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चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार, 2024

Lokesh Pal October 09, 2024 03:42 107 0

संदर्भ 

विक्टर एम्ब्रोस (Victor Ambros) और गैरी रुवकुन (Gary Ruvkun) को  ‘माइक्रोआरएनए की खोज और पोस्ट-ट्रांसक्रिप्शनल जीन विनियमन में इसकी भूमिका’ (Discovery of microRNA and its role in post-transcriptional gene regulation) के लिए वर्ष 2024 का चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 

नोबेल पुरस्कार 

  • श्रेणियाँ: नोबेल पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, फिजियोलॉजी या चिकित्सा, साहित्य और शांति में प्रतिवर्ष दिए जाने वाले पाँच अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों का एक समूह है।
  • प्रारंभ: नोबेल पुरस्कार की स्थापना डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की अंतिम इच्छा के अनुरूप की गई थी।
    • प्रथम बार वर्ष 1901 में अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु की 5वीं वर्षगाँठ पर नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • वर्ष 1968 में नोबेल श्रेणी के छठे पुरस्कार के रूप में आर्थिक विज्ञान (Economic Sciences) में ‘स्वेरिगेस रिक्सबैंक पुरस्कार’ की शुरुआत की गई, लेकिन इसे आधिकारिक तौर पर नोबेल पुरस्कार नहीं माना जाता है।
  • स्थान: ये पुरस्कार स्टॉकहोम, स्वीडन में नोबेल फाउंडेशन द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
    • शांति पुरस्कार ओस्लो, नॉर्वे में प्रदान किया जाता है।
  • पात्रता: यह केवल व्यक्तियों को ही दिया जा सकता है, परंतु शांति का नोबल पुरस्कार व्यक्तियों या संस्थाओं दोनों को दिया जा सकता है।
    • अधिकतम 3 व्यक्ति एक पुरस्कार साझा कर सकते हैं।

चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय पुरस्कार

  • जेम्स डी. वॉटसन (James D. Watson) DNA और आनुवंशिकी पर अपने कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक हैं।
  • वर्ष 2023 का चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड (mRNA) पर उनके कार्य के लिए दिया गया।

नोबेल पुरस्कार और भारत

  • रवींद्रनाथ टैगोर वर्ष 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले गैर-यूरोपीय एवं भारतीय व्यक्ति थे।
  • भौतिकी में भारत का प्रथम नोबेल पुरस्कार वर्ष 1930 में सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को प्रकाश के प्रकीर्णन और रमन प्रभाव की खोज पर उनके कार्य के लिए दिया गया था।

माइक्रोआरएनए (miRNA) क्या है?

  • माइक्रोआरएनए (miRNA) छोटे, नॉन-कोडिंग RNA अणुओं का एक वर्ग है, जो मैसेंजर आरएनए (mRNA) से बँधकर और उन्हें प्रोटीन बनाने से रोककर कोशिकाओं में ‘जीन एक्सप्रेशन’ को नियंत्रित करता है।
  • नॉन -कोडिंग आरएनए (ncRNAs) ऐसे अणु होते हैं, जो प्रोटीन को एनकोड नहीं करते हैं।
    • उदाहरणों में शामिल हैं:- miRNAs, लॉन्ग नॉन-कोडिंग RNAs (lncRNAs), सर्कुलर RNAs (circRNAs), PIWI-इंटरैक्टिंग RNAs (piRNAs), राइबोसोमल RNAs (rRNAs), और ट्रांसफर RNAs (tRNAs)।
  • संरचना: miRNAs लगभग 21 से 24 न्यूक्लियोटाइड लंबे होते हैं, जो मैसेंजर RNAs (mRNAs) से बहुत छोटे होते हैं, जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए निर्देश ले जाते हैं।
    • उनका छोटा आकार उन्हें विशिष्ट लक्ष्य mRNAs से जुड़ने की अनुमति देता है।

विक्टर एम्ब्रोस (Victor Ambros) और गैरी रुवकुन (Gary Ruvkun)

  • एम्ब्रोस और रुवकुन दोनों ही अमेरिकी जीव विज्ञानी हैं।
  • एम्ब्रोस वर्तमान में अमेरिका में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में आणविक चिकित्सा कार्यक्रम में कार्य करते हैं।
  • रुवकुन, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में आनुवंशिकी के प्रोफेसर हैं और मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में रुवकुन लैब में माइक्रोआरएनए और RNA इंटरफेरेन्स तंत्र पर शोध कार्य  करते हैं।
  • उनके शोध ने जीन गतिविधियों को विनियमित करने के लिए महत्त्वपूर्ण छोटे RNA अणुओं के एक नए वर्ग का खुलासा किया, जो बहुकोशिकीय जीवों के विकास और कार्य के लिए आवश्यक है।
  • यह सफलता सबसे पहले राउंडवॉर्म कैनोरहैबडाइटिस एलिगेंस (Roundworm Caenorhabditis Elegans) में प्राप्त हुई थी।

माइक्रोआरएनए की खोज

  • miRNAs की खोज सर्वप्रथम वर्ष 1993 में विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन द्वारा कैनोरहैबडाइटिस एलिगेंस (Caenorhabditis Elegans) नामक एक निमेटोड कृमि (Nematode Worm) में की गई थी।
    • miRNAs, कोशिकाओं और रक्तप्रवाह में पाए जाते हैं।

माइक्रोआरएनए (MicroRNAs) का महत्त्व

  • जैविक प्रक्रियाओं में भूमिका: वे विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं जैसे कोशिका प्रसार, विभेदन, अपोप्टोसिस और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
  • जैविक विनियमन (Biological Regulation): वे कोलेस्ट्रॉल चयापचय (Cholesterol Metabolism) को भी नियंत्रित करते हैं और कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathies) और स्ट्रोक में शामिल होते हैं।
  • गर्भावस्था में भूमिका: माइक्रोआरएनए ट्रोफोब्लास्ट डिफरेंशिएशन (Trophoblast Differentiation), एमब्रायो इमप्लांटेशन (Embryo Implantation) और मैटरनल-फोएटल इम्यून टॉलरेंस (Maternal-foetal Immune Tolerance) जैसे चरणों को विनियमित करके गर्भावस्था के विकास में योगदान करते हैं।
  • रोग निहितार्थ: miRNA एक्सप्रेशन में परिवर्तन से जीन एक्सप्रेशन प्रोफाइल में परिवर्तन हो सकता है, जो कई मानवीय विकारों में योगदान देता है।
    • miRNA की असामान्य अभिव्यक्ति को मानव में कई कैंसर प्रकारों से जोड़ा गया है।
    • मनुष्यों में माइक्रोआरएनए के लिए कोडिंग करने वाले जीन में उत्परिवर्तन पाए गए हैं, जिससे जन्मजात श्रवण हानि, आँख और कंकाल संबंधी विकार जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।
  • अनुप्रयोग: एक एकल माइक्रो-RNA  कई जीनों के एक्सप्रेशन  को नियंत्रित कर सकता है, और वैकल्पिक रूप से एक एकल जीन को कई माइक्रो-RNA द्वारा भी नियंत्रित किया जा सकता है।
    • इससे समान आनुवंशिक जानकारी के बावजूद विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं की सूक्ष्म ट्यूनिंग होती है।
    • उन्हें समझना आगे के शोध की दिशा में प्रथम कदम है।

miRNAs जीन एक्सप्रेशन को कैसे नियंत्रित करते हैं?

  • miRNAs कोशिका, कोशिकाद्रव्य में mRNA से बँधकर जीन एक्सप्रेशन को नियंत्रित करते हैं।
  • प्रोटीन में शीघ्रता से रूपांतरित होने के बजाय, चिह्नित mRNA को या तो नष्ट कर दिया जाता है और उसके घटकों को पुनःचक्रित कर दिया जाता है अथवा बाद में रूपांतरित होने के लिए संरक्षित कर लिया जाता है।
  • यदि किसी विशिष्ट miRNA का स्तर अंडरएक्सप्रेस्ड (असामान्य रूप से कम) होता है, तो वह प्रोटीन जिसे वह नियंत्रित करता है, ओवरएक्सप्रेस्ड  (कोशिका में असामान्य रूप से उच्च स्तर) हो सकता है।

माइक्रोआरएनए का उत्पादन और चक्र

  • कोशिकाएँ प्रोटीन संश्लेषण के प्रारंभिक चरणों के समान प्रक्रिया के माध्यम से माइक्रोआरएनए का निर्माण करती हैं।
  • जब एक माइक्रोआरएनए जीन सक्रिय होता है, तो डीएनए स्ट्रैंड खुल जाता है और RNA में ट्रांसक्रिप्ट हो जाता है।
  • प्रारंभिक जीन ट्रांसक्रिप्ट को प्राथमिक miRNA (pri-miRNA) कहा जाता है।

  • कोशिकीय केंद्रक में, इन हेयरपिन-लूप अणुओं को डबल-स्ट्रैंडेड प्रीकर्सर miRNA (प्री-miRNA) बनाने के लिए काटा जाता है।
  • प्री-miRNA को साइटोप्लाज्म में ले जाया जाता है, जहाँ इसे परिपक्व miRNA (लगभग 22 न्यूक्लियोटाइड लंबा) बनाने के लिए आगे काटा जाता है।
  • परिपक्व miRNA RNA इंटरफेरेंस साइलेंसिंग कॉम्प्लेक्स (RISC) से जुड़ता है।

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