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अमेरिका, भारत और अवैध प्रवास

Lokesh Pal February 11, 2025 02:46 29 0

संदर्भ

हाल ही में 104 भारतीय निर्वासितों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर में उतरा, जिसमें से वापस लौटे कई लोगों ने पूरी यात्रा के दौरान हथकड़ी लगाए जाने तथा शौचालयों तक सीमित पहुँच की शिकायत की।

संबंधित तथ्य

  • भारतीय अप्रवासियों का निर्वासन: दर्जनों भारतीय, जिन्हें अवैध अप्रवासी माना जाता है, को अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया।
  • अमेरिकी आव्रजन कार्रवाई: जनवरी 2025 के शपथ ग्रहण के बाद से ट्रंप प्रशासन द्वारा आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (Immigration and Customs Enforcement-ICE) संचालन को तीव्र किया गया।
  • निर्वासन का पैमाना: जून और अक्टूबर 2024 के बीच, 1,60,000 व्यक्तियों को 495 अंतरराष्ट्रीय  उड़ानों के माध्यम से 145+ देशों में निर्वासित किया गया, जिनमें भारत भी शामिल है।
    • अमेरिका में भारत के लगभग 7,25,000 अवैध अप्रवासी हैं।

अवैध प्रवास के तरीके

  • वीजा अवधि से अधिक समय तक रहना: व्यक्ति कानूनी रूप से प्रवेश करते हैं, लेकिन वापस नहीं लौटते है, प्रायः वे:- 
    • पर्यटक वीजा को अवैध कार्य में बदलवा देते हैं।
    • रोजगार की तलाश में छात्र, वीजा की अवधि से अधिक समय तक वहाँ पर रुकते हैं।
    • H-1B वीजा धोखाधड़ी, जहाँ आवेदक वैध नौकरी पाने में विफल रहते हैं।
  • अवैध रूप से सीमा पार करना
    • ‘डंकी रूट’ (Dunki Route): ‘डंकी’ का तात्पर्य खतरनाक, बहु-देशीय मार्ग से है, जिसे प्रवासी अवैध रूप से विकसित देशों में प्रवेश करने के लिए अपनाते हैं।
      • इसमें अक्सर फर्जी वीजा, मानव तस्कर और खतरनाक क्रॉसिंग शामिल होते हैं।
      • पनामा-कोलंबिया के बीच डेरेन गैप (Darién Gap): यह सबसे खतरनाक प्रवास मार्गों में से एक, जहाँ अपराध, मृत्यु और शोषण की दर बहुत अधिक है।
    • अमेरिका के लिए उत्तरी मार्ग (कनाडा के रास्ते): यह मार्ग अमेरिका में प्रवेश करने का एक उभरता हुआ विकल्प है।
    • शेंगेन वीजा धोखाधड़ी मार्ग (यूरोप एवं यू. के. के लिए): यू. के., जर्मनी, फ्राँस और इटली जाने वाले अवैध प्रवासियों द्वारा उपयोग किया जाता है।
  • विवाह एवं जन्मसिद्ध नागरिकता
    • विवाह धोखाधड़ी: निवास प्राप्त करने के लिए अवैध विवाह।
    • जन्म पर्यटन: अमेरिका में जन्मे बच्चों को स्वचालित तरीके से नागरिकता प्रदान की जाती है, जिससे अनधिकृत प्रवास को बढ़ावा मिलता है।

भारत से अवैध प्रवास के प्रमुख आँकड़े

अमेरिका से बढ़ते निर्वासन

  • अमेरिका से भारतीय नागरिकों की वापसी में लगातार वृद्धि हुई है:
    • वित्त वर्ष 2024 (अक्टूबर 2023-सितंबर 2024): 1,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को चार्टर्ड और वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से निर्वासित किया गया।
    • वर्ष 2025: निर्वासन के लिए सैन्य विमानों का उपयोग, पंजाब, हरियाणा और गुजरात पर ध्यान केंद्रित करना।

  • कनाडा अब एक उभरता हुआ प्रवेश मार्ग है: अमेरिका के लिए वीजा प्रसंस्करण समय एक वर्ष से अधिक है, हालाँकि कनाडा का 76 दिवसीय प्रसंस्करण समय, अमेरिका में प्रवेश करने और संभवतः अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए एक आसान मार्ग प्रदान करता है।

भारत से अवैध प्रवास के कारण

  • बेरोजगारी और आर्थिक कठिनाई: कई प्रवासी अवैध यात्रा का जोखिम उठाते हैं क्योंकि अमेरिका में कम वेतन वाली नौकरी (जैसे- $10–15/घंटा) भी भारत में एक अच्छी नौकरी की तुलना में अधिक आय प्रदान करती है।
    • पंजाब, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों में, व्हाइट कॉलर जॉब्स के अवसरों की कमी ने युवाओं को अमेरिका के डंकी रूट्स जैसे अवैध प्रवास मार्गों को अपनाने को बाध्य किया है।
  • कृषि संकट और ग्रामीण प्रवास: भारत का 60% से अधिक कार्यबल कृषि पर निर्भर हैं, लेकिन कृषि आय स्थिर है।
    • पंजाब में, गेहूँ और चावल के MSP में गिरावट और बढ़ते कर्ज के कारण हजारों युवाओं को अपनी जमीन बेचने और अवैध रूप से अमेरिका एवं कनाडा में प्रवास करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
    • राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS), 2022 ने बताया कि 50% ग्रामीण परिवार कर्ज के तनाव में हैं, जिससे अवैध प्रवास के लिए दबाव बढ़ रहा है।
  • वेतन असमानता और विदेश में बेहतर अवसर: भारत में औसत मासिक वेतन एक औसत अमेरिकी की तुलना में काफी कम है, जो प्रति माह कई हजार डॉलर कमाता है।
    • विश्व बैंक प्रवासन रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि भारत को 111 बिलियन डॉलर का धन प्रेषण प्राप्त हुआ, जो सिद्ध करता है कि वेतन अंतर बड़े पैमाने पर प्रवास को प्रोत्साहित करता है।
  • सामाजिक आकांक्षा और स्थिति का प्रतीक: पंजाब और गुजरात में परिवार के किसी सदस्य का विदेश में होना सफलता का प्रतीक माना जाता है।
    • कई पंजाबी और गुजराती परिवार अपने बच्चों को अमेरिका या कनाडा भेजने के लिए अक्सर नकली शिक्षा वीजा या डंकी रूट्स का उपयोग करके भारी ऋण लेते हैं।
  • मानव तस्करी और नकली ट्रैवल एजेंट: वैश्विक दासता सूचकांक 2023 के अनुसार,  मानव तस्करी के पीड़ितों के मामले में भारत शीर्ष 10 में है।
    • दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2024 में 300 करोड़ रुपये से अधिक के एक फर्जी वीजा रैकेट का खुलासा किया है, जिसने पिछले पाँच वर्षों में 5,000 नकली वीजा बनाए हैं।
  • प्रवास में कानूनी और नौकरशाही बाधाएँ: भारतीयों के लिए US पर्यटक वीजा के लिए प्रतीक्षा समय 600+ दिन है, जिससे कानूनी प्रवास जटिल हो जाता है।
    • ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए H-1B वीजा प्रतिबंधों ने कई कुशल भारतीयों को मैक्सिको और कनाडा के जरिए अमेरिका में अवैध प्रवेश करने के लिए मजबूर किया है।
  • राजनीतिक अस्थिरता और धार्मिक उत्पीड़न: भारत के अल्पसंख्यक समुदाय (जैसे- सिख, दलित, LGBTQ व्यक्ति) कुछ क्षेत्रों में सामाजिक भेदभाव का सामना करते हैं।
    • पंजाब से कई सिख शरणार्थी धार्मिक उत्पीड़न और किसान विरोध का हवाला देते हुए यू. एस. और कनाडा में अवैध प्रवेश का प्रयास करते हैं।
  • ‘डंकी रूट’ संस्कृति का प्रभाव: US सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में 90,000 से अधिक भारतीयों ने मैक्सिको की दक्षिणी सीमा के माध्यम से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने का प्रयास किया।
    • गुजराती और पंजाबी युवा सफल प्रवासियों से प्रेरित हैं, जिन्होंने अवैध मार्ग अपनाए और अमेरिका में बस गए।

उत्प्रवास (Emigration), आप्रवास (Immigration) और प्रवास (Migration) के बीच अंतर

अवधि

परिभाषा

मुख्य फोकस

उदाहरण

उत्प्रवास (Emigration) जब कोई व्यक्ति अपने देश को छोड़कर किसी दूसरे देश में बस जाता है। किसी देश से बाहर निकलना (प्रस्थान)। नौकरी के लिए पंजाब से कनाडा जाने वाला भारतीय कामगार भारत से आया उत्प्रवासी है।
आप्रवासन जब कोई व्यक्ति स्थायी या अस्थायी रूप से रहने के लिए किसी नए देश में प्रवेश करता है। किसी देश में प्रवेश (आगमन)। कनाडा पहुँचने पर वही श्रमिक वहाँ आप्रवासी हो जाता है।
प्रवास एक व्यापक शब्द जिसमें देश के भीतर (आंतरिक प्रवास) और देशों के बीच (अंतरराष्ट्रीय  प्रवास) दोनों ही आवागमन शामिल हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन। बिहार से दिल्ली में कार्य के लिए आने वाला किसान (आंतरिक प्रवास) या अमेरिका में जाने वाला भारतीय (अंतरराष्ट्रीय  प्रवास)।

भारत से अवैध प्रवास का प्रभाव

भारत पर प्रभाव

  • आर्थिक प्रभाव
    • कुशल और अर्द्ध-कुशल कार्यबल की कमी: कई युवा और उत्पादक कर्मचारी अवैध रूप से पलायन करते हैं, जिससे प्रतिभा पलायन होता है।
      • पंजाब, गुजरात और हरियाणा से बड़े पैमाने पर अवैध प्रवास के परिणामस्वरूप भारत में कुशल श्रमिकों की कमी हो जाती है।
    • प्रेषण पर निर्भरता: भारत को वर्ष 2022 में 111 बिलियन डॉलर का प्रेषण प्राप्त हुआ (विश्व बैंक), जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक है।
      • हालाँकि, अवैध प्रवासियों से प्राप्त धन विदेशों में उनकी अस्थिर स्थिति के कारण अविश्वसनीय है।
    • परिवारों पर वित्तीय बोझ: पंजाब और गुजरात में परिवार अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में प्रवासियों को भेजने के लिए प्रति व्यक्ति ₹30-₹50 लाख का ऋण लेते हैं, जो अक्सर निर्वासित होने पर ऋण जाल में फँस जाते हैं।
  • सामाजिक प्रभाव
    • पारिवारिक ढाँचे में व्यवधान: युवा पुरुष अवैध रूप से पलायन करते हैं और अपने पीछे विखंडित परिवार और वृद्ध होती ग्रामीण आबादी को छोड़ जाते हैं।
      • पंजाब के दोआबा क्षेत्र में, कई गाँवों में केवल महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग लोग ही रहते हैं, क्योंकि पुरुष विदेश चले गए हैं।
    • नकली प्रवासन एजेंसियों और मानव तस्करी में वृद्धि: नकली वीजा एजेंट और मानव तस्करी नेटवर्क हताश परिवारों का शोषण करते हैं।
      • वर्ष 2024 में, दिल्ली पुलिस ने भारतीयों को यूरोप में तस्करी करने वाले एक नकली शेंगेन वीजा रैकेट का खुलासा किया था।
    • प्रवासियों और परिवारों के बीच मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: निर्वासन का डर, आर्थिक तनाव और शोषण अवसाद और आघात का कारण बनते हैं।
      • उदाहरण: अमेरिकी हिरासत केंद्रों में फXसे कई पंजाबी प्रवासी मानसिक संकट से पीड़ित हैं।
  • कानूनी एवं प्रशासनिक चुनौतियाँ
    • फर्जी दस्तावेजों और पहचान धोखाधड़ी में वृद्धि: अवैध प्रवासी अक्सर पासपोर्ट, वीजा और शिक्षा प्रमाण पत्र जाली बनाते हैं।
      • उदाहरण: भारत सरकार ने वर्ष 2022 से अब तक हजारों फर्जी पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं।
    • अवैध एजेंटों पर कार्रवाई: भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 के तहत, फर्जी प्रवासी एजेंटों को 7 वर्ष का कारावास हो सकता है।
    • निर्वासन से निपटने में चुनौतियाँ: भारत को निर्वासित नागरिकों को स्वीकार करने के लिए कूटनीतिक दबाव का सामना करना पड़ता है।
      • निर्वासित लोगों को स्वीकार करने में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत को ‘असहयोगी’ करार दिया गया।

गंतव्य देशों पर प्रभाव (अमेरिका, कनाडा, यूरोप, खाड़ी राष्ट्र)

  • आर्थिक प्रभाव
    • सस्ते श्रम की आपूर्ति: अवैध प्रवासी निर्माण, रेस्तराँ और घरेलू कार्य जैसे कम वेतन वाले कार्यों को अपनाते हैं।
      • न्यूयॉर्क और बोस्टन जैसे अमेरिकी शहर अनौपचारिक क्षेत्रों में अनिर्दिष्ट श्रमिकों पर निर्भर हैं।
    • सार्वजनिक संसाधनों पर दबाव: अवैध प्रवासी स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कल्याण लाभों का उपयोग करते हैं, जिससे सार्वजनिक व्यय में वृद्धि होती है।
      • कैलिफोर्निया अनिर्दिष्ट अप्रवासियों के लिए सेवाओं पर सालाना 1 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च करता है।
  • सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
    • आव्रजन विरोधी भावनाओं में वृद्धि: ट्रंप की वर्ष 2025 की आव्रजन नीति अवैध प्रवास के विरुद्ध अमेरिकी जनता के आक्रोश से प्रेरित है।
      • कनाडा और अमेरिका में दक्षिणपंथी समूह नौकरी छूटने के लिए भारतीय प्रवासियों को दोषी ठहराते हैं।
    • सुरक्षा चिंताएँ और सीमा नियंत्रण मुद्दे: जून 2024 में स्वैंटन सेक्टर (अमेरिकी-कनाडा सीमा) में 2,715 भारतीयों को प्रवेश करते हुए दर्ज किया, जिसके कारण अमेरिकी सीमा सुरक्षा नीतियाँ कठोर हो गईं।
    • कानूनी आव्रजन पर दबाव: भारत से अवैध प्रवास के मामलों में वृद्धि के कारण अमेरिका में H-1B वीजा नियम सख्त किए गए हैं।

डेरिएन गैप (Darien Gap) के बारे में 

  • स्थान: उत्तरी कोलंबिया और दक्षिणी पनामा में फैला एक घना, जंगल से ढका क्षेत्र, जो लगभग 60 मील (97 किलोमीटर) चौड़ा है।
  • अपने चुनौतीपूर्ण भू-भाग और बुनियादी ढाँचे की कमी के बावजूद, डेरिएन गैप वैश्विक मानव प्रवास के लिए एक प्रमुख मार्ग बन गया है।
  • प्रवासी उत्तरी अमेरिका, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा तक पहुँचने के लिए इस गैप को पार करते हैं।

प्रवासियों पर प्रभाव

  • मानवीय संकट और शोषण
    • खतरनाक मार्गों के कारण मौतें: डेरिएन गैप (पनामा-कोलंबिया सीमा) में प्रत्येक वर्ष सैकड़ों प्रवासी हिंसा, भुखमरी और प्राकृतिक खतरों के कारण मर जाते हैं।
      • वर्ष 2022 में गुजरात के एक पटेल परिवार की कनाडा में ठंड से मौत हो गई, जो अमेरिकी सीमा से सिर्फ 12 मीटर दूर है।
    • मानव तस्करों द्वारा शोषण: कई अवैध प्रवासी जबरन मजदूरी और यौन तस्करी में फँस जाते हैं।
      • फर्जी नौकरी अनुबंधों के कारण वर्ष 2023 में हजारों भारतीय कामगार यू.ए.ई. और सऊदी अरब में फँस गए थे।
  • गिरफ्तारी, निर्वासन और ब्लैकलिस्टिंग का जोखिम
    • निर्वासन और कानूनी दंड: वर्ष 2024 में 1,500 से अधिक भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया।
    • ब्लैकलिस्टिंग: कई निर्वासित प्रवासियों को अमेरिका, कनाडा और यूरोप में पुनः प्रवेश करने पर आजीवन प्रतिबंध का सामना करना पड़ता है।
    • विदेशी जेलों में हिरासत और दुर्व्यवहार: वर्तमान में अमेरिकी इमिग्रेशन केंद्रों (2025) में 2,647 भारतीय हिरासत में हैं, जो निर्वासन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
      • मैक्सिकन और ग्वाटेमाला की जेलों में हिरासत में लिए गए भारतीय प्रवासियों को मानवाधिकारों के हनन का सामना करना पड़ता है।
  • मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक आघात 
    • मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे: निर्वासन, आर्थिक विफलता और शोषण का डर अवसाद, चिंता और आघात की ओर ले जाता है।
      • अमेरिका से निर्वासित कई प्रवासी वित्तीय हानि के साथ भारत लौटते हैं, अक्सर उन्हें सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है।
    • परिवार से अलग होना: अमेरिका में जन्मे निर्वासित प्रवासियों (जन्मसिद्ध नागरिक) के बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया जाता है, जिससे कानूनी अनिश्चितता और आघात की स्थिति उत्पन्न होती है।

भारत से अवैध उत्प्रवास के लिए कानूनी और नीतिगत ढाँचा

भारत का उत्प्रवास पर कानूनी ढाँचा

  • उत्प्रवास अधिनियम, 1983 (जिसे ओवरसीज मोबिलिटी बिल, 2024 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया): यह भारतीयों के विदेश में रोजगार, विशेष रूप से खाड़ी देशों में, को विनियमित करता है।
    • मुख्य प्रावधान
      • 18 ECR (उत्प्रवास जाँच आवश्यकता) देशों की यात्रा करने वाले श्रमिकों के लिए अनिवार्य उत्प्रवास मंजूरी।
      • धोखाधड़ी को रोकने के लिए भर्ती एजेंटों का विनियमन।
      • अनधिकृत भर्ती के लिए सजा (एक वर्ष तक की कैद या जुर्माना अथवा दोनों)।
  • पासपोर्ट अधिनियम, 1967: पासपोर्ट जारी करने को विनियमित करता है और जालसाजी को दंडित करता है।
    • मुख्य प्रावधान
      • अवैध प्रवास के लिए जाली दस्तावेज बनाने पर 2 वर्ष तक की सजा हो सकती है। 
      • अवैध प्रवासियों के पासपोर्ट जब्त किए जा सकते हैं।
  • भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 (IPC की जगह): अवैध प्रवास को रोकने के लिए नए प्रावधान:
    • धारा 336: अवैध प्रवास के लिए दस्तावेजों की जालसाजी करने पर 7 वर्ष तक का कारावास एवं जुर्माना हो सकता है।
    • फर्जी वीजा घोटाले में शामिल मानव तस्करी नेटवर्क के लिए कठोर दंड का प्रावधान।
  • प्रस्तावित विदेशी गतिशीलता (सुविधा एवं कल्याण) विधेयक, 2024 (उत्प्रवास अधिनियम, 1983 का स्थान लेने के लिए)
    • उद्देश्य
      • विदेश में रोजगार के लिए सुरक्षित, कानूनी और व्यवस्थित प्रवास को बढ़ावा देना।
      • फर्जी भर्ती एजेंटों द्वारा धोखाधड़ी को रोकना।
      • कुशल पेशेवरों के लिए प्रवासन नियमों का आधुनिकीकरण करना।
    • मुख्य विशेषताएँ
      • विदेश में रोजगार के लिए एकल खिड़की निकासी प्रणाली।
      • नकली ट्रैवल एजेंटों के लिए कठोर दंड।
      • अवैध प्रवासन जोखिमों पर जागरूकता अभियान।

अवैध प्रवास पर अमेरिकी आव्रजन कानून और नीतियाँ

  • आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम (Immigration and Nationality Act-INA), 1952: वीजा, निर्वासन और शरण को विनियमित करने वाला मुख्य अमेरिकी आव्रजन कानून।
    • अवैध प्रवेशकों के शीघ्र निर्वासन की अनुमति देता है।
    • वर्ष 2024: इस नीति के तहत 1,368 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया गया।
  • H-1B वीजा सुधार (2025): H-1B वीजा कुशल भारतीय पेशेवरों को जारी किए जाते हैं।
    • ट्रंप 2.0 के तहत, H-1B पर प्रतिबंध बढ़ गए हैं:-
      • सख्त पात्रता आवश्यकताएँ।
      • भारतीय IT पेशेवरों की तुलना में अमेरिकी कर्मचारियों को प्राथमिकता।
      • भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड प्रसंस्करण में देरी।
  • अमेरिकी-कनाडा सीमा प्रवर्तन (2025): कनाडा अब भारतीयों के लिए एक प्रमुख अवैध प्रवेश मार्ग है।

H-1B वीजा

  • यह उन ‘विशेष व्यवसायों’ के लिए है, जिनके लिए ‘उच्च स्तर के कौशल’ की आवश्यकता होती है और यदि वे ग्रीन कार्ड के लिए पात्र हैं, तो अधिकतम 6 वर्ष या उससे अधिक समय के लिए कम-से-कम स्नातक की डिग्री की आवश्यकता होती है। वर्तमान में इसकी सीमा प्रति वर्ष 65,000 H-1B वीजा तक है।
    • अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के अनुसार, वर्ष 2023 में H-1B वीजा धारकों में से 72.3% (कुल 3.86 लाख में से 2.79 लाख) भारतीय थे।

अवैध प्रवासन को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय  प्रयास

  • भारत-अमेरिका प्रवासन वार्ता (2025): मानवीय निर्वासन प्रक्रिया सुनिश्चित करना तथा मानव तस्करी को रोकना।
    • अमेरिकी हिरासत केंद्रों में भारतीय नागरिकों का तेजी से सत्यापन करना।
    • भारत बार-बार अपराध करने वालों के लिए ‘ब्लैकलिस्ट’ नीतियों पर कार्य कर रहा है।
  • UN ग्लोबल कॉम्पैक्ट फॉर माइग्रेशन: सुरक्षित, व्यवस्थित और कानूनी प्रवास पर ध्यान केंद्रित करना।
    • भारत एक हस्ताक्षरकर्ता है।
    • भारत अवैध प्रवास मार्गों पर निर्भरता कम करने के लिए कानूनी प्रवास मार्गों को बढ़ाने के लिए कार्य कर रहा है।

आगे की राह

  • कानूनी प्रवास मार्गों को मजबूत करना: प्रवास को अधिक कुशलता से विनियमित करने के लिए पुराने उत्प्रवास अधिनियम, 1983 को परिवर्तित करना।
    • तीव्र वीजा प्रक्रिया: अवैध प्रवास प्रयासों को रोकने के लिए प्रतीक्षा में लगने वाले समय (यू.एस. वीजा के लिए 600+ दिन) को कम करना।
  • मानव तस्करी और नकली प्रवास एजेंटों पर नकेल कसना: सभी प्रवास सलाहकारों के लिए सरकारी पंजीकरण और पृष्ठभूमि जाँच अनिवार्य करना।
    • धोखाधड़ी करने वाले वीजा आवेदकों का पता लगाने के लिए हवाई अड्डों पर AI-आधारित ट्रैकिंग और बायोमेट्रिक सत्यापन शुरू करना।
  • उच्च प्रवास वाले राज्यों में आर्थिक कारकों को संबोधित करना: प्रवास निर्भरता को कम करने के लिए पंजाब, गुजरात, हरियाणा और आंध्र प्रदेश में रोजगार सृजन और कौशल कार्यक्रम पर ध्यान देना।
    • अवैध प्रवास के लिए उच्च ब्याज वाले ऋण लेने से परिवारों को रोकने के लिए वित्तीय साक्षरता अभियान के माध्यम से जागरूक करना।
  • मानवीय निर्वासन और कानूनी प्रवास के लिए राजनयिक जुड़ाव: मानव तस्करी को रोकने के लिए पारगमन देशों (मैक्सिको, ग्वाटेमाला, इक्वाडोर) के साथ मजबूत सीमा सुरक्षा समझौते करना।
  • अवैध प्रवास के जोखिमों पर जन जागरूकता और शिक्षा: कानूनी प्रवास मार्गों और डंकी नेटवर्क के खतरों पर उच्च-प्रवास जिलों में जन जागरूकता अभियान शुरू करना।
    • वास्तविक समय में प्रवास की जानकारी प्रदान करने के लिए सरकारी हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल।
  • सीमा और हवाई अड्डे की सुरक्षा को मजबूत करना: AI-आधारित प्रोफाइलिंग का उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय  हवाई अड्डों पर उच्च जोखिम वाले यात्रियों की बेहतर जाँच को बढ़ावा देना।
    • अवैध प्रवास के प्रयासों को रोकने के लिए पारगमन देशों (मैक्सिको, कनाडा, यूएई, तुर्की) के साथ खुफिया जानकारी साझा करना।
  • निर्वासित प्रवासियों के लिए पुनः एकीकरण सहायता: निर्वासित प्रवासियों के लिए कौशल प्रशिक्षण और रोजगार सहायता शुरू करना ताकि पुनः प्रयास को रोका जा सके।
    • आर्थिक कठिनाई का सामना करने वाले निर्वासित प्रवासियों के परिवारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।

निष्कर्ष 

अवैध आव्रजन एक जटिल सामाजिक-आर्थिक मुद्दा है, जो आर्थिक संकट, आकांक्षाओं और तस्करी नेटवर्क से प्रेरित है। भारत को मानव तस्करी पर कठोर कदम उठाते हुए कानूनी तरीके से प्रवास मार्गों के उपायों के साथ अंतरराष्ट्रीय  कूटनीति को संतुलित करना चाहिए। भारत में कानूनी नौकरी प्रवास चैनलों को मजबूत करने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने जैसे उपाय, अवैध उत्प्रवास को कम करने में सहायता कर सकते हैं।

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