुसार, बहुआयामी गरीबी में रहने वाली भारत की आबादी का हिस्सा वर्ष 2013-14 में 29.17% से गिरकर वर्ष 2022-23 में 11.28% होने का अनुमान है।
मुख्य निष्कर्ष
भारत में गरीबी अनुमान का विकास
गरीबी (Poverty) के बारे में
बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index) के बारे में
MPI को पारंपरिक उपाय की तुलना में गरीबी का अनुमान लगाने के लिए एक बेहतर उपाय माना जाता है। मौद्रिक गरीबी के पारंपरिक उपाय कई सीमाओं से ग्रस्त हैं:-
अल्किरे और फोस्टर (AAF) पद्धति
गरीबी कम करने के लिए सरकारी बहुआयामी दृष्टिकोण
चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं
अन्य चुनौतियाँ
आगे की राह
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