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तपेदिक (TB) से निपटने में पोषण की आवश्यकता

Lokesh Pal August 08, 2025 03:45 12 0

संदर्भ

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) द्वारा भारत में किए गए एक ऐतिहासिक अध्ययन से पता चला है कि पोषण संबंधी सहायता तपेदिक (Tuberculosis- TB) के रोगियों के स्वास्थ्य एवं जीवन रक्षा में उल्लेखनीय सुधार ला सकती है। इसके परिणामस्वरूप विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक प्रमुख नीतिगत अद्यतन किया है।

क्षय रोग (TB) या तपेदिक रोग क्या है?

  • क्षय रोग (TB) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होने वाला एक अत्यधिक संक्रामक जीवाणु रोग है।
  • यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन मस्तिष्क, रीढ़ एवं गुर्दे जैसे अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।
  • TB संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने पर हवा में मौजूद बूंदों के माध्यम से फैलता है, जिससे यह अत्यधिक संक्रामक हो जाता है।

संबंधित तथ्य 

  • पोषण की स्थिति में सुधार द्वारा क्षय रोग की सक्रियता को कम करना’ (Reducing Activation of Tuberculosis by Improvement of Nutritional Status- RATIONS) के नाम से जाना जाने वाला यह अध्ययन, झारखंड राज्य में किया गया था और यह इस विषय पर बड़े पैमाने पर निर्णायक साक्ष्य प्रदान करने वाला पहला अध्ययन है।

RATIONS अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष

  • मृत्यु जोखिम में कमी: TB उपचार के पूर्व 2 महीनों में वजन में मामूली वृद्धि से मृत्यु जोखिम 60% तक कम हो जाता है।
  • नए संक्रमण कम: परिवार के सदस्यों को पोषण संबंधी सहायता देने से घरों में TB के नए मामलों में 39-48% की कमी आई।
  • बेहतर उपचार अनुपालन: भोजन के पैकेट प्राप्त करने वाले मरीजों के लंबे समय तक इलाज पूरा करने की संभावना ज्यादा थी, जिससे दवा-प्रतिरोधी TB का जोखिम कम हो गया।
  • आर्थिक लाभ: पोषण से मरीजों को तेजी से ठीक होने, कार्य पर वापस लौटने एवं अपने परिवारों का समर्थन करने में मदद मिलती है, जिससे वित्तीय बोझ कम होता है।

वैश्विक नीतिगत प्रभाव

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब अपने वैश्विक TB दिशा-निर्देशों को अद्यतन किया है।
  • यह TB देखभाल के एक भाग के रूप में नियमित पोषण जाँच एवं सहायता का आह्वान करता है।
  • देशों, विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया (जहाँ TB सामान्य बीमारी है) से अपने TB कार्यक्रमों में पोषण को शामिल करने का आग्रह किया गया है।
  • अध्ययन TB एवं कुपोषण के बीच दो-तरफा संबंध पर प्रकाश डालता है:-
    • कुपोषण से TB का खतरा बढ़ता है।
    • TB कुपोषण को और बिगाड़ता है।

TB के लिए पोषण सहायता: भारत की बहुआयामी रणनीति

  • वैश्विक लक्ष्य से पाँच वर्ष पूर्व, वर्ष 2025 तक क्षय रोग (TB) को समाप्त करने के लिए, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत कई पोषण-केंद्रित पहल शुरू की हैं।
  • ये प्रयास इस मूल मान्यता पर आधारित हैं कि कुपोषण TB का कारण एवं परिणाम दोनों है तथा इससे निपटना रोकथाम, सुधार एवं नियंत्रण की कुंजी है।

प्रमुख सरकारी पहल

  • निक्षय पोषण योजना (NPY): वर्ष 2018 में शुरू की गई, यह TB रोगियों को उपचार के दौरान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के रूप में ₹1,000/माह (हाल ही में ₹500 से बढ़ाकर) प्रदान करती है, जिससे उन्हें पौष्टिक भोजन प्राप्त करने में मदद मिलती है।
    • निक्षय मित्र (सामुदायिक सहायता): TB मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2022 में शुरू किया गया, यह एक जन आंदोलन है, जहाँ व्यक्ति, गैर-सरकारी संगठन एवं कॉर्पोरेट में कार्यरत TB रोगियों का उत्तरदायित्व लेकर उन्हें ये सुविधाएँ प्रदान कर सकते हैं:
      • पोषण किट।
      • नैदानिक एवं व्यावसायिक सहायता।
      • यह कार्यक्रम अब TB रोगियों के घरेलू संपर्कों को भी सहायता प्रदान करता है ताकि घर के भीतर संक्रमण को कम किया जा सके।
    • ऊर्जा-सघन पोषण पूरकता (Energy-Dense Nutritional Supplementation- EDNS): कम वजन वाले TB रोगियों (बॉडी मास इंडेक्स <18.5) को उपचार के पहले 2 महीनों के दौरान उच्च-ऊर्जा वाले भोजन के साथ लक्षित सहायता प्रदान की जाती है ताकि स्वास्थ्य लाभ में सुधार हो सके।
    • समुदाय आधारित निगरानी: ASHA एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को निम्नलिखित कार्यों के लिए प्रेरित किया जाता है:-
      • पोषण की स्थिति की निगरानी करना।
      • समय पर सहायता सुनिश्चित करना।
      • टीबी एवं आहार संबंधी देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
    • कल्याणकारी योजनाओं के साथ अभिसरण: इनके पहलों के साथ सामंजस्य है:-
      • एकीकृत बाल विकास सेवाएँ (Integrated Child Development Services- ICDS) (महिलाओं एवं बच्चों के लिए)।
      • मध्याह्न भोजन योजना (प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिए)।
      • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) (घरेलू खाद्य सुरक्षा के लिए)।

यह क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • कुपोषण से सक्रिय TB विकसित होने का जोखिम तीन गुना बढ़ जाता है।
  • पोषण संबंधी सहायता उपचार के परिणामों में सुधार करती है, मृत्यु दर एवं दवा प्रतिरोध को कम करती है तथा TB-कुपोषण चक्र को तोड़ने में मदद करती है।
  • इन हस्तक्षेपों को ICMR के RATIONS अध्ययन का समर्थन प्राप्त है, जिसने WHO द्वारा वैश्विक नीति अद्यतन को प्रभावित किया है।

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